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परितोष त्रिपाठी की यात्रा: छोटे शहर से बड़े सपनों तक, Paritosh Tripathi Life Story

Paritosh Tripathi Life Story

Paritosh Tripathi Life Story: हर किसी की सफलता की कहानी दिलचस्प होती है, लेकिन परितोष त्रिपाठी की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। एक छोटे शहर से शुरू हुई उनकी यात्रा ने उन्हें अभिनय, लेखन और हास्य के क्षेत्र में खास पहचान दिलाई। सुपर डांसर के ‘मामाजी’ के रूप में लोकप्रिय परितोष का संघर्ष, परिवार से मिला समर्थन और सफलता उनकी कहानी को और खास बनाते हैं। आइए परितोष की इस प्रेरणादायक यात्रा पर एक नज़र डालते हैं।

Paritosh Tripathi Life Story

Paritosh Tripathi Life Story

देवरिया से शुरू हुआ सफर

परितोष त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर देवरिया से आते हैं। देवरिया एक ऐसा शहर है जहां सपने बड़े लेकिन मौके कम होते हैं। छोटे शहर का माहौल, सीमित संसाधन और सपनों को पाने की चाह ने परितोष के नजरिये को बेहद संवेदनशील बनाया। उन्होंने अपने संघर्ष की शुरुआत उस जमीन से की जहां बड़े सपनों को सच करना आसान नहीं था।

परिवार बना ताकत और प्रेरणा

परितोष का परिवार उनकी ताकत और प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। उनके पिता ने हमेशा उन्हें उनके सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया। पिता ने अपने खुद के सपनों को पीछे छोड़कर परिवार को संभालते हुए परितोष का हौसला बढ़ाया। उनके बड़े भाई ने भी इस रास्ते पर उनका साथ दिया। खुद लेखक बनने की ख्वाहिश रखने वाले उनके भाई ने अपनी जिम्मेदारियों के चलते अपने सपनों को त्याग दिया, लेकिन उन्होंने परितोष को थिएटर करने के लिए प्रेरित किया।

थिएटर से मिली आत्मविश्वास की नींव

थिएटर की दुनिया ने परितोष की झिझक और अंतर्मुखी स्वभाव को खत्म किया। बड़े भाई के कहने पर थिएटर से जुड़ने वाले परितोष को यहाँ से आत्मविश्वास और अभिनय का हुनर मिला। थिएटर ने न केवल उनके अभिनय कौशल को संवारा, बल्कि उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना करना भी सिखाया।

मुंबई में पहली चुनौती: तनाव और संघर्ष

बड़े सपनों के साथ जब कोई छोटा शहर छोड़कर मुंबई जैसे बड़े शहर की ओर कदम बढ़ाता है, तो चुनौतियां कदम-कदम पर रहती हैं। परितोष भी इससे अलग नहीं थे। मुंबई का माहौल, ऑडिशन का कठोर सत्य और बार-बार अस्वीकार होना, ये सब चीजें उनके धैर्य की परीक्षा लेती रहीं। उन्हें यह भी पता चला कि अभिनय की दुनिया में सिर्फ टैलेंट ही नहीं, बल्कि खुद को साबित करने की भी जरूरत होती है।

परितोष मज़ाक करते हैं कि वे और उनके दोस्त शर्त लगाते थे कि मुंबई छोड़कर सबसे पहले घर कौन लौटेगा। लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ता ने उन्हें वापस लौटने नहीं दिया।

सुपर डांसर और ‘मामाजी’ की सफलता

सुपर डांसर शो ने परितोष को ‘मामाजी’ के रूप में वह पहचान दिलाई, जो हर कलाकार का ख्वाब होता है। शुरुआत में वह शो में सिर्फ एक मेहमान थे, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें हमेशा के लिए शो का हिस्सा बना दिया। एक पिता के ऊपर लिखी उनकी कविता ने दर्शकों के दिलों को गहराई से छुआ। यह कविता न केवल परितोष की कला की पहचान बनी, बल्कि उनके करियर के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुई।

सफलता के बाद भी जमीनी जुड़े रहना

सफलता की बुलंदियों पर पहुंचकर भी परितोष ने अपनी सादगी और विनम्रता नहीं छोड़ी। वह इसका श्रेय अपने परिवार और अपनी परवरिश को देते हैं। उनका मानना है कि आत्म-विवेक और परिवार के सिखाए गए मूल्यों ने उन्हें सफलता के बावजूद विनम्र बने रहने में मदद की।

लेखन: अभिनय से दूसरी मोहब्बत

परितोष के लिए लेखन सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि उनके विचारों को व्यक्त करने का जरिया है। वह कहते हैं कि अभिनय उनकी पहली मोहब्बत है, लेकिन लेखन उनके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा है। उनकी आने वाली उपन्यास, जो एक छोटे शहर में सेट एक प्रेम कहानी है, उनके व्यक्तिगत अनुभवों और यादों से प्रेरित है।

इंडस्ट्री से मिली सीख और प्रेरणा

परितोष ने नाना पाटेकर और पंकज त्रिपाठी जैसे दिग्गज अभिनेताओं से मिली तारीफ को अपने जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव बताया। उनके शब्दों ने परितोष को खुद में और सुधार करने की प्रेरणा दी। वे मानते हैं कि इंडस्ट्री में आलोचना और प्रशंसा दोनों जरूरी हैं, क्योंकि यह आपको बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।

गौरवमय भविष्य और सकारात्मकता का संदेश

परितोष का मानना है कि जीवन और करियर में नजरिये का बहुत महत्व है। हर स्थिति को सकारात्मक रूप से देखने की कोशिश इंसान के अनुभव को बेहतर बना सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि मनोरंजन की बदलती दुनिया हर कलाकार के लिए नए अवसर लेकर आती है।

उनका संदेश aspiring कलाकारों के लिए स्पष्ट और प्रेरणादायक है: कड़ी मेहनत करो, अपने सपनों पर भरोसा रखो और खुद को हर दिन बेहतर बनाने की कोशिश करो।

निष्कर्ष

परितोष त्रिपाठी की कहानी संघर्ष, दृढ़ता और परिवार के अटूट समर्थन की गाथा है। उन्होंने साबित किया है कि छोटे शहर से बड़े सपने देखना न केवल संभव है, बल्कि इसे पूरा करने के लिए आपके अंदर इच्छाशक्ति होनी चाहिए। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी बड़ी हों, सही समर्थन और अपनी मेहनत के साथ हम हर सपना पूरा कर सकते हैं।

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