Neom by Saudi Arabia:रेगिस्तान में पृथ्वी का सबसे अनोखा शहर बसा रहा सऊदी अरब, खासियतें ऐसी कि दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे

Neom by Saudi Arabia

Neom by Saudi Arabia: सऊदी अरब में एक ऐसा शहर बनने जा रहा है जो देखने में सीधा किसी science fiction film का हिस्सा लगता है. एक ऐसा futuristic शहर जो एक लाइन में डिजाइन किया गया है, 170 किलोमीटर लंबी लाइन। ये लाइन ऊंचाई में 500 मीटर ऊंची यानि आइफिल टावर की हाइट से भी ज्यादा ऊँची चौड़ाई में सिर्फ 200 मीटर और इसके दोनों साइड पर बाहर की तरफ बहुत ही बड़े-बड़े शीशे लगे हुए हैं।

Neom by Saudi Arabia

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इसके अंदर हरी-भरी greenery और बहुत सारी futuristic technologies होंगी, कुछ estimates के अनुसार इसे बनाने की total cost one trillion dollars तक पड़ सकती है और सऊदी अरबिया का दावा है 2045 तक ये बनकर रेडी हो सकता है शायद। क्या ये सही में possible है? इस design के actually में क्या फायदे और नुकसान हो सकते है और ऐसे mega project का क्या impact पड़ेगा बाकी दुनिया पर? आइए जानने की कोशिश करते हैं ये सारी चीजें आज के इस स्टोरी में.

सऊदी अरब देश का जब भी जिक्र किया जाता है तो दो चीजें सबसे पहले दिमाग में आती है, रेगिस्तान और तेल. हालांकि ये चीज सच है कि ज्यादातर देश रेगिस्तान से घिरा हुआ है। typical desert climate भी देखने को मिलता है. सऊदी में जहाँ पर दिन में तापमान 45 डिग्री celsius तक जा सकता है और रात में बहुत ठंड हो जाती है. लेकिन इसके अलावा देखा जाए तो सऊदी geographically काफी diverse देश है।

यहाँ पर आपको savannah, पहाड़ियाँ और volcanic fields भी मिलेंगी। In fact सऊदी में 200 से ज्यादा डॉर्मेंट Volcanos हैं. जिनमें से कई सारे तो active volcanos भी हैं। economically सऊदी middle east की largest economy है और दुनिया की 18th largest. लेकिन ये बात सच है कि mostly ये economy सिर्फ तेल पर dependent है।

इनका major export पेट्रोलियम है और दुनिया का largest exporter सऊदी अरबिया ही है पेट्रोलियम का. लेकिन क्योंकि दुनिया भर के देश अपनी तेल पर dependence खत्म करना चाह रहे हैं. इसलिए सऊदी अपनी economy को diversify करने में बहुत interested है। इस region के कई और देशों की तरह जैसे कि UAE ने भी बहुत कोशिश करी तेल से अपनी dependence खत्म करने की.

यही कारण है कि दुबई को इतना बड़ा tourism hub बनाने की कोशिश करी गई है। similarly सऊदी अपना प्लान लेकर आया है सऊदी vision 2030. इसका मकसद है देश की और aspects में development करी जाए जैसे कि health education infrastructure tourism और non oil exports को बढ़ाया जाए देश की। इसी सऊदी vision 2030 प्लान का एक हिस्सा है न्योम नाम से एक smart city बनाना।

सऊदी के crown prince मोहम्मद बिन सलमान ने अपने देश का एक बहुत बड़ा एरिया इस न्योम smart city की development के लिए निर्धारित किया है। अब अपने आप में न्योम कोई एक smart city नहीं है बल्कि ये नाम जो है एक region के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस region के अंदर कई सारे शहर होंगे, कई resorts होंगे और कई सारी और developments होंगी।

इन total ये न्योम का जो area होगा ये करीब 26500 square किलोमीटर का होगा और इसकी location कुछ यहाँ पर होगी। सऊदी अरबिया के north western हिस्से में red sea के north में ये total साइज roughly equivalent है, उत्तराखंड state के half साइज से। इस area को चुनने के पीछे एक geographical reason भी है कि यहाँ का जो climate है वो comparatively moderate climate है।

सऊदी में रेगिस्तान के बीचो-बीच जो climate होता है वहाँ पर ज्यादा गर्मी होती है. यहाँ red sea के पास है ये neom सिटी। Neom शब्द का मतलब अपने आप में बड़ा interesting है. ये neo प्लस m से बना है। neo एक prefix है जो ancient Greek से आता है. जिसका मतलब basically new होता है, नया कह लो और M, यहाँ पर दो चीजों को represent करता है. एक इनके प्रिंस का खुद का नाम मोहम्मद बिन सलमान है तो मोहम्मद से M आ गया और दूसरा एक arabic word है, मुस्तकबिल, इसका पहला लेटर भी M होता है और इस शब्द का मतलब future होता है.

ये एक ideal शहर बनाना चाहते हैं जो new future हमें दिखाए। developers के अनुसार नियोम के अंदर 10 अलग-अलग projects होंगे। जिन्हें दस अलग-अलग regions करके पुकारा जा रहा है. इन 10 में से चार regions के details already announce कर दिए गए हैं। पहला है oxagon जो एक octagon shaped floating port है जिसे next generation industrial सेंटर बनाया जायेगा। निओम का दूसरा प्रोजेक्ट है, trozena जो कि पहली major outdoor skiing destination होगी Arabian Penonsula की. इसकी opening बताई गयी है 2026 में होगी सिर्फ।

3 साल बाद और इतना ही नहीं इस area को already bid मिल चुकी है कि यहाँ पर Asian winter games 2029 host किए जाएँगे। ये Saudi की one of the highest mountain ranges पर located होगा और यहाँ पर तापमान actually में सर्दियों में zero degree celsius से अक्सर नीचे चले जाता है. लेकिन फिर भी बताया जाता है कि जो snow जो यहाँ पर use करी जाएगी वो फिर भी man made होगी। क्योंकि यहाँ पर कोई इतनी बर्फ नहीं गिरती।

तीसरा प्रोजेक्ट है, Sindhala यह एक luxury resort complex है जो city की coast के बाहर located होगा। यहाँ पर करीब 2400 लोग host किए जाएँगे। ये 48000 square meters में फैला एक luxury island होगा। जहाँ पर ढेर सारी चीजें करने के लिए होंगी और neom project का ये पहला हिस्सा होगा जो खुलेगा क्योंकि इसकी opening date already अगले साल बताई जा रही है, 2024 में.

फिर आता है हमारा चौथा और सबसे unbelievable project, The Line. The Line को 10 जनवरी 2022 इसको announce किया गया था और बहुत से लोगों को doubt था कि ये बनेगा भी या नहीं बनेगा। ये सिर्फ एक imagination करी जा रही है. लेकिन at this point of time इसकी construction already शुरू हो चुकी है. even though ये एक बहुत बड़ा doubt है कि ऐसी technologies, ये चीजें बनाने की हमारे पास अभी exist करती है या नहीं करती।

सबसे खास बात इस project के बारे में है इसका design है, 170 kilometers लंबी एक line. ये पूरा शहर 2500 मीटर ऊँची sky scrapers के बीच में situated होगा। ऐसी इमारतें जो line के form में चलेंगी आगे और जिनकी बाहर की तरफ शीशा लगा होगा। अपने आप में जो idea है, ये कोई नया नहीं है, similar ideas propose किए गए थे 1800 और mid 1900 में भी.

हालांकि तब किसी के पास इतने resources नहीं थे और पैसा नहीं था. इन सारी चीजों को actually में implement करने के लिए ये शहर example है. 1960s के concept का जिसका नाम है arcology. arcology बनता है architecture plus ecology के शब्दों से. ये एक ऐसी field है जहाँ पर architecture का इस तरीके से इस्तेमाल किया जाए कि हम densely populated areas बनाए शहरों में सबसे efficient तरीकों से.

एक ऐसा शहर जो अपनी आसपास की environment को सबसे कम damage पहुँचाता हो. यही एक कारण बताया जाता है the line के concept के पीछे कि line में क्यों बनाना इस शहर को ताकि आसपास का जो भी natural landscape है उसे कम से कम damage पहुँचाया जा सके. इस arcology के principle से inspired कुछ real life example अभी भी मौजूद है जैसे कि अंटार्कटिका में मौजूद research stations. research stations जहाँ पर हजारों लोग रह सकते हैं, काम कर सकते हैं और अपनी बाहर की environment से insulated रहते हो ताकि बाहर की environment पर कोई damage ना पहुंचे और completely self sufficient हो।

the line project भी यही करने की कोशिश करेगा क्योंकि इसकी जो चौड़ाई होगी वो सिर्फ 200 मीटर की होगी। इसका मतलब hundred and seventy kilometers by two hundred meters. इसका जो area है, सिर्फ thirty-four square kilometers का है और इसके developers के अनुसार यहाँ पर नौ million लोग रहेंगे। ये New York शहर की population है, लेकिन New York शहर के एरिया से करीब 20 गुना छोटा area है तो जो overall footprint है वो बहुत छोटा हो गया.

इस शहर के अंदर multiple layers plan करी गयी है. vertically देखा जाए तो ताकि लोग 3 dimensions में move कर पाए. ऊपर नीचे और side में और इस नए concept को इन्होंने नाम दिया है zero gravity urbanism ऊपर से इनके developers का दावा है कि neom को 100% renewable energy से power किया जाएगा। solar wind और hydrogen base power generation का इस्तेमाल किया जाएगा।

इसके अंदर transportation के लिए कोई सड़कें नहीं होंगी। कोई गाड़ी नहीं होंगी बल्कि लोगों के चलने की जगह होंगी। जहाँ पर parks होंगे, green spaces होंगी और क्योंकि ये 170 kilometre लंबी line है. इसमें high speed transportation का इस्तेमाल किया जाएगा line को end to end connect करने के लिए. अंदर का design इस तरीके से होगा इनका कहना है कि हर चीज़ पाँच minute के walking distance पे available होगा।

अंदर climate control भी किया जाएगा ताकि ये consistent climate रखा जा सके. even though अगर बाहर बहुत जलती हुई गर्मी भी है और क्योंकि ये line एक end से end तक जाएगी Red-Sea तक इसे trading के लिए भी एक बड़ी potential बताया जाता है. क्योंकि दुनिया की trade का 13% हिस्सा actually में Suez Canal से होता हुआ गुजरता है. ऊपर से एक neom bay एयरपोर्ट बनाया जाएगा इसके पास.

इसकी location ऐसी होगी कि 40% दुनिया की चीजें हैं उससे सिर्फ 6 घंटे दूर हो ये तो इसलिए क्योंकि सऊदी अरबिया की अपने-आप में ही location ऐसी है कि यूरोप, एशिया, अफ्रीका सबका एक central point बन जाता है। फिर इनके developers का दावा है कि artificial intelligence को द लाइन में seamlessly इंटेग्रेट किया जाएगा, पर्सनल और कमर्शियल लाइफ दोनों में।

यहाँ systems बनाए जाएंगे जो डाटा गेदर करें, एनालाइज करें और हर किसी को पर्सनली कैटेर करें उससे। इसका exactly मतलब क्या हो सकता है? ये गेस करना बड़ा मुश्किल है. लेकिन ये एक बड़ी डिस्टॉपियन चीज भी हो सकती है। आप इस स्मार्ट शहर के अंदर जहां भी घूमते हैं, जहां भी जाते हैं, आपको ट्रैक किया जाएगा और उसके बेसिस पर आपको ऐड्स बेची जाएंगे या प्रोडक्ट सेल किए जाएंगे। ये एक बहुत बड़ा danger पॉइंट है, ऐसे futuristic शहरों का.

वैसे ये चीज कुछ हद तक आपके साथ already करी जाती है जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. जहाँ-जहाँ आप जिस-जिस वेबसाइट पर जाते हैं वो वेबसाइट आपको ट्रैक करती है आपके likes और dislikes को समझती है कि अमेजॉन पर आप क्या खरीद रहे हैं, सर्च क्या कर रहे हैं? गूगल पर किस चीज के लिए सर्च कर रहे हैं, अच्छा आपको उस चीज में interest है तो आपको जो ads दिखाई जाएगी, उसी product की दिखाई जाएगी।

जिस चीज में आपको interest होगा। इस तरह की tracking अगर एक next level पर पहुँच गई और भी खतरनाक हो सकती है। लेकिन इंटरनेट पर अपने आपको ट्रैक होने से बचाने का एक बहुत ही आसान है वीपीएन का इस्तेमाल करना।

आइये अब समझते है the line project की dark side को क्यों ये शायद कभी possible ना हो पाए. इस line project को complete करने में सबसे पहला और सबसे बड़ा challenge आएगा। पैसे का इस project को finance किया जा रहा है. Saudi Arabia के sovereign wealth private investment public investment फंड इसका नाम है। ये basically इनकी देश की सरकार के द्वारा बनाया गया एक फंड है जिसके पास बहुत पैसा है.

no doubt estimate किया जाता है 620 billion dollars worth of पैसा इस फंड में है। लेकिन यहाँ 2 problems है. पहला तो ये कि ये जो fund का पैसा है. ये सऊदी अरबिया की economy पर बहुत ज्यादा depend करता है जो कि oil पर आधारित है। oil का प्राइस market में बहुत ज्यादा ऊपर-नीचे होते रह सकता है।

जैसे कि 2020 में रियाद ने fiscal deficit देखा था 79 billion dollars का और ये एक ऐसा देश है जहाँ पर 60% resources oil से directly related है 2021 में सिर्फ 9% इनके जो exports हुए थे वो non oil exports थे तो अगर इस इतने बड़े project को बनाने के लिए यहाँ से पैसा आएगा तो ये बहुत volatile पैसा है पता नहीं future में कितना नीचे गिर जाए ये पैसा लेकिन दूसरी problem ये है कि अगर इस fund का सारा 600 billion dollars का पैसा भी इस project में लगाया जाए तो भी काफी नहीं होगा।

initial प्लान था neom को साल 2030 तक complete करने का और इसके लिए 500 billion dollars allocate किए गए. कुछ reports का कहना है कि ये चीज साल 2050 तक भी complete ना हो और उसकी वजह से cost और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। इसी कारण से estimate किया गया है कि इस पूरे project की cost one trillion Dollars पड़ सकती है. अब one trillion Dollars उनके fund के पास भी नहीं है तो बाकी और investors की जरूरत पड़ेगी बाहर के देशों से.

research से हमें पता चला है कि कुछ discussions हुई है इनकी foreign companies के साथ, कुछ Russian companies के साथ, लेकिन more or less foreign investment attract करने में सऊदी अरबिया successful नहीं हो पाया है इस project को लेकर। दूसरी बड़ी problem आती है technology को लेकर अगर The Line जैसे project को असलियत में बनाना है तो यहाँ पर बहुत सारी ऐसी technologies का use किया जाएगा जो असली में exist ही नहीं करते, जैसे कि इनका transportation system.

इनके developers ने कहा कि एक high speed transportation का network होगा। ये नहीं कहा कि train होगी या metro होगी। लेकिन इनका कहना है कि इस 170 kilometre लाइन में ये एक end से दूसरे end तक पहुँचने में सिर्फ बीस मिनट लगाएगा ये system. इसका मतलब इसकी travelling की स्पीड होगी five hundred kilometers per hour से भी ज्यादा। और आज के दिन दोस्तों कोई भी ऐसी technology exist
नहीं करती जो इतनी तेज स्पीड दे पाए हमें।

currently जो fastest train है दुनिया की वो है Shanghai की Maglev train. जिसकी top स्पीड है around 430 kilometers per hour. ये बात सच है कि 2015 में एक जैपनीज मेगलेट ट्रेन ने टॉप स्पीड का रिकॉर्ड तोड़ा था। एक टेस्ट रन में 603 किलोमीटर per hour की स्पीड भी achieve कर ली गई थी, लेकिन वो एक test run थी. रेगुलर operations में अभी तक हम 430 किलोमीटर per hour की average स्पीड से ज्यादा नहीं पहुंच पाए। ऐसे ही 500 मीटर ऊंचे शीशे आज तक किसी ने बनाए नहीं है, theoretically possible जरूर है.

लेकिन practically कोई नहीं जानता कि क्या challenges आएंगे इतने ऊंचे शीशे बनाने में specially अगर वो 170 किलोमीटर एक direction में जायेंगे। इनका purpose भी clear नहीं किया गया है अभी के लिए. देखकर ऐसा लगता है कि aesthetics के लिए इन्हें सिर्फ लगाया गया है. बस की दिखने में project बहुत futuristic और अच्छा लगेगा। इसलिए इसके बाहर की तरफ शीशे लगा दिए गए हैं. इसका कोई practical use नहीं बताया गया. इसी तरीके से इस project में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आज तक कभी करके देखी नहीं गयी हैं. कोई नहीं जानता कि practically possible हो भी पाएगा या नहीं हो पाएगा।

तीसरा point आता है, environment का. हालाँकि इन्होंने claim किया है कि environment पर इसका minimal impact होगा। इसलिए इसे straight line में बनाया जा रहा है. लेकिन बाहर की तरफ शीशे लगाना। उससे animal movement पर क्या impact पड़ेगा। migratory birds के लिए बहुत ही खतरनाक चीज हो सकती है। साथ ही साथ एक continuous दीवार सी बना देना जिसमें इधर से उधर जाने की कोई बीच में जगह ही ना बचे।

ये land animals की crossing में भी बहुत ज्यादा interfere करेगा। ऊपर से कई लोगों ने इस चीज को criticize किया है कि ये project अपने आप को बड़ा sustainable और जीरो carbon emissions वाला बताता है। लेकिन दो 500 मीटर ऊंची लंबी बिल्डिंगे बनाना जो शीशे से कवर्ड हो और जो इतना दूर तक extend करें। इन्हें low कार्बन material से बनाना next to impossible है।

यूएनएसडब्ल्यू के प्रोफेसर फिलिप ओल्डफील्ड का कहना है कि ये सब achieve करने के लिए एक phenomenal quantity लगेगी steel, glass और concrete की और सिर्फ इस line को बनाने में ही ये one point eight billion tons कार्बन dioxide release होगी। पूरा यूके का देश जो अपने कार्बन emissions emit करता है चार सालो में ये उसके equivalent है।

अपने environment impact के चलते। neom को अक्टूबर 2022 में भी criticize किया गया था. जब इसने hosting rights जीते थे 2029 के Asian winter games के लिए. एक ऐसे देश में winter games host कराने का क्या तुक बना जहाँ पर skiing की naturally कोई जगह ही मौजूद नहीं होती। सभी कुछ artificial environment में create होगा। इससे कितना ज्यादा impact पड़ेगा, energy पर, local water resources
पर.

फिर आती है architecture problems. ये जो line का design है ये बात सच है कि इसमें area बहुत बचेगा लेकिन कई मायनों में इससे inefficiency भी बहुत ज्यादा बढ़ेगी। जैसे कि transportation system में अगर पूरा शहर एक straight line में रह रहा है और एक ही transportation का route है इधर से उधर ले जाने के लिए। 9.5 मिलियन लोग जो इस एक शहर में रहेंगे वो इस एक route पर dependent होंगे।

इसका मतलब है कि इस पूरे 170 किलोमीटर के route में कहीं भी एक problem आ गई तो पूरे शहर का transport delay हो जाएगा। ऐसा single point of failure बड़ा ही खतरनाक हो सकता है. ऐसे डिजाइन के लिए और finally आखरी problem आती है दोस्तों लोगों की। अगर ये सारे अलग-अलग overcome कर भी लिए जाए इन सारी problem से deal करने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ लिया जाए.

आखिरी सवाल ये उठेगा यहाँ पर कि क्या लोग इसमें रहना भी चाहेंगे। imagine करो ऐसे शहर में 24 घंटे बिताना जहाँ पर बाहर की environment से आप totally cut off हो. एक artificial building जैसी environment के अंदर आप हमेशा रहने लग रहे हो. बाहर खुली हवा enjoy करने के लिए जाना है तो कुछ भी नहीं मिलेगा।

बाहर निकलते ही आप पीछे मुड़कर देखोगे और दूर-दूर तक बस एक शीशा दिखाई दे रहा है ऊपर से. अंदर जब भी रहोगे तो constantly आपकी सरकार द्वारा surveillance होगी। constantly आपको track किया जाएगा। सुनने में ये एक रहने लायक शहर कम और science fiction dystopia ज्यादा लगता है। आपकी क्या राय है यहाँ पर? क्या आप ऐसे शहर में रहना चाहेंगे? नीचे comments में लिखकर बताइए?

मेरी राय में ये जो line का dream project है। आने वाले time में ये एक dream ही बना रह जाएगा? इसी के ज्यादा chances लगते हैं। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ? क्योंकि इससे पहले सऊदी अरबिया ने दुनिया की tallest building बनाने की भी कोशिश करी थी? उसकी construction भी शुरू हो गई थी, one third building भी complete हो गई थी, लेकिन फिर abandon कर दिया गया.

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