Story Behind Business Model of IPL: IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) ना सिर्फ भारत का बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा sports league बन चुका है. जिसमें खेलने के लिए दुनिया भर के खिलाड़ी हर कसौटी पर खरे उतरने को तैयार है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसे premier league तो दुनिया भर में अलग-अलग नामों से खेले जाते है. चाहे वो Big Bash हो या फिर PSL लेकिन वहाँ पर कोई भारतीय खिलाड़ी खेलने नहीं जाता है. उसके बावजूद पूरी दुनिया के खिलाड़ी IPL में खेलने क्यों आते है और क्यों IPL को ही सबसे बड़ा league दर्जा का मिला है.
Story Behind Business Model of IPL
दोस्तों इसकी कहानी काफी दिलचस्प है. जिसे आज की इस स्टोरी में हम समझेंगे कि BCCI का IPL के पीछे का business model क्या है?
जैसे की आप सबको पता है कि IPL T20 format में खेले जाने वाला एक cricket league है. जिसे cricket का सबसे shortest form भी कहा जाता है. जी हाँ T20 क्रिकेट को साल 2003 में introduce किया गया था. जब England की team ने इस छोटे-छोटे 20 over का खेल शुरू किया। इससे पहले cricket के सिर्फ दो format थे. पहला था One Day Internationals यानी ODI, दूसरा format था first class cricket जहाँ पर एक single match 3 से लेकर 5 दिन तक खेला जाता था.
अब ऐसे में सवाल ये है कि नए format को introduce करने की ज़रूरत क्यों पड़ी। दोस्तों ये बात तो बिलकुल साफ है कि दुनिया भर में बहुत ही कम देशों में cricket match खेले जाते थे क्योंकि इसका minimum format 50 overs का होता था. मतलब आठ घंटे का game. मतलब दिन भर चलने वाला game. ऐसे में बाकी की खेल जैसे की football को ही ले लो तो महज तीन घंटे में ही खत्म हो जाने वाला खेल था. इसलिए दुनिया भर में इसकी popularity cricket से ज्यादा थी.
यही कारण था दोस्तों कि cricket को लेकर कोई league भी नहीं हुआ करती थी. जैसा कि football के साथ था. खैर इस बात को ध्यान में रखते हुए cricket को थोड़ा popular बनाने के लिए England में खेले जाने वाली Twenty Twenty cricket को international level पर introduce किया गया और 2005 में England और New Zealand ने पहला T twenty match खेला।
लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि यह पहला T Twenty match women’s team के बीच हुआ था. जी हाँ ऐसे में T twenty match को उस दौर में महिला खिलाड़ियों के लिए बेइज्जती के तौर पर देखा गया था। लेकिन बाद में जब men’s team ने भी T twenty match खेलना शुरू किया। तब जाकर कहीं ये एक concept normal हो पाया। ऐसे में जब ये T twenty match normal होने लगे तब ऐसा लगा कि आसानी से इसके साथ league का concept set किया जा सकता है। क्योंकि ये भी अब तीन घंटे में खत्म होने वाला खेल बन चूका था।
लेकिन जहाँ दुनिया भर में cricket league का कोई concept था ही नहीं वहीं India में businessman Lalit Modi 1990 से कोशिश कर रहे थे कि एक league base cricket concept पर काम किया जाए. league क्रिकेट basically model किया गया है NBA के around जो एक basketball league है. जहाँ पर इन league में team को own किया जाता है बड़ी प्राइवेट कंपनियों के द्वारा। idea ये था कि इससे cricket को और commercialize बन जाएगा और साथ ही साथ और entertaining भी और इसी तरीके से इसकी एंटरटेनिंग appeal भी बढ़ाई जा सकेगी ताकि और crowd ज्यादा संख्या में match देखने आए और पैसा बनाया जा सके.
इसी thought के साथ India में Indian cricket league की शुरुआत हुई. जिसे दो हज़ार सात और दो हज़ार नौ के बीच दो सालों तक खेला गया. लेकिन Indian cricket league को BCCI का approval नहीं मिला तो Lalit Modi और BCCI ने साथ में मिलकर एक नई league की शुरुआत की. जहाँ पे BCCI की active involvement शुरू से ही बनी रही. इस नई league को नाम दिया गया Indian Premier League और ऐसे खेला गया IPL का पहला season. लेकिन ये premier league शायद इतनी successful नहीं हो पाती अगर भारत दो हजार सात का world cup नहीं जीता होता।
तो interesting बात तो ये है कि दोस्तों IPL से शुरू होने से कुछ महीने पहले India ने दुनिया में खेला गया पहला T twenty world cup जीत लिया और वो भी अपने सबसे बड़े competitor पाकिस्तान को हराकर। final का वो दिलचस्प मैच और वो आखिरी over तक साँस रोक देने वाला game जब पाकिस्तान ने अपने नौ wicket गंवा दिए थे और जब आखिरी कुछ गेंदों में सिर्फ एक boundary की जरूरत थी.
ऐसे में world cup जितने की काफी high pressure situation बनी हुई थी और हमारे iconic लंबे बालों वाले captain cool एमएस धोनी ने श्रीसंत को एक ऐसी जगह फील्डिंग करने भेजा जहाँ ball बहुत कम आती थी. शायद ये धोनी की किस्मत थी कि जब पाकिस्तान के batsman मिस्बा ने छक्का मारने की कोशिश में बॉल को पीछे से मारा तो वो सीधा Shreesanth के हाथों में जाके कैच हुई.
आज भी Ravi Shastri की आवाज में Sreesanth का वह catch हर भारतीय cricket प्रेमी के जेहन में बसा हुआ है – in the air Sreesanth takes it. जी हाँ इस रोमांचक मुकाबले ने भारत के लोगों को T Twenty match का दीवाना बना दिया था. इसलिए world cup जीतकर जब IPL खेला गया तो जो T twenty world cup की image थी वो लोगों के दिमाग में काफी fresh थी. इसलिए IPL को जबरदस्त viewership मिली।
लेकिन IPL की शुरूआती success सिर्फ world cup की वजह से ही नहीं आयी थी बल्कि IPLकी marketing इतनी aggressively की गयी थी कि शायद ही देश में कोई ऐसा होगा जिसे IPL क्या होता है उसका मतलब ना पता हो. उस समय Radio और TV भरे हुए थे IPL के promotion से. चूँकि उस समय IPL की दो टीमों को तो Bollywood stars के द्वारा भी own किया जाता था. इसलिए लोगों की दिलचस्पी और ज्यादा बढ़ गयी.
जहाँ एक तरफ Punjab की team को Preity Zinta own करती थी तो वहीं Shahrukh Khan और Juhi Chawla साथ में Kolkata Knight Riders में सह-मालिक थे. इसके अलावा Katrina Kaif एक और team की brand ambassador थी तो इससे आप देख सकते हैं कि clearly Bollywood के star power को भी IPL के promotion के लिए बहुत अच्छी तरीके से use किया गया और इस promotion strategy को और थोड़ा गौर से समझे तो IPL के promotion के लिए team की jersey को बहुत colourful बना दिया गया ताकि वो दूर से ही नज़र आ जाए.
हर team के पास cheerleaders भी थी जो ground पर excitement को और बढ़ाती थी, match और उसके बाद, after parties ये सब बहुत common था. जहाँ देश के बड़े बड़े personalities cricket से, Bollywood से, business से साथ में मिलते थे और इससे तो आप समझ ही सकते है कि दोस्तों अब आईपीएल instantly कितना high profile tournament बन गया और इस देश में cricket के लिए कितना प्रेम है ये बात कोई छुपाने वाली थोड़ी है और IPL की success में इसी cricket ने भी बहुत बड़ा role निभाया।
क्योंकि अपने पहले season के पहले match में ही Kolkata Knight Riders और Royal Challengers Bangalore के बीच हुए मुकाबले में Brandon McCullum ने 158 run की ऐतिहासिक पारी खेली जिसमें उन्होंने लगभग हर गेंद को boundary के बाहर मारकर IPL का future तय कर दिया था और लोगों के लिए IPL cricket का सबसे entertaining हिस्सा बन गया.
इसलिए stadium, April और मई में पड़ी गर्मी के बावजूद भी खचाखच भरने लगा. जिससे भारी ticket sale से खूब कमाई होनी शुरू हो गयी थी. in fact Shahrukh Khan की team Kolkata Knight Riders जिसे उन्होंने 550 करोड़ रूपए में खरीदा था. उन्होंने अपना पैसा पहले season में ही recover कर लिया ये सोचने वाली बात है दोस्तों कि दो महीने के अंदर ही अंदर एक team ने पैसा कैसे recover कर लिया। इसे समझने के
लिए हमें इसके process को समझना पड़ेगा।
दोस्तों आपको पता है कि जब कोई company किसी team को खरीदने के लिए बोली लगाती है तो उसमें जो सबसे ज्यादा बोली लगती है उसी के हाथ में team आ जाती है IPL की जितनी teams है उनकी value अलग अलग भी हो सकती है. क्योंकि उनके लिए similar बोली लगी हो ये possible नहीं है. खैर इस तरह से जब team decide हो जाती है तो फिर BCCI जो IPL को host करवाता है वो इस league के broadcasting rights को बेचता है.
Broadcasting rights बेचने का मतलब ये होता है कि IPL को TV पर किस channel पर दिखाया जाएगा। इसके लिए अलग अलग TV channel IPL के right खरीदने के लिए बोली लगाते है. जो highest बोली लगाते है उन्हीं को IPL broadcasting के rights मिल जाते है. इसी तरह की पूरी कमाई उनके हाथों में आ जाती है
अब इसके बाद आते है brand endorsement यानी की sponsorship. जहाँ पर brands पैसे देते है IPL को या किसी individual team को अपना brand name उनके साथ associate करने के लिए. example के लिए आप समझ सकते है कि पिछले दो साल से IPL को TATA sponsor कर रहा है. जी हाँ इसलिए आज उसे TATA IPL कह के बुलाया जाता है. लेकिन Tata से पहले Vivo उसके पहले Pepsi और पहले DLF जैसी कंपनियाँ IPL को sponsor कर चुकी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये brand title sponsor होते है और IPL को पैसा देते है ताकि वो अपने नाम को IPL के साथ associate कर सके.
इस तरीके से IPL के अलग-अलग part में अलग-अलग sponsors होते है जैसे की IPL का जो strategic time out है. उसमे CEAT Tyre strategic time out के नाम से उसे बुलाया जाता है. क्योंकि इस ढाई मिनट के break को Ceat tyre sponsor करता है. इसके अलावा छक्कों से लेकर player of the match और Fair Play Award तक हर चीज को किसी ना किसी company की तरफ से sponsor किया जाता है.
इसके अलावा आप किसी team की particular jersey पर देखेंगे तो वहाँ पर भी बहुत सारे कंपनियों के logo आपको देखने को मिल जाएँगे। जिसका एक सबसे ज्यादा controversial example Manforce कंडोम का था. क्योंकि Kings Eleven Punjab की team ने अपनी jersey के पीछे Manforce का logo लगाया था. क्योंकि इस company ने Kings Eleven Punjab को sponsor किया था. ऐसे में देशभर में ये बात होने लगी कि condoms की company sports में अपना promotion कैसे करवा सकती है.
ये सब तो IPL के business model के तहत आने वाली चीज़ें हो गयी दोस्तों। लेकिन यहाँ पर एक सवाल आपके दिमाग में ज़रूर आ रहा होगा कि sponsorship से और brand promotion और broadcasting से जो पैसे आते हैं वह किसके पास जाते हैं. दोस्तों ये पैसे वैसे तो BCCI के जाते है. लेकिन ऐसा नहीं है कि BCCI सारा पैसा खुद के लिए रख लेता है. BCCI का एक revenue sharing model है जो franchise के साथ revenue share करता है. मतलब individual team के साथ और ये पैसा BCCI आधा अपने पास रख लेता है और आधा बाकी teams में बाँट देता है.
IPL team के लिए यह सबसे बड़ा source of income भी है. लेकिन ये इकलौता source of income नहीं है. हमने आपको बताया था कि company individual team को भी पैसा देती है, अपने brand promotion के लिए. इसके अलावा IPL team कुछ पैसा merchandise sales से भी कमाती है. merchandise मतलब जो jersey है team की वो दुकानों में भी बिकती है. आप उन्हें घर में पहनने के लिए खरीदते है. फिर stadium में ticket बिकती है, ticket sales होती है. वहाँ से भी पैसा आता है तो इस तरीके से central revenue plus local revenue मिलाकर हर team के लिए कई सौ करोड़ रुपए के आसपास की कमाई हो जाती है.
अपने इस revenue से हर बार जब खिलाड़ियों की बोली लगती है तो टीमें उन्हें खरीदने के लिए पैसे लगाती है. पैसे लगाने का खेल भी काफी popular है. दोस्तों जो IPL ऑक्शन के रूप में हर साल से फरवरी के around देखने को मिल ही जाता है. लेकिन यहाँ पर team के पास एक लिमिट होती है कि वह उसी limited money में अपनी team के लिए खिलाड़ियों की खरीद फरोख्त कर सकती है. जी हाँ और ये limit हर team के लिए एक जैसी होती है. अगर ऐसा नहीं होता तो जो team सबसे अमीर होती है वही सबसे best players को खरीदकर अपने साथ ले जाती है.
इस साल यानी 2023 में total salary cap 95 करोड़ रुपए per team थी. लेकिन इसके बावजूद ऑक्शन में कभी कभी किसी player पर बहुत बड़ा दांव खेलते हुए उसे बहुत ज्यादा amount में खरीद लेती है. जैसे अगर 2008 की बात बताए तो IPL के first season में Dhoni सबसे ज्यादा एक्सपेंसिव player थे. जिन्हें चेन्नई ने अपने साथ खेलने के लिए साढ़े नौ करोड़ रुपए दिए थे. इसके बाद कई ऐसे खिलाड़ी हुए जिन पर टीमों ने करोड़ों रुपए न्योछावर किए जिसमें 2021 में क्रिस मोरिस को 16.25 करोड़ रुपए में सबसे महंगे प्लेयर के रूप में खरीदा गया था.
लेकिन 2023 के auction में पंजाब ने सैम करण को आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर के रूप में खरीदा और उन्हें 18 करोड़ रुपए मिले. यही एक पॉइंट है दोस्तों जिसकी वजह से आईपीएल एक अलग और facility वाला competition बन जाता है. आईपीएल में भले ही team का नाम शहर के नाम पर हो.
लेकिन उसके बावजूद भी उसमे दूसरे शहर से लेकर के दूसरे देश तक के खिलाडी खेल सकते है और यही international player IPL को और entertaining बनाने का काम करते है चाहे वे Chris Gayle हो या फिर AB डिविलियर्स, Maxwell, Mccullum, लसिथ Malinga हो या Dayan Bravo, इन सबको IPL में constantly खेलते हुए देखा गया है और आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ international player अपने देश के लिए खेलने के बजाय IPL में खेलना ज्यादा prefer करते है. क्योंकि उन्हें लगता है कि वो दो महीने में IPL से जितना पैसा कमा लेंगे उतना वे साल भर में अपने देश के लिए खेलकर नहीं कमा पाएँगे.
अब आपको लगता होगा कि cricket में तो बहुत पैसा है. दोस्तों ये सिर्फ भारत के लिए सच है. बहुत सारे देश है. जहाँ पर cricket खेलने वाले लोग तो बहुत ज्यादा है. लेकिन उस पर पैसा लगाने को कोई तैयार नहीं है. जिसका सबसे बड़ा example West Indies ही ले लीजिए. जहाँ के खिलाड़ियों ने cricket को कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया. ये तो दुनिया जानती है लेकिन उसके बावजूद भी आज West Indies Board के पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने खिलाड़ियों को भारत के खिलाड़ियों जितना payment दे सके.
इसके अलावा भी international खिलाड़ियों का IPL खेलने के पीछे दूसरा जो सबसे बड़ा कारण होता है वह है top level competition जहाँ पर दुनिया भर के top players एक दूसरे से compete करते है और ऐसे में इन सभी को cricket का सबसे high level competition समझ में आता है और ये है उनके cricket के लिए काफी अच्छा है.
हर किसी को मौका मिलता है दोस्तों कि वो अपनी पहचान बना सके, जगह बना सके और obviously जब इतने cricketers जितने जोश से खेल रहे हो तो match भी बड़े exciting होते है और कौन नहीं चाहता कि एक T twenty game super over तक चला जाए. exciting matches की वजह से
ही viewership बढ़ती है और जब viewership बढ़ती है तो broadcast rides का price भी बढ़ जाता है.
जिसका एक हिस्सा franchise को जाता है इसी model के चलते overall long term period में सारे franchise profitable हुए है. इससे जुड़ा आंकड़ा आपके साथ share करें तो 2008 से लेकर 2017 के बीच almost 10 साल के time period में ही IPL के broadcasting rights का price double हो गया है और time period आधा हो गया था.
इसे ऐसे समझिए कि 2008 से 2017 के लिए Sony ने BCCI को broadcasting के लिए जितने पैसे दिए थे. उसका दो गुना पैसा Star ने 2017 में BCCI को दिए वह भी महज 5 साल के लिए. मतलब almost चार गुना value बढ़ गई. इसके अलावा इस साल broadcasting write TV और OTT के लिए अलग-अलग बिके. इसलिए जहाँ Jio Cinema आईपीएल को OTT पर present कर रहा है तो वहीं TV पर यह किसी और स्टार स्पोर्ट्स के नेटवर्क channel पर दिखाया जा रहा है.
इसलिए कहा जाता है कि आईपीएल का जो revenue model है वो design ही इस तरीके से किया जाता है कि सारी parties को profit हो. क्योंकि आईपीएल में loss की कोई गुंजाइश नहीं है दोस्तों। लेकिन ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि आईपीएल purely money based है. इस बात से मना नहीं किया जा सकता है कि आईपीएल में बहुत ज्यादा पैसा involve है। लेकिन आईपीएल ने इंडियन क्रिकेट में भी बहुत बेहतरीन contribution किया है।
आईपीएल में एक बड़ा interesting rule है दोस्तों जिसकी वजह से Indian cricket को बहुत फायदा पहुँचता है। इस rule के अनुसार हर team को at least चार under nineteen players अपनी team में रखने पड़ते हैं। जरूरी नहीं है कि playing eleven में चार under nineteen players हमेशा खेले। लेकिन young players को ये भी opportunity देना कि उन्हें team में हिस्सा मिले ये उनके talent लिए इसके लिए आईपीएल में नए players हमेशा उभरकर आते है.
हर साल कई ऐसे young क्रिकेटर होते है दोस्तों जो IPL के through अपना talent दिखा पाते है. चाहे वो Jasprit Bumrah हो या Yuzvendra Chahal हो, Sanju Samson या Shreyas Iyer हो. IPL एक ऐसा tournament है जो ऐसे young players को train करके तैयार करता है international competition के लिए.
इसका शायद सबसे बड़ा example रहे है Ishan Kishan जिन्होंने पहली बार IPL 2016 में खेला था जब वो सिर्फ 18 साल के थे और 2020 के IPL में वो highest run score batsman रहे और साल 2022 में वो highest paid player of the year बन गए. Mumbai Indians ने उन्हें 15.25 करोड़ रूपए में खरीदा था.
IPL से ही निकलकर कुछ players तो जाकर national team का भी हिस्सा बन गए है. इसलिए कोई player अगर अपनी performance दिखाता है IPL में तो Indian team उनके लिए दूर नहीं रहती क्योंकि सिर्फ selectors आपके performance नहीं देख रहे है बल्कि पूरी दुनिया आपकी टीवी पर performance देखती है player जो famous बनते है.
दोस्तों तो BCCI पर pressure पड़ता है कि वो उन players को national team में खेलने का मौका दे. खैर अब तक तो ये mens IPL की बात हो रही थी. लेकिन इस साल से women IPL की भी शुरुआत हो चुकी है. वैसे तो BCCI काफी टाइम से इस चीज़ में interested रहा है कि एक women’s IPL की शुरुआत की जाए. लेकिन ये चीज़ हो नहीं पा रही थी. finally इस साल ये हो गयी है. जिसके chances है कि आने वाले सालों में women’s IPL भी काफी popular हो जाएगा।
तो दोस्तों ये था IPL का वह business model जिसमें जो भी पैसा लगाता है उसे कोई नुकसान नहीं होता। बल्कि आज के समय में तो इसी IPL के दम पर कितने सारे ऐसे apps आ गए है जो जेब भर-भर के पैसा लगाने के लिए public को भी promote करते है. जिसके जरिए IPL की बेहतर समझ रखने वाले इन app की मदद से पैसा भी कमाते है और गवाते भी है. आज के समय में आईपीएल किसी त्यौहार से कम नहीं है. ये बात तो आप और हम बहुत अच्छे से समझते हैं.