Best Tourist Places in Rajgir Bihar: पुरे देश में शायद ही कोई ऐसा पर्यटन स्थल हो या फिर एक्स्प्लोर करने की जगह हो जहां पर धर्म, अध्यात्म, प्रकृति और इको टूरिज्म में रुचि रखने वाले हर आयु वर्ग के लोगों के लिए भ्रमण की वजहें एक साथ मौजूद हों। अगर आप भी किसी ऐसे स्थान की तलाश में हैं तो बिहार का मशहूर “राजगीर” आपका पसंदीदा जगह बन सकता है। बिहार की राजधानी पटना से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित “राजगीर” पर्यटन का एक फुल पैकेज है।
पुरातत्व और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए भी यहां यहाँ पर असीम संभावनाएं हैं। ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के कई सारे अवशेष यहाँ पर बिखरे पड़े हैं। यहाँ के पहाडिय़ों पर नैसर्गिक सुंदरता है। एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों के लिए भी यहाँ पर अनेक स्थल हैं। सम्पूर्ण राजगीर की सुरक्षा के लिए बनी साइक्लोपियन वाल, चीन की दीवार से भी बहुत पुरानी हैं। इतिहासकारों के लिए बता दे, यह गौरवशाली मगध साम्राज्य की राजधानी भी रही है।
धार्मिक आस्था के स्थल:
राजगीर में धर्म एवं अध्यात्म में रुचि रखने वालों के लिए आस्था के कई केंद्र मौजूद हैं। सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह 84 लाख देवताओं की पावन भूमि है, गर्म जल स्रोत ब्रह्मकुंड यहाँ पर है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भगवान बुद्ध का प्रिय प्रवास स्थल वेणु वन, उपदेश स्थल गृद्धकूट पर्वत और प्रमुख बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के अस्तित्व में आने की सप्तपर्णी गुफा है। जैन धर्मावलंबियों के लिए तीर्थंकरों के चार्तुमास का पवित्र स्थल भी है। यहाँ के पांचों पहाडिय़ों के शिखर पर विद्यमान मंदिर इसका साबुत है। सिख धर्मावलंबियों के लिए गुरु नानक के आगमन व कृपा की भूमि है, राजगीर।
हैंगिंग ग्लास ब्रिज का रोमांच:
एडवेंचर टूरिज्म के लिए पहाडिय़ों की ट्रैकिंग और वन्य जीवों से भरे जंगल हैं। बाघ, शेर, हिरण सरीखे वन्य जीवों को खुले में विचरण करते देखने को एक जू सफारी भी है। प्रकृति प्रेमियों व आयुर्वेद के जानकारों के लिए विभिन्न प्रजाति के पेड़-पौधों व जड़ी-बूटियों से भरी एक नेचर सफारी भी है। पहाडिय़ों की घाटियों को देखने के रोमांच के लिए एक आधुनिक हैंगिंग ग्लास ब्रिज है। खाई के ऊपर से पैरों तले पारदर्शी शीशे के नीचे का दृश्य देखना सचमुच अविस्मरणीय और अद्भुत है।
सिंगल सीटर रोपवे का रोमांच:
पूरी दुनिया को शांति का संदेश देने के लिए रत्नागिरी के शिखर पर बने “विश्व शांति स्तूप” तक जाने को सिंगल चेयर और 8 लोगों के बैठने वाले केबिन का रोप वे बना है। स्तूप के पीछे से राजगीर आयुध फैक्ट्री का विहंगम और अद्भुत दृश्य देश की सुरक्षा के लिए ‘मेक इन इंडिया’ की आश्वस्ति प्रदान करता है। इस फैक्ट्री में बोफोर्स तोपों के लिए बाई मॉड्यूलर चार्जर बनता है। जिससे अब आयात की जरूरत नहीं पड़ती और विदेशी मुद्रा की बचत भी होती है।
राजहंसों के बीच नौका विहार:
7 किमी लंबी आल वेदर रोड इको टूरिज्म स्पाट घोड़ाकटोरा झील पहुंचाती है। दूर से ही भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में 70 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा बरबस ध्यान खींचती है। झील में तैरते राजहंस व बत्तखों के झुंड के बीच नौका विहार का अलग ही आनंद है। प्राचीन नालंदा महाविहार की पुर्नस्थापना के विचार से बना अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय शोध व स्नातकोत्तर अध्ययन का बड़ा केंद्र है। अभी यहां 31 देशों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैैं। अब यह बिम्सटेक देशों की छात्रवृत्ति के दायरे में आ चुका है। समुद्र्री विज्ञान में अनुसंधान के क्षेत्र में भी विश्व के अन्य विश्वविद्यालय का सहयोग कर रहा है।
कैसे पहुंचें राजगीर: रेल मार्ग से नई दिल्ली से राजगीर सीधे जुड़ा है। प्रतिदिन विभिन्न शहरों से होते हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन चलती है। पटना से बख्तियारपुर या दनियावां के रास्ते बेहतरीन सड़क है। नजदीकी एयरपोर्ट बोधगया और पटना हैं।