गंगासागर तीर्थ यात्रा: कुम्भ मेले के बाद देश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, कैसे पहुंचे और क्या करें सभी जानकारी एक साथ , How to reach Gangasgar from Kolkata

How to reach Gangasgar from Kolkata
How to reach Gangasgar from Kolkata: दोस्तों मैंने अब तक दो बार गंगासागर की यात्रा की है. एक बार साधारण दिनों में यानि की जब वहां पर लोग कम पहुंचते है और दूसरी बार मैंने गंगासागर मेला के समय यात्रा की है ताकि आप तक गंगासागर यात्रा के बारे में सही-सही इनफार्मेशन पहुंचा सकूँ.
इस यात्रा संस्मरण में मैंने आपको जानकारी दी है की गंगासागर प्रसिद्ध क्यों है (Why is gangasagar famous?), बंगाल की खाड़ी को गंगासागर क्यों कहा जाता है (Why is the Bay of Bengal called gangasagar?), गंगासागर अभी बंद है या खुला है (Is Gangasagar open?) और कौन सा समय गंगासागर घूमने के लिए अच्छा होता है (Which is the best time to visit Gangasagar?) साथ ही आपको ये भी बताऊंगा कि आप कोलकाता से गंगासागर कैसे पहुंचेंगे।
How to reach Gangasgar from Kolkata

कभी ना भुलाने वाली गंगासागर की ऐड्वेन्चरस यात्रा, कपिल मुनि आश्रम और बंगाल की खाड़ी में गंगा नदी का मिलन

भारत में मौजूद समुद्री तीर्थ स्थल की बात करे तो गंगासागर और रामेश्वरम तीर्थ सबसे ज्यादा फेमस है. दोनों ही तीर्थ स्थल खासतौर पर हिन्दू धर्मावलम्बियों के बीच आस्था का केंद्र है. रामेश्वरम जहाँ भगवान राम से जुड़ा हुआ है वहीँ गंगासागर माँ गंगा, राजा सागर और कपिल मुनि से जुड़ा हुआ है. इस यात्रा संस्मरण में हम आपको ले चलेंगे एक अद्भुत और साहसिक तीर्थ यात्रा पर जिसका नाम है गंगासागर। गंगासागर में ही एक विशाल नदी एक विशाल समुद्र में समाती है. आइये शुरू करते हैं कभी न भूलने वाली इस यात्रा को.

गंगासागर इतना मशहूर क्यों है?

पुराने समय में एक कहानी प्रचलित थी सारे तीर्थ बार बार गंगासागर एक बार! जी हां दोस्तों इसके पीछे का कारण यह था कि मान्यता के अनुसार आप अगर इस तीर्थ की यात्रा करते हैं हैं तो आपको कई सारे तीर्थों का फल जो है एक साथ मिल जाता है. दूसरा कारण यह है कि पहले गंगासागर पहुंचने में काफी सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन पिछले कुछ समय में गंगासागर यात्रा करने वाले यात्रियों के भीड़ को देखते हुए पश्चिम बंगाल सर्कार की तरफ से मेले के समय काफी सारा इंतजाम किया जाता है. जिस कारण से अब यहाँ की यात्रा करना काफी आरामदायक और खुशनुमा बन गया है.

मकर संक्रांति के दिन गंगासागर में भव्य मेला का आयोजन

हर साल यहां पर मकर संक्रांति के समय काफी भव्य मेला लगता है. देश के हर कोने से हिंदू धर्मावलंबी यहां पर पहुंचते हैं. यहाँ पर बहुत सारे टूरिस्ट पड़ोसी देश नेपाल और अन्य दूसरे देशों से भी पहुंचते है. गंगासागर में ही गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में समां जाती है. इसलिए इसका नाम गंगासागर है. कहा जाता है की मकर संक्रांति में यहाँ संगम स्थल पर स्नान करने मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. इसी संगम स्थल पर तीर्थ यात्री स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. इसे मिलन तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ पर कपिल मुनि का मंदिर भी है. जहाँ तीर्थ यात्री स्नान के बाद पूजा करते हैं. गंगासागर की यात्रा बड़ा ही मनोरम और एडवेनचरस है.

कोलकाता से गंगासागर कैसे पहुंचे?

गंगासागर जाने के लिए आपको सबसे पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुँचना होता है. हमारी गंगासागर की यात्रा कोलकाता के हावड़ा जंक्शन से शुरू हुई. हावड़ा जंक्शन मैं सुबह करीब 7 बजकर 30 मिनट पर पहुंचा था. आप लोग अगर यात्रा शुरू करें कोलकाता से तो कोशिश करें की रात में ही कोलकाता पहुंच जाए और अर्ली मॉर्निंग यानी कि सुबह 5 बजे तक यात्रा शुरू कर लें ताकि गंगासागर की यात्रा करने के बाद शाम में वापस कोलकाता लौट सके. मकर संक्रांति मेले के समय यात्रा करना चाहते है तो आपको मेला शिविर के पास 24 घंटे बस की सुविधा मिल जाएगी इसलिए आप किसी भी समय यात्रा कर सकते हैं.

कोलकाता से काकद्वीप तक सड़क मार्ग से यात्रा

हावड़ा जंक्शन से मैं शेयर्ड टैक्सी से ऐतिहासिक हावड़ा ब्रिज को क्रॉस करते हुए कोलकाता के धर्मतल्ला बस स्टॉप गया. हावड़ा जंक्शन से बस स्टॉप पहुंचने का टैक्सी वाले ने मुझसे ₹100 रूपए लिए. कोलकाता में पीली टैक्सी सेवा के अलावा आप लोग ओला और उबर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. धर्मतल्ला बस स्टॉप को एसप्लेनेड बस स्टैंड (Esplanade Bus Stand) के नाम से भी जानते है. यहीं से आपको गंगा सागर की तरफ जाने वाली बस मिल जाएगी. कोलकाता का यह मुख्य बस स्टैंड है. यहां पर आपको सभी जगहों के लिए बसें मिल जाएगी।
कोलकाता का एस्प्लेनेड बस स्टॉप बहुत ही गंदा और भीड़ भाड़ वाला बस स्टॉप है. यहाँ पर एक पुराने से जर्जर बिल्डिंग में टिकट काउंटर बना हुआ है. वहां पर जाकर आपको लाइन में खड़े होकर टिकट लेनी होती है. उसके बाद सीट नंबर अलॉट होता है. साथ में बस नंबर भी आपको दे दी जाएगी। यहाँ पर आपको प्राइवेट बसें भी मिल जाएंगे, लेकिन कोशिश करें की सरकारी बस मिल जाए, आप जल्दी पहुंच पाएंगे।
धर्मतल्ला बस स्टॉप से आपको काकद्वीप के लिए बस मिलेगी या फिर काकद्वीप के लिए आप प्राइवेट टैक्सी भी रेंट कर सकते है. कोलकाता से काकद्वीप की दुरी लगभग 100 किलोमीटर है और सरकारी बस से आपको करीब 70 रूपए किराया देना पड़ेगा. प्राइवेट टैक्सी के लिए आपको 4000 रूपए तक देने पड़ते है. काकद्वीप से आपको फेरी या पानी की जहाज पकड़ने के लिए लॉट नंबर 8 पर जाना होता है. काकद्वीप में जहाँ आपको बस उतारेगी वहां से आप पैदल भी लॉट नंबर 8 जा सकते हैं या फिर आपको वहां से शेयर्ड ऑटो और बैटरी वाली ऑटो मिल जाएगी जो आपको 10 रुपए में लॉट नंबर 8 तक 10 मिनट में पहुंचा देगी।

काकद्वीप से लॉट नंबर 8 की यात्रा

काकद्वीप में जहाँ पर आप बस से उतरेंगे वहां पर आपको गंगासागर लिखा हुआ एक बड़ा सा गेट दिखाई देगा। इस गेट को बड़ा ही खूबसूरत तरीके से बनाया गया है. जिसे देखकर आप अपने अंदर अलग ही तरह का ख़ुशी महसूस करेंगे. कोलकाता से आपको लॉट नंबर 8 तक पहुँचने के लिए करीब 4 से 5 घंटे का समय लग सकता है. प्राइवेट टैक्सी से आप 3 से 4 घंटे में पहुंच सकते हैं.
लॉट नंबर 8 पहुंचने पर आपको विशाल हुगली नदी का खूबसूरत नजारा दिखाई देगा। यह नदी ही कोलकाता वालों को बंगाल की खाड़ी में पहुँचने का रास्ता देता है. हुगली नदी भी गंगा नदी का ही एक हिस्सा है. यहीं पर फेरी से यात्रा करने के लिए आपको टिकट मिलेगी। जब मैं गंगासागर गया था तो उस समय 9 रुपए का टिकट था. अगर आप मेले के समय जायेंगे तो टिकट का प्राइस थोड़ा बढ़ा दिया जाता है. मेले के समय टिकट का प्राइस 30 से 40 रुपए के बीच होता है. टिकट का प्राइस पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा फिक्स किया जाता है. लॉट नंबर 8 से हमें हुगली नदी क्रॉस करके कचुबेरिआ घाट पहुंचना होता है.

लॉट नंबर 8 से कचुबेड़िया तक पानी जहाज (फेरी)पर यात्रा

टिकट काउंटर से टिकट लेकर हम फेरी पर गए और कुछ समय के बाद पानी जहाज हुगली नदी में अपनी यात्रा शुरू कर दी. करीब 45 मिनट की जर्नी स्टीमर पर करते हैं और यह जर्नी बहुत ही आनंददायक होती है. साथ ही आंखों को सुकून देने वाला होता है, क्योंकि आप एक विशाल नदी में स्टीमर के ऊपर सफर कर रहे होते हैं. हालांकि भीड़ भी बहुत होती है लेकिन आपको बहुत मजा आएगा यह यात्रा करने में. हमें तो ये लग रहा था की ये यात्रा इतनी जल्दी क्यों ख़त्म हो गयी.
नदी में आप यात्रा कर रहे होते है और उसके बगल से दूसरी स्टीमर जा रही होती है तो इस दृश्य के अनुभव को बयान करना शब्दों में संभव नहीं है और खासतौर पर जब बीच नदी में सीटी बजती है तो आपको एक अलग ही रोमांच महसूस होता है. जब नदी के बीच में आप होते हो और पानी की लहरों के साथ हवाएं चलती है तो मन गद गद हो जाता है. मेरे गंगासागर यात्रा का अगर वीडियो देखना चाहते हैं तो क्लिक करें:
Watch this video to get all information regarding Gangasagar Mela visit:
फेरी पर यात्रा करते हुए हुगली नदी को क्रॉस करके हम कचुबेड़िया घाट पर पहुंचते हैं. कचुबेड़िया घाट पहुँचने से पहले से आपको वाइट कलर में बड़े बड़े अक्षरों में गंगासागर लिखा हुआ दिखाई देता है इसे देखकर तो मजा ही आ जाता है. कचुबेरिआ घाट पहुँचने के बाद यहाँ से 27 किलोमीटर यात्रा और बचती है जिसे हमें सड़क मार्ग द्वारा पूरा करना होता है.

कचुबेरिया से सागर आयलैंड की सड़क मार्ग से यात्रा

कचुबेरिया घाट से सागर आइलैंड के लिए आपको सभी तरह की सवारियां मिल जाएगी। यहाँ से गंगासागर पहुँचने के लिए सिर्फ सड़क मार्ग का ही विकल्प रहता है. बस, ऑटो के अलावा यहाँ से आपको प्राइवेट टैक्सी की सेवा भी मिल जाएगी.
मैंने कचुबेरिया घाट से सागर आइलैंड के लिए शेयर्ड टाटा मैजिक पे सवारी की थी. इसके लिए मुझे ₹50 देने पड़े थे. टाटा मैजिक से मुझे करीब दो घंटा लगा था, सागर आइलैंड पहुँचने के लिए. कचुबेरिया घाट से सागर आइलैंड का सड़क मार्ग से यात्रा करना काफी मजेदार होता है. रास्ते की हरियाली आपका मन मोह लेगी।
सागर आइलैंड पहुँचने के बाद सबसे पहले मैं संगम स्थल पर नहाया फिर वहां से आकर कपिल मुनि के मंदिर में पूजा की. फिर मैं मंदिर के पास में ही खूबसूरत सा तालाब है वहां गया. नहा के मंदिर में दर्शन करने के बाद मेरे यात्रा की सारी थकान दूर हो चुकी थी और एक अद्भुत आध्यात्मिक शांति का अनुभव हो रहा था. सागर द्वीप काफी शांत जगह है इसलिए अगर आप आम दिनों में यहाँ पर पहुंचेंगे तो यहाँ पर आपको जबरदस्त शांति मिलेगी. आम दिनों से मेरा मतलब है मकर संक्रांति मेले के बाद और पहले के दिनों में.
कुछ समय तालाब पर बिताने के बाद मैं खाने के लिए कुछ देखने लगा. यहाँ पर आपको खाने के कुछ बेसिक ऑप्शन ही मिलेंगे। ढाबा स्टाइल के छोटे-छोटे ईटिंग पॉइंट यहाँ पर है. यहाँ पर स्टे के ऑप्शन भी बहुत कम ही है. कुछ धर्मशाला, होटल और रैन बसेरा आपको यहाँ पर रहने के लिए उपलब्ध है. वैसे सागर आइलैंड में वेस्ट बंगाल टूरिज्म का एक रिसोर्ट भी है लेकिन ये थोड़ा मेहेंगा और इसमें आपको प्री-बुकिंग करानी होती है. यहाँ पर वेस्ट बंगाल सरकार की तरफ कुछ सोविनियर शॉप्स भी एस्टब्लिश किये गए है जिसमे आपको पूजा सामग्री के अलावा हैंडीक्राफ्ट और अन्य सामग्रियों की खरीदारी कर सकते हैं. गंगासागर यात्रा का ट्रेवल व्लॉग यहाँ से देखिये:
वैसे तो मेरा सुझाव यही रहेगा की आप रात में सागर आईलैंड पर स्टे ना करे. अगर आपको स्टे करना ही पड़े तो आपको काकद्वीप में होटल्स मिल जायेंगे या फिर यहां के नजदीकी प्लेसेस जैसे की मंदारमणि, ताजपुर और हल्दीया में आपको अच्छे होटल्स और रिसोर्ट मिल जायेंगे.

गंगासागर की यात्रा ट्रेन से कैसे करें

दोस्तों गंगासागर की यात्रा काफी रोमांचक होती है और यहाँ पहुँचने के लिए आपको कोलकाता पहुँचना ही होगा। मैंने तो सड़क मार्ग द्वारा गंगासागर की यात्रा पूरी की. अगर कोई यात्री ट्रेन से यात्रा करना चाहे तो आपको कोलकाता के सियालदह जंक्शन से लोकल ट्रेन मिलेगी जो आपको काकद्वीप स्टेशन तक ले जाएगी और फिर आपको काकद्वीप से फेरी लेकर नदी क्रॉस करना होगा और फिर सड़क मार्ग द्वारा यात्रा करनी होगी सागर आइलैंड तक पहुँचने के लिए.

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