Comeback of Hindustan Aeronautics Limited: जब हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL को राफेल डील से बाहर किया गया था. तब कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। खासकर विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को राजनैतिक और गैर राजनैतिक पटल पर घेरा था। Opposition का आरोप था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली इंडियन गवर्नमेंट ने फ्रेंच मेड इस एयरक्राफ्ट के लिए ज्यादा कीमत चुकाई है।
साथ ही opposition ने गवर्नमेंट पर क्रोनी कैपिटलिज्म यानी सांठ-गाँठ वाले पूंजीवाद खेल का भी allegation लगाया था। हालांकि सरकार की सबसे ज्यादा आलोचना इस डील में approximately 8 दशक का experience रखने वाली HAL कंपनी को नजरअंदाज करने को लेकर भी हुई थी. विपक्ष का आरोप था कि सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को दरकिनार कर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को significant financial benefits दिए गए।
कई लोगों ने इस डील को इंडियन डिफेंस पीएसयू यानी डिफेंस पब्लिक सेक्टर undertaking के लिए death nail के रूप में देखा था। लेकिन एचएएल ने पिछले 5 सालों में इंडियन स्टॉक मार्केट में 280% की growth के साथ अपने market capitalization या total worth से सभी को हैरान कर दिया। एचएएल लगातार grow कर रही है और उसका export percentage भी continuously increase हो रहा है.
इसलिए इस नए स्टोरी में हम एचएएल के इंडिया का biggest defense पीएसयू बनने की journey की चर्चा करेंगे। जहां इस स्टोरी के माध्यम से हम इस कंपनी की growth के बारे में detail में जानेंगे। साथ ही एचएएल की journey को भी समझने का प्रयास करेंगे।
What does HAL DO?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि एचएएल एक एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है. इस कंपनी का headquarter बेंगलुर में है. एचएएल one of the world’s oldest and largest एरोस्पेस और defence manufacturers कंपनी है. इसे इंडियन एयरफोर्स का backbone भी कहा जाता है. इंडियन एयरफोर्स के 2/3 वर्किग aircraft एचएएल के हैं.
advance technology से equipped लाइट combat aircraft तेजस को इसी कंपनी ने manufacture किया है. इसके अलावा एचएएल 25 टन वजनी 4th generation russian aircraft सुखोई 30 mki भी इंडिया में रशिया द्वारा provided raw material से बनाती है.
जबकि हेलीकॉप्टर की बात करें तो advance लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव, चीता और चेतक जैसे हेलीकॉप्टर का निर्माण भी एचएएल करती है. वहीं इंडियन मल्टीरोल लाइट अटैक हेलीकॉप्टर प्रचंड भी एचएएल द्वारा डिजाइन और मैन्युफैक्चर किया गया है। लास्ट 83 years की history देखें तो एचएएल ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
डिफेंस सेक्टर के leader माने जाने वाले यूएस, फ्रांस और इजराइल जैसे दो दर्जन countaries की एयरक्राफ्ट manufacturing companies को भी अपना कस्टमर बनाने वाली इस गवर्नमेंट कंपनी को इसके excellent वर्क के लिए 30 awards मिल चुके हैं। इस कंपनी ने अपनी क्वालिटी की बदौलत 13 देशों में एक्सपोर्ट करने में success achieve की है।
अपनी journey में एचएएल ने 3000 से ज्यादा aircrafts की manufacturing की है, 3400 से ज्यादा एयरक्राफ्ट के इंजन का निर्माण और 2600 से ज्यादा इंजन्स को repair किया है। वहीं देश की नवरत्न companies में बेशुमार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को legend पीएसयू का भी title मिल चुका है। एचएएल के पास इस 11 रिसर्च एंड डेवेलपमेंट सेंटर्स हैं और पूरे भारत में चार प्रोडक्शन यूनिट के तहत 21 निर्माण इकाई है.
भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा एचएएल को मैनेज किया जाता है और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स इसका काम-काज देखते हैं। एचएएल फिलहाल fighter jets, helicopters, जेट इंजिन्स और मरीन गैस टरबाइन इंजिन्स, avionics, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, स्पेयर पार्ट्स सप्लाई, overhauling और इंडियन military aircrafts के radiation के design और manufacturing में involved है.
एक estimate के मुताबिक 2022 में कंपनी का revenue 24620 करोड़ rupees का था जोकि USA currency में करीब 3.1 billion dollar के equivalent है। कंपनी का operating इनकम 3644 करोड़ रूपए और net इनकम 5084.87 करोड़ रूपए है. वहीं कंपनी के total assets 53120.49 करोड़ रूपए है और total equity 85000.12 करोड़ रूपए है.
एचएएल का मालिकाना हक गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के पास है और साल 2019 से मिले डेटा के according कंपनी में 28345 employees काम करते हैं। एचएएल ने अपने मेरिट्स के दम पर इंटरनेशनल customers की एक जमात तैयार कर ली है। एयरबस इंडस्ट्रीज फ्रांस, बोईंग यूएसए, कोस्ट गार्ड मौरीसस, इजराइल की एल्टा, इजराइल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज, रूआग जर्मनी, रोसो बोरोन एक्सपोर्ट रशिया, टेरबोमेका फ्रांस, रोल्स रॉयल थ्रू एस यूके और हनीवेल इंटरनेशनल यूएसए इसके customers हैं।
एचएएल अब 11 रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर्स के साथ एक leading aerospace company है. इसकी गिनती आज top 100 global aerospace industries में होती है. इस list में ये 34th position पर है. HAL ने अब तक 31 types के world class aircraft बनाए है. इनमें 17 indigenous है. वहीं यूएस गवर्नमेंट ने इंडिया में GE Engine manufacturing के transfer of technology को हरी झंडी दे दी है.
जिससे कि around 500 to 600 Indian small skill industries को benefit होगा। यूएस कंपनी GE भारत में इंजिन्स manufacture करने को लेकर हिंदुस्तान एरोनिक्स लिमिटेड के साथ कांट्रैक्ट करने वाली है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की आगामी अमेरिकी यात्रा के दौरान यूएस प्रेसिडेंट बाइडन के साथ इंडिया को जेट इंजन manufacturing technology transfer करने के इस historic defence deal के announce होने की उम्मीद है।
Companies के बीच होने वाली इस agreement से इंडिया के फाइटर जेट manufacturing program को नई उड़ान मिलेगी। 2018 में एचएएल को Indian stock market में list किया गया था. उस समय इसका total market cap 3.87 billion dollar का था. ये figure more और less 2020 तक same रहा. लेकिन 2021 तक इसका market cap बढ़कर 5.4 billion dollar और 2022 में almost double होकर 10.22 billion dollar पर पहुँच गया.
वहीं अकेले 2023 के first half में इसका market cap 14.76 billion dollar यानि करीब 1.18 लाख करोड़ हो गया. इस तरह इसमें ढाई साल में 280% का rise देखा गया. इस तरह एचएएल देश की biggest defence पीएसयू बन गई. ये growth एचएएल के stock price में भी reflect होती है। एचएएल के एक शेयर की कीमत जो 7 जून 2018 को 998 rupees की थी.
वो 7 जून 2023 को जबरदस्त उछाल के साथ 3489 रूपए हो गई और इसमें लगभग 250 percent का rise हुआ यानी किसी ने 5 साल पहले एचएएल में एक लाख रूपए invest किए हो तो वो investment आज की डेट में 3.4 लाख rupees हो गई है। एचएएल के द्वारा देश की डिफेंस सेक्टर से जुड़ी दूसरी कंपनीज भी काफी growth करती हुई नजर आ रही है।
दरअसल गवर्नमेंट डिफेंस सेक्टर में इंपोर्ट पर डिपेंडेंस को खत्म करना चाहती है। इसके लिए उसने कई डिफेंस इक्विपमेंट के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है और देश में ही इन इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग का रूल बनाया है। रिसेंटली डिफेंस डिपार्टमेंट ने 928 डिफेंस products की एक लिस्ट रिलीज की है, जिन्हें इंडिया में ही बनाया जाएगा और आने वाले समय में इनके इंपोर्ट पर बैन लग जाएगा।
imports को reduce करने के लिए defence minister राजनाथ सिंह ने 928 line replacement units एलआरयू, sub systems, spares और components, high एन्ड मैटेरियल्स और spare की forth list release की है। गवर्नमेंट की initiative की वजह से defence सेक्टर की companies ना सिर्फ देश के लिए production कर रही है, बल्कि export पर भी focus कर रही है।
domestic defense companies की manufacturing को promote करने का effect इन companies के share पर भी नजर आ रहा है, भारत dynamics के stock में भी तेजी देखी जा रही है। बीडीएल last month में 14%, three month में 22%, एक साल में 44.53% और last 2 साल में 217% का excellent return अपने shareholders को दे चुका है। वहीं last 3 साल में भारत dynamics, 377% का exceptional multi bag return दे चुका है।
वहीं भारत electronics के stock भी lifetime high पर जा पहुँचा है। भारत electronics ने एक month में 10%, तीन month में 21% और एक साल में 44% वहीं last three years में 372% का return दिया है। Mazagon Dog का share भी अपने historical high पर जा पहुंचा है। इसके stock ने last एक month में 27%, three month में 36%, एक साल में 247% और दो साल में 334% return दिया है।
दरअसल पीएम मोदी के vision से इंडिया ने defence exports के field में लंबी छलांग लगाई है। defence production की field में continuous self reliance यानी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते steps की वजह से last 9 सालो में defense exports 23 टाइम से increase हुए हैं। इंडिया का डिफेंस एक्सपोर्ट 2013-14 में 686 करोड़ rupees था। जो financial year 2022-23 में बढ़कर 15940 करोड़ rupees हो गया.
करीब एक दशक पहले expensive weapons से लेकर small defence items के लिए इंडिया foreign countries पर dependent था। the same time export front पर भी defense सेक्टर का शेयर negligible था। लेकिन गवर्नमेंट की तरफ से मेक इन इंडिया और vocal for लोकल जैसे initiative start करने का defense सेक्टर पर positive impact पड़ा।
यही वजह है कि defense export में इंडिया नई हाइट achieve कर रहा है। यदि हिंदुस्तान aeronautics लिमिटेड यानी एचएएल की बात करें तो इंडियन गवर्नमेंट owned दो डिफेंस companies हिंदुस्तान aeronautics लिमिटेड एचएएल और भारत electronics लिमिटेड BEL को Stockholm इंटरनेशनल peace research institute सिप्री ने world की top hundred डिफेंस companies की लिस्ट में शामिल किया है।
सुप्री द्वारा 5 दिसंबर 2022 को release एक रिपोर्ट में आर्म सेल में एचएएल को .3 बिलियन डॉलर के साथ forty सेकंड और 2021 में बेल को 1.8 billion dollar सेल्स के साथ 63 पोजीशन पर रखा था। जबकि तब से लेकर अब तक इन companies ने काफी grow किया है और उनका एक्सपोर्ट ratio काफी बढ़ गया है। इसी साल फरवरी में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2023 में एचएएल के चेयरमैन और डायरेक्टर जनरल सीबीआई अनंतकृष्ण ने बताया था कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास 84000 करोड़ rupees के order हैं।
वहीं 50000 करोड़ के दूसरे orders भी pipeline में हैं। जबकि एचएएल के डायरेक्टर जयदेव बीपी के मुताबिक कंपनी का aim है कि exports अगले कुछ सालों में ढाई लाख करोड़ तक पहुंचे।
23 दिसंबर 1940 को एचएएल की स्थापना हुई थी industrialist सेठ फालचंद हीराचंद ने यूएस aviation expert विलियम डॉगलेस पोली की help से इसे शुरू किया था। विलियम उस समय कैलिफोर्निया की हार्नो एयरक्राफ्ट कंपनी में डायरेक्टर थे। सेठ फालचंद हीराचंद को शुरू में फैक्ट्री सेटअप करने के लिए जमीन नहीं मिल रही थी.
इसलिए वो बड़ौदा, भावनगर, ग्वालियर और मैसूर जैसी प्रिसली स्टेट्स में गए। लेकिन finally मैसूर के महाराजा कृष्ण राजेंद्र वडियार ने अपने यहाँ फैक्ट्री स्टार्ट करने के लिए 700 एकड़ land concessional rates पर दी. इसके साथ ही उन्होंने free electricity और water supply भी offer करी. जिसके बाद एचएएल को establish किया गया जो कि आज के बेंगलुरु में मौजूद है।
एचएएल की शुरुआत भारत के लिए aviation field में एक बड़ी उड़ान थी. इस कंपनी को उस समय establish किया गया जब भारत में ना तो motor cycles और ना ही cycles की manufacturing होती थी. 1941 में गवर्नमेंट of India ने कंपनी का one third share खरीद लिया और 1942 में कंपनी का entire management ही took over कर लिया। इसके बाद यूएस की इंटर कॉन्टिनेटल एयरक्राफ्ट कंपनी की collaboration से एचएएल हॉक fighter and बॉम्बर एयरक्राफ्ट बनाने लगी।
एचएएल की शुरुआत में ही 30 हार्लो ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 48 हॉक fighters और 74 attack bombers बनाने का आर्डर मिल गया. इसकी delivery दो साल में करनी थी. वहीं कंपनी ने इंडियन एयरफोर्स के लिए early 1942 में हार्लो पीसी five curtis thirty सिक्स हॉक और वेलचर ए 31 के लाइसेंस production के साथ एयरक्राफ्ट का काम शुरू किया।
1945 में इस कंपनी को ministry of industry and supply और जनवरी 1951 में ministry of defence के under लाया गया. अगस्त 1951 में कंपनी ने एचटी टू ट्रेनर एयरक्राफ्ट को डिजाइन और बिल्ट किया। डॉक्टर वी एम खाडगे के डायरेक्शन में बने एयरक्राफ्ट को फर्स्ट टाइम डॉक्टर घाटगे ने सफलता की उड़ान भरी. उसके बाद कंपनी ने करीब 150 ट्रेनर एयरक्राफ्ट बनाकर एयरफोर्स को सप्लाई की.
उसके बाद 2 seater पुष्पक, कृषक, जेट फाइटर मारुत और जेट ट्रेनर किरण को इस कंपनी ने बनाया। वहीं अगस्त 1963 में मिग 21 बनाने के लिए एरोनिक्स इंडिया लिमिटेड एआईएल अस्तित्व में आई। जून 1964 में गवर्नमेंट ने हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड को एरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड के साथ मर्ज कर दिया। इस तरह हिंदुस्तान एरोनिक्स लिमिटेड का जन्म हुआ।
इंडियन डिफेंस सेक्टर continuously self रिलायंस बनता जा रहा है। वहीं इसकी इस कामयाबी में हिंदुस्तान एरोनिक्स लिमिटेड एचएएल का मेजर contribution है। एचएएल ना सिर्फ हमारी सेना के लिए state of the art, fighter aircraft, हेलिकॉप्टर्स और दूसरे equipment available करा रहा है बल्कि major exporter भी बनकर उभर रहा है।
एचएएल की इसी कामयाबी और विश्वास का नतीजा है कि एक ऊँची उड़ान भरते हुए ये आज देश की biggest defense पीएसयू बन गई है और आगे भी इस तरह के मुकाम हासिल करती रहेगी।