Baba Balaknath Biography: राजस्थान में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह चलेगा बुल्डोजर, खत्म होगा माफिया और गुंडाराज, राजस्थान में आएंगे योगी 2.0, कौन है बाबा बालकनाथ, जिन्हें कहा जाता है राजस्थान का योगी, बीजेपी के फायरब्रांड नेता कहे जाते है बाबा बालकनाथ, पुलिस स्टेशन में सरेआम डीएसपी को धमका देते हैं ये योगी, भगवान वस्त्र धारी बाबा का राजस्थान में है बोल बाला… राज्य के है दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता, लेकिन एक किसान का बेटा कैसे बन गया इतना बड़ा महंत।
घोषणापत्र में बताई अपनी कुल संपत्ति, जानकर आप चौंक जाएंगे और क्या हुआ जब पिता के नाम पर भी उठने लगे थे सवाल। बाबा बालकनाथ का कद राजस्थान में इतना बढ़ गया है कि वसुंधरा राजे को भी वो पीछे छोड़ चुके हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कौन है ये बाबा बालक नाथ और कैसे की इन्होंने राजनीति में एंट्री, कैसे बन गए बीजेपी के इनते लोकप्रिय नेता? योगी और अमित शाह से भी है अच्छी दोस्ती। आइये बाबा बालक नाथ के बारे में सभी बाते आपको विस्तार से बताते हैं।
Baba Balaknath Biography
राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाबा बालक नाथ तिजारा सीट से विधायक चुने गए। इससे पहले 2019 में उन्होंने अलवर सीट से लोकसभा चुनाव जीता था। बाबा बालकनाथ का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने बचपन से ही एक संन्यासी और योगी की तरह जीवन जीया है। देश और धर्म के प्रति वो पूरा जीवन समर्पित कर चुके हैं। उन्होंने हिंदुत्व के लिए शादी ना करने का भी फैसला किया। बाबा बालकनाथ का जन्म 16 अप्रैल 1984 के दिन अलवर के कोहराना गांव में यादव परिवार में हुआ था। सबसे पहले परिवार ने उनका नाम पंकज यादव रखा था। पिता सुभाष यादव पेशे से एक किसान थे और मां उर्मिला देवी एक होममेकर। बचपन से ही उनका परिवार साधु, संत और महंत को बहुत मानता था।
साधुओं की हर बात एक आदेश की तरह वो माना करते थे। महंत खेतनाथ ने बचपन में ही पंकज का नाम बदलकर गुरुमुख कर दिया था, क्योंकि उनका जन्म गुरुवार के दिन हुआ था। बच्चे की बचपन से ही अध्यात्म में रुचि पैदा हो गई थी। जब वह 6 साल का हुआ तो परिवार ने अपना इकलौता पुत्र महंत को सौंप दिया। इसके बाद बाबा बालकनाथ मठ में रहकर ही शिक्षा प्राप्त करने लगे। उनका अधिकांश बचपन मतस्येंद्र महाराज के आश्रम और हनुमानगढ़ मठ में बीता। उन्होंने अपने जीवन में इंटर तक यानि 12वीं तक की पढ़ाई की है। महंत खेतनाथ से ही उन्होंने दीक्षा प्राप्त की थी। बाद में बाबा चांदनाथ का साथ मिला, जहां से उनके लिए राजनीति के भी दरवाज खुल गए।
बड़े होने के बाद गुरुमुख का नाम बदलकर बाबा बालकनाथ रख दिया गया। बाबा बालकनाथ रोहतक जिले में स्थित मस्तनाथ मठ के महंत है। पहले बाबा चांदनाथ इस मठ के महाधीश हुआ करते थे। साल 2014 में चांदनाथ को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया और अलवर सीट से मैदान में उतारा। उन्होंने चुनाव में एक शानदार जीत दर्ज की, लेकिन साल 2016 में उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद बाबा बालकनाथ को मस्तनाथ मठ का नया महंत घोषित कर दिया गया। आपको बता दें कि बाबा बालकनाथ और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एक ही नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। इसीलिए दोनों की वेशभूषा भी काफी हद तक एक जैसी है। बाबा बालकनाथ क्योंकि यादव परिवार से है, इसीलिए वो ओबीसी वोटबैंक को भी टार्गेट करते है।
उनके मस्तनाथ मठ के तहत आज 150 से अधिक शैक्षणिक संस्थान चलते हैं, जिनमें स्कूल, मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल आदी शामिल है। चांदनाथ के निधन के बाद साल 2019 में बीजेपी ने बाबा बालकनाथ को मैदान में उतारा और अपने जीवन के पहले ही चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी भंवर जितेंद्र सिंह को करारी शिकस्त दी। इस जीत के बाद से ही बाबा बालकनाथ राजस्थान की राजनीति में छा गए। क्योंकि भंवर जितेंद्र सिंह एक कद्दावर नेता माने जाते थे। उन्हें हराने के बाद बाबा बालकनाथ का कद अचानक बढ़ गया। तभी से कई लोग उन्हें राजस्थान के भावी सीएम के तौर पर देखने लगे थे।
बाबा बालकनाथ अपने दमदार भाषणों के लिए जाने जाते हैं। उनकी आवाज में एक अलग ही दम है, जिसे सुनने के लिए राह चलते लोग भी रुक जाया करते हैं। बीजेपी के साथ साथ वो हिंदूत्व का भी जमकर प्रचार प्रसार करते है। इसी को देखते हुए इस साल उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा गया। इस चुनाव में उन्होंने तिजारा सीट से जीत दर्ज की और इमरान खान को करारी शिकस्त दी। आज वो राजस्थान में सबसे बड़े हिंदूवादी नेता के तौर पर देखे जाते हैं।
इस साल चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कई रैलियों में बुल्डोजर का प्रयोग किया, जिसके बाद उनकी तुलना योगी आदित्यनाथ से होने लगी। यूपी में योगी आदित्यनाथ जिस तरह माफियाओं के घरों पर बुल्डोजर चला रहे हैं और जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं, उसी नक्शे कदम पर बाबा बालकनाथ भी चलते नजर आ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ और बाबा बालकनाथ में अच्छी दोस्ती है। बाबा बालकनाथ असल में योगी को अपना बड़ा भाई मानते हैं।
बाबा बालकनाथ की संपत्ति के बारे में बात करें तो इस साल घोषणा पत्र में उन्होंने बताया था कि उनके पास करीब 45 हजार रुपए कैश है और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट में उनके पास 13 लाख 29 हजार रुपए जमा है, जो उन्हें सांसद रहते हुए सैलरी के तौर पर प्राप्त हुए है। इसके अलावा एक अन्य अकाउंट में उनके पास 5 हजार रुपए जमा है। घोषणा पत्र में उन्होंने अपने पिता का नाम चंचलनाथ लिखा था, जिसको लेकर विवाद भी हुआ था। लेकिन बाबा बालकनाथ ने कहा कि चंचलनाथ उनके धर्म के पिता है और उन्हें ही वे असली पिता मानते हैं।
बाबा बालकनाथ अपने धाकड़ अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। साल 2023 की शुरुआत में उन्होंने पुलिस स्टेशन में घुसकर डीएसपी को जमकर लताड़ लगाई थी। असल में पुलिस ने बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था, जिससे बाबा बालकनाथ भड़क गए और डीएसपी को उन्होंने जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होंने डीएसपी से कहा था कि वो उन्हें चैन से जीने नहीं देंगे और इन्सपेक्टर पुलिस की वर्दी में गुंडा करार दिया था। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था।
बाबा बालकनाथ को राजस्थान के सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन राजकुमारी दीया कुमारी उन्हें पूरी टक्कर दे रही है। वहीं वसुंधरा राजे भी आला कमान के नेताओं से मुलाकात कर रही है। देखा रोमांचक होगा कि बीजेपी किस नेता पर सबसे ज्यादा भरोसा जताती है।