Neeta Mehta Biography: ऐसी heroine जिसके लिए कहा जाता था कि वो Sanjiv Kumar से शादी करेगी। Main Tulsi Tere Aangan KI film में Vinod Khanna की heroine बनी। ऐसी heroine जिसने अचानक संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया। अस्सी के दशक में इस हीरोइन की खूबसूरती के लाखों लोग दीवाने थे. यादों के सफर के इस series में हम उन भूले बिसरे लोगों को याद करते हैं जिनके नाम एक जमाना हुआ करता था। आज हम मशहूर अदाकारा नीता मेहता को याद करने वाले हैं।
Birthdate & Family Actress Neeta Mehta
नीता मेहता का जन्म एक गुजराती परिवार में साल 1956 में हुआ था। उनके परिवार के लोग बहुत ही पढ़े-लिखे थे।
FTTI से नीता मेहता ने किया एक्टिंग का कोर्स
नीता को फ़िल्मी पर्दे पर अपना जलवा बिखेरना था। इसीलिए प्राथमिक पढ़ाई के तुरंत बाद उन्होंने FTTI में एडमिशन लिया। एफटीआईआई के कारण उन्हें ग्लैमरस दुनिया का मोह होने लगा और साथ ही उन्होंने मॉडलिंग क्षेत्र में भी कारनामा करके भी दिखाया।
नीता मेहता की पहली फिल्म
अपने पढ़ाई के अंतिम दिनों में उनकी पहचान मशहूर फिल्मकार राज खोसला से हुई। जिन्होंने उन्हें अपनी आगामी फिल्म “मैं तुलसी तेरे आँगन की” में एक महत्वपूर्ण किरदार ऑफर किया। पर इस फिल्म के रिलीज के पहले नीता मेहता की अन्य फिल्में रिलीज हो गई. पोंगा पंडित और यही है जिंदगी, साल 1975 में रिलीज हुई.
नीता मेहता का फ़िल्मी करियर
पोंगा पंडित फिल्म हिट हुई और फिर नीता मेहता को कई सारे ऑफर्स आने लगे. नीता का फिल्मी सफर 1975 में शुरू हुआ पर अगले 20 साल तक काम करने के बावजूद उनकी शुरुआत के 5 साल सही से बीते वो भी संजीव कुमार के कारण।
जानी दुश्मन, पत्थर से टक्कर और हीरो जैसी फिल्में संजीव कुमार के साथ करने के कारण दोनों में प्यार हुआ. संजीव कुमार नहीं चाहते थे कि नीता मेहता शादी के बाद भी फिल्मों में काम करें. शायद इस शर्त के कारण नीता ने संजीव कुमार से रिश्ता तोड़ दिया. 80 का दशक शुरू होते-होते नीता मेहता को लीड एक्ट्रेस के रूप में काम मिलना बंद हो चुका था. उम्र के लिहाजा बड़ी बहन और भाभी की किरदार उन पर ज्यादा जचते थे. इस परिस्थिति में भी उन्होंने 40 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया था.
इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे फिल्मों से दूरियां बना ली और मुंबई में एक ज्वेलरी शॉप खोल लिया. कहा जाता है कि उनकी आखिरी फिल्म 1996 में रिलीज हुई थी. पर हमारे जानकारी के हिसाब से उन्होंने 90 के दशक में ही अभिनय से संन्यास ले लिया था.
नीता मेहता कब साध्वी बनी
नीता मेहता जिस परिवार से ताल्लुक रखती थी वो बड़ा आध्यात्मिक परिवार था. माँ आनंद माई नामक एक साध्वी को वो अपना गुरु मानते थे. नीता मेहता भी बचपन से उनके आश्रम जाती थी. नब्बे के दशक में नीता मेहता ने अपनी ज्वेलरी शॉप बंद कर दिया और भगवे कपड़े पहनकर खुद को साध्वी घोषित कर लिया। इस खबर से फिल्म जगत को कोई सदमा लगा नहीं क्योंकि तब तक नीता मेहता का नाम फिल्मकारों की जुबान से मिट चुका था.
नीता मेहता बताती है कि उन्हें साध्वी बनने के लिए 30-40 साल लग गए. सन्यासी बनकर उन्होंने अपनी गुरु माँ आनंदमयी पर एक किताब लिखकर खुद को सबसे बड़ा भक्त बना लिया। आजकल नीता मेहता मुंबई में रहती है और यूट्यूब पर आध्यात्मिक वीडियो बनाती है। तो दोस्तों ये थी नीता मेहता की कहानी। ये कहानी आपको कैसी लगी ये हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा।