Unsolved Mysteries of Great Pyramid of Giza: अरबी की एक पुरानी कहावत है, “आदमी वक्त से डरता है और वक्त pyramid से डरता है” तभी तो 4500 से ज्यादा साल गुजर गए, लेकिन गीजा का ग्रेट पिरामिड, वक्त की मार झेलते हुए भी जैसा का तैसा खड़ा है। इतने लंबे समय में वक्त भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाया।
मिस्र के “ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गीज़ा” के अनसुलझे रहस्य
दुनिया के प्राचीन 7 अजूबों में से सिर्फ गीजा का एक महान पिरामिड ही बचा है। बाकी के 6 प्राचीन अजूबे वक्त की मार में कहाँ गायब हो गए पता ही नहीं चला। जब भी हमें अपनी आधुनिक तकनीक पर घमंड हो तो हमें वक्त में एक बार पीछे मुड़कर गीजा के इस महान पिरामिड को जरूर देखना चाहिए। क्या हमने अपनी आधुनिक technology से ऐसा कुछ बनाया है, जो बिना किसी maintenance के गीजा के इस महान पिरामिड की तरह 4500 सालो तक वक्त की मार झेल पाए।
क्या है, ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गीज़ा?
यूँ तो पृथ्वी पर जगह-जगह पिरामिड मौजूद है। लेकिन गीजा का पिरामिड ग्रेट रहस्यों से भरा पड़ा है। ग्रेट पिरामिड के रहस्यों ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रखा है और ये प्राचीन काल के 7 अजूबों में से एक है। दरअसल मिस्त्र में गीजा के कारो शहर के पास 3 पिरामिड का एक समूह है। जिनमें से एक है the great पिरामिड। ग्रेट पिरामिड इन तीनों में सबसे बड़ा और सबसे पुराना है। इसे खुफु का पिरामिड भी बोला जाता है। इन तीनों पिरामिड्स के साथ ही यहाँ पर मौजूद है, ग्रेट स्फिंक्स ऑफ़ गीजा। ये एक मिथिकल क्रेचर है. जिसका सिर इंसान का है और बॉडी शेर की तरह. ऐसा लगता है जैसे ये sphinx इन तीनों पिरामिड्स की रखवाली कर रहा हो। चलिए अब जानते है कि इन विशाल structures में वो कौन से रहस्य है जो हमें परेशान करते हैं।
ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गीज़ा का Perfect Geometry and Geography से निर्माण
ऊपर के तस्वीर में इस triangle को देखिए. ये बिल्कुल पिरामिड के आकार का ही है। इसकी एक side इस mythical creature यानि स्फिंक्स के सिर से गुजरती है। अगर हम ग्रेट पिरामिड (the great pyramid) के आधार की आउट line बनाए और उसको right side में खिसका के पिरामिड के आधार के एक side में align करे और इस box से एक सीधी रेखा mythical creature तक खींचे तो वो भी इस स्फिंक्स के सिर से गुजरती है। अगर great पिरामिड और इसके पास मौजूद दूसरे पिरामिड के सेंटर पॉइंटों से गुजरने वाला इस तरह से एक circle खींचे तो वो भी स्फिंक्स के सिर से गुजरती है. क्या ये एक इत्तेफाक है या प्राचीन मिश्र वासियों ने ये जान बूझकर बनाया।
अंतरिक्ष में मौजूद नक्षत्र को ध्यान में रखकर ग्रेट पिरामिड का निर्माण
ग्रेट पिरामिड को अंतरिक्ष में मौजूद नक्षत्र यानी star constellation को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. अगर great pyramid के चारों कोणों को देखा जाए तो ये अंतरिक्ष में मौजूद 4 नक्षत्रों को दर्शाते है और ये नक्षत्र है वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ। Great Pyramid दो perfect axis पर बना है जो पिरामिड से इस तरह से गुजरती है, Aquarius, Leo, axis पर स्फिंक्स बना है जो की सिंह नक्षत्र की ओर है.
पृथ्वी के सेंटर पर खड़ा है, ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गीज़ा!
क्या ये भी एक इत्तेफाक है? क्या आपको पता है कि अगर आप world का map लो और उसमें Prithvi का center निकालो तो वो कौन सी जगह होगी? ये एक इत्तेफाक है या सोची समझी planning मुझे नहीं पता. लेकिन earth का center वही है जहाँ Geeza का ग्रेट पिरामिड बना है. अब ये सोचने वाली बात है कि हमें कुछ सदी पहले ही पता चला है कि पृथ्वी गोल है. उससे पहले तो यही माना जाता था कि पृथ्वी समतल है. तो आखिर 4500 साल पहले प्राचीन मिश्र वासियों को कैसे पता चला पृथ्वी के center का. क्या उनकी technology काफी advance थी या इसके पीछे किसी बाहरी सभ्यता का हाथ था.
ग्रेट पिरामिड द्वारा चारों दिशाओं को बताना
ग्रेट पिरामिड के इत्तेफाक यही खत्म नहीं होते। पिरामिड को इस तरह से बनाया गया है कि ये चारों दिशाओं को दर्शाता है और इसका एक सिरा north pole को allign करता है. हालांकि इसमें थोड़ा सा error है. लेकिन वो भी 4500 सालों में पृथ्वी की tectonic plates की movement की वजह से है. आखिर उनको दिशाओं की इतनी सटीक जानकारी कैसे थी?
Orian Correlation Theory का प्रूफ
ये तो आपको पता ही होगा कि 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है। और उस दिन रात सबसे छोटी होती है। 21 जून को जब पृथ्वी का सबसे बड़ा दिन होता है। उस दिन यहाँ से सूर्य कुछ इस तरह से अस्त होता हुआ दिखता है। जैसे मानो कि सूर्य उस mythical creature के पीछे से अस्त हो रहा हो। 1989 में एक theory publish हुई थी जिसे Orian Correlation Theory बोलते हैं। आसमान में एक orange belt मौजूद है, जिसमें 3 तारे हैं, जिनका नाम है अलनाइटक, अलनाइलैम और मेइन्टेका। गीजा के ये पिरामिड्स orian belt में मौजूद इन तीनों तारों से अलाइन करते हैं। और ये सच में एक बहुत बड़ी mystery है कि इन पिरामिड्स को इस तरह से क्यों बनाया गया था। क्या इसमें भी किसी दूसरी दुनिया की सभ्यता का हाथ था।
प्राचीन मिश्र वासियों के एक god थे osiris. मिश्र वासियों का मानना था कि osiris जन्म और मृत्यु के देवता थे। जो कि मरने के बाद आत्मा को फिर से नया जन्म देते थे। मिस्र वासियों के अनुसार ऑराइन बेल्ट में मौजूद ये तारे उनके भगवान ओसायरिस का घर है. खैर जो भी हो लेकिन ये सब इत्तेफाक तो नहीं लगते।
एक समय काल में सभी जगहों पर पिरामिड्स का निर्माण
ऐसा लगता है कि इन पिरामिड को एक सोची समझी योजना के अनुसार बनाया गया था। क्योंकि पूरी पृथ्वी पर जितने भी पिरामिड्स मौजूद है. उन सबको एक ही समय काल में बनाया गया था। अब ये कैसे संभव है कि उस समय उनके पास ना तो travelling के कोई साधन मौजूद थे और ना ही उनके पास ऐसी कोई technology थी जिससे वो पृथ्वी के दूसरी side मौजूद सभ्यताओं से बात कर पाते। लेकिन फिर भी पृथ्वी पर जगह-जगह एक ही shape में बने pyramid मौजूद हैं. जिनको एक ही समय काल में बनाया गया था। ऐसा लगता है कि या तो 4500 साल पहले उनकी technology काफी advance थी या फिर उनकी किसी दूसरे ग्रह की सभ्यता ने मदद की थी। ऐसा लगता है कि इतिहासकारों से साढ़े चार हजार साल पहले की कोई ना कोई कड़ी तो छूट रही है। जो आज कई अनसुलझे सवाल पैदा करती है। जिनकी गुत्थी सुलझाने में आज हम उलझे हुए है। ये तो हमने पिरामिड्स की perfect geometry और geography को जाना। लेकिन पिरामिड्स के रहस्य यहीं खत्म नहीं होते।
पिरामिड का निर्माण क्यों किया गया था?
वैज्ञानिकों को के बारे में जो सवाल असमंजस में डालते हैं उनमें से पहला है कि आखिर पिरामिड्स को क्यों बनाया गया था? क्या ये मिस्र वासियों के राजाओं के मकबरे हैं? क्या इनमें उस समय खाने-पीने के सामानों को संरक्षित किया जाता था? क्या ये उस समय के किसी science experiment का हिस्सा थे? क्या ये किसी तरह के power house थे? ऐसे सवाल तो बहुत हैं लेकिन सटीक जवाब कोई भी नहीं?
ममी बनाकर कब्र में रखने का रिवाज
एक आम धारणा के अनुसार प्राचीन मिस्र में मरे हुए मनुष्यों को जलाने की प्रथा नहीं थी। वहाँ मृत शरीर को एक लेप चढ़ाकर, mummy बनाकर कब्र में रखने की रिवाज थी. उस लेप की वजह से वे हजारों सालों तक सुरक्षित रह सकते थे. दरअसल प्राचीन मिस्रवासी ऐसा इसलिए करते थे क्योंकि उनका मानना था कि मरने के बाद भी इंसान का जीवन चलता रहता है. इसी वजह से उनके शवों के साथ वे लोग खाने पीने की वस्तुएँ, कपड़े, गहने, बर्तन, हथियार, जानवर, वो सारी चीजें जो जीवन यापन के लिए जरूरी होती है वो सब उनके साथ रखते थे.
पिरामिड मिस्र के प्राचीन राजाओं की कब्र
ऐसा माना जाता है कि मिस्र के पिरामिड मिस्र के प्राचीन राजाओं की कब्र है जिनमें उनको mummy बनाकर दफनाया जाता था और the great pyramid मिस्र के राजा Kufu की कब्र है. चलिए मान लेते है कि मिस्र के पिरामिड वहाँ के प्राचीन राजाओं के मकबरे है. लेकिन सवाल ये है कि मिस्र में जितने भी है उसमें आज तक किसी भी पिरामिड में कोई भी mummy क्यों नहीं मिली। mummy तो छोड़ो वहाँ पर आज तक कोई भी ताबूत नहीं मिला। इससे ये तो साबित होता है कि पिरामिड मकबरे तो नहीं है बल्कि वो कुछ और ही है और उनको बनाने के पीछे और ही मकसद था.
पिरामिड का निर्माण कैसे हुआ था?
जितना ये सवाल रहस्यमय है कि आखिर पिरामिड्स को क्यों बनाया गया था. उससे भी कहीं ज्यादा रहस्यमय सवाल है कि आखिर पिरामिड्स को कैसे बनाया गया था और इस सवाल का जवाब हमारे पास आज भी नहीं है कि आखिर पिरामिड्स को कैसे बनाया गया था क्योंकि भव्य पिरामिड्स का निर्माण उस दौर में हुआ था जब ना तो पहिए का आविष्कार हुआ था, जिससे भारी भरकम पत्थरों को एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से पहुँचाया जा सके और ना ही उस समय लोहे जैसी किसी धातु की खोज हुई थी. जिनसे बने औजारों से वो भारी भरकम पत्थरों को काट सकते और तराश पाते। लेकिन प्राचीन मिश्र वासियों ने उस समय बिना किसी धातु के औजार के उन पत्थरों को कैसे काटा होगा कैसे उनको तराशा होगा। उन्होंने बिना पहिए के उन पत्थरों को एक जगह से दूसरी जगह कैसे पहुँचाया होगा।
मैं आपको बता दूँ कि Great पिरामिड का वजन 5750000 ton है. आपकी तुलना के लिए बता दूँ कि आज की आधुनिक इमारत Burj Khalifa का वजन महज 500000 ton है तो आप अंदाजा सकते हो कि कितना भारी है ग्रेट पिरामिड।
आपको बता दूँ कि Eiffel Tower के बनने से पहले तक ग्रेट पिरामिड इंसानों द्वारा बनाई गयी दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी. ये पिरामिड चार सौ पचास feet ऊँचा है और इसका आधार तेरह एकड़ में फैला है. आपकी तुलना के लिए बता दूँ कि इसका आधार सोलह football मैदानों जितने area में फैला है. इसमें तेईस लाख से ज्यादा चूना पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. जिनका वजन दो हजार सात सौ kilogram से लेकर अस्सी हजार Kilogram तक है. अब सवाल ये है कि भारी पत्थर बिना किसी crane के इतने ऊपर कैसे पहुँचाए।
आम धारणा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि great pyramid का निर्माण बीस सालों में पूरा हो पाया था और भारी भरकम पत्थरों को पहाड़ों से काटकर लकड़ियों और रस्सियों से खींचकर लाया गया था. लेकिन अगर को ऐसे ही बनाया गया था तो उनके पास सिर्फ ढाई minute होता था जिसमें किसी पत्थर को पहाड़ से काटने उसका वहाँ से मरुस्थल तक लाने और उस पत्थर को तराशने और finally उस पत्थर को इतनी ऊँचाई पर लगाने में.
ऐसा माना जाता है कि पिरामिड में लगे पत्थरों को पाँच सौ मील दूर से लाया गया था. ये सोचने में बड़ा ही science fiction लगता है कि सिर्फ ढाई minute में ही इतने भारी पत्थरों को काटने लाने तराशने और ऊपर चढ़ाने का काम किया जाता था. तब जाके तेईस लाख पत्थरों को बीस साल में इस पर चढ़ाया गया होगा।
unbelievable! बिना किसी advance technology के ऐसा कर पाना असंभव है या तो उनकी technology हमसे कई ज्यादा advance थी या इनको बनाने के पीछे किसी दूसरे ग्रह की intelligent सभ्यता का हाथ था. खैर जो भी हो उनके पास कोई ना कोई ऐसी तकनीक तो जरूर थी जो आज हमसे छिपी हुई है.
अद्भुत इंजीनियरिंग का कमाल है ग्रेट पिरामिड
अद्भुत engineering! गीजा का great पिरामिड, बेमिसाल engineering का सबूत है. इसकी झुकी हुई त्रिकोणीय दीवारें जमीन से 52 डिग्री का angle बनाती है. इसके कमरे इतने कुशलता से बने थे कि अंदर जाने का कोई रास्ता ना था. पिरामिड में जगह जगह पर tunnels बने हुए है. लेकिन ये tunnel क्यों बने है ये कोई नहीं जानता। पहले ऐसा माना जाता था कि इनको ventilation के लिए गया होगा। जिससे इसमें हवा आसानी से आ जा सके. लेकिन जब इन tunnel में robot के द्वारा देखा गया तो पाया कि tunnel तो बंद है.
मतलब इसमें मौजूद tunnels का इस्तेमाल ventilation के लिए तो नहीं लेकिन किसी खास मकसद के लिए किया गया होगा। Great Pyramid में अभी तक केवल तीन chambers को ही खोजा जा सका है. ऐसा नहीं है कि इसमें केवल तीन ही chamber है इसमें और भी chambers मौजूद है. लेकिन हमने अभी तक इसके सिर्फ तीन ही chambers को discover किया है. जिसमें सबसे वाला है base chamber बीच वाला है Quince Chamber और सबसे ऊपर वाला है Kings Chamber. great pyramid की उत्तरी और दक्षिणी दीवारों पर दो छोटे-छोटे shaft बनाए गए हैं। जिसमें दक्षिणी दीवार की shaft orion belt की ओर है और उत्तरी shaft randomly उत्तर दिशा के आसमान में है।
2011 में queens chamber में एक remote control camera को भेजा गया। तो उसने देखा कि सामने रास्ता बंद है। लेकिन सामने मौजूद पत्थर में एक metal की इस तरह की pin लगी हुई थी. वैज्ञानिक को लग रहा था कि इसके पीछे एक और chamber हो सकता है. जब उन्होंने उस पत्थर में एक छोटा सा hole किया जिसमें से एक छोटे robot को भेजा गया तो robot में लगे कैमरे ने एक photo खींचा जो अभी अपनी screen पर देख सकते हो.
लेकिन इसके बाद वो camera काम करना बंद कर गया और आगे की exploration अधूरी रह गयी. तब से लेकर अब तक वहाँ की government further exploration के लिए किसी को भी allow नहीं करती। वहाँ की government को लगता है कि कहीं ऐसा ना हो अगर पिरामिड की गुत्थी सुलझ गयी तो वहाँ पर tourist का आना कम हो जाए.
लेकिन ये तो तय है कि great पिरामिड में बहुत से रहस्य ऐसे है जो अभी तक हमसे छिपे हुए है. हो सकता है कि अगली बार exploration में वो हमारे सामने आ जाए.
ग्रेट पिरामिड्स के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स
चलिए अब great पिरामिड के बारे में कुछ मजेदार facts को जानते है. ये भूकंप रोधी है. मतलब इसको इस तरह से design किया गया है कि ये तेज भूकंप के झटकों को भी झेल सकता है और ये साढ़े चार हजार सालों से तेज भूकंपीय कम्पनों को झेलता आ रहा है. ऐसी shock proof technology आज से साढ़े चार हजार साल पहले असंभव लगती है. सिर्फ भूकंप ही नहीं बल्कि इसके पत्थरों को इस तरह से लगाया गया है कि ये heat expansion को भी झेल सकते है. हैरानी की बात ये है कि इसमें पत्थरों के बीच joint इस तरह से लगाए गए है जिनमें एक blade को भी नहीं घुसाया जा सकता।
अकेला great pyramid ही रहस्यमयी नहीं है बल्कि उसके पास बना ये mythical creature “the great sphinx” भी बहुत से रहस्यों को दबाए हुए है. अगर इतिहास की कोई सबसे बड़ी मूर्ति है तो वो यही है. जो कि 73.5 metre लंबी है और ये बीस metre ऊँची है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसको पिरामिड की तरह अलग अलग पत्थरों से नहीं बल्कि एक ही बड़े पत्थर में से इस मूर्ति को तराशा गया है.
दरअसल पिरामिड का रेगिस्तानी इलाके में होने की वजह से हजारों सालों से ये मूर्ति रेत में दफन थी. जमीन पर सिर्फ इसका ऊपरी सिरा ही दिखाई देता था. लेकिन साल 1900 में इसके आसपास से रेत को हटाया गया और इसकी पूरी shape लोगों के सामने आयी. साल 1995 में जब इस statue को renovate किया जा रहा था तब workers ने accidentally इसके नीचे tunnels को discover किया जो कि सीधे इसके नीचे जा रहे थे. ऐसा माना जाता है कि जब इस statue को बनाया गया होगा तब ये कुछ ऐसा दिखता होगा। लेकिन हजारों सालों से आए कुछ बदलावों की वजह से ये कुछ ऐसा हो गया है
आपको जानकर हैरानी होगी कि great pyramid के अंदर एक natural AC है. मतलब इसके अंदर साल के बारह महीने बीस degree celsius तापमान बना रहता है. जैसा की हम जानते है कि गीजा का पिरामिड रेगिस्तानी इलाके में बना है। जहाँ भीषण गर्मी रहती है लेकिन फिर भी इसके अंदर का तापमान ideal रहता है। क्या आपको पता है कि बारहवीं सदी के अंत में Egypt के एक सुल्तान अल अजीज ने गीजा के पिरामिड्स को तोड़ने की कोशिश की थी। अब ये तो सुल्तान ही जाने कि वो ऐसा क्यों करना चाह रहा था? लेकिन लगातार आठ महीनों तक जिन workers ने पिरामिड्स को तोड़ने की कोशिश की थी. उन्होंने आठ महीनों में इस को इतनी क्षति पहुंचाई थी. वो मुश्किल से एक दिन में एक या दो पत्थर ही निकाल पाते थे.
अंत में आठ महीनों बाद हार मानकर अल अजीज ने अपना फैसला बदल दिया और पिरामिड को तुड़वाना बंद कर दिया। आपको बता दूँ कि ये पिरामिड, ग्रेट पिरामिड के पास बना छोटा वाला पिरामिड है। वैसे अच्छा हुआ कि अल अजीज ने अपना फैसला बदल दिया। नहीं तो उसका सारा जीवन निकल जाता लेकिन फिर भी ये pramits टूटने वाले नहीं थे। हालांकि उसकी इस कोशिश ने मेन कायर के ब्रामिड पर ये बड़ा-सा गड्ढा बना दिया।
पावर प्लांट थ्योरी फॉर ग्रेट पिरामिड्स
पिरामिड्स पर दी गई एक modern theory के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पिरामिड्स का इस्तेमाल electricity बनाने में किया जाता था. इस थ्योरी के अनुसार ये कोई मकबरे नहीं बल्कि बड़े बड़े power plant थे. जिनसे electricity generate की जाती थी और इस electricity का उपयोग पूरे मिस्र में किया जाता था. Egypt में एक मंदिर है जिसका नाम है, Dandera light complex. ये Egypt के सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक है. वैसे तो इस मंदिर में काफी रहस्यमय art छिपी हुई है उन्हीं में से एक है ये art इसे Dendera light बोला जाता है. ये तस्वीर देखने में light बल्ब की तरह दिखती है। अगर ये एक light बल्ब की तस्वीर है तो definitely प्राचीन Egypt में electricity मौजूद थी जोकि बड़े-बड़े power plant यानी पिरामिड्स से आती थी. क्या पिरामिड्स का निर्माण electricity को generate करने के लिए किया गया था।
Erich Von Daniken Theory फॉर ग्रेट पिरामिड्स
Erich Von Daniken ने एक किताब लिखी थी जिसका नाम था chariots of the gods. इस किताब में Erich Von Daniken ने एक अलग ही theory दी थी. Eric के अनुसार पिरामिड्स का निर्माण इंसानों ने नहीं बल्कि दूसरे तारामंडल से परिग्रही जीवों ने किया था। aliens ने ही अपनी advance technology के द्वारा perfect geography और geometry को देखते हुए, अपनी आधुनिक मशीनों से इन पिरामिड्स का निर्माण किया था। दरअसल इतने भारी भरकम पिरामिड्स aliens की वैज्ञानिक परीक्षण करने के लिए प्रयोगशालाएं थी। जिनमें वो अपने वैज्ञानिक परिक्षण करते थे।
वैसे पिरामिड्स के बारे में थ्योरी तो बहुत है। और सभी थ्योरी सुनने में बहुत मजेदार लगती है। लेकिन कौन-सी थ्योरी सच है ये कोई नहीं जानता। कोई नहीं जानता कि पिरामिड्स को आखिर क्यों बनाया गया था? कोई नहीं जानता कि आखिर पिरामिड्स को कैसे बनाया गया था. साढ़े चार हजार सालों से खड़ी ये विशाल इमारत अपने अंदर कितने रहस्यों को दबाए है, ये कोई नहीं जानता। लेकिन हम उम्मीद करते है कि भविष्य में हम इन सभी गुत्थियों को सुलझा लेंगे. दोस्तों पिरामिड के बारे में आपके क्या विचार है. please comment box में जरूर बताए।