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दिव्या मिश्रा केस: 2019 की वारदात जिसने कानपुर को हिला दिया, Divya Mishra Case

Divya Mishra Case

Divya Mishra Case: उत्तर प्रदेश का इटावा जिला 14 अक्टूबर 2019 की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना का गवाह बना। कटरा बाल सिंह कॉलोनी में, जानी-मानी टीवी एंकर अजितेश मिश्रा की पत्नी, 27 वर्षीय दिव्या मिश्रा, अपने ही घर में खून से लथपथ मृत पाई गईं। इस घटना ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। पुलिस की जांच के बाद जो खुलासा हुआ, उसने सभी को सकते में डाल दिया। यह मामला था धोखे, अविश्वास और कोल्ड ब्लडेड मर्डर का।

Divya Mishra Case

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शुरुआती जांच में चौंकाने वाली स्थिति

घटना के दिन दिव्या के ससुर, प्रमोद मिश्रा, उनसे मिलने उनके घर पहुंचे। घर का दरवाजा अंदर से बंद था। बार-बार आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया। जब उन्होंने दरवाजा धक्का देकर खोला तो उनके होश उड़ गए। दिव्या खून से लथपथ फर्श पर बेसुध पड़ी थीं। उनकी जान बचाने की कोशिशें नाकाम रहीं। हालात देखकर साफ हो गया था कि दिव्या की हत्या हुई है।

पुलिस को तुरंत मामले की जानकारी दी गई। शुरुआती जांच में पता चला कि दिव्या की मौत किसी भारी वस्तु से सिर पर वार होने के कारण हुई थी। घर की चीजें इधर-उधर बिखरी हुई थीं, जिससे मामला लूटपाट का लग रहा था। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड को भी जांच में शामिल किया। आसपास के लोगों से पूछताछ हुई, जिसमें नई जानकारियाँ सामने आईं।

शक के घेरे में घर का सदस्य

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि घर से कोई कीमती वस्तु गायब नहीं थी, जिससे यह हत्या लूटपाट की लगती। खोजी कुत्तों का इशारा इसी ओर था कि अपराध में कोई करीबी शामिल है। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि लोगों ने एक युवक, अखिल कुमार सिंह, को घर के अंदर जाते देखा था। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।

अखिल दिव्या के परिवार का पुराना जानकार और अजितेश के सहकर्मी था। शुरुआती बातों में उसने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन पूछताछ गहराने पर उसने अपने बयान बदलने शुरू कर दिए। इसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस को शक गहराता गया। आखिरकार, कठोर सवालों के दबाव में अखिल ने सच्चाई कबूल की।

हत्या की खौफनाक साजिश

अखिल ने खुलासा किया कि दिव्या की जान लेने का आदेश किसी और ने नहीं, बल्कि उनके पति अजितेश ने दिया था। दिव्या और अजितेश की शादी 2016 में हुई थी। शुरुआत में दोनों का रिश्ता ठीक था, लेकिन कुछ समय बाद इनमें खटास आई।

जांच में पता चला कि अजितेश का अपनी सहकर्मी भावना आर्या के साथ अफेयर था। जब दिव्या को इस रिश्ते की जानकारी मिली, तो पति-पत्नी में झगड़े शुरू हो गए। इस विवाद ने धीरे-धीरे हिंसक मोड़ ले लिया। दिव्या ने भावना से दूर रहने की सख्त हिदायत दी थी। लेकिन भावना ने उल्टा अजितेश को उकसाया, जिससे दोनों का रिश्ता और बिगड़ गया।

तनाव बढ़ने पर अजितेश और भावना ने मिलकर दिव्या को रास्ते से हटाने की साजिश रची। उन्हें डर था कि किसी पेशेवर अपराधी को हायर करने से वे जल्दी पकड़े जाएंगे। इसलिए, उन्होंने अपने भरोसेमंद सहकर्मी अखिल को इस खतरनाक साजिश में शामिल किया।

वारदात की पूरी कहानी

14 अक्टूबर को, अखिल दिव्या के घर पहुंचा। पुराने जानकार होने के कारण दिव्या ने उसे अंदर बुला लिया। बातचीत के दौरान, दिव्या ने अपनी शादीशुदा जिंदगी की परेशानियों का जिक्र किया। उन्होंने अखिल से अपने पति अजितेश को समझाने की गुजारिश भी की।

इसी बीच, अखिल ने आसपास किसी भारी चीज की तलाश शुरू कर दी। उसकी नजर एक गुलदस्ते पर पड़ी। उसने मौके का फायदा उठाकर उसी से दिव्या के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। अचानक हुए हमले से दिव्या हड़बड़ा गईं और अपनी जान बचाने की कोशिश की। लेकिन अखिल ने उन पर तब तक हमला जारी रखा, जब तक उन्होंने दम नहीं तोड़ दिया।

हत्या को लूटपाट का रूप देने के लिए अखिल ने घर का सामान बिखेरा। जाते वक्त उसने गुलदस्ता भी अपने साथ ले लिया। इसके बाद उसने अजितेश और भावना को हत्या सफल होने की सूचना दी।

अदालत का फैसला और सजा

पुलिस जांच के दौरान सभी सबूत जुटाए गए। कोर्ट में सुनवाई के बाद, अजितेश और अखिल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। भावना आर्या को 14 साल की कैद दी गई। तीनों फिलहाल जेल में अपने किए की सजा काट रहे हैं।

आपके विचार

दिव्या मिश्रा की हत्या ने समाज में रिश्तों और भरोसे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। अदालत ने आरोपियों को सजा दे दी है। लेकिन आप इस मामले पर क्या सोचते हैं? कमेंट करके जरूर बताएं।

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