Divya Deshmukh Biography: भारत की एक ऐसी महिला चेस प्लेयर जो सिर्फ 15 साल की उम्र में बन गई थी ग्रैंड मास्टर… अपने देश से विदेशी सरजमीं तक, हर जगह गाढ़ चुकी है कामयाबी का झंडा….. आज देश के लाखों करोड़ों युवाओं की रोल मॉडल बन गई है ये टीनेजर…केवल 7 साल की उम्र में जीत लिया था अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट…. इससे पहले कभी नहीं सोचा था बन पाएगी इतनी बड़ी चेस प्लेयर…. दोस्तों हम बात कर रहे हैं दिव्या देशमुख की, जो इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही हैं।
अक्सर अपने गेम के कारण चर्चाओं में रहने वाली दिव्या इस बार अपनी एक स्टेटमेंट के कारण चर्चाओं में आ गई है। दिव्या ने चेस देखने वाले दर्शकों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि लोगों का ध्यान महिलाओं के खेल की बजाय उनके बालों और अन्य चीजों पर रहता है। दिव्या देशमुख अभी सिर्फ 18 साल की है और अपने छोटे से जीवन में ही वो कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी है। आइये दिव्या की अब तक की जर्नी पर एक नजर डाल लेते हैं।
Divya Deshmukh Biography
दिव्या देशमुख का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर शहर में 9 दिसंबर साल 2005 के दिन हुआ था। फिलहाल वह 18 साल की है और नागपुर के भवन्स भगवानदास पुरोहित विद्यामंदिर से अपनी पढ़ाई कर रही है। दिव्या के पिता का नाम जितेंद्र देशमुख है, जो एक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर है। तो वहीं दिव्या की मां एक गाइनोलॉजिस्ट है। यानि दिव्या एक well settled और पढ़ी लिखी फैमिली से बिलॉन्ग करती है। दिव्या के अलावा उनकी एक बड़ी बहन भी है, जो फिलहाल लॉ की स्टडी कर रही है। दिव्या को बचपन में बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद था और वो स्पोर्ट्स में ही अपना करियर बनाना चाहती थी।
लेकिन कम हाइट होने के कारण उनका बैडमिंटन टीम में सिलेक्शन नहीं हो पाया। पर इससे दिव्या के हौसले कम नहीं हुए। उन्होंने चेस खेलना शुरू कर दिया। दिव्या को चेस का शौक अचानक नहीं लगा। असल में उनके पिता को चेस बहुत पसंद था और अपने पिता को देखकर ही दिव्या की भी चेस में रुचि जागृत हो गई। केवल 5 साल की उम्र में दिव्या को चेस की सारी मूव्स आ गई थी। उस समय दिव्या को चेस खेलते देख उनके माता-पिता को लगा कि ये एक अच्छी चेस प्लेयर बन सकती है।
दिव्या ने इसके बाद चेस की प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेनी शुरू की। अपना पहला गुरू वो आज भी अपने पिता को ही मानती है। दिव्या ने अपनी लाइफ का पहला टूर्नामेंट 7 साल से भी कम उम्र में खेला था। साल 2012 में उन्होंने अंडर-7 कैटेगरी में नेशनल चैंपियन का खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने उन्होंने साल 2012 में नई दिल्ली में आयोजित एशियन स्कूल चेस चैंपियन टूर्नामेंट में अंडर-9 कैटेगरी में 2 गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे। 2013 में एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में भी दिव्या दो गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे। उसी साल वह एक बार फिर से अंडर-9 चेस टूर्नामेंट में चैंपियन बनी थी।
13 साल की उम्र में दिव्या देशमुख ने इंटरनेशनल वुमेंस ग्रैंड मास्टर चेस टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। अगले साल भारतीय स्कूल खेल संघ द्वारा आयोजित 60वें राष्ट्रीय स्कूल खेलों में अंडर-14 श्रेणी में दिव्या ने गोल्ड मेडल जीता था। 2015 में साउथ कोरिया में आयोजित एशियन चेस चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ चेस चैंपियनशिप में भी दिव्या ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे।
भारत के लिए चेस ओलंपियाड में पहली बार गोल्ड मेडल भी दिव्या ने ही जीता था। अक्टूबर 2021 में दिव्या केवल 15 साल की उम्र में भारत की 21वीं महिला ग्रैंड मास्टर बन गई थीं। दिव्या ने 2022 में 47th नेशनल वुमेन्स चैंपियनशिप भी जीती थी। और साल 2023 में एशियन विमेन्स चेस चैंपियनशिप में भारत का नाम रोशन किया। इन सबके अलावा भी दिव्या कई नेशनल और इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में जीत हासिल कर चुकी है।
कुछ समय पहले दिव्या ने नीदरलैंड्स में आयोजित टाटा स्टील मास्टर प्रतियोगिता में भाग लिया था और इस टूर्नामेंट में वो 12वें स्थान पर रही थी। टूर्नामेंट के बाद दिव्या ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गई। असल में उन्होंने खेल में होने वाले लिंगभेग और दर्शकों के व्यवहार को लेकर पोस्ट किया था। दिव्या ने अपने पोस्ट में कहा था कि विमेन्स टूर्नामेंट में दर्शक खेल से ज्यादा महिला प्लेयर के कपड़े, उनके बाल, उनका बोलने का स्टाइल और अन्य चीजों पर गौर करते हैं और उन चीजों के बारे में बात करते है, जिनसे उनका कोई लेना देना नहीं होता।
दिव्या ने ये भी कहा कि अभी वो सिर्फ 18 साल की है और इतनी कम उम्र में ही उन्हें लोगों की नफरत का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है। दिव्या की इस स्टेटमेंट के बाद कुछ महिलावादियों ने उनका समर्थन भी किया है तो कुछ लोगों का कहना है कि सभी दर्शक एक जैसे नहीं होते और दिव्या को थोड़ा सोच-समझकर बोलना चाहिए। सुर्खियों में आने के बाद दिव्या ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया है और उनका कहने का वो मतलब नहीं था, जो निकाला जा रहा है।
बहरहाल दिव्या की नजरें फ्यूचर टूर्नामेंट्स पर है। जल्द ही वो ओलंपियाड और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जैसे कई बड़े टूर्नामेंट्स में खेलती हुई नजर आएगी। दिव्या देशमुख से देश को बहुत उम्मीदे हैं। हर कोई उनके उज्जवल भविष्य और आगामी टूर्नामेंट्स में जीत की कामना कर रहा है। अपने खेल के साथ-साथ दिव्या पढ़ाई पर भी पूरा फोकस करती है और स्कूल में हर बार वो अच्छे नंबर्स से पास होती है। दिव्या का कहना है कि पढ़ाई और खेल को मैनेज करना कई बार थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन दोनों ही चीजे उनके लिए बहुत जरूरी है।
तो दोस्तों ये थी भारत की नन्हीं ग्रैंड मास्टर दिव्या देशमुख के बारे में पूरी जानकारी। उम्मीद करते है कि आपको हमारी आज की ये वीडियो पसंद आई होगी। अगर हां तो इस वीडियो को अधिक से अधिक लाइक और शेयर करें।