Serial Killer Ronald Dominic: 1997 के अंत में लुसियाना के सुनसान इलाकों में ऐसे शव मिलने शुरू हुए, जिन्होंने अमेरिका को झकझोर दिया। इन सभी शवों में एक समानता थी। लड़कों के ये शव हाथ-पैर बंधे हुए, उनके कपड़े गायब, और उनकी हत्या बहुत बेरहमी से की गई थी। इस खौफनाक सिलसिले ने हर किसी को हैरान कर दिया। आखिर कौन था यह कातिल, और उसे रोकने में पुलिस को दस साल क्यों लगे? यह कहानी उस शातिर सीरियल किलर रोनाल्ड डोमिनिक की है, जिसने अमेरिका में खौफ पैदा कर दिया था।
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Serial Killer Ronald Dominic
रोनाल्ड डोमिनिक: बचपन से बेचैनी तक
रोनाल्ड डोमिनिक का जन्म 9 जनवरी 1964 को लुसियाना के थिबॉडॉक्स में हुआ। वह अपने परिवार के सबसे छोटे बच्चे थे। गरीबी और कठिनाइयों के माहौल में पला-बढ़ा यह लड़का बचपन से ही दूसरों से अलग था। स्कूल के दिनों में उसका व्यवहार अजीब था। वह हमेशा अकेला रहता, ज्यादा किसी से बात नहीं करता, और मोटापे का शिकार हो गया था। क्लासमेट्स उसे चिढ़ाते, मजाक उड़ाते और रैगिंग करते, जिससे वह और अलग-थलग पड़ता गया।
कॉलेज में भी उसकी यही स्थिति रही। कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया, लेकिन पढ़ाई में मन नहीं लगा। लड़कों द्वारा ‘गे’ कहकर चिढ़ाए जाने से वह और परेशान रहने लगा। अंत में उसने पढ़ाई छोड़ दी और यूं ही खाली समय बिताने लगा। कहा जाता है, “खाली दिमाग शैतान का घर होता है।” यह बात डोमिनिक पर सटीक बैठी।
अपराध की शुरुआत
1985 में रोनाल्ड ने एक अज्ञात फोन नंबर पर अश्लील बातें करनी शुरू कीं। पुलिस शिकायत हुई और उसे $75 का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद भी उसकी आदतें सुधरी नहीं। 1996 में उसने एक युवक पर हमला किया, लेकिन सबूतों की कमी से अदालत में बच निकला। यह रिहाई उसके कुकर्मों का आगाज थी।
1997 में उसने अपनी पहली हत्या की। 19 वर्षीय डेविड मिशेल को शिकार बनाया गया। उसकी बॉडी पानी से भरे गड्ढे में मिली। हालांकि पुलिस ने इसे दुर्घटना माना, लेकिन डेविड के पिता ने दावा किया कि वह अच्छा तैराक था। इस मामले का कोई दोषी नहीं मिला, और डोमिनिक आजाद घूमता रहा।
एक के बाद एक खौफनाक हत्याएं
डोमिनिक ने 1997 से 2006 तक कुल 23 हत्याएं कीं। उसके अधिकतर शिकार 19 से 27 साल के युवा लड़के थे। वह इन्हें लालच देकर पहले अपने जाल में फंसाता और फिर उनकी हत्या कर देता। इनमें से अधिकतर लड़के या तो ड्रग्स के आदी थे, या समाज से अलग-थलग जीवन जी रहे थे।
1998 में चार लड़के, 1999 में तीन, और 2002 में दो और युवकों को शिकार बनाया गया। अगले कुछ वर्षों में यह आंकड़ा बढ़ता गया। 2005 में उसने सात हत्याएं कीं। हर बार वह पुलिस से बच निकलता रहा। मीडिया ने उसे ‘द बायू स्ट्रैंगलर’ का नाम दिया, क्योंकि यह हत्याएं बायू इलाके के आसपास ही होती थीं।
पुलिस का संघर्ष और सफलता
डोमिनिक गंभीरता से अपने शिकार चुनता था। वह कभी कोई सबूत नहीं छोड़ता था। लेकिन 2006 में उसकी किस्मत ने धोखा दिया। 27 वर्षीय क्रिस्टोफर सटन के मर्डर केस में उसे ब्लैक SUV में देखा गया। इसी दौरान नवंबर 2006 में, रिकी वॉलिस उसके चंगुल से बच निकला और पुलिस को जानकारी दी।
रिकी की बातें सुन पुलिस को डोमिनिक पर शक हुआ। पूछताछ के दौरान उसका ब्लड सैंपल लिया गया, जो पूर्व में मिले सीमन सैंपल्स से मैच कर गया। इसके बाद पुलिस ने पूरा सबूत इकट्ठा किया और 1 दिसंबर 2006 को उसे एक होमलेस सेंटर से गिरफ्तार कर लिया।
कबूलनामा और सजा
गिरफ्तारी के बाद, डोमिनिक ने शर्त रखी कि वह तभी अपने अपराध कबूल करेगा, जब उसे फांसी नहीं दी जाएगी। प्रशासन ने उसकी बात मानी। इसके बाद उसने सभी 23 हत्याओं की डिटेल बताई।
2008 में उसे अदालत ने दोषी करार दिया। उसे आठ उम्रकैद की सजा दी गई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में उसे पैरोल नहीं मिलेगी। फिलहाल, वह लुसियाना की एक जेल में बंद अपने किए की सजा भुगत रहा है।
आखिर डोमिनिक इतना खतरनाक कैसे बना?
डोमिनिक ने हमेशा समाज के सबसे कमजोर वर्ग को निशाना बनाया। यह वे लोग थे, जिनकी शिकायतें अक्सर अनसुनी रह जाती थीं। उसकी हत्याओं में कोई स्पष्ट मोटिव नहीं था, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि वह मानसिक विकार से ग्रसित था। उसे दूसरों की तकलीफ से आनंद मिलता था।
अंततः न्याय की जीत
डोमिनिक के घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी चतुर क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। दस वर्षों तक पुलिस को चकमा देने के बावजूद वह पकड़ा गया और आज अपने किए की सजा भुगत रहा है। इस मामले ने अमेरिका सहित पूरी दुनिया को चेतावनी दी कि ऐसे अपराधियों को पहचानने और रोकने के लिए सतर्क रहना जरूरी है।
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