Rahul Dravid Clashes with Sachin: कहते हैं कि वक्त और समय के साथ हर सवाल का जवाब मिल ही जाता है. लेकिन इसके बावजूद कई बार इंसान के जीवन में कुछ ऐसे सवाल होते हैं कि वो चाहे कितनी भी कोशिश कर ले उन्हें उसके जवाब कभी नहीं मिलते कभी भी नहीं और जब बात आती है Indian cricket की तो ऐसा इकलौता सवाल जिसका जवाब आज भी किसी बंदे के पास नहीं है कि आखिर 29 मार्च 2004 को मुल्तान में चल रहे match में जब सचिन 194 के score पे थे तो Dravid ने पारी declare क्यों करी?
मतलब इतना important सवाल लेकिन आज भी अगर 10 लोगों के पास जा के आप इस सवाल का जवाब पूछेंगे तो आपको आज भी 10 अलग-अलग जवाब मिलेंगे। कोई कहेगा अरे Dravid ने Sachin से बदला निकाला। कोई कहेगा कि Dravid जलता था Sachin से। कोई कहेगा Sachin भारत को हराना चाहता था.
तो कोई कहेगा Sachin Dravid से ऐसा करवा के Dravid को बुरा दिखाना चाहता था और कोई कहेगा Dravid ही मतलबी था. कोई कहेगा सचिन ही मतलबी था और जब भी आप इन लोगों से इनकी इस खुद की बनाई गई थ्योरी के पीछे के तर्क पूछोगे तो पूरे तरीके से सन्नाटा छा जाएगा।
सचिन के fans ने पूरी story सचिन के side की रखी और Dravid के fans ने पूरी story Dravid के side की रखी और वो भी सब झूठी पर आज मैं आपके सामने दोनों ही side की 100% सच्ची story रखूँगा। लेकिन मैं पहले ही clear कर दूँ कि मैं यहाँ पे एक percent भी किसी को blame नहीं करने वाला।
बस जैसा मैंने कहा पूरी घटना को सारे तथ्यों और तर्कों के साथ आपके सामने जीवित करने वाला हूँ कि इस article को पढ़ने के बाद जो भी बंदा अपनी थ्योरी बनाए उसके पीछे एक valid reason रहे ना कि किसी individual player के प्रति दीवानगी।
क्यों राहुल द्रविड़ ने सचिन तेंदुलकर का 200 रुकवाया था
तो कहानी असल में शुरू हुई थी 14 मार्च 2004 से, भारत पाकिस्तान tour पे होता है. जहाँ वो पांच वनडे और तीन test मैच की series खेलने आया होता है और वो भी सौरव गांगुली की कप्तानी में।
पहले वनडे series खेली जाती है and ये tour अगर किसी को याद ना हो तो मैं बता दूँ कि ये one of the best tours बन गया था इंडियन क्रिकेट हिस्ट्री का क्योंकि पहले जहाँ भारत पाँच मैच की one डे series में एक-दो से पीछे थी तो उसके बावजूद भारत ने बचे दो मैच जीत के पाकिस्तान को पाकिस्तान में ही वनडे series में तीन दो से धूल चटा दी थी.
पर अब बारी थी तीन मैच की test series की 28 मार्च को जहाँ भारत test खेलने को उतरने वाली थी तो उससे ठीक एक दिन पहले भारत को एक बड़ा झटका लगता है कि उनके कप्तान सौरव गांगुली injured हो जाते हैं और रातों-रात अगले दिन का test खेलने के लिए कप्तान घोषित करा जाता है, राहुल द्रविड़ को.
अब बहुत लोगों का analysis उस कहानी को लेके ये भी है कि अगर उस दिन Dravid की जगह Ganguly ही कप्तान रहे होते तो शायद वो होता ही नहीं जो कि होने वाला था. मैच शुरू होता है तो भारतीय कप्तान Rahul Dravid टॉस जीत के पहले बल्लेबाजी का फैसला करते है और उसी पहले inning में भारत का नाम एक बड़े record से जुड़ जाता है क्योंकि opener Virender Sehwag भारत की तरफ से triple century मारने वाले पहले बल्लेबाज बन जाते है.
6 छक्के और 39 चौकों से सजी इस पारी में सिर्फ 375 गेंदों का सामना करते हुए Sehwag ने 309 रन जड़ दिए थे। भारत के पास एक अच्छा platform था बड़ा score करने का. पर अब कहानी को सीधे fast forward करते हैं उसी टेस्ट के दूसरे दिन पे जब tea break के वक़्त भारत का score था 588 पे 4 wicket और सचिन जहाँ 164 not out पे थे तो युवराज 11 not out पे थे.
और तीसरे सेशन में जाने से पहले भारत के कैप्टेन राहुल द्रविड़ की तरफ से सचिन को convey करा गया था कि हम दिन के 15 ओवर रहते हुए पारी को declare कर देंगे। तीसरे session में आते ही Sachin ने थोड़ा speed में खेलते हुए 35 ball पे 29 run जरूर जोड़े पर जब दिन में 17 over कराने बाकी थे. Sachin 194 पे not out खड़े थे.
तभी Ramesh Pawar एक message के साथ मैदान में आते हुए दिखाई देते हैं. जिसके बारे में जिक्र करते हुए Sachin ने बाद में बताया था कि Pawar ये message लेके आए थे कि ये आखिरी ओवर होगा और इसके बाद India इनिंग declare कर देगा।
मतलब Sachin के पास बस एक over होता है अपना दोहरा शतक पूरा करने के लिए वो छह run दूर थे और strike पे थे. Yuvraj Singh उस over की पहली दो ball dot करते है. तीसरी पे double लेते है. fourth पे dot करते है और fifth पे caught and bowled हो जाते है और तभी camera जाता है dressing room की तरफ जहाँ से Dravid पारी को declare कर team को वापस आने का इशारा कर देते है.
Sachin के चेहरे पे एक बहुत बड़ा disappointment दिखाई दे रहा होता है और जनता हताश होती है किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्यों करा गया? अभी तो दिन पूरा होने में 16.1 over बचे थे. मैं यहाँ पे बता दूँ कि अभी तक जो भी मैंने आपको बताया और जो भी आगे बताने वाला हूँ, इसका पूरा जिक्र आपको सचिन की autobiography की किताब “Playing It My Way” में आपको पढ़ने को मिल जाएगा।
अब आगे की कहानी जो सचिन ने बताई वो सुन के आप चौंक जाएंगे और राहुल द्रविड़ ने उस दिन ऐसा करने के पीछे क्या कारण दिया था. उसे सुन के तो आप और भी ज्यादा चौंक जाएंगे।
सचिन ने अपनी किताब में इसका जिक्र करते हुए लिखा था कि मुझे tea break में convey करा गया था कि team 15 over रहते हुए declare करेगी तो मुझे वो last over शुरू होने से पहले लगा था कि मेरे पास अब भी 12 balls बची हैं. लेकिन युवराज का wicket गिरते ही पारी को एक over पहले ही declare कर दिया गया और मैं इस चीज से काफी सदमे में था क्योंकि मुझे इसका कोई logic नहीं आ रहा था।
सचिन ने आगे जिक्र करा कि जब वो वापस dressing रूम में गए तो वो काफी ज्यादा नाराज mental स्टेट में थे. इसलिए उन्होंने coach जॉन राइट से कहा कि वो काफी batting करके आए हैं और दिन पूरा होने में एक ही घंटा बचा है तो वो fielding की बजाय rest करना चाहेंगे।
सचिन बताते हैं कि फिर जब वो washroom में जाकर मुंह धोने लगे तो John Right उनके पास आए और उन्होंने कहा sorry मुझे idea नहीं था कि Dravid innings declared करेंगे और उसके बाद सौरव गांगुली जो असल में भारतीय टीम के फुल टाइम कैप्टन थे. उन्होंने भी उनसे यही कहा कि उनका भी इस declaration में कोई हाथ नहीं है। जब मीडिया में Dravid से पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों करा?
तो द्रविड़ का बयान था कि ऐसा करना टीम के लिए best था क्योंकि सिर्फ दिन पूरा होने में एक घंटा ही बाकी था and हम पाकिस्तान को उस आखिरी घंटे में batting करा उन्हें pressure में डालना चाहते थे। अब सचिन ने अगले दिन की सुबह dravid के साथ हुई conversation का जिक्र है जो autobiography में करा है, वो सुनिए।
सचिन कहते हैं कि अगली सुबह Dravid मेरे पास आए और बोले कि I got to know कि तुम कुछ परेशान हो। तो सचिन ने सीधे कहा कि हाँ मैं हूँ, क्योंकि हमारी बात हुई थी कि पंद्रह ओवर रहते हुए इनिंग declare करी जाएगी। तो एक ओवर पहले पारी क्यों declare करी गई? जिसपे Dravid ने कहा कि ये फैसला टीम के हित में लिया गया है। क्योंकि हम सब यहाँ जीत के लिए खेल रहे हैं।
तो उस वक्त सचिन ने Dravid को एक सिडनी test मैच याद दिलाते हुए कहा कि ऐसे ही जब गांगुली पारी declare करने के लिए मैसेज भेजे जा रहे थे तो Dravid उसके बाद भी batting करते रहे और सचिन ने द्रविड़ से ये तक कहा कि अगर उस दिन गांगुली वो पारी declare कर देते तो हम वो मैच जीत सकते थे.
जिसपे फिर से द्रविड़ ने बस इतना ही कहा कि सचिन तुम्हें दोहरा शतक पूरा करने के और भी मौके मिलेंगे। पर सचिन ने इस बात पे भी disagree करते हुए बोल दिया कि नहीं ऐसा नहीं है। तब मुझे अपनी इनिंग को दोबारा जीरो से start करना होगा ना कि 194 से.
लेकिन अब बात फिर से आती है जॉन राइट पे जिन्होंने भले ही उस दिन सचिन से ये कहा था कि declare के फैसले में उनका हाथ नहीं था लेकिन अपनी book इंडियन summers में राइट ने खुद लिखा है कि सचिन के पास काफी टाइम था अपना दोहरा शतक complete करने के लिए लेकिन वो काफी slow खेल रहे थे अगर वो थोड़ा भी जल्दी खेलते तो शायद इतने complications होते ही नहीं.
even राइट ने तो ये तक उसमें लिखा है कि जब टी ब्रेक के वक्त द्रविड़ सचिन से ये कह रहे थे कि हम पंद्रह ओवर रहते हुए पारी को declare करेंगे तो मुझे तो ये लगा था कि सचिन यहाँ पे खुद उसी वक्त ही पारी declare करने को कह देंगे.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ बाकी सचिन ने द्रविड़ के साथ हुई उस conversation का जिक्र करते हुए एक last बात और लिखी थी कि मैंने उस दिन Dravid से ये भी कह दिया था कि जो हुआ है उस वजह से field पे आपको मेरी तरफ से कोई compromise देखने को नहीं मिलेगा लेकिन मुझे इस incident को पचाने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए होगा पर ऐसा कुछ लंबा चला नहीं.
क्योंकि उसी match के तीसरे दिन की last ball पे सचिन की एक शानदार googly ने मोइन खान को जैसे ही bowled मारा तो Dravid ने उन्हें कसके गले लगा लिया और दोनों ही जो हुआ था उसे पूरे तरीके से भूल गए क्योंकि भारत ने वो match ही सिर्फ inning और बावन run से नहीं जीता बल्कि वो test series भी दो एक से जीत ली थी जिसके last match में Dravid ने शानदार दो सौ सत्तर run की पारी खेली थी.
इसके बाद हजारों मौकों पे दोनों ने यही कहा कि देखिए opinions में अंतर कहाँ नहीं होता। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ था जो short हो गया. हम दोनों ने उसके बाद कई match winning partnership साथ में करी और हम दोनों ही बहुत अच्छे दोस्त है और last moment तक रहेंगे। तो बस अब मैंने आपके सामने उस घटना का एक एक टुकड़ा रख दिया है और अब असल में आप सक्षम है कि अपनी राय दे सके क्योंकि अब आप दोनों पक्ष की कहानी जानते है.