Malini Bajpayee Case: 2020 का साल एक ओर कोरोना महामारी के कारण हर किसी के लिए मुश्किल बना, वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे देश को हिला दिया। यह कहानी है एक डबल मर्डर की जो वीवीआईपी इलाके गौतमपल्ली के बंगला नंबर 9 में हुआ। ये कोई साधारण घटना नहीं थी—इस घर में रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी आर.डी. बाजपेयी का परिवार रहता था।
यहां हम लखनऊ में घटित उस दुखद और रहस्यमय हत्याकांड की कहानी को विस्तार से समझेंगे।
Malini Bajpayee Case
बंगला नंबर 1: एक शांत घर में टूटा मातम
29 अगस्त 2020 को आर.डी. बाजपेयी का जन्मदिन था। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी आर.डी. बाजपेयी उस समय दिल्ली में अपनी ड्यूटी पर थे, जबकि उनकी पत्नी मालिनी दत्त बाजपेयी, बेटा सर्व दत्त बाजपेयी, और नाबालिग बेटी लखनऊ स्थित बंगले में थे।
मालिनी और सर्व दिन में आराम कर रहे थे, जबकि उनकी बेटी अपने कमरे में चली गई। दोपहर करीब 3 बजे एक फोन ने सब कुछ बदल दिया। लड़की ने घबराए हुए स्वर में अपनी नानी को कॉल कर बताया कि उसकी मां और भाई की हालत ठीक नहीं है।
घबराए हुए नाना-नानी तुरंत बंगले पहुंचे। वहां का नजारा खौफनाक था—मालिनी और सर्व खून से लथपथ मृत पाए गए। उनकी सिर में गोली मारी गई थी।
मामले में शुरुआती जांच
जिस वीवीआईपी इलाके में यह घटना घटी, वहां सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रहती है। जैसे ही घटना की सूचना मिली, पुलिस और एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गए। बंगले में मौजूद परिवार का हर सदस्य पुलिस की जांच के दायरे में आ गया।
घटना के वक्त घर में एक नौकर भी मौजूद था, लेकिन शुरुआती जांच में वह निर्दोष पाया गया। इसके बाद पुलिस का ध्यान घर में मौजूद नाबालिग बेटी पर गया।
संदिग्ध व्यवहार ने खोला राज
पुलिस की पूछताछ में लड़की अजीब व्यवहार कर रही थी। उसने भूत-प्रेत जैसी बातें करना शुरू कर दिया। पुलिस ने उसके हाथों पर कई कट के निशान देखे, जो हाल ही में बने हुए थे। कमरे की तलाशी लेने पर कई अजीब किताबें और एक शीशे पर लिखा हुआ “Disqualified Human” मिला, जिसके बीचोबीच गोली दागी गई थी।
घर के लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां चली थीं—दो मालिनी और सर्व को लगीं, जबकि एक शीशे पर दागी गई थी।
कबूलनामे ने चौंकाया सबको
कई घंटों तक पूछताछ के बाद लड़की ने अपनी मां और भाई की हत्या करने की बात कबूल की। उसने बताया कि भूत के आदेश पर उसने हत्या की थी। उसने पहले सोती हुई मां के सिर पर गोली मारी, फिर भाई को।
लड़की मानसिक रूप से बीमार पाई गई। पुलिस की जांच में सामने आया कि वह गंभीर डिप्रेशन से गुजर रही थी और खुद को भी चोट पहुंचाया करती थी।
आर.डी. बाजपेयी का बयान और मामला उलझा
घटना के बाद लड़की के पिता आर.डी. बाजपेयी ने अपनी बेटी को निर्दोष बताया। उन्होंने दावा किया कि घर में किसी बाहरी व्यक्ति ने घुसकर हत्या की।
लड़की को जुवेनाइल कोर्ट के आदेश पर उनके घर में ही कस्टडी में रखा गया। उसका मानसिक इलाज किया गया और कुछ समय बाद उसे ज़मानत मिल गई।
कहानी में नया मोड़
कहानी में नया और भयानक मोड़ तब आया जब 23 नवंबर 2021 को लड़की ने अपनी ही पिता और बुआ पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अलीगंज थाने में केस दर्ज कराया। उसने कहा कि 2013 से उसके पिता ने उसका शोषण किया, और मां और भाई की मृत्यु के बाद बुआ ने उसे पिता के कमरे में जबरदस्ती भेजा।
इस बयान के बाद आर.डी. बाजपेयी और उनकी बहन पर पोक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ।
मामले की मौजूदा स्थिति
अदालती प्रक्रिया के दौरान यह साबित हुआ कि लड़की ने डिप्रेशन में रहते हुए अपनी मां और भाई की हत्या की थी, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए सख्त कदम नहीं उठाए गए। वहीं, पिता और बुआ पर लगे आरोपों में चार्जशीट दाखिल की गई, और मामला अदालत में आज भी लंबित है।
निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ हत्या और अपराध का नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्तों, और सिस्टम की खामियों की ओर भी इशारा करता है। यह घटना हमें सिखाती है कि मानसिक बीमारियों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
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