3 महीने तक लगातार जलते रहे थे नालंदा विश्वविद्यालय के library की किताबें, History of Nalanda University

History of Nalanda University

History of Nalanda University: आज कोई बेहतरीन universities की बात करें तो दिमाग में आते है. Oxford, Yale और Cambridge जैसे यूनिवर्सिटीज के नाम. लेकिन एक कमाल की बात बताऊँ? करीब 1500 साल पहले कहानी कुछ और ही थी. क्योंकि तब भारत में थी एक ऐसी university जो आज दुनिया की सबसे पुरानी universities में से एक है, इसका नाम था नालंदा विश्वविद्यालय।

History of Nalanda University

History of Nalanda University

Nalanda शब्द 3 शब्दों से बना है – ना plus आलम, plus ता इसका मतलब है, एक ऐसा उपहार जिसकी कोई सीमा ना हो. वाकई जैसा नाम, वैसा काम! इस university में ज्ञान का भंडार था. यहाँ सिर्फ धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि literature, theology, logic, medicine और philosophy जैसे कई subjects पढ़ाए जाते थे और तो और हर subject का भरपूर ज्ञान देने के लिए बनाई गयी थी 9 मंजिला library.

जिसमें लाख दो लाख नहीं 90 लाख से भी ज्यादा books और manuscripts थी. ये university 700 साल तक दुनिया को सीख देती रही. लेकिन Nalanda ने कई बार हमलों की मार को भी झेला। आखिरकार बारहवीं शताब्दी में एक हमले में बख्तियार खिलजी ने नालंदा को जला दिया और माना जाता है कि इसकी लाइब्रेरी 3 महीने तक जलती रही और ज्ञान का वो खजाना जो संभाल कर रखा गया था, धुएं में खो गया.

उस वक्त जब Nalanda कई बुलंदियों को छू रही थी. वो एक महाविहार यानी विशाल बौद्ध मठ का हिस्सा थी. जिसके खंडहर आज भी 57 एकड़ में फैली इस site में नज़र आते है. कुछ records के मुताबिक नालंदा दरअसल आम के बगीचे पर बनी थी. जिसे 500 व्यापारियों ने गौतम बुद्ध को तोहफे में दिया।

पर archaeology के हिसाब से नालंदा को fifth century बीसी में गुप्त काल में बनाया गया था. उसके बाद गुप्त काल में इस जगह का और development हुआ और ये एक विहार से सातवीं शताब्दी तक महाविहार बन चुका था।

अलग-अलग दौर में यहाँ कई महान teachers ने पढ़ाया। जैस नागार्जुन, बुध पालिता, शान्तरक्षित और आर्यदेव और जानते हैं students कौन थे? Chinese traveller Hiuen त्सान्ग जैसे कई लोग जो दुनिया भर से यहां खींचे चले आते थे.

यहाँ पर पूरे विश्व से, चीन से, Myanmar से, Sri Lanka से अनेक प्रांतों और देशों के लोग इस जगह पर शिक्षा ग्रहण करने के लिए आया करते थे इस महाविहार में. लेकिन इस सबके बावजूद Nalanda वक्त की मार को नहीं झेल पाए.

इसलिए Dr. Abdul Kalam की पहल से Nalanda ने एक modern international university के रूप में फिर से जन्म लिया Nalanda जैसी university. इस बात का सबूत है कि भारत का ज्ञान सदियों से दुनिया को रोशन कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि वक्त एक बार फिर करवट लेगा और बेहतरीन education की तलाश करता हर इंसान कहेगा it happens only in India.

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