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स्वास्थ्य, संतुलन और शांति: शमाता अंचन की कहानी, Shamata Anchan

स्वास्थ्य, संतुलन और शांति शमाता अंचन की कहानी, Shamata Anchan

Shamata Anchan: जिंदगी में सफलता और खुशहाली के बीच संतुलन बनाना आसान काम नहीं। लेकिन अभिनेत्री शमाता अंचन, जिन्हें हमारे समाज और फिल्म उद्योग में प्रेरणा की मिसाल माना जाता है, ने यह सफर अनोखे अंदाज़ में तय किया है। एक मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से आई इस अभिनेत्री ने न केवल बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई, बल्कि अपने निजी जीवन और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी।

इस ब्लॉग में हम बात करेंगे शमाता के फिल्मी सफर, उनकी चुनौतियों, स्वास्थ्य और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण के बारे में।

Shamata Anchan

फिल्मी सफर की शुरुआत

शमाता का सफर साधारण नहीं था। उनका फिल्मी सफर फेमिना मिस इंडिया साउथ जीतने से शुरू हुआ। हालांकि, यह सफर उन्होंने खुद की कमाई से शुरू किया क्योंकि वे अपने माता-पिता पर निर्भर नहीं रहना चाहती थीं।

शमाता ने खुद कहा कि उन्होंने एक छोटी उम्र में मॉडलिंग के मौके तो देखे, लेकिन इस ओर गंभीरता से कदम तब बढ़ाया जब उन्हें अपने दम पर सब करने की प्रेरणा मिली। मिस इंडिया में भाग लेने के बाद, उनका आत्मविश्वास इतना बढ़ा कि उन्होंने एक्टिंग का मन बना लिया।

एक्टिंग में पहला कदम

शमाता की पहली बड़ी प्रोजेक्ट थी एवरेस्ट, जिसका निर्देशन मशहूर अशुतोष गोवारिकर ने किया। शमाता का कहना है, “एवरेस्ट पर काम करना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था।”

उतराखंड के बर्फीले पहाड़ों में शूटिंग करना आसान नहीं था। माइनस डिग्री तापमान में अपने डायलॉग याद करना और शूट करना किसी भी अभिनेता के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। लेकिन शमाता ने इसे एक सीखने का अनुभव माना। उन्होंने अपने काम के प्रति गोवारिकर सर की डेडिकेशन से बहुत कुछ सीखा।

राजिनीकांत के साथ काम का अनुभव

शमाता का नाम ऐसे अभिनेताओं की सूची में शामिल हो चुका है जिन्हें थलाइवा राजिनीकांत के साथ काम करने का मौका मिला। फिल्म दरबार में शमाता ने राजिनीकांत के साथ स्क्रीन शेयर की।

वे कहती हैं, “राजिनीकांत सर जैसे महान इंसान के साथ काम करना बेहद सम्मान की बात थी। वे इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद बहुत सहज और जमीन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने मुझे शूटिंग के समय बहुत सहज महसूस कराया, खासकर जब मैं तमिल में अपने डायलॉग्स को लेकर घबरा रही थी।”

व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य

काम से ब्रेक लेकर शमाता ने अपने निजी जीवन का आनंद लिया। उन्होंने अपने पति के साथ यात्रा की, अपने घर को संवारा और मानसिक शांति को प्राथमिकता दी।

शमाता ने बताया कि कोविड काल ने उनके जीवन को थोड़ा धीमा किया, लेकिन इसने परिवार और जीवनशैली पर ध्यान देने का मौका भी दिया। शमाता ने एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाई। उन्होंने अपने घर से हानिकारक उत्पादों को हटाया और आयरन और स्टील के बर्तन अपनाए। उनके मुताबिक, “शारीरिक फिटनेस पतले होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

सोशल मीडिया और प्रभाव

हालांकि शमाता खुद को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर नहीं मानतीं, लेकिन उनके इंस्टाग्राम फॉलोअर्स को उनकी तस्वीरें और यात्रा डायरी प्रेरित करती हैं। उनकी हर पोस्ट में उनकी सकारात्मकता और जीवन के प्रति उनका प्यार झलकता है।

वे निजी जीवन को सोशल मीडिया पर न दिखाने की कोशिश करती हैं। उनकी सोच है कि टीएमआई (बहुत ज्यादा जानकारी) कभी-कभी उल्टा असर कर सकती है।

आज और भविष्य

शमाता ने साफतौर पर कहा कि वे एक्टिंग की दुनिया में वापस आएंगी, लेकिन सही समय और सही प्रोजेक्ट के साथ। उनका मानना है कि एक मजबूत कहानी और प्रेरणादायक किरदार लेना उनकी प्राथमिकता होगी।

उनका सफर यह दिखाता है कि काम से छोटे या बड़े ब्रेक लेने से ना तो कलाकार की क्षमता कम होती है और ना ही उनके काम का महत्व।

निष्कर्ष

शमाता अंचन की कहानी न केवल एक प्रेरणा है, बल्कि यह यह भी सिखाती है कि सफलता और व्यक्तिगत खुशी में संतुलन बनाना कितना जरूरी है। उनके द्वारा अपनाई गई स्वस्थ जीवनशैली और मजबूत व्यक्तित्व उन्हें भीड़ से अलग बनाती है।

जैसे-जैसे शमाता वापस आने की योजना बना रही हैं, दर्शक उनसे कुछ और बेहतरीन किरदार देखने की उम्मीद करते हैं।

क्या आप भी शमाता की तरह जीवन में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार हमें जरूर बताएं!

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