Harsh Truth of Packaged Juices: पेप्सी और कोका कोला जैसी कोल्ड ड्रिंक हमारी हेल्थ के लिए अच्छी नहीं होती। ये बात तो अब हम में से हर कोई जानता है। लेकिन इनके alternative के तौर पर अक्सर लोगों के द्वारा कहा जाता है कि अगर आपको कोई हेल्दी ड्रिंक पीनी ही है तो फ्रूट जूस पी लो और ये फ्रूट जूस बनाने वाली companies अपनी marketing भी इसी तरीके से करती है कि यह बड़ी ही healthy ड्रिंक है, इससे आपकी immunity बढ़ेगी। ढेर सारे minerals और विटामिन्स डले हैं इसमें। आपके बच्चे को पूरी nutrition मिलेगी, इस छोटे से टेट्रा पैक्स के अंदर।
Harsh Truth of Packaged Juices
एक जूस की कंपनी (डाबर रियल फ्रूट जूस) ने एक एड बनाई है, जिसमें वो कहते हैं कि दिन भर में जितने nutrients की जरुरत हैं, उतने ही nutrients आपको इस छोटे से जूस के पैकेट में मिलेंगे।
स्पेशली बच्चों की तरफ जबरदस्त मार्केटिंग करी जाती है, इन फ्रूट जूस कंपनीज के द्वारा। तो कैसा लगेगा सुनकर अगर मैं आपसे कहूँ दोस्तों ये पैकेज्ड फ्रूट जूसेस कुछ मायनों में आपकी हेल्थ के लिए उतने ही हानिकारक है, जितनी की ये कोला जैसी सॉफ्ट ड्रिंक्स। आइए आज की इस स्टोरी में इस बात को गहराई से समझते हैं.
शुरुआत फ्रूट्स से करते हैं दोस्तों! क्या फ्रूट्स हमारे हेल्थ के लिए अच्छे हैं. बिलकुल हैं! इस बात में कोई शक नहीं है. हमारी डेली डाइट का फ्रूट बहुत इंपोर्टेंट हिस्सा है. इसमें विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में है. इसमें फाइबर भी बहुत ज्यादा है और एंटीऑक्सीडेंट्स की काफी ज्यादा मात्रा भी आपको फ्रूट्स में मिलेगी. एंटीऑक्सीडेंट्स हार्ट डिजीज और कैंसर को प्रिवेंट करने में मदद करता है. साथ ही साथ fruits में आपको मिलेंगे flavonoids जो एक type के plant pigments होते हैं.
research ने हमें बताया है कि इन्हें खाने से आपका mood भी बेहतर होता है। इसके अलावा ढेरों research papers हमें बताते हैं कि fruits खाने से हार्ट disease, cancer, depression और diabetes का risk कम होता है। लेकिन दूसरी तरफ package fruit juices को लेकर research papers कुछ उल्टा ही बताते हैं। 4 studies की एक meta analysis करी गई थी. करीब दो लाख participants पर. जिसमें बताया कि fruit juices पीने से type 2 diabetes का risk बढ़ जाता है।
ऐसे कैसे हो सकता है? इसे समझने के लिए दोस्तों हमें fruit juices का इतिहास समझना होगा। तो आइए time में पीछे चलते हैं और fruit juices की development को देखते हैं। इंसानों के द्वारा fruit juices को actually में इतने पुराने समय से consume किया जा रहा है कि आपको इसका mention आयुर्वेद में भी मिलेगा।
आयुर्वेद में लिखा गया है कि अगर आपको थकान हो रही है, थकान हटानी है तो फ्रेश ऑरेंज जूस पीजिए, इसमें थोड़ा सा pinch of rock salt डला हो. आयुर्वेद में ऋतुचर्या का मतलब है कि अपना life style बदलना सीजन के हिसाब से ग्रीष्म ऋतू यानी गर्मियों में recommend किया गया है कि mango juice जैसे fruit juices पीजिए।
similar fruit juices के mention आपको बाइबल की old testimate में भी मिल जाएंगे। अंगूर का जूस यानी grape juice को अगर ज्यादा देर तक रखा जाए तो वो ferment हो जाता है और wine में बदल जाता है। ओल्ड testiment में हमें दोनों वाइन और grape juice के बारे में separately सुनने को मिलता है।
chapter सिक्स words to और three भगवान profit motion को कहते हैं। अगर profit इजराइल की drives में कोई आदमी या औरत एक वो लेना चाहता है यानी कुछ समय तक खुद को भगवान को dedicate कर देना चाहता है तो उसे wine नहीं पीनी चाहिए। in fact कोई भी farmented drink नहीं पीनी चाहिए। wine से बना हुआ vinegar बंद grapes का juice बंद और grapes और किशमिश भी नहीं खानी चाहिए।
wine, vinegar और अंगूर का juice इन तीनों चीजों के लिए अलग अलग Hibru शब्दों का प्रयोग किया गया है. Yain, Chomets और Mishrah Jordan के देश के पास जो dead see है. वहाँ कुछ पुराने ancient menu scripts पाए गए थे, Hibru भाषा में लिखे हुए हैं। dating करी इनकी तो पता चला ये 150 BC में लिखे गए थे और इनमें अनार के juice का mention किया हुआ है।
interesting चीज ये है दोस्तों कि fruit juice का इतिहास आइसक्रीम के इतिहास से काफी मिलता-जुलता है। कई archaeological evidence हमें मिला है कि चाइना, ईरान, रोम, ग्रीस, इजिप्ट के लोग पुराने जमानों में बर्फ या snow को अक्सर मीठा बना देते थे, उस पर शहद डाल के या fruit juices डाल के Alexander जो राजा थे उनके बारे में बताया जाता है कि वो इस तरीके के आइसक्रीम के बड़े addict थे।
लेकिन इन ज़मानों में फ्रूट जूस का मतलब होता था फ्रेश फ्रूट जूस. अब अगर हम टाइम में फास्ट फॉरवर्ड करें तो 1750 के around हमें पहला केस देखने को मिलता है. जहाँ पर फ्रूट जूस को preserve किया जाने लगा. इस जमाने में दोस्तों जो इंग्लिश सेलर्स होते थे जो जहाजों पर निकलते थे अपनी लंबी वॉइजिस करने के लिए. उन सेलर्स में पाया गया था कि Scruvy नाम की एक बीमारी बड़ी कॉमन होती थी.
स्कर्वी actually में विटामिन सी की deficiency की वजह से होता है। विटामिन सी का आविष्कार होने में अभी भी 180 साल बाकी थे. लेकिन डॉक्टर जेम्स लिंट के experiments ने पता लगाया कि ये जो scurvy की बीमारी है इससे बचा जा सकता है, संतरे और नींबू खाकर तो इंग्लैंड की जो royal navy थी उन्होंने mandatory किया कि जो सेलर्स जहाज में जा रहे हैं उन्हें lime juice और lemon juice दिया जाए.
लेकिन प्रॉब्लम ये थी कि इस जूस को preserve करके कैसे रखा जाए। ये खराब हो जाएगा। ये महीनों लंबे सफर में किसी ने नोटिस किया कि इस फ्रूट जूस को preserve किया जा सकता है. अगर इसमें rum, पानी और चीनी मिला दी जाए तो और ये जो combination दोस्तों फ्रूट जूस, रम, पानी और चीनी का एक popular cocktail है जो कि आज के दिन भी आपको पीने को मिलेगी जिसका नाम है Diequiri।
बाद में साल 1867 में एक बंदा था लोकलन रोज नाम से इसने realize किया कि actually में preserve करने के लिए फ्रूट जूस को। रम और पानी की जरूरत नहीं सिर्फ चीनी भी वो काम कर सकती है। यहाँ पर आविष्कार हुआ दोस्तों दुनिया के पहले commercial फ्रूट concentrate का फ्रूट जूस को preserve किया जा रहा है उसमें चीनी ऐड करके।
यहीं पर पहला branded bottle जूस भी बेचा जाने लगा. लोकलान रोस ने अपनी फैक्ट्री बनाई और इन जहाजों में जाने वाले सेलर्स के लिए अपना रोज lime juice बनाया। इसे bottle में डाल के बड़े ही आकर्षित तरीके से level किया जाता था कि सेलर्स के लिए ये दवाई की तरह है.
इसी समय के around एक और आदमी थे अमेरिका में थॉमस वेल्स नाम से जोकि चर्च में एक preature थे। अब unlike Muslims Christians और juice के लिए wine पीना गलत नहीं माना जाता। infact ब्रेड और वाइन तो इनके ritual का भी हिस्सा है। लेकिन थॉमस वेल्स ने एक alternative movement की शुरुआत करी।
christians में इन्होंने कहा हमें alcohol नहीं पीनी चाहिए। alcohol पीना वैसे भी health के लिए काफी हानिकारक होता है। एक latest research अभी आई थी जिसमें बताया था कि थोड़ी सी मात्रा भी alcohol की health के लिए beneficial नहीं होती। कई सारी बीमारियों से इसे link किया जाता है।
यहाँ तक कि ऐसी भी research है जो कहती है कि alcohol से hair loss की problem भी link हो सकती है। अब hair loss बालों का झड़ना अपने आप में एक ऐसी चीज है. जैसे कुछ companies के द्वारा exploit किया जाता है, shampoos और बाकी hair products बेचने के लिए। लेकिन एक शैम्पू तो सिर्फ बाहर से काम करता है।
hair loss usually internal होता है और सात stages में होता है. अगर आप stages one और four के बीच में है तो अपनी hairline को सही treatment और lifestyle changes की मदद से बचा सकते है. लेकिन stage five या उससे आगे बढ़ गए तो ऐसी treatments भी मदद नहीं करेंगे।
फिर बस hair transplant ही किया जा सकता है जो कि एक काफी risky invasive और महंगा process होता है तो ये काफी important है. अगर आप early stages में है तो आप जल्दी से जल्दी action ले. आपको पहले एक proper diagnosis की जरूरत है. उसके बाद complete ट्रीटमेंट की.
थॉमस ने christian से कहा कि wine पीना बंद करो और मेरी unfarmented wine पियो जो कि grape juice होता है और कई churches ने actually में थॉमस की सुन भी ली और एक non-alcoholic community शुरू हुई Christians में. In fact christian community के बाहर भी अमेरिका में कुछ लोगों को बड़ी आदत पड़ गयी grape juice की और इसी reason से थॉमस वेल्स जिस जगह में रहते थे Westfield उस जगह को आज के दिन grape juice capital of the world बुलाया जाता है.
अमेरिकन फ्रूट जूस इंडस्ट्री की यहाँ से शुरुआत हुई. अब थॉमस वेल्स ने एक नए तरीके का भी इस्तेमाल करना शुरू किया। फ्रूट जूस को ज्यादा देर तक preserve रखने के लिए इस नए तरीके का नाम था pasteurization.
आपने स्कूल में भी पढ़ा होगा ये हम दूध को भी pasteurised करते हैं. इसका basically मतलब होता है heat का इस्तेमाल करना bacterias और viruses को मारने के लिए. grape juice के बाद ऑरेंज जूस को भी pasteurised किया जाने लगा। जो लोग संतरों को उगाने लग रहे थे.
उन्होंने देखा कि अगर हम बहुत ज्यादा supply produce कर रहे हैं और कहीं स्टोर करने की जगह नहीं है संतरों को तो क्यों ना हम उन संतरों का जूस बनाएं और उसे pasterize कर लें ताकि जूस को बहुत लंबे समय तक store करके रखा जा सके। इस समय पर जो package फ्रूट जूसेस का बिजनेस था वो फ्रेश फ्रूट जूसिस के बिजनेस से ज्यादा अच्छा चल रहा था।
लेकिन फिर हमारी कहानी में एक ऐसा invention होता है जो फ्रेश फ्रूट जूसेस को बढ़ावा देता है। raw fruits के एडवोकेट्स dr norman walker पहले जूसर का invention करते हैं. पहली बार एक बड़ी मशीन बनाई जाती है जो fruits और vegetables को पहले great करेगी फिर उन्हें निचोड़ेगी और नीचे से निकलेगा फ्रेश fruit juice. ये समय था early nineteen hundreds का.
norman california जाते हैं और अपना खुद का एक juice bar start करते हैं अपनी पूरी जिंदगी ये बिताते हैं raw फ्रेश foods और फ्रेश juices को promote करने के लिए. इसके लिए वो बारह भी किताबें लिखते हैं और ninety nine years तक जीते हैं. ये बताना इसलिए जरूरी है क्योंकि उस समय में इतनी उम्र तक जीना common नहीं था और शायद credit इनके healthy lifestyle को दिया जा सकता है.
आगे चलकर late 1950s में पहले grinding juicer का invention होता है. इसे champion juicer कहा जाता है. इसके बाद फिर आते है सेंट्रीफूगल juicers. इन आविष्कारों के बाद जो fruit juice निकालने वाली machines थी वो और compact, convenient और छोटी बन जाती है. इसका मतलब ये कि लोग अपने घरों में ये machines खरीद के रख सकते है.
यहाँ पर cold press juicers और centrifugalfugal juicers के बारे में अक्सर एक debate रहती है कि centrifugal juicers उतना juice नहीं निकालते. क्योंकि heat और oxidation की वजह से जो enzymes और nutrients होते है fruits में वो और कम हो जाते है. लेकिन इस चीज का कोई भी scientific evidence exist नहीं करता.
क्योंकि centrifugal juices में भी जो temperature है वो कोई इतना ज्यादा high नहीं होता और जो research करी गई है उनसे हमें यही पता लगता है कि nutritionally almost similar है juice जो cold फ्रेश juicer से निकलता है और जो centrifugal juicer से निकलता है. क्योंकि ultimately दोनों जगह से फ्रेश फ्रूट जूस ही निकल रहा है।
Packet Juices की कहानी में turning पॉइंट आता है साल 1963 में जब एक स्वीडिश कंपनी टेट्रा पैक नाम से अपना टेट्रा brick packet introduce करती है। सही सुना आपने. दोस्तों इस कंपनी का नाम ही टेट्रा पैक था और आज के दिन हम इस type के packet को टेट्रा पैक नाम से ही जानते है।
दुनिया भर में ये इतना popular है टेटरा पैक. इस कंपनी के मालिक थे एक स्वीडिश industrialist रूबन रॉयसिंग। फ्रूट जूसेस का इतिहास हमेशा के लिए बदल जाता है इसके बाद से. अब ना सिर्फ महीनों तक स्टोर करना possible है फ्रूट जूस को बल्कि बहुत दूर-दूर तक इसे transport भी किया जा सकता है और इतने convenient package में इसे बेचा भी जा सकता है. जिससे लोग directly straw लगाकर पी लें।
इतना convenient इतना सस्ता process कि आज के दिन तक हम टेट्रा पैक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन आज इन टेट्रा पैक्स में किस तरीके का जूस मिलता है। आइए एक टिपिकल पॉपुलर जूस के ब्रांड को देखते हैं जो इंडिया में बिकता है. इसके पीछे लिस्ट समझते हैं। ये एक मिक्स फ्रूट जूस पैकेट है 180 एमएल का. जिसे एक बॉलीवुड हीरोइन promote कर रही थी.
पहले nutritional info देखते हैं। अलग-अलग nutrients यहाँ लिस्ट डाउन किए गए हैं. सेकंड column है. यहाँ पर per hundred एमएल का और तीसरा column है परसेंटेज ऑफ डेली रिक्वायरमेंट का यानी typically जो इसमें सोडियम डला है बीस मिलीग्राम का वो एक आम इंसान की one point five percent daily requirement पूरी कर सकता है। कुछ भी नहीं है कोई पचास पैकेट तो पिएगा नहीं इसके एक दिन के अंदर। पूरी अपनी daily requirement meet करने same चीज पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन के साथ कही जा सकती है।
one point seven परसेंट, one point five परसेंट सिर्फ one percent यहाँ पर significant amount में सिर्फ विटामिन सी डला है जो seventy five percent recommended daily allowance meet करता है।
तो आपको सुनकर लगेगा कि चलो एक चीज तो अच्छी है कि कम से कम विटामिन-सी की जो requirement है वो पूरी हो जाएगी इस जूस को पीने के बाद। बात बिल्कुल सही है लेकिन चीज note करने वाली ये है दोस्तों कि विटामिन सी वैसे ही बहुत abundantly पाया जाता है nature में। अगर आपका बच्चा एक निम्बू पानी का glass पिएगा जिसमें एक नींबू का juice डला हो.
सारी recommended daily allowance पूरी हो जाएगी। वो नहीं पीना तो आधा संतरा आधा संतरा काफी है पूरी daily requirement meet करने के लिए और आंवले का तो बहुत छोटा सा piece सिर्फ one tenth of एक आमला सारी daily allowance पूरी कर सकता है.
तो हाँ दोस्तों हम उस seventeen hundreds के जमाने में नहीं जी रहे कि हम सब sellers हो जहाजों में बैठ के दूर-दूर तक जाना हो हमारी vitamin C की requirement पूरी ना हो पा रही हो और हमें स्कर्वी हो जाए आज के जमाने में विटामिन-सी की requirement पूरी सबसे आसान चीज है। सिर्फ इसके लिए इस tetra पैक के जूस को पीने की जरूरत नहीं। तो ads में जो claim किया जाता है कि ये फ्रूट जूस इस बच्चे की nutrition का ध्यान रखेंगे ऐसा कुछ भी नहीं है। विटामिन सी के अलावा इनमें और कोई भी nutrient significant मात्रा में मौजूद नहीं है।
अब पीछे ingredient list चेक करते हैं। सबसे पहली चीज यहाँ पर आपको दिखेगी पानी। water और इसके बाद लिखा गया है concentrated fruit जूस करीब बारह percent. भाई ये क्या जुमला हुआ? जूस जो है वो सिर्फ बारह परसेंट है और बाकी क्या पानी है? ये कैसे हो सकता है? समझना पड़ेगा दोस्तों ये concentrated फ्रूट जूस क्या होता है?
इसे फ्रूट जूस concentrate भी कहा जाता है और ये actually में दोस्तों वो liquid है जो जूस से निकलता है. जब आप जूस से पानी निकाल दो फ्रूट जूस concentrate बनाने के लिए अक्सर क्या किया जाता है इन कंपनियों के द्वारा जो फ्रेश फ्रूट जूस होता है उसको ये गर्म कर देते हैं। पानी सारा evaporate होकर निकल जाता है और जो बचता है वो और concentrated form होता है जूस का.
ये liquid ज्यादा गाढ़ा होता है और सिरप की तरह होता है। ये इकलौता तरीका नहीं है concentrate बनाने का आज के जमाने में कई तरीके हैं इसके कुछ में evaporation करी जाती है, कुछ में pastrization करी जाती है fruit जूस की और कुछ में सिर्फ filtering करी जाती है। लेकिन end result ऐसा ही दीखता है.
fruit जूस concentrate बहुत गाढ़ा और एक syrup की तरह liquid. Depending upon कौन से तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है? इस concentrate को बनाने के लिए अक्सर इस concentrate का जो flavour होता है वो भी कम हो जाता है। टेस्ट में इसका flavour उतना fruity नहीं लगता। तो ये companies क्या करती हैं?
Artificial flavors डालती हैं ताकि इसका टेस्ट वापस फ्रूट जैसा बने और फिर इन फ्रूट जूस concentrates को पानी के साथ मिक्स किया जाता है ये package फ्रूट जूसेस बनाने के लिए। अब आप यहाँ पर पूछोगे भई ये क्या मसला हुआ? पहले पानी को evaluate करके बाहर निकाला, concentrate बनाया और फिर बाद में पानी के साथ मिक्स करके वापस से फ्रूट जूस बना दिए। ऐसा क्यों किया जा रहा है?
ऐसा इसलिए किया जा रहा है दोस्तों क्योंकि इस concentrate को ज्यादा देर तक store करके रखा जा सकता है। इतनी जल्दी खराब नहीं होता ये जितनी जल्दी कोई फ्रेश फ्रूट जूस खराब हो जाता है। तो companies के लिए packaging cost बचती है, स्टोरेज cost, बचती है और transportation cost बचती है। लेकिन दूसरी तरफ इन concentrates का नुकसान ये है कि ज्यादातर nutrients भी खत्म हो जाते हैं।
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खुद ही सोचकर देखो यहाँ पर आपने फ्रेश फ्रूट जूस निकाला उसका concentrate बनाया उसे evaporate करके, पस्टेयरीज़े करके गर्म किया आपने फ्रेश फ्रूट जूस को और फिर उसे महीनों तक आप रखना चाहो एक जगह पर कहाँ से वो बात रहेगी। यही कारण है इस ingredient लिस्ट में आप आगे देखोगे इन्होंने लास्ट में लिख रखा है flavors ऐड किए गए हैं।
natural and nature identical flavoring substances. कुछ नेचुरल फ्लेवर ऐड किए गए हैं ताकि इसका टेस्ट वापस फ्रूट जूस जैसा हो और कुछ नेचर identical flavoring substance यानी कुछ ऐसे केमिकल्स जिनका टेस्ट नेचर में मौजूद substances से काफी सिमिलर हो और फिर इतनी सारी प्रोसेसिंग करने के बाद अक्सर कलर भी loose हो जाता है जो जूस का actual कलर होता है। ये कंपनीज चाहती है कि इनका कलर वैसा ही लगे जैसे फ्रेश फ्रूट जूसेस का लगता है तो कलर्स भी ऐड किए जाते हैं।
इस केस में आईएनएस वन सिक्सटी ए टू और थ्री ये वाला कलर है बीटा कैरोटीन इसके बाद बाकी ingredients मिल जाएंगे acidity regulator जो डाल रखा है INS three thirty antioxidant ions three hundred जो कि citric acid और ascorbic acid होता है. stabilizer ins four forty जो कि पैक्टिन होता है एक natural polysakride अक्सर ये जो citric acid ये दोबारा से डालते हैं ताकि juice में थोड़ा और taste आए और फिर आता है finally हमारा सबसे खतरनाक ingredient जो कि है sugar चीनी कितनी मौजूद है इसमें thirteen point four grams per hundred एमएल shocking चीज.
पता है क्या है दोस्तों? जो कोल्ड ड्रिंक्स हैं इनमें कितनी चीनी डली होती है? अगर आपको याद हो ये नंबर था ten to thirteen grams पर hundred एमएल की रेंज में. यहाँ पर जो चीनी है वो almost similar है एक फ्रूट जूस में और सॉफ्ट ड्रिंक में और यही सबसे बड़ा कारण है दोस्तों कि शुरू में जैसा मैंने आपको बताया था diabetes two का risk बहुत ज्यादा बढ़ जाता है ऐसे package में. फ्रूट जूस regularly पीने से इसका blame सीधा इन companies पर जाता है.
क्योंकि यहाँ पर added शुगर की मात्रा thirteen पॉइंट four में से seven four grams per hundred एमएल यानी ये एक्सट्रा शुगर है जो इन companies ने डाली है अपने packets में naturally जो शुगर मौजूद है वो thirteen पॉइंट four minus seven पॉइंट four grams और अमेरिकन हार्ट association बताता है कि हमारी बॉडी को कोई भी added शुगर की जरूरत नहीं है.
लेकिन फिर भी अगर आप insist करते हैं कि आप added शुगर consume करेंगे तो उनका कहना है कि जो बच्चे हैं जिनकी उम्र सात से दस साल की है उनके लिए चौबीस ग्राम प्रतिदिन शुगर की limit होनी चाहिए और अगर कोई बच्चा इस पैकेज्ड फ्रूट जूस को पीता है hundred and eighty एमएल का पैक है ये तो added शुगर की मात्रा यहाँ पर thirteen पॉइंट three two ग्राम हुई। यानी आधी से भी ज्यादा डेली शुगर consumption जितनी हो सकती है एक बच्चे के लिए वो सब इस फ्रूट जूस के पैकेट में मौजूद है।
अगर आप हर रोज इस एक फ्रूट जूस के पैकेट को consume करेंगे, हैरानी मत मानना आगे चल के अगर आपको diabetes हो जाए और आपको मन ही मन में लगता रहे कि मैंने तो पूरी जिंदगी बड़ी ही एक healthy diet ली है, healthy juices पिए है. यहाँ पर मैं किसी एक फ्रूट जूस कंपनी पर ऊँगली नहीं उठा रहा हूँ क्योंकि सभी की हालत ऐसी है ये एक और फ्रूट जूस कंपनी के जूस का example लेकर देख लो कोई ज्यादा difference नहीं मिलेगा.
आपको similar calories similar added sugars ingredient की लिस्ट में देखोगे तो कुछ में stabilizes डाल रखे हैं, कुछ में ये स्वीटनर nine sixty ये भी डाल रखा है। overall ये फ्रूट जूसेस ना ही नेचुरल है ना ही आपके लिए हेल्दी है. इवन दो इनकी ऐड्स आपको ये बार-बार कहती हैं।
nutrients और antioxidant से भरे वेल्ली से बना है नए और मिक्स पेरीज the hundred percent has the juice of seventeen oranges in everyone लीटर by अब ये जो मैं आपको कहने लग रहा हूँ यही चीज एंजेलीना लुइस नाम की एक औरत ने यूएस के कोर्ट में जाकर कही थी साल दो हजार ग्यारह में इस यंग औरत ने कैलिफ़ोर्निया में एक केस फाइल किया Tropicana कंपनी के अगेंस्ट.
डिसेप्टिव एडवर्टाइजमेंट को लेकर इस केस में कहा कि ये कंपनी अपनी ऐड्स दिखाते वक्त दिखा रही है कि एक संतरा रखा है जिसमें एक स्ट्रा डाल रखी है। मानो कि ये जूस जो आप पीने लग रहे हो ये hundred percent pure फ्रेश नेचुरल ऑरेंज जूस हो सीधा संतरों से निकला.
लेकिन reality ऐसी नहीं है instead एक ऐसा प्रोडक्ट है scientifically इंजीनियर किया गया है, laboratory में manufacture किया गया है। तभी reason है कि दो महीने से ज्यादा तक आप इसे स्टोर करके रख सकते हो। कोर्ट में बड़ी लंबी battle चली, इस चीज को लेकर सात साल लग गए, लेकिन end में जाकर एंजेलीना ये केस हार गई, technical grounds के नाम पर।
शायद से यही चीज होगी अगर हम में से कोई इंडिया में इनके खिलाफ केस फाइल करने की कोशिश करेगा, deceptive टीवी ऐड्स को लेकर कोई ना कोई technical loophole यहाँ पर निकाल लेंगे और आप केस हार जाओगे। अब ये courts भले ही judgement देते वक्त कोई ना कोई टेक्निकल प्रॉब्लम निकाल ले लेकिन मुझे कोई टेक्निकल प्रॉब्लम नहीं है अपनी जजमेंट देने में। ये बात बड़ी clear है कि फ्रेश फ्रूट जूस पैकेज फ्रूट जूस के comparison में कहीं ज्यादा बेहतर है।
इतना ज्यादा फर्क है इसमें कि पैकेज फ्रूट जूस को तो पीना भूल ही जाओ आप। स्पेशली बच्चों को तो ये बिल्कुल नहीं देना चाहिए क्योंकि शुगर की मात्रा इसमें इतनी ज्यादा है ये basically सॉफ्ट ड्रिंक पीने जैसा ही है।
अब फ्रेश फ्रूट जूसेस की अगर बात करी जाए तो यहां पर भी जजमेंट बड़ी clear है फ्रेश फ्रूट खाना फ्रेश फ्रूट जूस पीने से भी बेहतर है। आप पूछोगे ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिए क्योंकि जूसिंग का process होता है उसमें जो फाइबर की मात्रा मौजूद होती है fruit में वो बहुत घट जाती है आपकी बॉडी को फाइबर की जरूरत होती है वो फाइबर जो एक important nutrient है वो आपको जूस में नहीं मिलेगा।
सिर्फ fruit में मिलेगा। दूसरा कारण है कि जूस जो है वो fluid है fruits solid है। तो जूस आपकी बॉडी के अंदर ज्यादा तेजी से absorb होता है। तेज़ी से absorb होने का मतलब है कि आपकी ब्लड शुगर में changes ज्यादा तेज़ी से आते हैं insulin level आपके ज्यादा तेज़ी से बदलते हैं। short term में एक-दो बारी के लिए कोई इतनी बेकार चीज़ नहीं है लेकिन long term में अगर ऐसा होता रहा सालों भर ऐसा होता रहा तो इससे blood sugar में problems आ सकती है.
इसे avoid करने की एक बड़ी ही simple technique है. जब भी आप फ्रेश फ्रूट जूस पिए कभी भी खाली पेट पर मत पीजिए. अब या तो खाना खाते हुए फ्रेश फ्रूट जूस को पीजिए या फिर खाना खाने के बाद भरे हुए पेट पर फ्रूट जूस को पीजिए. इससे जो आपके ब्लड शुगर लेवल्स में स्पाइक्स है वो नहीं आएंगे क्योंकि जो खाना आप खा रहे है उसके साथ-साथ धीरे-धीरे ये फ्रूट जूस डाइजेस्ट होगा और लेवल्स ज्यादा कंट्रोल में रहेंगे.
of course ये भी चीज याद रखने वाली है कि moderation is the key फ्रेश फ्रूट जूस अच्छा है health के लिए इसका मतलब ये नहीं कि दो-दो, तीन-तीन लीटर रोज पी जाओ। fruits में भी natural शुगर मौजूद होती है और calories बहुत concentrated होती है.
जूस में fruits के comparison में तो ज्यादा पियोगे तो उससे भी weight gain हो सकता है। कितनी मात्रा यहाँ पर सही है. एक आम adult के लिए और seven प्लस years बच्चों के लिए कहा जाता है कि करीब eight oz कप of फ्रूट जूस हर दिन पिया जा सकता है जो कि 237 एमएल के राउंड होता है तो basically एक गिलास फ्रेश फ्रूट जूस का पीना अच्छा है।
यहाँ पर और healthy और substitute है फ्रेश fruit juice का जो कि है smoothies smoothes को बनाते वक्त आप normally एक blender का इस्तेमाल करते है जिसमें fruit को directly डाल देते है तो यहाँ पर fruit का जो fiber है वो loose नहीं होता. अक्सर आप इसे बाकी nuts seeds और vegetables के साथ ही blend कर सकते है या किसी और flower के साथ blend कर सकते है तो और भी healthy smoothy निकलकर आती है तो उम्मीद करता हूँ ये स्टोरी informative लगा होगा। अपने friends और family के साथ share कीजिए।