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निति वैली और गमशाली बुग्याल ट्रेक: भारत के अंतिम गाँवों की खूबसूरती, Niti Valley & Gamshali Bugyal Trek 

Niti Valley & Gamshali Bugyal Trek 

Niti Valley & Gamshali Bugyal Trek: उत्तराखंड में बसी निति वैली और गमशाली बुग्याल सिर्फ सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सीमावर्ती क्षेत्रों के शांत वातावरण का एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं। यह स्थान भारत-तिब्बत सीमा के करीब स्थित हैं और यहाँ के गाँव, नदियाँ और पर्वत किसी अद्भुत स्वर्ग से कम नहीं लगते। इस यात्रा में आपको हिमालय की ऊँचाइयों, हरे-भरे बुग्यालों और स्थानीय ग्रामीण जीवन की झलक देखने को मिलती है।

Niti Valley & Gamshali Bugyal Trek 

निति वैली की ओर सफर की शुरुआत

निति वैली और गमशाली बुग्याल की यात्रा शुरू होती है जोशीमठ से, जो उत्तराखंड का प्रमुख स्थान है। यहाँ से 80 किलोमीटर की दूरी पर ‘बम्पा’ नामक गाँव में पहुँचना होता है। बम्पा एक सीमावर्ती गाँव है, जहाँ से गमशाली बुग्याल ट्रेक की शुरुआत होती है।

बम्पा में एक रात बिताने के बाद, अगली सुबह मैं गमशाली गाँव को रवाना हुआ। गमशाली निति गाँव से 5 किलोमीटर पहले स्थित है और गमशाली बुग्याल ट्रेक का शुरुआती बिंदु है। यह शांत और सुंदर गाँव निति वैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

गमशाली बुग्याल ट्रेक का अनुभव

गमशाली गाँव से बुग्याल की ओर जाते समय आपको हिमालय की दुर्गम चोटियों जैसे द्रोणागिरी, ऋषि पर्वत और कागभुसुंडी की झलक देखने को मिलती है। द्रोणागिरी पर्वत का रामायण में उल्लेख है, क्योंकि यह वही स्थान है जहाँ से हनुमान जी ने संजीवनी बूटी उठाई थी।

6 किलोमीटर का यह ट्रेक आपको हर कदम पर प्रकृति के करीब लाता है। रास्ते में फूलों की अलग-अलग प्रजातियाँ, हरे-भरे खेत, और पहाड़ियों के बीच बहती नदी को देखना एक दिव्य अनुभव है। 2 किलोमीटर के बाद, रास्ता विशाल पत्थरों के नीचे से होकर गुजरता है। इन पत्थरों की छाँव में बैठकर सुस्ताने का अपना ही मज़ा है।

जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, आपको एक छोटा लोहे का गेट मिलता है। यही से गमशाली बुग्याल की शुरुआत होती है। इस ऊँचाई पर चारों ओर हरियाली छाई रहती है और यहाँ के मैदानों पर बहुत से जानवर चरने आते हैं। सुंदर दृश्यों के लिए यह स्थान फोटोग्राफरों का स्वर्ग है।

गमशाली बुग्याल का शीर्ष और दानी देवता का मंदिर

बुग्याल के शीर्ष पर पहुँचने के बाद आपको चारों ओर हिमालय की चोटियों का अद्भुत दृश्य मिलता है। यहाँ एक छोटा मंदिर है, जो दानी देवता को समर्पित है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, दानी देवता इन घास के मैदानों में चरने वाले जानवरों की रक्षा करते हैं।

यहाँ से ऋषि पर्वत और लम्पाक चोटियों की झलक साफ़ दिखाई देती है। बुग्याल के शीर्ष पर बैठकर कुछ समय बिताने के बाद आप महसूस करेंगे कि यह स्थान किसी और ही दुनिया का हिस्सा है।

निति गाँव: भारत का अंतिम गाँव

गमशाली से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित निति गाँव भारत का अंतिम गाँव है। यह समुद्र तल से लगभग 11,300 फीट की ऊँचाई पर है। यहाँ पर दूधगंगा नामक नदी बहती है, जिसका पानी दूध की तरह सफेद दिखता है। यह नदी बाद में धौलीगंगा से मिलती है, जो आगे चलकर विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।

निति गाँव के शांत वातावरण में कुछ समय बिताना एक अलौकिक अनुभव है। यह जगह आधुनिकता की भीड़ से दूर, प्रकृति की गोद में बसी हुई है।

बम्पा गाँव की भंडारा परंपरा

निति गाँव से लौटने के बाद बम्पा गाँव में भंडारे का आयोजन था। यहाँ पंचनाग और फैला देवता के मंदिर में पूजा और भंडारा होता है। यह देखकर समझ में आता है कि सीमावर्ती गाँव अपने देवी-देवताओं और परंपराओं से कितनी गहराई से जुड़े हुए हैं।

भंडारे में शामिल होने के बाद, यह महसूस हुआ कि यहाँ के लोग कितने मिलनसार और अपनी संस्कृति के प्रति समर्पित हैं।

निति वैली क्यों जाएँ?

अगर आप भीड़-भाड़ से दूर पहाड़ों में कुछ समय बिताना चाहते हैं, तो निति वैली आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। यहाँ के गाँव, ट्रेक और प्राकृतिक सौंदर्य आपका दिल जीत लेंगे।

  • प्राकृतिक खूबसूरती: हिमालय की चोटियों, नदियों और हरे-भरे बुग्यालों का अद्भुत मिश्रण।
  • शांत वातावरण: पर्यटकों की भीड़ से दूर एक शांत और सुकून भरी जगह।
  • संस्कृति और परंपरा: सीमावर्ती गाँवों की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को करीब से देखने का मौका।

निष्कर्ष

निति वैली और गमशाली बुग्याल ट्रेक एक यादगार अनुभव है। यहाँ की प्रकृति, संस्कृति और स्थानीय जीवन आपको पूरी तरह से मोहित कर लेंगे। अगर आप अद्वितीय दृश्यों के साथ शांत वातावरण की तलाश में हैं, तो यह जगह आपको निराश नहीं करेगी। अपनी अगली यात्रा के लिए इसे ज़रूर अपनी सूची में शामिल करें।

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