Anjana Singh Life Story: अपने दम पर भोजपुरी सिनेमा का कीर्तिमान रचने वाली अभिनेत्री, अंजना सिंह, आज न केवल अपनी प्रतिभा के लिए जानी जाती हैं बल्कि अपने सशक्त और प्रेरणादायक जीवन के लिए भी। एक सिंगल मदर होने के साथ-साथ, वह महिलाओं की ताकत और स्वतंत्रता की मिसाल हैं। द एडी शो के एक एपिसोड में, उन्होंने अपनी ज़िंदगी के संघर्षों, उपलब्धियों और भावनात्मक पहलुओं को खुल कर साझा किया। यह उनकी यात्रा का सार आपके सामने रखा गया है।
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Anjana Singh Life Story
बचपन और शुरुआती सपने
लखनऊ में पली-बढ़ी अंजना बचपन से ही हर कला और एक्टिविटी में आगे रहीं। उनके पिता, जो एक इंजीनियर थे, ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहन दिया। जब पापा पूछा करते थे, “क्या बनना चाहती हो?” तो अंजना का सरल उत्तर होता था, “पापा, आपसे ज्यादा पैसे कमाऊंगी।” यही आत्मविश्वास आज उनकी पहचान है।
ब्यूटी पेजेंट्स में शुरुआत
अंजना ने मिस बहराइच और मिस उत्तर प्रदेश जैसे खिताब जीते। इसके बाद ग्लैडरैग्स के टॉप 25 मॉडल्स में जगह बनाई। यह सफर न केवल आत्मविश्वास बढ़ाने का जरिया था, बल्कि उनके लिए बड़े अवसरों का दरवाजा भी खोला।
मुंबई में कदम और शुरुआती संघर्ष
मुंबई पहुंचना उनके लिए एक बड़ा कदम था। ज़ी सिने स्टार्स की खोज में ऑडिशन देना और शहर के माहौल को समझना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहा। वह कहती हैं कि शुरुआती दिनों में दोस्तों के साथ ऑडिशन के लिए ऑटो और पैदल भाग-दौड़ ने उन्हें मुंबई के संघर्ष की सच्चाई से परिचित कराया।
भोजपुरी सिनेमा में एंट्री
भोजपुरी सीरियल “भागे न बाचे कोई” से उनकी शुरुआत हुई। यह उनके लिए भाषा और संस्कृति की नई चुनौतियों का मंच था। वह भोजपुरी नहीं जानती थीं, लेकिन स्क्रिप्ट्स याद करने और मेहनत से उन्हें न केवल सफलता मिली, बल्कि जल्द ही बड़े निर्माताओं और निर्देशकों का ध्यान आकर्षित किया।
पहली भोजपुरी फिल्म: रातोंरात बनी स्टार
रवि किशन के साथ उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। फिल्म के रिलीज होने से पहले ही, अंजना ने 22 फिल्मों के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए, जिनमें से 12 को उन्होंने महज एक साल में शूट कर लिया। यह रिकॉर्ड उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि है।
नेगेटिविटी के बीच खुद को साबित करना
एक न्यूकमर के तौर पर, अंजना ने कई मुश्किलें झेलीं। साथी कलाकारों के कमेंट्स और उपेक्षित व्यवहार के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके शब्दों में, “मैंने अपने काम से जवाब दिया।”
महिला प्रधान फिल्मों की ओर रुझान
अंजना का झुकाव महिला-प्रधान कहानियों के प्रति बढ़ गया। ऐसी फिल्में करना, जो महिलाओं की ताकत और स्वतंत्रता को दर्शाएं, उनके करियर का अहम हिस्सा बन गया। यह बदलाव उन्हें और उनके फैंस को गर्व महसूस कराता है।
एक सुपरमॉम का सफर
अंजना सिर्फ एक अदाकारा ही नहीं, बल्कि एक समर्पित मां भी हैं। उनकी बेटी अदिति के साथ उनकी बॉन्डिंग एक प्रेरणा है। अदिति उन्हें “मापा” कहकर बुलाती हैं, और यह रिश्ता हर मां-बेटी के लिए आदर्श है। अंजना ने हमेशा अदिति की परवरिश में पूरा ध्यान दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनकी बेटी किसी भी चीज़ की कमी महसूस न करे।
ब्लॉगिंग और एक खतरनाक अनुभव
अदिति की खुशी के लिए शुरू की गई ब्लॉगिंग को अंजना ने एक खतरनाक घटना के बाद बंद कर दिया। एक फैन द्वारा उनकी निजी जगह में दखल ने इस फैसले को मजबूती दी। वह अपने फैंस से स्पष्ट रूप से अनुरोध करती हैं कि उनकी निजी ज़िंदगी का सम्मान करें।
ट्रोलिंग और कड़े सवाल
अंजना को ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा, खास कर उनकी पर्सनल लाइफ और शादी को लेकर। लेकिन उन्होंने इन बातों को कभी अपने काम पर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, “लोग कुछ भी कहें, मैं अपनी बेटी और मां के साथ खुश हूं।”
इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत
अंजना के मुताबिक, इंडस्ट्री में “फेक गर्लफ्रेंड” जैसे ट्रेंड जरूर बदलने चाहिए। यह न केवल काम के माहौल को खराब करता है, बल्कि अन्य कलाकारों के लिए भी मुश्किलें खड़ी करता है।
अपने व्यक्तित्व की झलक
अंजना खुद को एक पत्थर पर लिखी इबारत मानती हैं। वह कहती हैं, “मिटने वाला नाम नहीं हूं। गिर-गिर कर खड़ी हुई हूं।” यह सोच उनकी ताकत और दृढ़ता को दर्शाती है।
फैंस और आगे का सफर
अपने फैंस के प्यार और समर्थन को अंजना ने अपनी ताकत बताया। वह कहती हैं, “आपने हमेशा हमारा साथ दिया और हमें सही-गलत का एहसास कराया। ऐसे ही हमें आगे बढ़ने में मदद करते रहें।”
अंजना सिंह की कहानी किसी भी संघर्षशील महिला के लिए प्रेरणा है। उनका आत्मविश्वास, मेहनत और ईमानदारी उन्हें हमेशा ऊंचाइयों पर बनाए रखेंगे। उनके जीवन से हमें यही सीख मिलती है कि हर मुश्किल को ताकत बनाकर नए रास्ते बनाए जा सकते हैं।
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