कैप्टेन जोया अग्रवाल के संघर्ष की कहानी जिसने नॉर्थपोल के ऊपर से हवाई जहाज उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बनी, Pilot Zoya Agarwal Biography

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Pilot Zoya Agarwal Biography: कहा जाता है कि सफलता तभी मिलती है. जब आपके सपने डर से बड़े होते हैं और नामुमकिन को मुमकिन करने का जुनून होता है. कुछ ऐसे ही बड़े सपने थे जोया अग्रवाल के जिन्होंने डर को दूर करके अपनी किस्मत की लकीरों को खुद लिखा और अपने सपनों को पूरा कर आज एक successful pilot हैं. Captain Zoya ने अपने career दौरान कई एयरक्राफ्ट की सफल उड़ान भरी है. अगर आप भी Joya के उन struggle के बारे में जानना चाहते है तो जुड़े रहिए हमारे इस लेख के साथ end तक.

जोया अग्रवाल का जन्म और शिक्षा

27 मई 1981 को New Delhi में एक cute सी बच्ची का जन्म हुआ. जिसका नाम Zoya रखा गया. Joya का full name Zoya Agarwal है. Joya की family में उनके अलावा उनके parents है. Joya ने अपनी schooling दिल्ली से की है और अपने college की पढ़ाई Saint Stephen College दिल्ली से complete की. Joya ने अपनी schooling के दौरान eleventh और twelfth में science stream ली थी और अपने school में board परीक्षा में top किया।

जोया का पायलट बनने का सपना

Joya जब 8 साल की थी तभी से उनके अंदर pilot बनने का जुनून था और हमेशा वो छत पर बैठकर आसमान को देखकर सितारों को छूने का सपना देखती थी और मन ही मन सोचती थी कि जो एयरोप्लेन आसमान में fly करता है, मैं कभी उसको उड़ा पाऊँगी या नहीं और तब Joya के कानों में असंभव की आवाज आती थी क्योंकि Joya एक ऐसी family से belong करती है जहाँ पर Joya को सिखाया गया कि बुजुर्ग की छाया में चलो और इनकी माँ ने इन्हें सिखाया कि शादी करनी है. अपनी family को संभालना है. Joya को तब ऐसा कभी नहीं बताया गया कि आप आसमानों को भी छू सकती है. Joya फिर से एक दिन छत पर बैठकर सितारों को देखकर अपने सपने बुन रही थी कि मुझे pilot बनना है और फिर से उनके जेहन में एक सवाल उठा कि क्या ये possible है और मन ही मन सोचने लगी कि मैंने तो कभी भी किसी भी चीज से हार नहीं मानी तो फिर इससे हार कैसे मान लूँ. Joya की सोच सही थी क्योंकि दुनिया का कोई भी बंधन आपको कामयाब होने से रोक नहीं सकता।

Joya ने अब तय कर लिया था कि मैं एक नई मिसाल कायम करुँगी। Joya बस सोच ही रही थी कि मैं अपनी graduation complete करके pilot का course करुँगी। लेकिन फिर उनके mind में ये आया कि अगर मैं graduation के बाद course करुँगी तो काफी वक्त जाया होगा और इसीलिए Joya अपनी college की पढ़ाई के साथ साथ pilot course भी करने लगी वो अपने माँ बाप की इकलौती संतान है जब तीन साल इनके माँ पापा ने इन्हें ये सब करते देखा उन्हें Zoya पर तरस आया और finally उन्होंने बोला चलो तुम्हारा जो सपना है जाके try करो और पूरा करो.

दोस्तों अक्सर ऐसा कहा जाता है कि जो लोग मेहनत का साथ नहीं छोड़ते किस्मत उनका हाथ कभी नहीं छोड़ती और Joya भी उन लोगों की list में आती है, जो लोग कभी मेहनत का साथ नहीं छोड़ते। Joya के father के पास इतना पैसा नहीं था. Joya के course की fees बहुत ज्यादा थी लेकिन फिर भी Joya के father ने Joya को आगे बढ़ने की इजाजत दे दी और Joya का साथ नहीं छोड़ा उन्होंने। Joya के course के लिए कर्ज ले लिया और अब इन्हें इंतजार था Joya के कामयाब होने का.

Capatain Zoya’s Life Stoty

इधर अब Joya का बस एक ही सपना था कि मुझे north pole के ऊपर से उड़ान भरना है. फिर एक दो साल लगातार मेहनत करने के बाद Joya Air India में job मिल गयी, लेकिन उस समय Air India के लिए सात vacancy थी और total 3000 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था. अब Joya को किसी भी बात का डर नहीं था और उन्होंने ठान लिया था कि मुझे ऊँची उड़ान भरनी है.

लेकिन Joya की परीक्षा से 6 दिन पहले Joya के पिता को heart attack आया और उस time Joya अपने पिता को छोड़ना नहीं चाहती थी और उनका बिलकुल भी मन नहीं था कि वो परीक्षा देने जाए लेकिन Joya के पिता ने उन्हें समझाया और बहुत समझाने के बाद Joya exam देने गयी और फिर से उन्होंने Air India का डर खत्म किया। Joya का कहना है कि अगर सपने तुम्हारे है तो उस दिशा में पहला कदम भी आपको ही बढ़ाना होगा। मुश्किल क्या है, आसान क्या है. ये सब हमारी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है. अब Joya अपने इस मौके को गंवाना नहीं चाहती थी और Joya भले ही शुरुआत में अपने पापा की मर्जी से Mumbai में परीक्षा देने गई थी. पापा को छोड़ने का उनका बिल्कुल भी मन नहीं था. लेकिन बिना इच्छा के वो परीक्षा देने आ गई.

लेकिन अब Joya ने अपने आप को कठोर बना लिया था कि कुछ भी हो जाए. अब पीछे नहीं हटूँगी और अपने सपनों को पूरा करके ही लौटूंगी। Joya ने अपने सभी round clear किए और finally 2004 में उन्हें Air India में admission मिल गया. अब Joya ने ये साबित कर दिया था कि कठोर परिश्रम कभी विफल नहीं होता और उम्मीद और विश्वास का छोटा सा बीज खुशियों के विशाल फलों से बेहतर और शक्तिशाली है. यदि मनुष्य कुछ सीखना चाहता है तो उसकी प्रत्येक भूल कुछ ना कुछ सीखा देती है. बस सीखने की इच्छा शक्ति, खुद पर विश्वास और हौसला होना चाहिए.

पायलट बनने के बात जोया के achievements

साल 2013 में जोया अग्रवाल पायलट बनने के 12 महीनों के अंदर ही Boeing 777 एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली भारत की सबसे कम उम्र की महिला पायलट बनी. साल 2015 में जोया ने एक यात्री की जान बचाई. एक पुरुष यात्री द्वारा सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद न्यूयॉर्क जाने वाली एयर इंडिया का बोइंग एयरक्राफ्ट फिर से बीच हवा में मूड गया और दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतार दिया गया विमान के उतरने के तुरंत बाद उस बीमार यात्री को नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया और Zoya के द्वारा समय रहते की गई इस कार्यवाही से उस यात्री की जान बच गई. एयर इंडिया की महिला pilot जोया अग्रवाल ने 9 जनवरी 2021 को सैनफ्रांसिस्को और बेंगलुरु के बीच दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उड़ान भरी. 17 घंटों से ज्यादा समय में करीब 16000 किलोमीटर की दूरी इन्होंने तय की और तब जोया ने ये एक नया इतिहास रच दिया।

जोया ने इस इतिहास में नॉन स्टॉप, कमर्शियल फ्लाइट का नेतृत्व किया था. कैप्टन जोया उत्तरी ध्रुव से उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की पहली महिला कमांडर भी बन गई हैं. जोया के साथ इस उड़ान में भारत की तीन बेटियां और थी. जोया और उनकी सहयोगियों ने ये बड़ी उपलब्धि हासिल की. इन्होंने पहली बार विश्व में उत्तरी ध्रुव (नॉर्थ पोल) के ऊपर से दुनिया की सबसे लंबी उड़ानों में से एक उड़ान भरी और इतिहास का एक नया पन्ना लिख दिया।

Zoya ने एयर इंडिया और वीमेन एंपावरमेंट का नाम एकदम से काफी ऊँचा कर दिया। जोया बताती है कि नॉर्थ पोल में काफी सारे challenges होते हैं. जिसकी वजह से सारी एयरलाइंस नॉर्थ पोल के ऊपर से नहीं जाती हैं। Zoya का बहुत लंबे समय से सपना था कि वो north pole के ऊपर से उड़ान भरे और अब उनका ये सपना साकार हो चुका है. जब Zoya north pole के ऊपर से बेंगलुरु पहुँची तो वो 17 घंटे का  non stop फ्लाइट था. जोया गोल्डन चैप्टर जोड़ने वाली पहली महिला हैं तो वहाँ से यहाँ तक का जो सफर है वो इनके बहुत ही दिल के करीब रहता है। 

जब इन्हें कोई captain बुलाता है तो इन्हें अपने सारे challenges याद आते हैं और बहुत ही अच्छा लगता है कि ये एक मुकाम तक पहुँच गयी. जब कोई भारत की बेटी बोलती है कि मुझे pilot बनना है तो Joya को बचपन वाली वो 8 साल की Joya याद आ जाती है. जिसे कुछ भी नामुमकिन नहीं लगता था. उम्मीद करता हूँ इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी.

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