Virat Kohli Approach to get Success: दुनिया में हर इंसान को उसके नाम से जाना जाता है. लेकिन उसी समय पर ये भी कहा जाता है कि वक्त के साथ आप अपने नाम से बाद में, बल्कि अपने काम से पहले जाने जाते हो और पता है हर इंसान के दो तरीके के नाम होते हैं एक जो उसके जन्म से उसके परिवार ने रखा होता है और दूसरा जो उसके कर्मों के आधार पे दुनिया उसे देती है.
दुनिया प्यार से Sachin Tendulkar को किस-किस नाम से बुलाते हैं
अब ये दुनिया किसी को अच्छा नाम देती है, किसी को बुरा नाम देती है और यहीं पे जब बात आती है क्रिकेट की तो सचिन को सचिन तेंदुलकर नाम तो उनके परिवार ने दिया, लेकिन सचिन तेंदुलकर के कर्मों के आधार पे कुछ नाम उन्हें दुनिया ने भी दिए जैसे, क्रिकेट का भगवान, मास्टर ब्लास्टर, एटसेट्रा और ऐसा हर बड़े प्लेयर के साथ हुआ. जिसने भी अपने कर्मों से खुद को इस काबिल बनाया उस हर इंसान को दुनिया ने ऐसे नामों का हकदार बना दिया।
Virat Kohli को King Kohli क्यों बुलाते हैं
अब जब यहाँ पे बात आती है विराट कोहली की तो विराट कोहली नाम तो उनको भी उनके परिवार से मिला। लेकिन दुनिया ने उनको पता है ना क्या नाम दिया “किंग कोहली”। पहले तो ये समझ लो कि किसी भी साम्राज्य में हर ओहदे के अलग-अलग लोग पाए जा सकते हैं, लेकिन किंग तो एक ही होता है और ये भी समझ लो किंग का वक्त अच्छा हो, बुरा हो, बहुत बुरा हो या पूरी दुनिया में सबसे बुरा हो, वो तब भी रहता किंग ही है. वैसे रियल लाइफ में तो राजा का ही बेटा राजा बनता है. लेकिन क्रिकेट में आप सिर्फ अपने खेल से राजा बन सकते हो.
विराट कोहली क्रिकेट में खास क्यों हैं?
विराट कोहली ने ये नाम अपने खेल के दम पे हासिल करा है और जैसा मैंने कहा था कि ये उसने नाम रखा नहीं है, दुनिया ने उसे दिया है. मैं ये सब इसलिए बता रहा हूँ कि अब आने वाले कई दिन कोहली फिर से पिच पे होंगे। पूरी दुनिया की नजर फिर से उन पर होगी। कुछ की इसलिए कि कोहली वापस आएंगे और कुछ इस खौफ में होंगे कि कही कोहली run ना मार दे. अब वापस से खेल की जीत या हार से ज्यादा चर्चा कोहली के बल्ले की होगी। अब वापस से एक बुरी पारी पे लोग उन्हें criticize करने लगेंगे।
भारतीय क्रिकेट में कोहली का महत्व क्या है?
कोहली के फैन हो या hater हो कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम कोहली को पसंद करते हो या नहीं करते हो, कोई फर्क नहीं पड़ता। पर कोहली का चलना जीत या हार को बाद में decide करेगा। लेकिन क्रिकेट के अस्तित्व को पहले decide करेगा। कोहली का चलना मैच के result को बाद में decide करेगा लेकिन क्रिकेट आने वाले कल में लोगों के दिल में जिंदा रहेगा या नहीं ये पहले decide करेगा। क्योंकि जैसा मैंने अभी कुछ देर पहले कहा कि भले उसका वक्त कैसा भी चले king रहता king ही हैं यानि राजा हर वक्त में राजा ही कहलाता है. लेकिन अगर किसी साम्राज्य का राजा ही चला जाए तो वो साम्राज्य ही नहीं रहता क्योंकि साम्राज्य शब्द में जो राज्य आता है ना वो सिर्फ राजा के रहते-रहते ही आता है. अगर राजा का अस्तित्व गया तो राज्य का भी अस्तित्व मर जाता है.
कोहली किस माइंड सेट का खिलाड़ी है?
आप सोच रहे होंगे कि मैं कुछ ज्यादा ही बातें बढ़ा-चढ़ा के बोल रहा हूँ या बातों को बहुत ही फ़िल्मी करके बोल रहा हूँ, ऐसा हो सकता है. लेकिन बातें फ़िल्मी हो तो इसका मतलब ये नहीं ना कि वो झूठी हो जाती है. पर फिर भी आपको और बेहतर यकीन दिलाने के लिए कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ कि अभी हाल ही में एशिया कप से पहले जो विराट कोहली ने खुद के करंट फॉर्म को ले के कहा है वो सुनोगे तो तुम खुद कहोगे कि सच में ये कोई ऐसा इंसान कह सकता था. जिसने क्रिकेट को अकेले दम पे रूल किया हो और वो सुन कर तुम ये तक कह दोगे कि प्लेयर हो तो ऐसा हो वरना ना हो.
पर ऐसा कोहली ने क्या कहा वो बताने से पहले जो मैं अब आपको बताने जा रहा हूँ उस पर गौर से ध्यान देना। जैसे विराट कोहली के लिए आने वाला एशिया कप और आने वाला वर्ल्ड कप बहुत बड़ा होने वाला है. ठीक वैसे ही तुम्हारी जिंदगी और करियर को बहुत बड़ा बना सकता है.
किंग कोहली का ये जवाब आपकी जिंदगी बदल देगा
जब हाल ही में विराट कोहली से उनके इस ख़राब दौर के बारे में पूछा गया कि क्या कोई वजह है कि पिछली कुछ इनिंग में आपका बड़ा स्कोर नहीं आया? क्या आपको लगता है कि आप इस दौर को, इस वक़्त को ओवर कम कर पाएंगे? तो इस पे विराट कोहली ने बड़ी ही सरलता और मधुरता से कह डाला कि देखिए मैं जानता हूँ कि ये वक़्त थोड़ा सा मुश्किल है. लेकिन ये भी सच है कि मैं आज जहाँ पे हूँ, वहाँ तक यूँ ही तो नहीं पहुँचा ना.
जब विराट कोहली के पिता ने कहा मेरा बेटा पैसा देकर नहीं खेलेगा
मैंने जिंदगी में बहुत कुछ झेला है, बहुत कुछ देखा है. क्रिकेट में ही नहीं, क्रिकेट में आने से पहले भी देखा है. रणजी में सिलेक्शन के लिए मेरे पिता को ये कहते देखा है कि मेरा बेटा पैसे देके नहीं खेलेगा. सिर्फ अपने टैलेंट पे खेलेगा. मैंने रणजी में सिलेक्शन होने पे मेरे पिता को चलते मैच के दौरान दुनिया से जाते हुए देखा है. ये सारे दौर आज के दौर से कई ज्यादा मुश्किल थे. लेकिन फिर भी मैंने हर situation को overcome करा. हाँ, कुछ में थोड़ा वक्त लगा, थोड़ी ज्यादा मेहनत लगी. लेकिन जब-जब जो भी परेशानी आई मैंने उसका काउंटर किया। विराट कोहली ने कहा कि मैं क्या कोई भी player इतने दूर तक मुश्किल situations को बिना counter करे नहीं आ सकता। अगर यहाँ तक मैं आया हूँ तो ये situation से भी जल्द पार पा ही जाऊँगा। कोहली का ये बयान सुनने में थोड़ा सा साधारण लगे पर साधारण है नहीं।
लोग क्यों सोचते हैं कि Virat Kohli एक ego वाला खिलाडी है
कुछ लोगों को इस बयान में ईगो भी दिखेगा पर ego है नहीं। कुछ लोगों को may be इसमें गुस्सा भी दिख सकता है पर गुस्सा भी है नहीं। इस बयान में बस एक ही चीज है तजुर्बा जो उसे खुद पे भरोसा दिलाता है कि दुनिया को जो सोचना है सोचे पर वो आज भी इस गेम का सबसे बड़ा खिलाड़ी है और ये भरोसा उसने उसके फैंस की वजह से कम बल्कि haters की वजह से ज्यादा आता है. क्योंकि फैंस तो फिर भी हर समय उसकी तारीफ करते रहते लेकिन जो haters थे उन्होंने जितनी चर्चा औरों के अच्छे फॉर्मों की नहीं करी उससे ज्यादा कोहली के बुरे वक्त की चर्चा कर ये मैसेज दे दिया कि अब भी किंग तो कोहली ही है, क्योंकि भाई लॉजिक है.
विराट कोहली के इस ख़राब दौर पर लोग उसे ट्रोल क्यों करते हैं
अगर आपके बुरे वक्त में लोग आपको आपके अच्छे दौर से भी ज्यादा याद करें मतलब साफ है कि आपका मार्केट में भोकाल है और भोकाल ऐसी चीज है जो एक-दो मिनट के लिए नहीं होता है या एक-दो दिन या एक-दो महीने या एक-दो साल के लिए नहीं होता है. जिसका भोकाल बन गया, उसका भोकाल इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है. वो पन्ने जिन्हें फाड़ा नहीं जा सकता, जिन्हें जलाया नहीं जा सकता। क्योंकि ये पन्ने लोगों के दिलों के साथ उनकी याददाश्त में दर्ज हैं. यही वजह है कि कल को Kohli के run पड़े या ना पड़े, हर fan से ले के उसके hater तक की याददाश्त ये भली भांति जानती है कि ये बंदा जो खड़ा है ना, भले इसके पिछले कुछ मैच में run ना आए हो, लेकिन अगले मैच में फिर से जब ये पिच पे खड़ा होगा तो चाहे कोई कुछ भी कर ले सामने वाले की फटेगी उतनी ही और सबसे ज्यादा इसी विराट कोहली से फटेगी। क्योंकि वक्त भले ही बुरा हो ये प्लेयर तो है एक नंबर ही ना.
विराट कोहली से विरोधी टीम के बॉलर इतना घबराते क्यों हैं
मैं शर्त लगा रहा हूँ कि इस वक़्त में भी हर टीम के लिए सबसे बड़ी टेंशन विराट कोहली ही होगा, मैं शर्त लगा रहा हूँ कि इस वक़्त में भी हर टीम में सबसे ज्यादा प्लानिंग विराट कोहली के विकेट के लिए ही हो रही होगी, मैं शर्त लगा रहा हूँ कि इस वक़्त में भी हर टीम में विराट कोहली के वीडियो दिखा के ही अपने टीम के बंदों को क्लास किसे कहते हैं, ये सीखा रही होगी और मैं ये भी शर्त लगा रहा हूँ कि इस वक़्त में भी हर प्लेयर अपने घर में मौजूद बच्चों को भी विराट कोहली की कहानी सुना के ये कह रहा होगा कि देखो ये है इस खेल का सबसे महान प्लेयर और एट लास्ट में ये भी शर्त लगा रहा हूँ कि तुम जो ये आर्टकिल पढ़ रहे हो ना, मुझे पता नहीं कि तुम उसके फैन हो या उसके हेटर हो. लेकिन तुम भी जानते हो, तुम भी मानते हो कि इंडिया को आने वाला एशिया कप जीतना है या वर्ल्ड कप जीतना है तो इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी विराट कोहली का रन मारना है. बाकी अब जो भी पढ़ते-पढ़ते यहाँ तक पहुंचा है, आपका विराट कोहली को ले के क्या मानना है, कमेंट में जरूर बताना।