Nikhat Zareen Biography: भारत में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है।वह हर काम पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर कर सकती हैं। चाहे वह टेक्नोलॉजी का कार्य हो। चाहे फिजिकली वर्क हो चाहे मेंटली वर्क है हो जो भी कार्य हो सब कार्य महिलाएं कर सकती हैं। बस उस कार्य को करने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा दकियानूसी मानसिकता को त्याग करने की आवश्यकता होती है। आज हम जिस महिला के विषय में बताने वाले हैं उस महिला का नाम है निखत जरीन जिन्होंने मुक्केबाजी की दुनिया में नाम,सोहरत, पैसा तीनों कमाया।
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Nikhat Zareen Biography in Hindi
लेकिन अपनी सफलता पर उन्हें नाज नहीं है। इसका कारण है वह अपने आपको तब तक सफल नही मानेंगी। जब तक देश की अन्य बेटियां अपने मनपसंद के अनुसार हर सेक्टर में आगे न बढ़ सकेंगी। निखत जरीन जो मुक्केबाज है जिन्होंने विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। निखत जरीन ने मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल, लेख कोची के बाद वह भारत की पांचवी ऐसी बॉक्सर बन गई जिन्होंने विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता हो।
निखत जरीन का जन्म कब और कहां हुआ था?-
मुस्लिम परिवार में जन्मी निखत जरीन जिनका जन्म 14 जून 1996 को भारत की तेलंगाना राज्य के निजामाबाद जिले में हुआ था। निखत जरीन को बॉक्सिंग करने के लिए कई विरोधियों का सामना करना पड़ा। परिवार ही उनके सबसे बड़े विरोधी था क्योंकि परिवार नहीं चाहता था कि निखत जरीन बॉक्सिंग करें यह मानसिकता पितृसत्तात्मक समाज को दर्शाता है जो महिला को सिर्फ सीमित कार्यों के दायरे में बांध देना चाहता है।
निखत जरीन के माता – पिता का नाम क्या है?
निखत जरीन के माता और पिता का नाम क्रमशः परवीन सुल्ताना और जमील अहमद है। परवीन सुलताना पेशे से एक हाउसवाइफ है जो सिर्फ घर के कार्यों तक ही सीमित है अर्थात उनका जीवन सिर्फ घर की चारदीवारी के कार्यों में सिमट कर रह गया और उनके पिता का नाम जमील अहमद है जो एक सेल्स पर्सन है अर्थात जो गंजे को कंघा बेच ने का कार्य करते हैं।
निखत जरीन को शुरुआती कैरियर के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा-
निखत जरीन की रुचि बॉक्सिंग के प्रति इसलिए हो गए क्योकि उनके चाचा समसुद्दीन एक बॉक्सिंग कोच थे। जब वह अपने बच्चों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग देते थे। उन्हें देख निखत जरीन की भी इच्छा होती थी कि वह भी बॉक्सिंग करें लेकिन निखत जरीन की माता परवीन वह चाहती थी कि निखत जरीन बॉक्सिंग करें अपितु वह चाहती थी कि पढ़ लिख करके अपनी दोनों बहनों की तरह अंजुम मीनार और अफरान जरीन की तरह डॉक्टर बने। लेकिन निखत जरीन ने अपने पिता से जिद करने लगी उन्हें बॉक्सिंग ही करना है।
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जिसके बाद निखत जरीन की पिता जमील अहमद ने अपनी बेटियों की खुशियों के लिए सऊदी अरब में जो सेल्स पर्सन का कार्य कर रहे थे उसको छोड़कर कि वह निजामाबाद में शिफ्ट हो गए और बेटियो के सपने को साकार करने में लग गए आपको बता दें कि निखत जरीन के चाचा जो समसुद्दीन है उनके दो बेटे हैं और दोनों बेटी राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज हैं। इसके बाद फिर क्या हुआ निखत जरीन को अवसर मिलते ही वह अवसर को बड़ी परिश्रम और लगन के साथ भुनाने में लग गई।
निखत जरीन की शिक्षा किस विश्वविद्यालय से हुई थी?,
14 वर्ष की उम्र में गोल्डन बेस्ट बॉक्सर के अवार्ड से सम्मानित निखत जरीन की प्रारंभिक एजुकेशन निर्मला हृदय गर्ल हाई स्कूल निजामाबाद से हुई थी और ग्रेजुएशन की पढ़ाई हैदराबाद की एबी कॉलेज से की थी।
निखत जरीन का बॉक्सिंग में कैरियर का सफर कैसा रहा है?-
पिता जमील अहमद ने अपनी प्रिय बेटी निखत जरीन के सपने को साकार करने के लिए सबसे पहले विशाखापट्टनम में स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण में भर्ती कराया। इसके बाद सन 2010 में इरोड नेशंस में निखत जरीन ने गोल्डन बेस्ट बॉक्सर का अवार्ड जीता फिर तुर्की में आयोजित एआईबीए महिला जूनियर और विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 2011 में गोल्ड जीता।
यही इनका सफर खत्म नहीं हुआ अब आगे की सुनिए सन 2014 में बुल्गारिया में निखत जरीन ने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी में सन 2015 में फिर गोल्ड जीता। थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट जो थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हुआ उसमें निखत जरीन ने रजत पदक जीता। 19 मई 2022 को निखत जरीन ने तुर्की में आयोजित महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपने प्रतिद्वंदी जितपोंग जुतमस को हराकर के स्वर्ण पदक जीती।
भारत सरकार के द्वारा निखत जरीन को कौन-कौन से पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
भारत सरकार के द्वारा निखत जरीन को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा उन्हें अर्जुन पुरस्कार के सम्मान से सम्मानित किया गया और इसके अलावा सन 2009 में भारतीय खेल प्राधिकरण में आइबी राव द्वारा ट्रेनिंग लेने के लिए उन्हें गुरु द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।