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मनीष सिंह: मुजफ्फरपुर से शुरू हुई एक करोड़पति की कहानी, Manish Singh Bihar

Manish Singh Bihar: सोचिए, अगर आप छोटे से गांव से आकर करोड़ों की कंपनी खड़ी कर सकते हैं, तो ये किसी सपने से कम कैसे होगा? मनीष सिंह ने यही कर दिखाया। मुजफ्फरपुर के इस युवा ने न सिर्फ भारत, बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का डंका बजाया। उन्होंने ₹24 से शुरुआत कर 15 करोड़ की डिजिटल कंपनी बनाई। उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो छोटे से माहौल से बड़े सपने देखते हैं।

Manish Singh Bihar

छोटी शुरुआत लेकिन बड़ा सपना

मनीष सिंह पूर्वी चंपारण के एक छोटे गांव से आए और अपनी शुरुआती पढ़ाई DAV पब्लिक स्कूल, मालीघाट, मुजफ्फरपुर से की। उनके माता-पिता का सपोर्ट उनकी ताकत बना। मनीष ने महसूस किया कि अगर आपका कम्युनिकेशन मजबूत है और अंग्रेजी अच्छी है, तो आप कहीं भी पहुंच सकते हैं। बड़े सपनों के साथ, उन्होंने हर मौका भुनाया।

बचपन की मुश्किलें और पहले कदम

मुजफ्फरपुर में एक रेंट के छोटे कमरे में रहना, परिवार के साथ शेयर की गई मुश्किलें, और स्कूल में उनका संघर्ष, सब कुछ सीखने का एक हिस्सा रहा। उन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल करके पढ़ाई और स्कॉलरशिप के लिए तैयारी की। छठी कक्षा में टैलेंट रिवार्ड एग्जाम जीतकर ऑल इंडिया रैंक वन लाना उनकी पहली महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

मनीष का सपना कंप्यूटर इंजीनियर बनने का था। लेकिन किस्मत ने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग दिलाई। यहीं से उन्होंने अपनी तकनीकी समझ विकसित की और डिजिटल मार्केटिंग की ओर रुख किया।

पहला फोन और इंटरनेट का जुनून

मनीष ने पहला फोन छुपकर इस्तेमाल किया और इंटरनेट से ब्राउजिंग, फ्री इंटरनेट ट्रिक्स और ऐप्स के साथ छेड़छाड़ करना सीखा। उन्होंने महसूस किया कि अंग्रेजी और इंटरनेट उनके सबसे बड़े टीचर्स बन सकते हैं।

कम उम्र में बड़ा सोच

कॉलेज के दौरान मनीष ने सोशल मीडिया और ग्राफिक डिजाइनिंग के जरिए अपनी कमाई शुरू की। एक वक्त पर जब उनके परिवार को सर्जरी के लिए पैसों की जरूरत थी, मनीष ने मीम पेजेस पर अपनी सर्विसेस विज्ञापित कर भारी ऑर्डर हासिल किए। जिस उम्र में लोग नौकरी तलाशते हैं, मनीष ने 19 साल की उम्र में अपनी कंपनी खड़ी कर ली थी।

विदेशों में भारतीय टैलेंट का परचम

मनीष ने अब तक 3000 से ज्यादा क्लाइंट्स के लिए काम किया है, जिनमें ड्रेक, काइली जेनर और फ्रेंच मोंटाना जैसे मशहूर नाम शामिल हैं। मनीष का कहना है कि भारतीय डिजिटल पेशेवरों के लिए इंटरनेशनल मार्केट में बहुत मौके हैं। उनका फोकस हमेशा क्वालिटी बनाए रखना और खुद को लगातार सीखते रहना है।

बिहार के युवाओं के लिए संदेश

मनीष का मानना है कि बिहार जैसे राज्यों में स्टार्टअप्स के लिए बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि सही प्लानिंग और विजन से कोई भी युवा अपना ब्रांड बना सकता है। उनका सुझाव है कि इच्छुक लोग सोशल मीडिया, फ्रीलांसिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में कदम रखें। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एक मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति बनाकर कम पूंजी में बड़ी शुरुआत की जा सकती है।

फ्रीलांसिंग और साइड हसल्स की ताकत

मनीष का कहना है कि Fiverr या Upwork जैसी साइट्स के जरिए युवा फ्रीलांसिंग शुरू कर सकते हैं। महत्वपूर्ण है कि अपने पोर्टफोलियो को सही से प्रेजेंट करें और कीवर्ड्स का सही इस्तेमाल करें।

एआई और डिजिटल मार्केटिंग

मनीष ने चैटGPT और अन्य एआई टूल्स का जिक्र कर बताया कि यह टूल्स किसी भी व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी और क्वालिटी को बढ़ा सकते हैं। चाहे वह कंटेंट क्रिएशन हो या मार्केटिंग स्ट्रेटेजी, एआई के सही इस्तेमाल से हर काम आसान बनाया जा सकता है।

आगे का विजन

मनीष ने घोषणा की कि वह एक डिजिटल यूनिवर्सिटी शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसका मकसद युवाओं को मुफ्त में डिजिटल स्किल्स सिखाना और सही दिशा दिखाना है। वह चाहते हैं कि बिहार के युवा भी अपनी आर्थिक और पेशेवर स्थिति को मजबूत बनाएं और अपने सपने पूरे करें।

निष्कर्ष

मनीष सिंह की कहानी हमें सिखाती है कि सोच बड़ी होनी चाहिए और शुरुआत किसी भी कद से हो सकती है। अपनी मेहनत, सही स्किल्स, और अटूट इच्छाशक्ति से उन्होंने यह साबित किया है कि सपने सच हो सकते हैं। बिहार के इस चमकते सितारे ने यह सुनिश्चित किया है कि अगर मेहनत और लगन है तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता।

क्या आप भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हैं? मनीष की कहानी आपको प्रेरित करेगी कि हर चुनौती एक अवसर है।

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