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Anant Singh Attack News: छोटे सरकार पर कैसे हुई गोलियों की बौछार, जानिए हमले की पूरी कहानी

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Anant Singh Attack News: बिहार के मोकामा क्षेत्र में हाल ही में हुए संगीन हमले ने सबको चौंका दिया। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, जिन्हें “छोटे सरकार” के नाम से जाना जाता है, पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इस घटना ने गांव में सनसनी फैला दी क्योंकि यह हमला किसी आम व्यक्ति पर नहीं, बल्कि मोकामा क्षेत्र के दबंग नेता पर हुआ। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की गहराई और इससे जुड़े हर पहलू को विस्तार से।

Anant Singh Attack News

अनंत सिंह पर हमले की शुरुआत

घटना तब शुरू हुई जब सोनू-मोनू गैंग ने गांव के एक परिवार को पीटा और उनके घर पर ताला जड़ दिया। गांव वालों ने इस घटना की जानकारी अनंत सिंह को दी। बताया गया कि पीड़ित परिवार सोनू-मोनू द्वारा जबरन वसूली और धमकियों का शिकार हो रहा था। पहले तो अनंत सिंह ने उन्हें कानून का सहारा लेने और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी। लेकिन जब स्थिति नहीं सुधरी, और परिवार मदद की गुहार लगाते हुए उनके पास वापस लौटा, तो अनंत सिंह खुद मौके पर पहुंचे।

जैसे ही अनंत सिंह गांव में पहुंचे, फायरिंग की शुरुआत हो गई। उन्होंने बताया कि उनके समर्थक सोनू और मोनू को बातचीत के लिए बुलाने गए थे, लेकिन जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी शुरू कर दी गई।

सोनू-मोनू गैंग: कौन हैं और क्यों बढ़ा विवाद?

सोनू और मोनू, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड पहले से विवादों में रहा है, मोकामा के जलालपुर गांव के निवासी हैं। दोनों सगे भाई हैं और 2009 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था।
इन पर ईंट भट्टों के कारोबार के साथ-साथ कई आपराधिक मामलों का आरोप है। सोनू-मोनू पर गंभीर अपराधों का रिकॉर्ड है, जिनमें से कई मामले दर्ज हैं। दिलचस्प बात यह है कि शुरुआती दौर में इन्होंने अनंत सिंह के संरक्षण में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। लेकिन बाद में दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ गई।

क्या कहते हैं दोनों पक्ष?

अनंत सिंह का पक्ष

अनंत सिंह ने इस घटना को राजनीतिक और व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम बताया। उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें अपने क्षेत्र में न्याय दिलाने के लिए जाना पड़ा क्योंकि पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि वे सिर्फ पीड़ित परिवार की मदद करना चाह रहे थे, लेकिन इसके बदले जानलेवा हमले का सामना करना पड़ा।

सोनू-मोनू के परिवार का बयान

दूसरी ओर, सोनू और मोनू के पिता, एडवोकेट प्रमोद कुमार, ने दावा किया कि फायरिंग की शुरुआत अनंत सिंह के समर्थकों ने की। उनका कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें अनंत सिंह ने उनकी पत्नी पर भी हमला करने की कोशिश की। उन्होंने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है और कहा कि यह राजनीति से प्रेरित घटना है।

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस के अनुसार, यह घटना दोनों पक्षों के बीच पैसे के लेन-देन और संपत्ति विवाद के चलते हुई। सोनू और मोनू ने गांव के एक व्यक्ति के घर पर ताला जड़ दिया था, जिसे बाद में अनंत सिंह ने खुलवाया। इसके बाद फायरिंग की घटना घटी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोनों पक्षों की भूमिका की पड़ताल कर रही है।

इस घटना के राजनीतिक मायने

सोनू-मोनू और अनंत सिंह की दुश्मनी अब किसी से छुपी नहीं है। मोकामा सीट पर होने वाले उपचुनावों में अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ सोनू-मोनू का समर्थन सीधे एनडीए के लिए था। यह घटना राजनीतिक दुश्मनी और आपसी कटुता का संकेत देती है। स्थानीय राजनीति में बाहुबल और आपराधिक गतिविधियों का ये मेल लंबे समय से देखा जाता रहा है।

निष्कर्ष

मोकामा की इस घटना ने राजनीति और अपराध के मेलजोल को फिर से उजागर किया है। सोनू-मोनू और अनंत सिंह के बीच की यह अदावत इलाके में अशांति का कारण बन गई है। फिलहाल पुलिस जांच चल रही है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या ऐसी घटनाओं से बिहार की राजनीति में कभी सुधार हो पाएगा?

आपका क्या मानना है? अपनी राय कमेंट्स में जरूर बताएं। बिहार के हर बड़े मुद्दे और खबर के लिए जुड़े रहें “बिहार तक” के साथ।

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