Khan Sir Interview: खान सर, जिन्हें दुनिया एक उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में पहचानती है, ने अपने शिक्षण के अंदाज से छात्रों को प्रेरित किया है। हाल ही में, उन्होंने कई ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। शिक्षा से लेकर राजनीति और सामाजिक समस्याओं तक, खान सर के विचार बेहद सटीक और सरल भाषा में हैं। आइए उनके अनुभवों और विचारों को नज़दीक से समझें।
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Khan Sir Interview
छात्र और शिक्षक के बीच का रिश्ता
खान सर मानते हैं कि शिक्षक का असली कर्तव्य है छात्रों को सही मार्ग दिखाना। वे कहते हैं, “शिक्षा व्यापार नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। हर वर्ग के छात्र को बराबरी का हक मिलना चाहिए।”
उनके अनुसार, गरीब और मध्यम वर्ग के छात्र ही उनके संस्थान में आते हैं। ये छात्र अक्सर ऐसी परिस्थितियों से आते हैं जहाँ भविष्य अनिश्चित होता है। खान सर का उद्देश्य इन छात्रों को बेहतर अवसर देना है।
4500 रुपये की मामूली फीस में वे छात्रों को प्रीलिम्स से लेकर इंटरव्यू तक की तैयारी करवाते हैं। उनका कहना है, “शिक्षा में सवाल पैसे का नहीं, ज़रूरत का है। हम चाहते हैं कि शिक्षा हर किसी तक पहुँचे।”
बीपीएससी विवाद और छात्रों का संघर्ष
बीपीएससी नॉर्मलाइजेशन को लेकर उठे विवाद में खान सर छात्रों के साथ खड़े रहे। उन्होंने अपनी खराब तबीयत के बावजूद छात्रों के हित में सड़क पर उतरने का फैसला किया।
वे कहते हैं कि जब भी छात्रों के भविष्य पर संकट आता है, वो पीछे नहीं हटते। उनके अनुसार, “एक शिक्षक बनने का मतलब जिम्मेदारी निभाना है। ना केवल पढ़ाई की, बल्कि छात्रों के जीवन की।”
शिक्षा व्यवस्था की स्थिति
खान सर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यहाँ न तो शिक्षा की सही व्यवस्था है और न ही समय पर परिणाम आते हैं। विश्वविद्यालयों की धीमी प्रक्रिया पर उन्होंने कहा, “6 साल में जो ग्रेजुएशन हो, वह न्याय नहीं, सज़ा है।”
उन्होंने सरकारी स्कूलों की हालत पर भी सवाल उठाए। उनका सुझाव है कि प्राइमरी स्कूलिंग को मज़बूत करना ज़रूरी है।
राजनीति में एंट्री?
खान सर से बार-बार पूछा गया कि वे राजनीति में कदम रखेंगे या नहीं। उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा, “हम शिक्षक हैं और यही हमारा काम है। सबको अपनी-अपनी जगह से काम करना चाहिए।”
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे सरकार से शिक्षा-सुधार के लिए आग्रह करना जारी रखेंगे।
सामाजिक मुद्दे और खान सर का दृष्टिकोण
दहेज प्रथा पर अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने इसे ‘सबसे घृणित कृत्य’ कहा। “दहेज मांगना इंसानियत का पतन है। इसे रोकना होगा,” उन्होंने कहा।
खान सर ने लड़कियों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर भी कई बातें कीं। उनका मानना है कि लड़की या लड़का, सभी को समान अवसर मिलना चाहिए।
शिक्षा में बदलाव की ज़रूरत
खान सर ने बताया कि शिक्षा को महंगा और व्यापारिक स्वरूप से बाहर लाना होगा। “जो लोग लाखों की फीस ले रहे हैं, उन्हें सोचने की ज़रूरत है। शिक्षा सभी का अधिकार है।”
उन्होंने तकनीकी समस्याओं जैसे रील्स और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने को छात्रों की सबसे बड़ी चुनौती बताया।
भविष्य की योजना
खान सर का सपना है कि 20 करोड़ लोगों को शिक्षित किया जाए। वे छात्रों को सिखाना चाहते हैं कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है, जो समाज में बदलाव ला सकता है।
उन्होंने कहा, “जब हर छात्र शिक्षित होगा, तब सिर्फ़ गरीबी ही नहीं, बल्कि तमाम सामाजिक समस्याएँ भी अपने आप सुलझ जाएँगी।”
निष्कर्ष
खान सर की बातें सरल, स्पष्ट और प्रेरक हैं। वे खुद को शिक्षा का सिपाही मानते हैं और अपने प्रयासों से लाखों छात्रों को बेहतर भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।
उनके विचार न केवल शिक्षकों और छात्रों के लिए, बल्कि हर व्यक्ति के लिए मूल्यवान हैं, जो समाज को बेहतर बनाने के बारे में सोचता है।
खान सर की ये बातें हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि शिक्षा के मायनों को फिर से कैसे परिभाषित किया जाए। उनका समर्पण और दृष्टिकोण हर शिक्षक और छात्र के लिए प्रेरणा है।
जीवन में आगे बढ़ने और समाज में बदलाव लाने की यह कहानी हर युवा को दिशा दिखाती है।
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