Story of Raj Comics Superheroes: क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय सुपरहीरोज़ की शुरुआत कैसे हुई? वो किरदार जो हमारे बचपन का हिस्सा थे – नागराज, डोगा, सुपर कमांडो ध्रुव, और भोकाल – इनकी कहानियां सिर्फ मनोरंजन नहीं थीं, बल्कि हमारे समाज और सोच को भी प्रभावित करती थीं। राज कॉमिक्स के को-फाउंडर संजय गुप्ता और कॉमेडियन रवि गुप्ता के साथ इस चर्चा में, इन सुपरहीरोज़ के जन्म और उनके पीछे की सोच का दिलचस्प सफर सामने आया।

Story of Raj Comics Superheroes
राज कॉमिक्स की शुरुआत और नागराज का जन्म
1980 का दशक, जब कॉमिक्स का क्रेज चरम पर था। उस समय भारतीय पाठकों को अपनी संस्कृति से जुड़े हुए सुपरहीरोज़ की कमी खल रही थी। विदेशी सुपरहीरोज़ जैसे स्पाइडरमैन और बैटमैन को देखकर भारतीय बच्चों के लिए भी कुछ अलग करने की जरूरत महसूस हुई। यहीं से जन्म लिया नागराज ने – एक ऐसा सुपरहीरो जो सांपों का राजा है और आतंकवाद से लड़ने के लिए तैयार है।
नागराज का किरदार बनाते समय कई चुनौतियां थीं। उसे बच्चों के लिए फ्रेंडली भी दिखाना था और एक ताकतवर सुपरहीरो भी बनाना था। शुरुआती नागराज का लुक थोड़ा अलग था – ओवरकोट और एक अलग हेयरस्टाइल। बाद में उसे और रिलेटेबल और आकर्षक बनाया गया। नागराज की कहानियां आतंकवाद जैसी वास्तविक समस्याओं से जुड़ी थीं, जिससे वह पाठकों के दिलों में जगह बना पाया।
सुपर कमांडो ध्रुव: बिना सुपरपावर का हीरो
ध्रुव एक ऐसा सुपरहीरो था जिसके पास कोई सुपरपावर नहीं थी। उसकी सबसे बड़ी ताकत थी उसकी इंटेलिजेंस और निर्णायक सोच। ध्रुव की कहानियां दिखाती थीं कि एक इंसान बिना किसी अलौकिक शक्ति के भी महान बन सकता है।
चंडिका (जो असल में ध्रुव की बहन श्वेता थी) के साथ उसकी केमिस्ट्री और संवाद, जैसे “तुम्हारे हाथ इतने मुलायम क्यों हैं,” पाठकों को हमेशा हंसने पर मजबूर कर देते थे। ध्रुव की कहानियां उन पाठकों को ध्यान में रखकर लिखी गईं, जो तार्किक और गहरी कहानियां पसंद करते थे।
डोगा: आम आदमी का आक्रोश
डोगा, जिसे अक्सर “आम आदमी का सुपरहीरो” कहा जाता है, एक गहरी इंसानी कहानी को दर्शाता है। उसके बचपन की त्रासदियों ने उसे डोगा बनने पर मजबूर किया। वह कुत्ते के मुखौटे के पीछे छुपा हुआ एक ऐसा anti-hero है, जो कानून से बाहर रहकर अपराधियों को सजा देता है।
डोगा आम आदमी की कुंठा और गुस्से का प्रतीक है। उसकी कहानियां माफियाओं और जागरूकता पर आधारित थीं। “बॉम्बे डाइंग” जैसी कहानियां इमोशन और एक्शन का शानदार मिश्रण थीं। डोगा के किरदार ने साबित किया कि एक सुपरहीरो का इंसानी दर्द उसे और मजबूत बनाता है।
भोकाल, बांकेलाल और अन्य दिलचस्प किरदार
भोकाल, जो कि शस्त्रों और जादू में माहिर एक योद्धा था, राज कॉमिक्स की फैंटेसी शैली को दर्शाता था। वहीं, बांकेलाल हास्य का सबसे बेहतरीन उदाहरण था। वह एक ऐसा किरदार था जो राजा पर कब्जा करना चाहता था, लेकिन हर बार खुद ही फंस जाता था। उसकी कहानियां सिचुएशनल कॉमेडी से भरपूर होती थीं और पाठकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देती थीं।
एंथोनी, जो मरे हुए लोगों की बदबू और खुशबू के बीच अपना सफर तय करता था, एक underrated किरदार रहा। उसकी अनोखी बैकस्टोरी लोगों को अलग दुनिया में ले जाती थी।
क्या राज कॉमिक्स के किरदार मार्वल या डीसी से प्रेरित थे?
यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन संजय गुप्ता ने खुद इसे साफ किया। उनके अनुसार, भारतीय सुपरहीरोज़ की रचना भारतीय संस्कृति और समाज की बुनियाद पर आधारित थी। नागराज या डोगा को बनाते वक्त, विदेशी किरदारों से प्रेरणा ली गई होगी, लेकिन उनकी कहानियां और प्रस्तुतिकरण पूरी तरह अलग था। ये किरदार न केवल एंटरटेन करते थे, बल्कि हिंदी पढ़ने की आदत को भी प्रेरित करते थे।
राज कॉमिक्स और हमारी पीढ़ी की प्रेरणा
कॉमिक्स का एक बड़ा योगदान था कि इसने हिंदी के प्रति रुचि जगाई। यहां तक कि जिन क्षेत्रों में हिंदी नहीं बोली जाती थी, वहां भी राज कॉमिक्स हिट थी। स्कूलों में बच्चों ने राज कॉमिक्स से ड्रॉइंग और हिंदी सीखी।
उनकी सुपरहीरो टीम-अप कॉमिक्स, जैसे “जलजला”, और मल्टीस्टारर एडिशन आज भी गर्मियों की छुट्टियों की यादें ताजा कर देते हैं।
फाइन आर्ट और कॉमिक्स का गहरा रिश्ता
राज कॉमिक्स ने न केवल कहानियों बल्कि आर्टिस्ट्री के क्षेत्र में भी गहरा प्रभाव डाला। बचपन में कॉमिक्स के आर्टिस्ट्स को देखकर कई बच्चों ने फाइन आर्ट्स में करियर बनाने का सपना देखा। इनके आर्टवर्क में जो विविधता थी – चाहे वो मनु, सुरेश दिवाकर, या दिलीप कदम का काम हो – वह आज भी प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष
राज कॉमिक्स सिर्फ एक पब्लिकेशन नहीं, बल्कि एक पीढ़ी की यादें हैं। ये कहानियां बच्चों की कल्पना में न केवल सुपरहीरोज़ लाईं, बल्कि उन्हें समाज के मुद्दों से भी जोड़ा। नागराज, डोगा, ध्रुव, और अन्य किरदार आज भी भारतीय कॉमिक्स की असली पहचान बने हुए हैं।
अगर आपने इन किरदारों को पढ़ा है तो यह यादें आपको भी नॉस्टैल्जिया में डुबो देंगी। क्या आपने कभी सोचा है कि आप खुद इन कहानियों के किसी सुपरहीरो हो सकते हैं? सोचिए, शायद जवाब आपके अंदर ही छिपा हो!
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