जब विराट कोहली भी शिखर धवन के गुस्से से बच नही पाए, The Day Shikhar Dhawan Got Angry

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Day Shikhar Dhawan Got Angry: अगर मैं आज के टाइम पे भारतीय टीम में सबसे aggressive player का नाम पूछूं तो आप में से हर कोई विराट कोहली का नाम ही लेगा और अगर मैं आपसे सबसे cool player का नाम पूछूं तो आप में से majority लोग एमएस धोनी का नाम लेंगे।

लेकिन अगर मैं आपसे ये पूछूँ कि क्रिकेट इतिहास में किसी ऐसे प्लेयर का नाम बताइए जिसे कभी भी गुस्सा ना आया हो तो आप सोच में पड़ जाएंगे। क्योंकि धोनी जैसे शांत रहने वाले प्लेयर का गुस्सा भी दुनिया ने देख रखा है। हाँ ये सच है कि वो उस गुस्से माहौल में भी ज्यादा express नहीं करते लेकिन आप ये नहीं कह सकते कि उन्हें कभी भी गुस्सा नहीं आता होगा. धोनी के स्वभाव की खूबी बस यही थी कि उनके मन में जो भी भावनाएँ उमड़ रही होती थी वो उन भावनाओं को दुनिया के सामने प्रदर्शित नहीं करते थे.

Day Shikhar Dhawan Got Angry

बात रही बाकी players की भी तो सुनील गवस्कर से ले के, कपिल देव से ले के, सचिन तेंदुलकर से ले के. द्रविड से ले के, गांगुली से ले के, धोनी से ले के, कोहली से ले के ऋषभ पंत तक. आप किसी के लिए भी ये नहीं कह सकते कि इनको गुस्सा आता ही नहीं लेकिन cricket इतिहास में एक ऐसा player रहा है जिसने आज तक कभी भी दुनिया के सामने गुस्सा नहीं दिखाया और उसका नाम है Gabbar Shikhar Dhawan. ये सुनके आप में से कइयों के मन में ऐसा आ सकता है कि ये कौन सा बड़ी तीर मारने वाली बात है और इस बात का cricket से क्या ही लेना देना है.

हाँ बात सही है इस बात का cricket से 1% भी लेना देना नहीं है. लेकिन आज जब आप Shikhar Dhawan के इस nature की back story जानेंगे तो आप ये भी कहने पे मजबूर हो जायेंगे कि भले ही इस बात का क्रिकेट से कोई लेना-देना हो या ना हो लेकिन जिंदगी से बहुत लेना-देना है। आखिर कोई क्यों और कैसे इतना हाई प्रेशर वाले गेम में इतना खुशनुमा हो सकता है और शिखर धवन कोई ऐसे प्लेयर नहीं है कि जिन्होंने भारत के लिए कोई बस इक्के-दुक्के मैच खेले हो. धवन ने भारत के लिए 155 one day, 34 test और 68 T20 मैच खेले हैं और उसके साथ-साथ 206 आईपीएल मैचेस में भी वो हिस्सा रहे हैं. लेकिन still ऐसा एक भी किस्सा नहीं है जहाँ धवन को गुस्से में देखा गया हो।

ये सवाल कि असल में धवन कभी गुस्सा क्यों नहीं होते सुर्ख़ियों में तब आया जब हाल ही में एक न्यूज़ चैनल को interview देते वक्त उनसे पूछा गया कि आपको क्या लगता है कि क्यों आपको टी-ट्वेंटी क्रिकेट में इतना consider नहीं करा जाता है? Even आपके बारे में सोचा तक नहीं जाता है। जिसपे शायद और कोई भी क्रिकेटर बहुत ही dramatic जवाब दे सकता था और लोगों की सहानुभूति भी बटोर सकता था। लेकिन धवन ने बड़ी ही आसानी से कह दिया कि देखिए शायद मेरे में ही कोई कमी होगी। मैं उन boxes को tick नहीं कर रहा हूँगा जिसकी जरूरत टीम को है।

जिसपे सामने से फिर से धवन से पूछा गया कि आपको इसपे कभी दुख नहीं होता या कभी गुस्सा नहीं आता शायद सवाल पूछने वालों की भी यहाँ पे यही कोशिश थी कि Dhawan की तरफ से ऐसी कोई line मिल जाए जो सुर्खियाँ बटोरने के और TRP बढ़ाने के काम आ सके. लेकिन इस पे भी Dhawan ने यही कहा कि गुस्सा किस चीज का आएगा। मैंने इतने साल देश के लिए खेला है, वो पाया है, जो करोड़ों में कोई एक पाता है, तो गुस्सा आखिर किस चीज का.

मैं तो खुश हूँ कि आज मैं वहाँ हूँ जहाँ मैं कभी सपने में भी पहुँचने की नहीं सोच सकता था. Dhawan ने आगे कहा कि हर चीज का एक वक्त होता है वैसे ही हर इंसान का भी वक्त होता है. शायद आज मेरा वक्त नहीं है इसमें दुखी होने की क्या ही बात है. Dhawan ये सारी ही बातें एक हँसी के साथ इतनी आसानी से कह गए जैसे कोई मसला ही ना हो.

जहाँ आज भी कई retired cricketers जिनका सच में end time में form में साथ छोड़ दिया था वो आज भी ये accept करते हैं कि उनका career इसलिए end हुआ क्योंकि उनमें वो बात नहीं बची थी. आज भी कई cricketers ये कह के खुद को proof करने में लगे रहते हैं कि उनके साथ नाइंसाफी करी गई. वहीं शिखर धवन जो आज भी one day team का एक प्रमुख हिस्सा है वो शिखर धवन जो अब भी बीच-बीच में टीम के कैप्टन तक बनकर जाते हैं. उन्होंने बड़ी आसानी से हँसते हुए ये दोष अपने सर पर ले लिया और बस ये कह दिया कि यार मेरे में ही कोई कमी होगी तभी तो मुझे नहीं ले रहे. पर असल वजह है कि धवन हर बात और हर काम इतनी हंसी-खुशी कर जाते हैं कि आप जब वो सुनेंगे तो आप धवन के और बड़े दीवाने हो जाएंगे।

मैं यहाँ पे एक बात बताना चाहूंगा कि मैंने आपसे शुरू में झूठ कहा था. मैंने आपसे झूठ कहा था कि धवन ने आज तक कभी भी अपने करियर में किसी पे गुस्सा नहीं किया. लेकिन हाँ सच ये भी है कि उस गुस्से के बाद भी धवन ने कुछ ऐसा किया कि वो किस्सा भी धवन के गुस्से से ज्यादा धवन की दिलेरी का उदाहरण बन गया.

2018 में चल रहे इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच एक वनडे मैच में जहाँ भारत 270 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था. तो रोहित शर्मा सातवें ओवर में 20 रन पे आउट हो गए और फिर जब कोहली और धवन एक अच्छी साझेदारी कर रहे थे एंड उससे भी इम्पोर्टेन्ट धवन 28 बॉलों पे 35 रन बना के एक बड़ी पारी की तरफ बढ़ रहे थे तभी तेरहवें ओवर में धवन एक शॉट खेलते हैं और बिना देखे कोहली के बुलावे पे एक गलत रन भाग लेते हैं. धवन run लेना तो नहीं चाह रहे थे पर कोहली अपनी क्रीज से इतना बाहर आ गए थे कि धवन को run लेना ही पड़ा। जिसकी वजह से वो run out हो गए. धवन ने बीच मैदान अपना गुस्सा जाहिर करा और dressing रूम में भी वो गुस्से में जा के बैठ गए. ये पहली बार था जब धवन को थोड़े गुस्से में देखा गया.

लेकिन जैसा मैंने कहा कि ये गुस्से का किस्सा उनकी दरियादिली में बदल गया. कैसे? मैं बताता हूँ. जब Kohli ने उसी match में शतक भी जड़ा तो सबसे पहले खड़े होके ताली बजाने वाला चेहरा भी Shikhar Dhawan ही था. Kohli ने उस match में 112 run जड़ भारत को 6 wicket से विजयी बना दिया था और match के बाद जब Dhawan से पूछा गया कि आखिर वहाँ पे क्या हुआ था तो Dhawan ने फिर से कुछ ऐसा कहा कि एक ही बात मुँह से निकली कि अरे एक ही तो दिल है Dhawan भाई कितनी बार जीतोगे।

Dhawan बोले कि हाँ थोड़ा सा दुख जरूर हुआ था. फिर मुझे एहसास हुआ कि ये जानते हुए भी कि मैं आउट हो सकता था. मैं भागा ही इसलिए क्योंकि मैं जानता था कि विराट कोहली का वहाँ होना मुझसे ज्यादा जरूरी है. यहाँ पे गौर करने वाली बात ये है कि धवन इतनी आसानी से दूसरे प्लेयर को खुद से सुपीरियर बता दे रहे हैं. जबकि धवन खुद उस समय कोहली से बेहतर खेल रहे थे और उनकी खुद की पारी भी कोहली जितनी ही टीम के लिए important थी. लेकिन उसके बावजूद धवन ने खुद को किसी और से छोटा बता अपने आप को दुनिया की नजरों में बड़ा कर लिया।

ये सब बातें जितनी सुनने में मामूली सी लगती है अगर आप इन बातों को समझने की असल कोशिश करेंगे तो आप जान जाएँगे कि ये सब कह देना इतना आसान नहीं होता। दो पल के लिए दूसरे को अच्छा बोलना आसान है पर दूसरे को खुद से अच्छा बोलना बहुत ही मुश्किल। जब हाल ही में Dhawan West Indies के खिलाफ one day series में भारतीय team के कप्तान थे तो वहाँ भी series जीतने के बाद उनसे ये पूछा गया था कि आपने youngsters को क्या message pass करा था. तो इस पे भी फिर से Dhawan ने कहा कि मैंने बस यही कहा कि गेम को एंजॉय करो और खुश रहो। तुम मैच में successful हो या फेल हो तुम्हारे दुखी रहने से वो रिजल्ट change नहीं हो सकता। लेकिन अगर तुम खुश नहीं होंगे तो जो आगे होने वाला है. वहां तुम जरूर फेल हो जाओगे।

आसान भाषा में ये समझिए कि जिस बंदे ने उस series में राहुल द्रविड़ को भी इंस्टाग्राम reel में शामिल कर लिया। वो बंदे ने क्या जबरदस्त माहौल वहां बनाया होगा। धवन एक बहुत बड़े legendary cricketer के तौर पे किसी के लिए मिसाल बने या ना बने, लेकिन धवन इस चीज की मिसाल जरूर है कि जरूरी नहीं कि अगर आप कुछ बड़ा काम कर रहे हो तो बहुत serious होना जरूरी है. क्योंकि काम खुशी के साथ जितनी आसानी से हो सकता है गुस्से या टेंशन में नहीं हो सकता।

मैं at last फिर से यही कहूँगा कि हाँ आज की कहानी का शायद क्रिकेट से बहुत दूर-दूर तक लेना-देना नहीं था. लेकिन उम्मीद यही है कि आज के बाद आप जो भी करें बस ये सोच के करिएगा। क्यों ना ये काम भी धवन वाले flavour के साथ करा जाए ताकि काम सक्सेसफुल हो या ना हो लेकिन उस काम के process में पूरा मजा आए। आज जो भी ये आर्टिकल पढ़ रहा है आप लाइफ के प्रति धवन के इस नजरिए से कितना agree करते हैं comment में जरूर बताएं।

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