टेस्ट मैच में ट्रिपल सेंचुरी लगाने के बाद भी करुण नायर क्यों दोबारा इंडियन क्रिकेट टीम में बल्लेबाजी करते नहीं दिखे, Original Reason Behind Karun Nair Drop Out From Indian Team

Original Reason Behind Karun Nair Drop Out

Original Reason Behind Karun Nair Drop Out: अगर मैं आपसे ये पूछूँ कि किसी भी क्रिकेटर के career का अंत आखिर क्यों होता है? तो आप क्या कहेंगे कि खिलाड़ी की उम्र हो जाती है और वो क्रिकेट से retirement ले लेता है? या खिलाड़ी की कोई injury उसके career के the end होने का कारण बन जाती है? या खिलाड़ी का form उसका साथ छोड़ देता है?

लेकिन कभी आपने ऐसा सुना है कि खिलाड़ी ने अपनी टीम के लिए तेहरा शतक मारा हो और उसका career खत्म हो गया. सुनने में जरूर ऐसा लगता है कि यार ऐसा थोड़ी हो सकता है. पर सच ये है कि हो सकता है. बिल्कुल हो सकता है.

Original Reason Behind Karun Nair Drop Out From Indian Team

Original Reason Behind Karun Nair Drop Out

आज आप इस video को end तक देखिए और आप खुद ही समझ जाएंगे कि कैसे करुण नायर के लिए वो तेहरा शतक उसके career का अंत बन गया. इस चीज को लेकर बहुत ज्यादा comments आते रहते थे. मुझे कि भाई करुण नायर के साथ ऐसा क्यों हुआ. क्या कोई politics हुई या कोई और reason था तो जैसा मैंने कहा पूरी स्टोरी एकदम clear and crisp आपके सामने रखी जाने वाली है. उसे सुनने, जानने और समझने के बाद आप खुद decide कर लेना कि इसे आप politics कहोगे या नहीं।

तारीख 19 दिसंबर 2016, Karnataka के Karun Nair Chennai में अपना तीसरा test match खेलने उतरे थे और किसी को उनके team में होने या ना होने से कोई बहुत फर्क भी नहीं पड़ता था क्योंकि असल में Karun Nair injured अजिंक्य रहाणे की जगह team में आए थे and Rahane खुद भी उस समय team के एक important player थे जो लगातार team के लिए उस number पे contribute करते रहते थे.

लेकिन असल मजा इसी का तो है कि जब किसी को आपके होने से फर्क तक ना पड़ रहा हो! उसी वक्त कुछ ऐसा करो कि वहां बैठे हर दिमाग को आपसे फर्क पड़ने लगे। तो बस कुछ ऐसा ही हुआ और करुण नायर उस दिन वीरेंद्र सहवाग के बाद भारत के ऐसे दूसरे बल्लेबाज बन गए जिन्होंने तेहरा शतक जड़ दिया।

मात्र एक दिन के अंदर पूरी दुनिया को पता चल गया कि करुण नायर कौन है और वो भी करुण नायर के तीसरे ही मैच में जहां मैच के तीसरे दिन करुण नायर 71 नॉट आउट के स्कोर पर पास लौटे थे तो वहीं चौथे दिन अकेले तेजी से 232 रन जड़ 300 का आंकड़ा पार कर लिया।

अगर आप उस मैच से related articles पढ़ेंगे तो क्रिकेट के दिग्गजों ने ये तक कह दिया था कि उस पारी में ऐसी एक भी बॉल नहीं थी जो करुण नायर ने मिस्टाइम करी हो या किसी भी बॉल पे उनका फुटवर्क कहीं पे भी गलत रहा हो.

इसी के साथ करुण नायर इतिहास के ऐसे तीसरे बल्लेबाज भी बन गए. जिन्होंने अपनी maiden century को ही triple century में convert कर दिया था. उम्र सिर्फ 25 साल थी और ये triple century भी कोई छोटी-मोटी team के खिलाफ नहीं बल्कि test की one of the best team इंग्लैंड के खिलाफ आई थी.

देश का कोई कोना ऐसा नहीं था. जहाँ से करुण नायर के लिए तारीफ ना आई हो. भारत के प्रधानमंत्री तक ने करुण  नायर को इस अद्भुत इनिंग के लिए बधाई दी थी. अब देखो करण नायर ने पूरे देश की उम्मीद तो जगा दी थी पर बड़ा player एक बार उम्मीद जगाने से तो नहीं बनते ना. जो उम्मीदें लोगों के मन में उमड़ चुकी हैं. आने वाले समय में जरुरत पड़ने पर उन उम्मीदों पे खरे उतरने से ही बड़ा player बनते है. लेकिन जहाँ करुण नायर अपने सपनों का महल सजा रहे थे.

उन्हें पता भी नहीं था कि चंद दिनों में ये महल टूट के बिखरने वाला है. क्योंकि उस इंग्लैंड series के just बाद फरवरी 2017 में भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना अगला मैच खेला और तेहरा शतक मार के आने वाले करूण नायर अगले ही मैच में drop.

अब देखो यहाँ पे ये चीज सुनने में जितनी अजीब मालूम पड़ती है. उतना शायद थी नहीं। क्योंकि भारत के vice captain अजिंक्य रहाणे team में वापसी कर चुके थे and जैसा मैंने कहा कि रहाणे  भी उस समय भारत के top player थे. जो सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि इंडिया के बाहर भी लगातार कठिन मौकों पर deliver कर रहे थे तो रहाणे के आते ही करुण नायर को बाहर जाना पड़ा.

Team में असल में ऐसा ऊपर कोई प्लेयर ही नहीं था जिसे यूँ ही drop कर दिया जाए. हाँ इसे कुदरत की नाइंसाफी जरूर कह सकते हैं. पर जिसने असल में उस दौर में मैचेस को देखा है वो इसे पुरे तरीके से पॉलिटिक्स तो बिल्कुल नहीं कह सकता। क्योंकि एक सच ये भी है कि लोगों को भले ही Karun Nair के लिए अफसोस जरूर हो रहा था. लेकिन उनका टीम में ना होना किसी के लिए बहुत शॉकिंग भी नहीं था. पर अब सवाल ये आता है कि आगे क्या हुआ? क्या करुण नायर को ट्रिपल सेंचुरी मारने के बाद कभी मौका ही नहीं मिला मिला!

भाई बिल्कुल मिला और यहीं से तो कहानी असल में दिलचस्प होने वाली थी तो अब कुछ देर पहले मैंने एक बात कही थी कि बड़ा प्लेयर एक बार उम्मीद जगाने से बनते हैं. जो उम्मीदें लोगों के मन में उमड़ चुकी है.

आने वाले समय में जरूरत पड़ने पर उन उम्मीदों पे खरे उतरने से ही बड़ा player बनते है तो Bangladesh के खिलाफ तो भले ही उन्हें एक भी match खेलने को नहीं मिला, लेकिन उसके बाद Australia के खिलाफ खेली गई series में भी नायर पहले test में bench गरम करते हुए नजर आए और वो match भारत को बुरे तरीके से 333 run से गवाना पड़ा।

जिसे देखते हुए Karun Nair को दूसरे टेस्ट में शामिल कर लिया गया. पर उस match में करण नायर मात्र 26 और शून्य का score ही कर पाए. जो बहुत ही ज्यादा disappointing रहा. पर उसके जस्ट बाद दोनों मैचों में भी करण नायर को चांस मिला तो उसमें भी वो एक में 23 तो दूसरे में मात्र 5 रन ही बना पाए।

अब वापस से मेरी उस लाइन को याद करिए कि करुण नायर ने उस तेहरे शतक से उम्मीदें तो जगा दी थी. लेकिन अगले चार मौके जहाँ पे उनसे लोगों को असल में सबसे ज्यादा उम्मीदें थी. वहाँ पे वो खरे नहीं उतर पाए. जैसा कम्पटीशन उस वक्त चला था चार test इनिंग में बुरे तरीके से फ्लॉप होना काफी नुकसान कर सकता था. उसके बाद करुण नायर को squad में जरूर शामिल करा गया.

चाहे अफगानिस्तान के खिलाफ test हो या इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच का tour हो. लेकिन उन्हें कभी भी playing eleven में मौका ही नहीं मिला और उसके भी ऊपर जले पे नमक ये रहा कि बीच tour में injury replacement के लिए बुलाए गए हनुमा विहारी को तक को series के पांचवें मैच में debut करा दिया गया लेकिन करण नायर को मौका नहीं दिया।

करुण नायर लगातार छह हफ्ते bench में निकाल दिए थे। selector से उनको select ना करने की वजह पूछी गई तो जवाब आया कि वो nets पे करुण नायर की batting से बहुत ज्यादा impress नहीं थे। और इसके बाद हुई वेस्टइंडीज के साथ series में करुण नायर को drop कर दिया गया क्योंकि हनुमा विहारी भी अब करण नायर से पहले पसंद किए जाने लगे।

मैं फिर से यहां पे एक और चीज कहूंगा कि ये सब अभी सुन के शायद कानों को ऐसा लगे कि यार बहुत गलत करा गया लेकिन जिसने असल में उन टूर्स को लगातार देखा है वो ही समझ सकता है कि ये सब असल में इतना अजीब भी नहीं लग रहा था.

क्योंकि ऐसा कभी लगा ही नहीं कि कोई undeserving बंदा team में जगह घेर रहा है या यूँ कहूँ कि लोगों को भी बहुत curiosity महसूस नहीं हुई कि यार Karun Nair को क्यों नहीं खिला रहे. बाकी जैसा मैंने कहा जब Karun Nair को drop करा गया तो फिर उन्हें India A team का कप्तान भी घोषित करा गया.

लेकिन run उनके बल्ले से नहीं निकले। वहाँ से और नीचे गए तो उनका first class season भी बहुत ज्यादा ordinary रहा जहाँ 2019 रणजी ट्रॉफी में उनकी average 24 की रही तो उसके अगले सीजन में भी मात्र 26 की ही average देखने को मिली। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से ले के विजय हजारे trophy से लेकर आईपीएल तक करुण नायर पूरे तरीके से फ्लॉप रहे और जहां लोग वैसे ही उनका नाम already भूलने लगे थे. करुण नायर ने उन्हें कोई reason भी नहीं दिया कि वो इस नाम को याद रखें।

करुण नायर की इस कहानी को मैं team politics का नाम तो बिल्कुल नहीं देना चाहूँगा। पर हाँ ये जरूर कहना चाहूंगा कि ये कहानी सबक है कि कैसे एक इंसान अपने जीवन की सबसे बड़ी success देखने के बाद भी मात्र कुछ ही पलों में ही कितना नीचे आ सकता है. इसलिए कहा जाता है कि एक अच्छा दिन आपको महान जरूर बना सकता है. लेकिन आपको महान बने रहने के लिए हर दिन अच्छा होना जरूरी होता है.

विराट कोहली सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, एमएस धोनी जैसे क्रिकेटर भी अपनी किसी पहली इनिंग से जरूर चमके। लेकिन ये महान तभी बने जब इन्होंने सिर्फ उम्मीद को जगाया ही नहीं बल्कि देश और टीम को उनसे जब-जब उम्मीद थी. उन उम्मीदों को तब-तब पूरा किया।

अब आपका करुण नायर की इस पूरी कहानी को जानने के बाद असल में क्या सोचना है जो भी ये वीडियो देख रहा है कमेंट में जरूर बताएं। और आपको सच में अगर ये कहानी पसंद आई तो जैसा मैंने कहा जो भी वीडियो देख रहा है वीडियो को एक लाइक भी जरूर दें और अगर अभी तक आपने हमारे channel को subscribe नहीं करा है तो please थोड़ा सा हौसला बढ़ाएं और channel को subscribe करें बाकी मिलते है next video में तब तक के लिए जय हिंद धन्यवाद.

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