Jaspreet Bumrah New Story: बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल वनडे मैच में 19 रन देकर छह विकेट लिए. जसप्रीत बुमराह के वनडे करियर का यह अब तक का बेस्ट प्रदर्शन है. इस दौरान बुमराह ने ध्वस्त किया आशीष नेहरा द्वारा बनाये गए 19 साल पुराना रिकॉर्ड।
भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और रोहित शर्मा को लेकर इंग्लैंड के हर स्टेडियम के अंदर और बाहर बहुत शोर मचता है. लेकिन इंग्लैंड के ओवल में किसी तेज गेंदबाज को स्टार का दर्जा मिलते हुए देखना क्रिकेट में एक सुखद बदलाव का हिस्सा रहा है.
टीम इंडिया को देखे तो हर रोज़ बुमराह टीम के बस से उतरने या चढ़ने के समय एकदम ही आखिर में आते हैं, जैसे कि मानो कि वो गेंदबाजी करते हुए अपना आखिरी स्पेल डाल रहे हो.लेकिन यहाँ पर बूम-बूम बुमराह का शोर, उनके जैसे गंभीर शख्सियत के चेहरे पर भी थोड़ी सी हल्की मुस्कान ला ही देती है. कई मायनों में देखा जाए तो जसप्रीत बुमराह आधुनिक क्रिकेटर लगते ही नहीं है. उन्हें चकाचौंध बिलकुल भी पसंद नहीं है. उन्हें ना ही मीडिया में आकर ऐसी-वैसी बातें करना कि बस वो ही वो तुरंत ही वायरल हो जाएं.
देखने वाली बात यह है कि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के एक बेहद सम्मानित टिप्पणी पर भी जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो बुमराह ने बहुत विनम्रता से एक असाधारण तारीफ़ को भी टाल गए. आईपीएल की पीढ़ी का अगर कोई दूसरा खिलाड़ी होता तो वो ऐसी तारीफ़ों पर अपनी प्रतिक्रिया देकर सोशल मीडिया में हलचल मचा दिया होता. लेकिन यही बात तो बुमराह को अलग बनाता और बाकी गेंदबाजों में.
वन-डे क्रिकेट में पहली बार ऐसा हुआ
इंग्लैंड क्रिकेट टीम को तो ये समझ में ही नहीं रहा था कि कप्तान के तौर पर पिछले ही हफ्ते एजबेस्टन टेस्ट के अंतिम दिन जिस जसप्रीत बुमराह से ना तो रन रोके जा रहे थे और ना विकेट चटकाए जा रहे थे और ना ही गेंद को स्विंग ही करायी जा पा रही थी. तो फिर वो ओवल में इस पहले one-day मैच में अचानक इतना खतरनाक कैसे हो गए कि उनके टॉप ऑर्डर के 4 बल्लेबाजों में 3 को बिना खाता खोले ही पवेलियन भेज दिया। इस तरह का बॉलिंग स्पेल वन-डे क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ है.
बुमराह को देखकर तो ऐसा लग रहा था कि मानो रोहित के टॉस जीतने के साथ ही गेंद लेकर मैदान में कूदने का इरादा लेकर ही स्टेडियम लेकर आये थे. टॉस होने के बाद जैसे ही जसप्रीत बुमराह ने स्टेडियम में बड़ी स्क्रीन पर देखा कि भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है तो वो उसी वक्त मोहम्मद शमी के साथ अपनी मुस्कुराहट को रोक नहीं पाए थे. दोनों को देखकर ऐसा लगा कि ये जोड़ी बस रोहित शर्मा के इस फैसले के इंतज़ार में ही लार टपकाए बैठी हुई थी.
इस मैच के पहले 10 ओवर के ही खेल में जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड के 4 विकेट झटक डाले और वो भी सिर्फ़ 9 रन देकर. इंडियन क्रिकेट के इतिहास में वैसे तो स्टुअर्ट बिन्नी और जवागल श्रीनाथ ने बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी टीमों के खिलाफ कुछ इसी तरीके के असाधारण स्पेल डाल चुके हैं. परन्तु इस मैच में वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड के विरुद्ध और वो भी उनके घर में इतने शानदार खिलाड़ियों से सजी मेजबान टीम के खिलाफ, बुमराह के इस स्पेल को निसंदेह सबसे बेहतरीन स्पेल कहा जा सकता है.
इंग्लैंड की धरती पर अब तक दर्जन से भी कम गेंदबाजों ने एक पारी में वनडे क्रिकेट में 6 या फिर उससे ज्यादा विकेट लिए हैं. लेकिन बुमराह का ये रिकॉर्ड उस सूची में भी हटकर हैं. यहाँ पर बुमराह के 6 विकेट सिर्फ 44 गेंदों पर आये. मतलब इस मैच में हर 7वीं गेंद फेंकने के बाद एक विकेट गुजरात के इस गेंदबाज (Jasprit Bumrah) को मिल रहा था.
दूसरे छोर से मोहम्मद शमी भी शानदार
लेकिन इस मैच के जसप्रीत बुमराह की तारीफ करते समय, हमें मोहम्मद शमी के दूसरे छोर से डाले जा रहे बॉलिंग स्पेल को कतई भी नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए. मगर मोहम्मद शमी के साथ भी उनके पूरे वनडे करियर में यही सब होता आया है. भारत के लिए सबसे तेजी से 80 मैचों में 150 विकेट पूरे करने वाले शमी से ज्यादा स्पीड सिर्फ 2 और गेंदबाजों ने ही कर दिखायी है.
स्टेडियम के प्रेस बॉक्स में वरिष्ठ ब्रिटिश पत्रकारों को शमी-बुमराह की इस खतरनाक गेंदबाज़ी को देखते हुए माइकल होल्डिंग और मैल्कम मार्शल जैसे महान तेज गेंदबाज़ों का दौर याद आने लगा.
भारत के एक और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने एजबेस्टन टेस्ट के दौरान ये बोले कि वहां पर ड्यूक्स गेंद स्विंग नहीं हो पा रही थी. लेकिन अजीब बात यह है कि कुकाबुरा से वन-डे में धारदार स्विंग देखने को मिल रहा है. वैसे तो तेज गेंदबाज़ों ने ऐसा कमाल किया था कि यहाँ पर लगा कि लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का इस्तेमाल ही ना हो। लेकिन यहाँ पर कप्तान रोहित शर्मा ने आने वाले मैच को ध्यान में रखते हुए उनसे 2 ओवर का स्पेल भी करवाया।
भारतीय ओपनर की धुआंधार आक्रमण की नीति अपनाते हुए भी कम से कम 2-3 विकेट निकालने की कोशिश जरुर करता। लेकिन इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और उनके पुराने जोड़ीदार शिखर धवन ने पहले से ही तय कर लिया था कि जो काम एजबेस्टन टेस्ट के पांचवें दिन हुआ वो ओवल में मंगलवार को ज़रुर ही करेंगे यानी विरोधी टीम को पूरे दिन के खेल में एक भी विकेट लेने नहीं देंगे.
रोहित शर्मा ने इसी मैच के दौरान वनडे क्रिकेट में 250 छक्के बना डाले और वो ऐसा करने वाले दुनिया के सिर्फ चौथे बल्लेबाज बन चुके हैं. रोहित शर्मा अगर इस मैच में भी वो एक और छक्का लगा देते तो पूरे में मैच में 6 छक्के बनाने का कमाल भी वो दिखा सकते थे.
अगर रोहित शर्मा 5 छक्के लगा कर, छठे गियर में बल्लेबाजी करते दिखे तो वहीं वेस्टइंडीज दौरे पर वनडे टीम के कप्तान रहे शिखर धवन ने 4 चौके सहित 54 गेंद पर 31 रनों की पारी खेली।
दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर-सौरव गांगुली (6609 रन), एडम गिलक्रिस्ट-मैथ्यू हेडन (5372 रन) और गोर्डन ग्रीनिज-डेसमंड हेंस की जोड़ी (5150 रन) ने ही वन-डे क्रिकेट में बतौर साझेदार 5000 रनों का आंकड़ा पार किया है. इस लिस्ट में अब भारत के रोहित शर्मा और शिखर धवन (5108 रन) भी शामिल हो गए हैं.
ओवल में ग्रीनिज और गांगुली भी इस मैच को देखने के लिए इत्तेफाक से साथ बैठे हुए थे और ये उम्मीद की जा सकती है कि दोनों महान बल्लेबाजों को अपने दौर और अपने पुराने साथी के साथ तालमेल का दौर भी निश्चित रूप से याद आ गया होगा. लेकिन इंग्लैंड की क्रिकेट टीम इस मैच को भविष्य में कभी भी याद नहीं करना चाहेगा। क्योंकि इससे पहले उन्हें अपने घर में कभी भी 10 विकेट से हारने का अनुभव नहीं चखा था.