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“हेलो कौन” से लेकर राजनीति तक, रितेश पांडे का सफर, Ritesh Pandey Life Story

Ritesh Pandey Life Story

Ritesh Pandey Life Story: भोजपुरी गायक रितेश पांडे ने अपनी मेहनत और आवाज से एक अलग पहचान बनाई है। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी संघर्ष भरी कहानी, गानों पर विवाद, और राजनीति में उतरने की संभावनाओं पर खुलकर बात की। चलिए, उनके जीवन और विचारों को समझते हैं।

Ritesh Pandey Life Story

रितेश पांडे और “हेलो कौन” की धमक

रितेश पांडे का ‘हेलो कौन’ सिर्फ एक गाना नहीं था, ये एक ट्रेंड बन गया। गाना इतना मशहूर हुआ कि हर दूसरा इंसान इसे गुनगुनाने लगा। खुद रितेश बताते हैं कि गाने को इतना प्यार मिलेगा, उन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी। यह सिर्फ गाना नहीं, बल्कि फैंस से जुड़ने का माध्यम बन गया।

गाने का कांसेप्ट आशीष वर्मा ने लिखा और म्यूजिक दिया। मजेदार बात यह थी कि इसे जल्दीबाजी में शूट किया गया था। लेकिन जैसा कहते हैं, “भगवान जब चाहे, कुछ बड़ा कर दे,” वैसा ही हुआ। ‘हेलो कौन’ हर रिकॉर्ड तोड़ते हुए बिलियन व्यूज के क्लब में शामिल हो गया।

भोजपुरी म्यूजिक पर विवाद और बदलाव

भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री पर अक्सर अश्लीलता के आरोप लगते हैं। रितेश पांडे ने इन आरोपों को स्वीकार भी किया और सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में इंडस्ट्री की मांग के चलते उन्होंने कुछ गाने गाए जिन्हें आज वो सही नहीं मानते।

ढोड़ी, भाभी और देवर जैसे शब्दों पर फोकस क्यों?
रितेश का मानना है कि मजाक और लोक-संस्कृति का हिस्सा होने के बावजूद, ये शब्द भोजपुरी म्यूजिक को बदनाम कर चुके हैं। उनका उद्देश्य अब ऐसे गानों से इंडस्ट्री को बाहर निकालना है। इसे लेकर वो खुद जिम्मेदारी भी लेते हैं और अपने गानों के चयन में ध्यान भी रखते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि अपने पहले के कुछ गानों को हटवाने की रिक्वेस्ट की है। आज उनके गाने जैसे ‘भैया हमार राम जैसन’ और ‘सबसे नीक बाटे सैयां किसानी’ न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि उनकी सोच में आए बदलाव को भी दिखाते हैं।

संघर्ष से सुपरस्टार बनने तक

रितेश ने अपने संघर्ष के दिनों की कहानी भी साझा की। उनका जन्म बिहार के रोहतास जिले के एक छोटे से गांव करगहर में हुआ। एक किसान परिवार से आने वाले रितेश के पिताजी ने शिक्षक बनने का सपना देखा, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें गांव से बनारस ले जाने पर मजबूर किया।

रितेश ने बताया कि कैसे उन्होंने एक कमरे में छह लोगों के साथ रहते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की। गायकी के प्रति रुचि के चलते उन्होंने संगीत की शिक्षा हासिल की, लेकिन रास्ता इतना भी आसान नहीं था। स्टूडियो में कई दिन रहकर उन्होंने रिकॉर्डिंग सीखने की कोशिश की।

पहला बड़ा ब्रेक
उनका पहला हिट गाना ‘रच रच के हम बननी माटी के हो मूरतिया’ था, जिसने उन्हें बिहार और यूपी के दर्शकों का प्यार दिलाया। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

राजनीति में उतरने की तैयारी?

रितेश पांडे के राजनीति में आने की खबरें जोरों पर हैं। उन्होंने इस सवाल पर कहा कि वो समाज की सेवा करना चाहते हैं। अगर उन्हें राजनीति में आने का मौका मिलता है, तो वह इसे अपने धर्म और कर्म के रूप में निभाएंगे।

भाजपा से नजदीकियां?
रितेश का कहना है कि अभी उन्होंने किसी पार्टी का चुनाव नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने बीजेपी नेताओं और उनके विचारों की सराहना की। भले ही यह पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन चर्चा है कि उन्हें बीजेपी से टिकट मिल सकता है।

बिहार का मुद्दा: शिक्षा और रोजगार
रितेश पांडे ने बिहार में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा वो शेरनी का दूध है, जो इसे पीएगा, वो जरूर आगे बढ़ेगा।” उनका कहना है कि अगर बिहार में शिक्षा का स्तर सुधरेगा, तो रोजगार के अवसर खुद-ब-खुद बढ़ेंगे।

प्रशांत किशोर और जन स्वराज पर विचार

जब उनसे प्रशांत किशोर के जन स्वराज अभियान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे सही दिशा में एक कदम बताया। रितेश का मानना है कि प्रशांत किशोर की शिक्षा पर फोकस करने वाली मुहिम समाज के लिए बेहद जरूरी है।

स्टारडम, गाने और फैंस

स्टारडम के बारे में पूछे जाने पर रितेश ने विनम्रता से अपने बदलाव को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि वो आज भी सिंपल जिंदगी पसंद करते हैं। खुद रितेश को शॉपिंग करना तक बोरिंग लगता है।

उनसे जब पूछा गया कि अगर बॉलीवुड में ‘हेलो कौन’ शूट होता, तो वो किसके साथ करते? उनका जवाब था, “परिणिति चोपड़ा, वो मुझे बहुत पसंद हैं।”

शादी और परिवार

उनकी शादी 2021 में वैशाली पांडे से हुई। ये एक अरेंज-लव मैरिज रही। जब उनसे पूछा गया कि कैसे मुलाकात हुई, तो उन्होंने बनारस के चर्चे सुनाए।

निष्कर्ष

रितेश पांडे की कहानी न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मेहनत और दृढ़ निश्चय से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। ‘हेलो कौन’ से लेकर राजनीति तक, रितेश का सफर एक सबक है कि नामुमकिन कुछ भी नहीं।

उनके विचार और उनके गाने भोजपुरी इंडस्ट्री को नई पहचान देने के लिए काफी हैं। चाहे वो म्यूजिक हो या राजनीति, रितेश पांडे निश्चित रूप से आगे भी अपने फैंस और समाज की उम्मीदों को पूरा करेंगे।

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