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चीन में HMPV वायरस का सच: क्या फिर से लॉकडाउन होगा? Truth of HMPV Virus

Truth of HMPV Virus

Truth of HMPV Virus: पिछले कुछ दिनों में चीन से एक और वायरस के फैलने की खबरें सामने आई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में चीनी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी गई। ये मरीज बुखार और सर्दी जैसे लक्षणों से पीड़ित थे। लोगों में डर बढ़ रहा है कि कहीं यह कोविड-19 की दूसरी लहर तो नहीं है। हालांकि, इस बार हमला किसी नए वायरस से नहीं, बल्कि ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) से हो रहा है।

आख़िर यह HMPV है क्या? क्या यह घातक हो सकता है? और क्या हमें इससे डरने की जरूरत है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

Truth of HMPV Virus

HMPV: एक पुराना वायरस, न कि नया खतरा

सबसे पहले, यह समझना ज़रूरी है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी खोज 2001 में नीदरलैंड्स में हुई थी। कोविड-19 की तरह यह जानवरों से इंसानों में नहीं आया। दरअसल, यह वायरस पक्षियों से 200-400 साल पहले विकसित हुआ था। समय के साथ, यह इंसानों में संक्रमण फैलाने लगा।

HMPV हर साल मौसमी तौर पर एक्टिव होता है, लेकिन आमतौर पर इसे सर्दी-जुकाम समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसीलिए इसे ‘अनजान वायरस’ भी कहा जाता है।

कैसे फैलता है HMPV?

यह वायरस उसी तरह फैलता है जैसे आम सर्दी या फ्लू। संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स इसके प्रसार का मुख्य जरिया बनते हैं। इसके अलावा, अगर संक्रमित व्यक्ति किसी सतह को छूता है और आप वही सतह छूते हैं, तो यह आप तक भी पहुंच सकता है। मास्क पहनना, सफाई रखना और सामाजिक दूरी जैसे उपाय इससे बचने में मददगार हैं।

HMPV के लक्षण और इलाज

HMPV मुख्य रूप से एक श्वसन संक्रमण है। इसके लक्षण सर्दी और फ्लू से काफी मिलते-जुलते हैं, जैसे:

  • बुखार
  • खांसी
  • नाक बंद होना
  • श्वास संबंधी समस्याएं

इसका इनक्यूबेशन पीरियड 3-6 दिन का होता है। इसका मतलब है कि संक्रमण के बाद लक्षण 3-6 दिन में दिखाई देते हैं। हेल्दी लोग आमतौर पर बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाते हैं। उन्हें सिर्फ आराम करना, भरपूर पानी पीना और ठीक होने तक घर में रहना चाहिए।

हालांकि, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह गंभीर साबित हो सकता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह निमोनिया जैसे जटिल लक्षण पैदा कर सकता है।

क्या वैक्सीन है उपलब्ध?

इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है। कारण यह है कि इस पर की गई वैक्सीन रिसर्च में सेफ्टी और इफिकेसी से जुड़ी समस्याएं सामने आईं। इसके अलावा, सर्दी-जुकाम जैसे वायरस के लिए दीर्घकालिक इम्यूनिटी भी संभव नहीं होती।

चीन में HMPV का हाल

पिछले कुछ हफ्तों में चीन में HMPV के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। चीनी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग, गुआंगडोंग और चोंगकिंग जैसे इलाकों में इसका असर ज्यादा है। हालांकि, चीनी अधिकारियों का दावा है कि इस बार संक्रमण का स्तर पिछले साल से कम है।

भारत में मीडिया का फर्जीवाड़ा

भारत में मीडिया ने इस खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। “एक और संक्रमण”, “फिर से लॉकडाउन”, जैसी सुर्खियों ने लोगों में डर पैदा कर दिया। जबकि सच्चाई यह है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। भारत में यह पहले से मौजूद था। भारत के कई शहरों में इसके केस सामने आए, लेकिन ये मामले गंभीर नहीं थे।

डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी कहा कि HMPV भारतीयों को लंबे समय से संक्रमित कर रहा है। मीडिया ने इसे अचानक तूल दे दिया, जिससे लोगों में गफलत बढ़ी। उनका मानना है कि इन मामलों की गिनती रखने से ज़्यादा फायदा नहीं होगा क्योंकि यह खतरनाक नहीं है।

क्या चीन पर असर पड़ा है?

चीन में वायरस के बढ़ते मामलों का एक कारण उनकी ज़ीरो कोविड पॉलिसी भी मानी जा रही है। लंबे लॉकडाउन के चलते चीनी जनता का प्राकृतिक इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ गया। जब लॉकडाउन हटा, तो लोग अचानक कई प्रकार के वायरसों के संपर्क में आए। नतीजा, पिछले साल सर्दियों में फ्लू के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई। हालांकि, इस साल हालात पहले से बेहतर हैं और HMPV भी महज एक सामान्य समस्या के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या HMPV कोविड जैसा घातक है?

अब सवाल यह है कि HMPV कितना जानलेवा है। लैंसेट जर्नल की 2018 की स्टडी के अनुसार, HMPV से वैश्विक स्तर पर 16,100 मौतें हुई थीं। इनमें से अधिकतर बच्चे 6 महीने से छोटे थे। इसकी मॉर्टैलिटी रेट कोविड-19 और फ्लू से काफी कम है।

अगर कोविड-19 संक्रमण के लिए मृत्यु दर 0.28% है, तो फ्लू के लिए यह मात्र 0.0018% है। माना जा रहा है कि HMPV का मृत्यु दर फ्लू के आसपास ही है। लिहाजा, इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।

सावधानी और सही जानकारी ही है बचाव

सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों की चिंता किए बिना, जरूरी सावधानियां अपनाना समझदारी है। जैसे:

  • भीड़भाड़ से बचें।
  • मास्क पहनें।
  • रोजाना हाथ धोएं।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें।

यह बातें सिर्फ HMPV के लिए नहीं, बल्कि सामान्य फ्लू और सर्दी से बचने के लिए भी जरूरी हैं।

निष्कर्ष

HMPV एक पुराना और सामान्य वायरस है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में यह गंभीर हो सकता है, परंतु घबराने की कोई वजह नहीं है। भारत में इसकी मौजूदगी पहले से है, और यह आमतौर पर गंभीर मामलों का कारण नहीं बनता।

मीडिया द्वारा फैलाई जा रही बातों पर ध्यान न दें। सही जानकारी रखें, सतर्क रहें और स्वस्थ रहें।

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