Mystery of Ancient Pyramids: आज से करीब 4500 साल पहले Egypt में एक ऐसा अजूबा बनाया गया जो आज के दिन तक लोगों को चौंका कर रख देता है The Great Pyramid of Giza.
147 metre की height पर बना इंसानों के द्वारा बनाई गयी ये सबसे ऊँची चीज़ थी. करीब 4000 सालों तक इतने भारी भरकम पत्थर इसे बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे कि इस पूरे pyramid का वजन 6 million tons बताया जाता है. इसे आप compare करो आज के दिन की सबसे ऊँची इमारत Burj Khalifa से जिसका वजन सिर्फ 5 लाख ton है.
सबसे हैरान कर देने वाली चीज़ यहाँ पर ये है कि आखिर इसे बनाया कैसे गया क्योंकि उस ज़माने में लोगों के पास कोई cranes नहीं थी. कोई bulldozers नहीं थे. कोई बड़ी technology नहीं थी. यहाँ तक कि इन लोगों के पास wheels तक नहीं थे। पहिए भी नहीं थे इन लोगों के पास.
लेकिन फिर भी इन लोगों ने एक ऐसा monument बनाया जो आज के दिन तक खड़ा है। सोचकर देखो 4500 सौ साल तक कोई building बनी रहे इतनी जलती हुई गर्मी में तूफान आए, बारिश आए, weathering होए. दुनिया में कोई भी इतनी बड़ी इतनी पुरानी चीज नहीं है जो आज तक survive कर पाई हो। तो आखिर कैसे हो पाया. ये सब आइए समझते है दोस्तों इस pyramid का रहस्य आज के इस story में.
Mystery of Ancient Pyramids:पिरामिड के अंदर क्या है?
इतिहास में दोस्तों हम जितना पीछे जाते हैं उतना ही मुश्किल हो जाता है shure शॉट पता लगाना कि exactly क्या हुआ था. कैसे हुआ था और कब हुआ था. अनुमान लगाया जाता है कि The Great Pyramid of Giza को बनाया गया था साल 2560 BC में Pharoah Khufu के द्वारा। ये ancient Egypt में जो राजा-महाराजा होते थे, हम उन्हें फेरो करके पुकारते हैं।
Pharoah Kufu की अगर specifically बात करें तो हम इन राजा के बारे में ज्यादा नहीं जानते। बस इतना जानते हैं कि ये second राजा थे, 4th dynasty of the old kingdom of Egypt के. Exactly कितने सालो तक इन्होंने राज किया था इस पर काफी चर्चा होती है. historians कुछ estimate लगाते है 23 साल. कोई कहता है 34 साल तो कोई 60 साल से ज्यादा का समय भी बताता है.
ये pyramid नील नदी के किनारे located है उसके west bank पर और आप photos और videos में देखोगे। आपको दिखेगा कि ये एक इकलौता pyramid नहीं है. इसी के जैसे दिखने वाले 2 और pyramids दिखते है same जगह पर बनाए गए है. इन तीनों में से सबसे ऊँचा है the great pyramid of giza. जिसे हम pyramid of khufu भी कहते है. इससे छोटा है pyramid of khafre जो second largest pyramid है.
Egypt में कहा जाता है कि खुफु के बेटे खाफरे ने उसे बनाया और तीसरा और सबसे छोटा pyramid है, इनमें से pyramid of menkaure है. बताया जाता है खाफरे के बेटे ने बनाया उस जमाने में. बनाए गए ये इकलौते monuments नहीं है. इसके अलावा है the great sphinx और कई burial tombs के अलावा कई और छोटे pyramids. total में बताया जाता है 118 pyramids है अलग-अलग shapes और sizes के.
इनमें से कई pyramids टूटकर weathering की वजह से मलवा हो चुके है. बहुत कम अच्छी conditions में बचे है और शायद सबसे अच्छे well preserved यही तीन pyramids है. specially the great pyramid of giza. क्या कारण था इन्हें बनाने के पीछे। वही कारण जो बहुत से और ancient monuments को बनाने के पीछे कारण था. इन्हें एक मकबरे के तौर पर बनाया गया था. ये एक tomb है. इनके Pharos को यहाँ पर दफनाया गया है pyramid के अंदर।
बात क्या है कि दोस्तों ancient egyptians after लाइफ में विश्वास रखते थे. इनका मानना था कि मरने के बाद जिंदगी खत्म नहीं होती बल्कि मौत के बाद हमारी आत्मा underworld में जाती है. जहाँ पर भगवान आत्मा को judge करते हैं।
जिन लोगों ने अच्छा किया है वो हमेशा के लिए जिन्दा रहते हैं इस after लाइफ में और इस आफ्टर लाइफ के लिए prepare करने के लिए जब इनके ये राजा इनके Pharo जिंदा थे तो ये अपने लिए tombs बनवाते थे। अपने लिए बहुत सा खाना, खजाना, jewellery, furniture, कपड़े ये सारी चीजें अपने साथ pyramid के अंदर रखते थे कि after लाइफ में काम आएंगे।
तो इनके मरने के बाद इनकी bodies को mummyfy किया जाता था और wooden या stone, coffins में दफनाकर रख दिया जाता था। अब आप पूछोगे कि ये हमें कैसे पता कि pyramid को इन्हीं चीजों के लिए use किया जाता था। दो बड़े कारण है दोस्तों पहला तो ये कि इस जैसे ही और पुराने pyramids पर हमें लेख लिखे हुए मिले हैं। इस जैसे ही coffins पर और ऐसे ही pyramids के अंदर text लिखे हुए मिले हैं जहाँ पर बता रखा है कि ये लोग क्या करते थे।
दूसरा majority ऐसे historical pyramids जो हमने पाए हैं Egypt और Sodan के देशों में उन्हें Toombs की तरह ही इस्तेमाल किया गया है। लेकिन क्योंकि specifically great pyramid of giza के अंदर अपने अंदर इस pyramid के कोई substantial evidence नहीं मिला इन चीजों का तो लोग अपनी alternative theories बनाते हैं।
इस ग्रेट pyramid के अंदर जब archaeologist गए तो उन्हें सिर्फ तीन relics मिले और एक खाली कॉफिन मिला। ये ताबुत माना जाता है कि खूफू का था और बाकी और जो खजाना और ज्वेलरी के आसपास होनी चाहिए थी assume किया जाता है कि इतने सालो में कोई उसे लूटकर लेकर चला गया तो जो लोग इससे disagree करते हैं’= उनकी alternative थ्योरी बड़ी ही अजीबोगरीब है।
एक बड़ी popular थ्योरी जो सुनने में आती है वो ये है कि ये ग्रेट पिरामिड एक पावर प्लांट था. जिससे बिजल generate हों सकती थी. जो लोग इसमें मानते हैं वो कहते हैं कि ancient egyptian लोग बड़े ही technologically advance थे वो already बिजली बनाना सीख चुके थे। इस थ्योरी के evidence के तौर पर क्या बताया जाता है कुछ पुराने जमाने के इनके art works दिखाए जाते हैं.
इनके पुराने temples की दीवारों पर कुछ इस तरीके के art works पाए गए हैं जिसे कुछ लोग देखकर conclude करते हैं कि यहाँ पर एक लाइट बल्ब बना रखा है इन्होंने। तो लाइट बल्ब इन लोगों ने पहले ही invent कर लिया था और पता नहीं उसके बाद क्या हुआ इसका। मैंने बार-बार बताया कि ऐसी conspiracy theory तब बनाई जाती जब substantial evidence किसी चीज को लेकर नहीं होता लेकिन ये conspiracy theory अक्सर इतनी अजीबोगरीब होती है कि इनका कोई logical sense नहीं होता।
अगर light bulb सही में exist करता था ancient Egyptian के ज़मानों में तो आज तक उसका कोई evidence क्यों नहीं मिला है असलियत में दोस्तों ये art work actually में एक Egyptan mythology की story दिखाता है. ऐसी ही एक दूसरी popular theory बताई जाती है कि ये pyramid actually में अनाज store करने के लिए granery थी एक बड़ा सा भंडार था.
इस theory को propose किया था American politician Ben Carson ने. इस साल 1998 में उनके अकॉर्डिंग ये उनकी पर्सनल थ्योरी है. इन पिरामिड्स को एक्चुअली में जीजस क्राइस्ट के फादर ने बनाया था. अब यहाँ पर आप देख सकते हो. दोस्तों दूसरा बड़ा कारण conspiracies थ्योरी बनाने के पीछे जो कि है पॉलिटिशियन के द्वारा रिलीजियस अपीस्मेंट तो एनीवेज ये चीज काफी क्लियर है.
आज के दिन हिस्टोरियंस एक दूसरे से सहमत है इस बात पर कि ग्रेट pyramid of गीजा को एक मकबरे के तौर पर बनाया गया था। उस समय पर लोगों का मानना था कि जितना आलीशान मकबरा होगा, जितना ज्यादा हम खजाना रखेंगे, खाने के लिए चीजें रखेंगे, उतनी ही ज्यादा अच्छी बीतेगी हमारे राजा की after लाइफ।
लेकिन अब आते हैं, सबसे बड़े सवाल पर इन pyramids को actually में बनाया कैसे गया? सही मायनों में देखा जाए तो यही actually में दोस्तों, सबसे mysterious चीज है. इन pyramids के बारे में। उस जमाने के लोगों ने कैसे यहाँ पर एक सौ सैंतीस मीटर ऊँची इमारत खड़ी कर दी, जिसे इतने बड़े बड़े पत्थरों से बनाया गया है कि इपत्थरों का अपने आप में वजन ढाई ton से लेकर अस्सी ton के बीच में है हर पत्थर को इतने बारीक तरीके से काटा गया है evenly काटा गया है.
जब कोई काटने के लिए tool तक मौजूद नहीं था फिर इन पत्थरों को एक के ऊपर एक लगाकर कैसे रखा गया जब ये लोग पहियों का भी नहीं इस्तेमाल कर रहे थे और ये सब इन्होंने कर दिखाया बीस सालों के अंदर.
बीस साल ही दोस्तों time span बताया जाता है जितना समय लगा इस great pyramid of visa को बनाने में तो कई theories बताई जाती है इसको लेकर और इस बारी में conspiracy theories की बात नहीं करूँगा जो बहुत ही अजीबोगरीब है. लेकिन इन थ्योरी की बात करने से पहले एक बड़े misconception को देखते है जो लोगों के मन में होता है इन pyramids को लेकर.
फिल्मों में अक्सर दिखाया जाता है कि इन pyramids को बनाते वक्त slave labour का इस्तेमाल किया गया था. बड़े ही गरीब servants यहाँ पर मजबूरी में काम करने लग रहे थे. दिन रात जिनके जो बॉस होते थे उन्हें रस्सियों से मारते थे hunter से पिटाई करते थे उनकी.
याद है ना किसी ना किसी फिल्म में आपने ये जरूर देखा होगा काफी समय तक लोगों लगता था कि ऐसे ही slaves ने इन pyramids को बनाया है। एक fifth century बीसी में रहने वाले एक Greek historian थे herodotus करके. उन्होंने ही पहले इस थ्योरी को suggest किया था कि slaves ने इन pyramids को बनाया. लेकिन आज के दिन हम जानते हैं कि actually में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था।
जो लोग इस pyramid को बनाने के लिए काम कर रहे थे वो highly skilled labours थे उनको भूखा रख के मारा-पीटा नहीं जाता था बल्कि उन्हें अच्छे से खाना खिलाया जाता था। in fact इतने अच्छे से खाना खिलाया जाता था कि average egyptian citizen जो उस समय रहता था. उससे ज्यादा हट्टे-कट्टे well fed लोग थे ये labours ये लोग शहरों में रहते थे construction site के पास.
इसके अलावा अलग-अलग seasons में इन्हें अलग-अलग community के members से support भी मिलता था जैसे कि farmers अगर किसान लोग खेती नहीं कर रहे होते थे अपने free time में आकर construction में हाथ बटा देते थे। एक तरीके से पूरे kingdom में रहने वाले सारे लोग काफी united थे इस national project के success को लेकर वो अपने राजा में बहुत विश्वास करते थे।
total में देखा जाए करीब बीस से तीस हजार workers लगे इसकी construction में जिन्होंने दस-दस घंटे दिन में काम किया इस ग्रेट pyramid of giza को बनाने के लिए। आज के दिन भी ज्यादातर लोग घंटों-घंटों काम करते हैं पैसे कमाने के लिए और किसी महाराजा के नहीं बल्कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए।
construction material की बात करी जाए तो करीब five point five मिलियन tons lime stone आठ हजार टन ग्रेनाइट और पांच लाख टन मोर्टार का इस्तेमाल किया गया. ज्यादातर ये पत्थर आए थे आस-पास के area से ही. ज्यादा से ज्यादा दूर ये Southern Egypt के region से आए थे जोकि ये 800 किलोमीटर दूर था. अब सवाल ये कि इन पत्थरों को काटा कैसे जाता था? कॉपर उस समय में सबसे common metal इस्तेमाल किया जाता था.
तो जो tools बनते थे वो कॉपर के बनते थे। जो ज्यादा hard पत्थर होते थे ग्रेनाइट उन्हें ये तोड़ते थे dolarite का इस्तेमाल करके कई तरीके से. इनके तरीके काफी unique होते थे जैसे कि पत्थरों के अंदर ये cracks और holes को ढूंढते थे और हथोड़े से उसके अंदर wood के बने हुए vegs डाल देते थे जो पानी के अंदर soak किए गए थे जैसे वो पत्थर पानी को absorb करता ये vegs जो है वो और expand हो जाते और वो पत्थर टूट जाता।
इन सबसे बड़े सवाल पर आए इन पत्थरों को move कैसे किया जाता था. उस समय पर wheels carts में इस्तेमाल नहीं किए जाते थे तो कोई गाड़ी सी मशीन नहीं थी कि पहिए लगाए उस पर पत्थर डाला और हिलाकर लेकर चले गए। सबसे possible theory है यहाँ पर इतनी दूर से पत्थरों को लाने के लिए ये raft सी बनाते थे.
जो नदी पर तैरती थी उसके बाद जब पत्थर pyramid के पास आ गया एक के ऊपर एक पत्थर रखने के लिए ये sledges का इस्तेमाल करते थे गीली मिट्टी में ये बड़ी interesting theory है जो बहुत ही recently पता चली है. 2014 में एक study करी गई थी और इस थ्योरी का basis है actually में एक painting जो कि पाई गई थी
के The Painting from the Tomb of DJEHUTIHOTEP पर ये tomb काफी बाद का है, nineteen hundred BC का है। लेकिन इस पेंटिंग में आप देख सकते हैं. करीब 170 लोग एक statue को घिसटा कर ले जा रहे हैं एक स्लेज पर और रस्सियों का इस्तेमाल कर रहे हैं इतनी भारी चीज को खींचने के लिए। इस पेंटिंग में ध्यान से देखेंगे तो आपको देखेगा कि कैसे एक आदमी स्टैचू के सामने पानी गिराने लग रहा है रेत के ऊपर।
शुरू में archaeologist को लगा कि ये कोई ritual का जरिया होगा कोई tradition होगा. इनका सामने पानी गिराना। लेकिन जब physician डेनियल बोर्न और उनकी टीम ने test आउट किया तो पता लगा रेत में एक certain amount of पानी अगर मौजूद होगा तो जमीन पर और जमीन पर घिसटने वाली चीज का जो friction है वो काफी हद तक कम हो जाता है. ये ratio काफी बारीक है. करीब दो से पाँच percent पानी सैंड में इसकी मदद से गीले रेत में चीजों को ड्रैग करना काफी आसान हो जाता है।
अब अगला सवाल यहाँ पर उठता है आप पूछोगे अच्छा चलो मान लिया पत्थरों को धक्का मारकर इधर से उधर रेत में ले जाया जा सकता है। लेकिन पत्थरों को एक दूसरे के ऊपर कैसे रखा जा सकता है? इतने भारी वजन को में कैसे उठाया जाए बिना मशीनों का इस्तेमाल करें।
अब आम तौर पर पुलिस का एक system बनाया जा सकता है इसे उठाने के लिए लेकिन मैंने जैसा आपको बताया जो wheel था वो इस समय पर fourth dynasty के दौरान exist नहीं करता था. ये exist करता था लेकिन उसे सिर्फ pottery के लिए इस्तेमाल किया जाता था। तो इसका जवाब है यहाँ पर दोस्तों एक ramps का बड़ा ही अनोखा system बनाया गया.
साल 2015 में English और French archeologist की एक team ने एक 4500 साल पुराना wooden ramp uncover किया एक qouary से तो scholars ने कहा कि एक इस तरीके का ramp बनाया गया होगा. उस समय पर जो कि एक straight slope था ग्राउंड से लेकर top तक इस slope के ऊपर पत्थरों को धक्का मारने के लिए इन्होंने एक system use किया.
जहाँ पर इन्होंने लकड़ी के डंडे गाड़ दिया उसके आस-पास फिर इन्होंने रस्सियों का इस्तेमाल किया उन डंडों के around उस पत्थर को ऊपर खींचने के लिए कुछ इस तरीके से जैसा आप art work में देख सकते हैं।
इसे suggest किया गया था physician joseph west के द्वारा साल 2014 में इस थ्योरी के according pyramid का हर level complete करने के बाद इन लोगों ने एक नया slope बनाया होगा और ताकि slope का angle ज्यादा ना हो ये slope को पीछे तक ले गए होंगे यानी slope को ज्यादा पीछे से शुरू करे बनाना ताकि ज्यादा tilt ना आए उस slope में.
इसके अलावा एक दूसरी theory कहती है कि इन्होंने एक livers का system इस्तेमाल किया होगा. पत्थरों को एक के ऊपर एक रखने के लिए drawings में देखिए किस तरीके से काम करता है basically एक middle point ले लिया. जिसकी height थोड़ी सी ज्यादा हो उसके ऊपर एक डंडा लगाया और डंडे की दूसरी तरफ कुछ वजन और उसको फिर घुमाकर ऊपर place कर दिया।
Scholars का मानना है कि ऐसा ही एक similar system जिसका नाम इन्होंने दिया है shadoof Egypt में exist करता था। हजारों सालो से इस mechanism का ये लोग पानी निकालने के लिए भी इस्तेमाल करते
थे. नाईल नदी से अपने खेतों को irrigate करने के लिए। ये दोनों theories सुनने में काफी अच्छी लगती है लेकिन problem आ जाती है. यहाँ पर construction time हम जानते है कि pyramids को बीस सालो के अंदर-अंदर complete किया गया था। अब बीस हजार लोग अगर एक-एक करके पठार को यहाँ पर इस तरीके से transport करेंगे तो हर तीन मिनट पर एक-एक पत्थर यहाँ पर place किया जाना चाहिए.
साल के हर एक दिन पर जो कि काफी unlikely लगता है कि इतनी स्पीड से इन्होंने काम किया होगा. यहाँ पर exactly यही reason है दोस्तों कि आज के दिन तक ये चीज एक बड़ी mystery है ये दोनों थ्योरी सुनने में ठीक लगती है लेकिन पूरी तरीके से explain नहीं करती कि exactly क्या हुआ यहाँ पर हम यहाँ पर ये जरूर जानते हैं कि शुरू की कुछ जो pyramid की layers हैं उन्हें बिना किसी मोटर यानी बिना किसी गारा के place किया गया था.
लेकिन ऊपर layers में मोर्टार जरूर add किया गया था जिसकी वजह से stability बढ़ती है structure की और यही कारण है कि इतने हजारों सालो में कई भूकंप भी आ गए, earthquake आए फिर भी ये pyramid of visa आज के दिन तक खड़ा है. वैसे इस मोर्टार के बारे में भी एक mystery है. scientist ये ज़रूर जानते हैं कि इसकी exact chemistry क्या है?
लेकिन scientist इसे दोबारा से बना नहीं पाए। finally construction की आखिरी स्टेप पिरामिड की जो बाहर की layer थी वो बड़े ही fine white lime stone से बनी थी. जिसका मतलब ये है कि जब भी यहाँ पर sunlight आती थी.
ये सारे pyramids बहुत ही व्हाइट कलर के चमकते होंगे। ये एक ऐसी चीज है जो इतने हजारों सालो बाद टूट गई है। ये बाहर की layer warn off हो चुकी है. खूफू और mankaure के पिरामिड से लेकिन खाफरे के पिरामिड में ऊपर-ऊपर आप थोड़ा-सा अभी भी देख सकते हैं इस layer को अब construction से आगे बढ़कर इन pyramids के design पर आए हैं तो ये भी बड़ी fascinating चीज है।
क्या आप जानते हैं इन pyramids को इस तरीके से design किया गया है कि इनकी चारों directions north east south west में एक point कर रही है। एक बहुत छोटा सा error है यहाँ पर one to one fifteenth of one degree का error है जो कि बहुत थोड़ा error होता है।
almost यही मान लो कि बड़े ही accurate तरीके से चारों directions की तरफ point कर रहे हैं। कैसे हो सकता है ये? उस वक्त कोई compus मौजूद नहीं था। कोई modern technology नहीं थी, GPS technology नहीं थी, तो एक बार फिर से researchers ने अपनी theoretical explanations देने की कोशिश करी है कि Egyptians ने इतना high level of precision कैसे achieve किया?
एक popular थ्योरी को लेकर बताई जाती है, autumn equinox की जब धरती का tilt इस तरीके से हो जाता है कि दिन और रात exactly equal होते है. जमीन पर पड़ने वाली shadow बिलकुल straight line में होती है. east और west direction की अगर Egyptian ने इस तरीके का इस्तेमाल किया था तो जो degree of error उनकी calculations में आया था. वही degree of error इस shadow में भी मौजूद होता है.
जब autumn equinox होता है तो दूसरी theory यहाँ पर बताई जाती है. constellations को लेकर आसमान में जो तारें है उनकी directions को देखकर यहाँ पर Egypt ने अपने design को allign किया. nineteen eighty nine में रॉबर्ट बॉबल एक author और egyptology enthusiaste इन्होंने अपनी एक Orion Co-relation Theory बनाई. इन्होंने कहा जो तीन pyramids of giza है वो actually में Orian Belt के जो तारे हैं उनके तीन तारों के straight line में allied है।
इनका कहना है कि allignment intentional थी और ancient egyptians जानते थे astronomy के बारे में. वो तारों को रात में track करते थे और उन्हें study करते थे। उसके according वो कुछ अपने crops को भी अलग-अलग times पर harvest करते थे। historians का मानना है कि ये एक fringe थ्योरी है.
फ्रिंज का मतलब जो भी main stream नहीं हो। कुछ points जो इस थ्योरी के खिलाफ दिए जाते हैं कि तीनों pyramids एक टाइम पर प्लान नहीं किए गए थे ना ही एक टाइम पर बनाए गए थे और nineteen ninety nine में जब astronomers ने actually में इस थ्योरी को test आउट किया। और के स्टार को देखा तो पता चला कि exactly pyramids align नहीं करते हैं उसके according और बात ये है कि actually वो जो constellation है वो थोड़ा हिल गया है.
इतने हजारों सालो बाद stars की alignment वो same तरीके से नहीं है जो आज के दिन हम देखते है ये theory यहाँ पर बतानी ज़रूरी है क्योंकि एक classic case है जहाँ पर इंसान patterns ढूंढने की कोशिश करते है चाहे patterns exist करते भी ना हो जब चीजों का ठोस सबूत हमारे पास मौजूद नहीं है exact explanation नहीं है तो हम अपने ideas बनाते है और कहीं पर भी कोई link मिल जाए तो हम उसे सच मान बैठते है.
इसी चीज को ही एक और नए level पर ले जाओ और exaggerate कर दो तो और अजीबोगरीब theories बनकर आते है लोग कहते हैं कि aliens ने इन pyramids को बनाया है. क्योंकि ये possible ही नहीं है कि इंसानों ने ये किया होगा मेरी राय में.
ऐसी अजीबोगरीब theory scientific thinking के खिलाफ जाती है ये एक shortcut तरीका है बस किसी तरीके से कुछ solution निकालने का जब हमें solution मिल नहीं रहा है तो बेहतर ये है कि हम acknowledge करें कि ये ये चीजें हमें पता है और जो चीजें नहीं पता हमें उन्हें हम clearly सामने रखें ताकि आगे आने वाली पीढ़ियाँ आगे आने वाले archaeologist historians इस चीज में research कर पाए कोई complete solution और explanation यहाँ पर दे पाए, इन mysteries को लेकर.