Hardik Pandya Biography: कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं। हारा वही जो अंत तक लड़ा नहीं। हार्दिक पांड्या आज विश्व क्रिकेट के जाने-माने all-rounder हैं और उन्होंने इंडिया को कई यादगार मैच जताए हैं.
लेकिन दोस्तों एक वक्त ऐसा था जब हार्दिक के पास खुद के खर्चे के लिए भी पैसे नहीं हुआ करते थे। कई बार सिर्फ मैगी खाकर ही हार्दिक ने पूरे दिन मैच खेला है. हार्दिक चाहते तो उस वक्त कोई job करके खुद को financially मजबूत कर सकते थे. उन्होंने उन कठिनाइयों को ही चुना जो बड़ी सफलता की नीव रखने वाली थी.
दोस्तों इस इस आर्टिकल में हम Hardik की पूरी कहानी तो जानेंगे ही साथ ही जानेंगे उनकी love story और जानेंगे उनके बारे कई interesting बातें भी.
11 अक्टूबर 1993 को गुजरात के एक गाँव जौरासी में हार्दिक पांड्या का जन्म हुआ. हार्दिक के पिता का नाम हिमांशु है जिनका सूरत में कोई छोटा-मोटा कार फाइनेंस का बिजनेस था. हार्दिक की माँ का नाम नालिनी पांड्या है जो एक हाउसवाइफ है. हार्दिक के पिता क्रिकेट के बड़े फैन थे वो टीवी पर अक्सर मैच देखा करते थे. हार्दिक जब छोटे थे तो वो भी अपने पिता के साथ मैच देखा करते थे और एक दो बार हार्दिक के पिता हार्दिक को मैच दिखाने स्टेडियम ले गए और ऐसे ही हार्दिक का लगाव क्रिकेट की तरफ बढ़ता चला गया.
सिर्फ हार्दिक को ही नहीं हार्दिक के बड़े भाई कुणाल को भी क्रिकेट में बहुत लगाव था. जब हार्दिक थोड़े बड़े हुए तो स्कूल के अलावा वो पूरा-पूरा दिन अपने भाई के साथ गली क्रिकेट खेला करते थे. अपने बच्चों का क्रिकेट के प्रति लगाव देखकर उनके पिता ने सोचा कि अपने बच्चों को क्रिकेट में मौका देना चाहिए। गांव में कोई क्रिकेट के लिए खास सुविधा नहीं थी. इसीलिए 1998 में अपना घर और अपना बिजनेस छोड़ कर hardik के पिता बड़ोदरा आ गए। यहाँ पर उनका घर बहुत छोटा था. जिसमें एक ही बेडरूम था. पर इरादे छोटे बिल्कुल नहीं थे।
यहाँ आकर हार्दिक और कुणाल ने किरण मोरे की क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन कर ली। हार्दिक उस वक्त बहुत छोटे थे इसीलिए उन्हें बैटिंग का मौका कम मिला करता था. लेकिन एक बार किरण मोरे ने हार्दिक को बैटिंग करते देखा तो वो बहुत impress हुए. उन्होंने फिर हार्दिक को अपने under ले लिया। बात करें हार्दिक की studies की तो हार्दिक ने अपनी स्कूली पढ़ाई एम के हाई स्कूल से की. हार्दिक का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। स्कूल वाले अक्सर शिकायत करते थे कि आपका बेटा गलत ट्रैक पर है, उसका कोई फ्यूचर नहीं है. जब स्कूल से ज्यादा ताने सुनने को मिले तो हार्दिक के पिता ने बोल दिया आपको पता नहीं है, एक दिन मेरा बेटा बहुत बड़ा आदमी बनेगा।
हार्दिक की क्रिकेट academy उनके घर से 20 से 25 किलोमीटर दूर थी। उनके पिता के पास काम बहुत था और हार्दिक और कुणाल को लाने, ले जाने में बहुत टाइम लग जाता था। इसीलिए वो कभी-कभी अपने दोस्त को हार्दिक को academy से लाने के लिए भेज देते थे. ये बात हार्दिक और कुणाल को पसंद नहीं थी. उन्होंने अपने पिता से कहा कि मैं नहीं चाहता कि आगे चलकर कोई कहे कि तुम्हारी success में मैंने भी support किया है.
इसके बाद हार्दिक के पिता ने एक bike ईएमआई पर लेकर दोनों भाइयों को दे दी. अब दोनों भाई बाइक से academy जाया करते थे. जैसे-जैसे हार्दिक बड़े हो रहे थे उनका खेल बेहतरीन होता जा रहा था. वो अब अपनी academy के best player और क्लब के मैच विनर बन चुके थे। इधर हार्दिक की पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पा रही थी और पढ़ाई से क्रिकेट के प्रति फोकस टूटता जा रहा था. इसीलिए नाइंथ तक की पढ़ाई करने के बाद हार्दिक ने स्कूल जाना बंद कर दिया।
वीडियो में देखिये हार्दिक पंड्या के क्रिकेटर बनने की पूरी कहानी:
2008 में हार्दिक के पिता को मल्टीपल हार्ट attacks आए और डॉक्टर ने उन्हें बेड रेस्ट करने को बोल दिया। अब घर की सारी जिम्मेदारी हार्दिक और कुणाल पर आ गई। हार्दिक उस समय सभी तरह के टूर्नामेंट खेलते थे। वो अपनी किट के साथ ट्रेन से बहुत दूर-दूर मैच खेलने जाया करते थे और कभी-कभी घर से वो सिर्फ मैगी खाकर निकलते थे और पूरा दिन बिना खाए ही खेलते रहते थे जो टीमें हार्दिक को मैच खिलाती थी वो फीस के तौर पर कभी-कभी उन्हें 350 रुपए दिया करती थी. लेकिन ये पैसा उन्हें हर बार नहीं मिलता था. दिक्कतें बढ़ती जा रही थी और एक वक्त ऐसा भी आया जब वो लोग कर्ज में डूब गए.
कभी-कभी उनके घर दो वक्त का खाना भी नहीं होता था और कभी-कभी उन्हें उधार वालों से बचने के लिए स्टेडियम में छिपना पड़ता था. जब हार्दिक के पिता काम किया करते थे तब उन्होंने एक कार ली थी लेकिन अब उसकी ईएमआई भी नहीं जा पा रही थी. इसलिए बैंक के डर से हार्दिक और कुणाल उस कार को छिपा कर रखते थे. इस वक्त उन दोनों भाइयों को सख्त जरूरत थी एक जॉब की. अगर कोई जॉब कर लेता तो लाइफ काफी आसान हो जाती। लेकिन यहाँ भी उन्होंने क्रिकेट को ही चुना वो किसी भी कीमत पर हार मानने को तैयार नहीं थे. हजार मुश्किलों के बाद भी उनकी आंखें एक ही सपना देखती थी वो था इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी का। हार्दिक लगातार मेहनत करते रहे उनका खेल बहुत बेहतरीन था वो जहाँ भी जाते थे अपनी क्रिकेट से सबको इम्प्रेस करते थे। अब धीरे-धीरे हार्दिक आगे बढ़ने लगे कई मेजर टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद हार्दिक को स्टेट टीम में शामिल कर लिया गया.
दोस्तों मार्च 2013 में हार्दिक का नेशनल क्रिकेट में डेब्यू हुआ ये एक टी-ट्वेंटी मैच था जो मुंबई के खिलाफ हुआ. इस टूर्नामेंट में हार्दिक को मन ऑफ़ डी टूर्नामेंट चुना गया और 80 हजार रुपए उन्हें प्राइज मनी मिला। ये पैसा हार्दिक के लिए कितना महत्वपूर्ण था वो तो आप समझ सकते हैं.
हार्दिक का लगातार अच्छा प्रदर्शन जारी रहा और नवंबर 2013 में उन्हें फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2013-2014 में भी हार्दिक का प्रदर्शन अच्छा रहा. उन्होंने 9 मैचों में 213 रन बनाए थे. यहाँ एक मैच में उन्होंने नाबाद 82 रन बनाए थे जो उनका नेशनल में बेस्ट स्कोर था. इस मैच में हार्दिक पांड्या का प्रदर्शन मुंबई के हेड कोच जॉन राइट्स को बहुत पसंद आया. कोच ने हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन की बात टीम मैनेजमेंट से की और साल 2015 के आईपीएल ऑक्शन में हार्दिक पांड्या को 10 लाख रुपए में मुंबई इंडियंस की टीम में शामिल कर लिया गया.
साल 2015 के आईपीएल में ही हार्दिक पांड्या को आईपीएल में debut करने का मौका मिला. 19 अप्रैल 2015 को बेंगलुरु के खिलाफ एक मैच से हार्दिक ने आईपीएल में debut किया. इस मैच में उन्होंने 6 गेंदों में सोलह रन बनाए थे और मुंबई के लिए मैच फिनिश किया था। इसी सीजन केकेआर के खिलाफ एक मैच में हार्दिक ने 31 गेंदों में 61 रन बनाकर मुंबई इंडियंस को जीत दिलाई थी. अगर मुंबई ये मैच ना जीतती तो वो आईपीएल से बाहर हो जाती।
हार्दिक की इस पारी से मुंबई playoff में पहुंची और मुंबई ने ही ये आईपीएल सीजन जीता था। क्योंकि मुंबई ये आईपीएल जीती थी. इसीलिए हार्दिक को इनाम के तौर पर 50 लाख रुपए का चेक दिया गया था। जो पंड्या के लिए बहुत बड़ी amount थी. सिर्फ कुछ महीने पहले हार्दिक के घर के हालात इतने खराब थे कि जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थी लेकिन हार्दिक के जुनून ने वो कर दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं।
इसके बाद हार्दिक financially तो मजबूत हो गए. लेकिन क्रिकेट में तो उनकी ये शुरुआत भर थी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2015-2016 में भी हार्दिक ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसलिए उन्हें 2016 में होने वाले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-ट्वेंटी मैच में कर लिया गया. जब टीम इंडिया में उनके शामिल होने की खबर आई तो मानो उनकी और उनके परिवार की खुशी का कोई ठिकाना ना रहा।
फिर जनवरी2016 वो दिन था जब हार्दिक को टीम इंडिया को represent करने का मौका मिला। ये दिन हार्दिक के लिए बहुत बड़ा दिन था. शायद उनकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन. इस series में हार्दिक को एमएस धोनी से बहुत महत्वपूर्ण और काम के tips मिले थे। हार्दिक को प्रदर्शन का तो ज्यादा मौका नहीं मिला पर fielding से उन्होंने बहुत इम्प्रेस किया। फिर हार्दिक को उसी साल टी twenty वर्ल्ड कप में शामिल किया गया जहाँ उनका बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने पहली 3 बॉल पर 8 रन बना लिए थे। लेकिन आखिरी तीन गेंदों में पांड्या ने उन्हें एक रन भी नहीं दिया। हार्दिक को फिर अक्टूबर 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ओडीआई डेब्यू करने का मौका मिला। जिसमें पहले ही मैच में उन्होंने 31 रन देकर 3 विकेट लिए थे और उस दिन man of the मैच भी मिला था।
इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में हार्दिक की पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार छिहत्तर रन की पारी ने उनके बल्लेबाजी की दहशत दुनिया भर में फैला दी हार्दिक का टेस्ट डेब्यू श्रीलंका के खिलाफ जुलाई दो हजार सत्रह में हुआ। पहली ही इनिंग में हार्दिक ने half century लगा दी थी इस series में उन्होंने अपनी पहली test century भी लगाई थी हार्दिक का लगातार अच्छा प्रदर्शन जारी था लेकिन तभी उन्हें एक ऐसी back injury हुई वो लंबे समय के लिए क्रिकेट से दूर हो गए। फिर जब वो फिट होकर वापस आए लेकिन मैच खेलने से पहले उनका एक इंटरव्यू बहुत विवादित रहा और लोग उनके खिलाफ हो गए फिर बीसीसीआई ने भी उन पर बैन लगा दिया और ऑस्ट्रेलिया दौरे से उन्हें वापस बुला लिया गया हार्दिक पर ये वैन दो वीक के लिए लगा था.
यहाँ वो एक विलेन बन चुके थे लेकिन फिर उन्होंने अपने attitude और खेल से सभी haters को लवर्स में बदल लिया और उन्हें फैन से बहुत प्यार और मिलने लगा। जनवरी दो हजार इक्कीस में हार्दिक के पिता की हार्ट attack से death हो गई हार्दिक ने अपने पिता को अपनी कामयाबी दिखाकर उनके सारे सपने पूरे कर दिए थे। साल 2020 के बाद लंबे समय तक हार्दिक की वजह से bowling नहीं कर पा रहे थे। फिर उन्होंने T20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद अपनी bowling पर मेहनत की और फिर से अच्छी bowling करने लगे। साल दो हजार बाईस के आईपीएल में हार्दिक को गुजरात टाइटन्स ने अपनी टीम में शामिल किया और उन्हें भी बनाया। उनकी captaincy में उन्होंने खुद और उनकी टीम ने लाजवाब प्रदर्शन किया और उनकी टीम आईपीएल जीत गई। दोस्तों साल 2022 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ एक high tension मैच में भी हार्दिक ने छक्का लगाकर मैच फिनिश किया और टीम इंडिया को जीता दिया।
चलिए दोस्तों अब बात करते हैं हार्दिक की लव लाइफ पर। दोस्तों हार्दिक की वाइफ ने नताशा जो एक famous actress हैं। first जनवरी दो हजार बीस को हार्दिक ने ये announce किया कि वो से प्यार करते हैं। ना सिर्फ प्यार बताया बल्कि अपनी engagement की वीडियो भी सोशल मीडिया पर share की नताशा का जन्म यूरोप के सर्बिया देश में हुआ था नताशा ने अपनी पढ़ाई-लिखाई सर्बिआ से की उसके बाद वो मॉडलिंग करने के लिए मुंबई आ गई। नताशा ने मुंबई में कई टीवी शो और ऐड किए लेकिन जब उन्होंने बिग बॉस सीजन eight में participate किया तो उनकी popularity बहुत बढ़ गई फिर नताशा बादशाह के फेमस सॉन्ग डीजे वाले बाबू में नजर आई जहां से भी उन्हें बड़ी पहचान मिली।
नताशा नचबलिये सीज़न nine के लिए भी जानी जाती है वो बॉलीवुड मूवी सत्याग्रह, एक्शन जैक्सन में भी काम कर चुकी हैं। और उन्होंने कुछ वेब सीरीज में भी काम किया है. साल 2019 में एक पार्टी में हार्दिक और नताशा की मुलाकात हुई. ये मुलाकात एक नाइट क्लब में हुई थी. पहली ही मुलाकात में हार्दिक को नताशा से प्यार हो गया. वहां से दोनों सोशल मीडिया पर जुड़ गए और दोनों की बॉन्डिंग अच्छी होती गई. फिर जब दोनों को प्यार हो गया और शादी का फैसला कर लिया तो उन्होंने ये रिश्ता जगजाहिर कर दिया। अब engagement के बारे में बताने के बाद नताशा ने सबको ये भी बताया कि वो माँ बनने वाली है.
जी हाँ दोस्तों नताशा शादी से पहले ही प्रेग्नेंट हो गई थी. 31 मई 2020 वो दिन था जिस दिन हार्दिक और नताशा शादी के बंधन में बंध गए और 30 जुलाई 2020 को नताशा ने एक बेटे को जन्म दिया। हार्दिक के बेटे का नाम अगस्त है। तो फ्रेंड्स ये थी लाइफ स्टोरी और लव स्टोरी हार्दिक पांड्या की. हार्दिक पांड्या के संघर्ष भरी जिंदगी के बारे में आप क्या सोचते हैं, कमेंट करके जरूर बताएं.