Dark Secret Of Biggest Indias Hater: अगर मैं आपसे पूछूं कि क्या कोई भी टीम सिर्फ एक प्लेयर की वजह से successful होती है? तो जाहिर सी बात है आप कहेंगे नहीं, बिल्कुल नहीं। एक टीम अगर कोई भी मैच जीतती है या हारती है या कोई टूर्नामेंट जीतती है या हारती है तो इसके पीछे पूरी टीम का contribution होता है ना? ना एक player को जीत का credit जाना चाहिए ना ही एक player को हार का विलेन बनाना चाहिए। क्योंकि एक player आपको मैच का कोई moment बना के दे सकता है. लेकिन पूरा मैच अकेले बना के नहीं दे सकता है.
चलो मैं कहता हूँ अगर एक मैच में एक bowler दूसरी team के दस-दस विकेट भी ले ले तो भी आप ये नहीं कह पाएंगे कि ये मैच सिर्फ इस player ने जीता दिया। क्योंकि उन दस विकेटों को लेने के लिए कई fielders लगे होंगे जिन्होंने fielding में दबाव बनाया होगा। कई कैच लपके गए होंगे।
Wicket Keeper ने stumping करी होगी तो contribution पूरी team का ही तो हुआ ना. 1983 world cup से ले के, 2007 world cup से ले के, 2011 world cup से ले के, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी तक क्या आप किसी भी केस में ऐसा कह सकते हैं कि ये सब हमें किसी एक प्लेयर ने जिताया? नहीं कह सकते! कभी भी नहीं कह सकते क्योंकि भले ही आपका इन टीमों में कोई सबसे favourite प्लेयर रहा होगा।
लेकिन फिर भी आपका मन जानता है कि बिना टीम वर्क के इनमें से एक भी ख़िताब जितना नामुमकिन था और देखिए सच ये भी है अगर कोई टीम सिर्फ एक प्लेयर के होने से जीत या हार रही है वो टीम, टीम कहलाने के लायक ही नहीं है। टीम का मतलब ही ये होता कि कई लोग मिलके एक काम करें। पर अफ़सोस की बात ये है कि पाकिस्तान में बैठे पूर्व गेंदबाज वकार यूनिस की इस मामले में कुछ अलग ही थ्योरी चलती है और मैं आगे बोलने से पहले ये बता दूँ कि वकार यूनिस उन कुछ चंद लोगों में से हैं जो भारत से पूरे तरीके से हेट करते हैं। मतलब इनकी नफरत का लेवल कुछ ऐसा है कि जब जब इनकी जुबान कह लें या इनके हाथ सोशल मीडिया पे चलते हैं तो भारत के लिए जहर ही उगलते हैं।
मैंने अभी उनका नाम लेते वक्त पहले सोचा कि पूर्व महान तेज़ गेंदबाज़ कह के उनको introduce करूँगा। लेकिन as I said फिलहाल इनके कर्मों ने इनसे महान होने का टैग छीन लिया है. क्योंकि भैया कर्म ही तो हैं जो इंसान को दो पल में या तो महान बनाते हैं या तो दो पल में गधे के समान बनाते हैं. तो देखो इस चीज़ से तो सभी भली भांति वाकिफ होंगे कि 28 तारीख को एशिया कप में भारत पाकिस्तान एक दूसरे के आमने-सामने होंगे। लेकिन मुद्दा ये रहा कि हाल ही में जब ये न्यूज़ आई कि शाहीन अफरीदी इंजरी के चलते एशिया कप से rule आउट कर दिए गए हैं तो वकार यूनिस ने अपनी दिमागी क्षमता का बिलकुल भी प्रयोग ना करते हुए ये ट्वीट कर दिया कि शाहीन की injury इंडिया के top order के लिए एक बहुत बड़ी तसल्ली होने वाली है कि अब उन्हें आउट कौन करेगा?
पहले तो एक नामी क्रिकेटर द्वारा ये सीधा इंडियन टीम को टारगेट करता हुआ ट्वीट ही शर्म की बात है। आप ऐसे ट्वीट दो पल के लिए आम इंसान से expect कर भी सकते हो। लेकिन एक क्रिकेटर का सीधा ये लिखना कि अब इंडिया के batsman खुश होंगे। शाहीन अफरीदी injured हो गए ये बताता है कि इंसान का मानसिक तौर पे काबिल होना कितना जरूरी है. कुछ दिन पहले भी न्यूज़ आई थी कि जसप्रीत बुमराह एशिया कप से रूल आउट हो गए हैं लेकिन आपको भारत में मौजूद एक भी क्रिकेटर द्वारा ऐसे पोस्ट देखने को नहीं मिले होंगे कि पाकिस्तान के बैट्समैन खुश होंगे कि बुमराह बाहर हो गए क्योंकि इसी को maturity कहते हैं.
जबकि शाहीन अफरीदी के comparison में हमारा ये कहना बनता भी था. वकार यूनुस तो बस एक वर्ल्ड कप के मैच को ध्यान में रख के ऐसी बातें रहे हैं। वरना अगर overall आप शाहीन अफरीदी और बुमराह को compare भी करेंगे तो शाहीन अफरीदी किसी भी मामले में बुमराह के आस-पास भी भटकते हुए नजर नहीं आएंगे। टी-ट्वेंटी में खेले गए 40 मैचों में जहाँ शाहीन अफरीदी की bowling average 24.32 की है तो वहीं economy 7.76 की है और वहीं बुमराह जिन्होंने 58 मैच खेले हैं उनकी average 19 की है और economy 6.4 की है। even उससे भी बड़ी बात ये है हमारे दूसरे bowler जो Asia Cup से बाहर है हर्षल पटेल उनका भी T twenty में विकेट लेने का रेट शाहीन अफरीदी से बेहतर है.
मतलब कुल मिला के हमारे bowler के stats तो आपके bowler से कई गुना ज्यादा अच्छे थे. ऐसे tweet करने के लिए लेकिन हमारे cricketers को खेल और खेल भावना दोनों अच्छे से आती है. लेकिन ये भी सच है कि भारत में लोग ऐसी चीजों की शुरुआत भले अपने end से ना करें। लेकिन कोई अगर उंगली करता है तो फिर उसकी दवाई का स्वाद उसी को उसका का हुनर भी रखते हैं।
जब Waqar Younis ने Shaheen Afridi के reference में ये tweet करा था तो Irfan Pathan ने भी ये लिख डाला कि दूसरी टीमों के लिए ये सुकून की बात होगी कि Asia Cup में Harsha Patel और Bumrah available नहीं होंगे। आप देखिए कि इसके बावजूद भी Irfan Pathan में इतना sense था कि उन्होंने Pakistan का नाम नहीं लिया वरना वो भी directly लिख सकते थे कि Pakistan के batsman के लिए तसल्ली की बात होगी कि Harsha Patel और Bumrah Asia cup से बाहर है.
लेकिन उन्होंने simply ये कहा कि सभी टीम के लिए ये तसल्ली की बात है. लेकिन भारत की जनता चुप नहीं रही. उन्होंने वकार यूनुस को ऐसे जवाब दिए कि वो उसके बाद से बस चुप्पी बांध के बैठ गए. किसी ने लिखा कि 2018 का एशिया कप भूल गए क्या? मैं यहाँ पे आप लोगों को याद दिला दूँ कि 2018 एशिया कप के सुपर फोर में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले में जब पाकिस्तान ने भारत के सामने 238 रन का लक्ष्य रखा था तो धवन के 114 और रोहित के 111 के स्कोर ने पकिस्तान को वो मैच 9 विकेट से हरा दिया था. जिसमें पाकिस्तानी बॉलर शाहीन अफरीदी सबसे महंगे बॉलरों में से एक रहे थे.
किसी user ने लिखा कि मैच से पहले ही हार मान ली. तो किसी ने लिखा कि बेटा हर दिन संडे नहीं होता। लेकिन एक user ने बड़ा ही कमाल का reply देते हुए लिखा कि इंडिया वर्ल्ड की बेस्ट टीम इसीलिए है क्योंकि वो सिर्फ एक प्लेयर पे डिपेंडेंट नहीं होती। उसका एक-एक प्लेयर अपने आप में अलग है. लेकिन पाकिस्तान में शाहीन अफरीदी क्या बाहर हुए पहले ही हारी हुई बातें करना शुरू कर दी और बात सच भी है मैंने आपसे शुरू में ही कहा था कि जो team सिर्फ एक player पे depend रहे उससे बड़ी loser कोई team हो ही नहीं सकती और उससे भी बड़ी बात ये है कि चलिए खेल है हार जीत चलती रहती है.
लेकिन किसी देश के दिग्गज cricketer द्वारा ऐसी post उस देश के cricket के स्तर के साथ-साथ उस देश की इज्जत के स्तर को भी जमीन में मिला देती है. भले ही वकार यूनिस को ऐसा लिखते वक्त लगा हो कि उन्होंने कुछ बहुत हटके और कमाल का लिख दिया है. लेकिन असल सच यही था कि उन्होंने अपनी team को सिर्फ एक player के भरोसे रहने वाली team का tag दे दिया था और वकार यूनुस ने सिर्फ ऐसा पहली बार नहीं किया है 2021 world cup में जब पाकिस्तान ने भारत पे जीत हासिल करी थी तो इन्होंने ये स्टेटमेंट दे दिया था कि पाकिस्तान की ये जीत एक religious जीत है और तब भी उन्होंने ये ट्वीट कर दिया कि रिजवान का सभी हिंदुओं के बीच नमाज पढ़ना मैच का सबसे बेहतरीन movement था.
मतलब cricket जैसे खेल को मजहब का खेल बनाने का दिमाग किसी मानसिक रूप से बीमार आदमी का ही हो सकता है. भले ही जब Waqar Yunus को पूरी दुनिया से उनके इस statement के लिए hate का सामना करना पड़ा तो उन्होंने माफी भी मांगी और कह डाला कि ये किसी hacker का काम था लेकिन ये सब जानते है कि ये बस उनके छोटे से दिमाग की ही उपज थी.
खैर और क्या ही कहना। आज जो भी ये आर्टिकल जो भी पढ़ रहा है. आपका Waqar Yunus के Shaheen Afridi वाली post पे क्या कहना है comment में जरूर बताइएगा।