चिकन कोरमा, दिल्ली में जामा मस्जिद के Al Jawahar रेस्टॉरेंट में, food options in Jama Masjid area in Delhi

Al Jawahar रेस्टॉरेंट में

Food Options in Jama Masjid Area in Delhi: दोस्तों दिल्ली का जामा मस्जिद वाला इलाका और चांदनी चौक का पराठे वाली गली, अपने बेहतरीन डिशेस के लिए पूरी दुनिया में फेमस है. भारत के बाहर से चाहे वो किसी भी देश से आये हो, कोई भी अगर दिल्ली घूमने या एक्स्प्लोर करने आता है तो इन दोनों जगहों पर खाने के लिए जरूर पहुंचता है. मैं काफी सालों तक दिल्ली एनसीआर में रहा हूँ. वैसे मैंने अपनी पढ़ाई भी दिल्ली से ही की है और मैं तो शुरू से ही चटोरा रहा हूँ. इसलिए हम लोग ग्रुप बनाकर जामा मस्जिद वाले इलाके में पहुंचते थे नॉन-वेज खाने के लिए. इस इलाके में आपको बहुत सारे मुग़लई डिश सर्व करने वाले रेस्टॉरेंट मिल जाएंगे। जहाँ पर आपको बेहतरीन स्वाद के साथ नॉन वेज खाने को मिलता है.

फिलहाल मैं यूट्यूब पर travel और food vlog अपने चैनल “Tandeli” के लिए बनाता हूँ और अपने वेबसाइट www.tandeli.in के लिए फ़ूड और ट्रेवल ब्लॉग भी लिखता हूँ. इसी सिलसिले में हम लोग दिल्ली के जामा मस्जिद के पास अल जवाहर रेस्टॉरेंट को कवर करने के लिए पहुंचे थे. इस फ़ूड ब्लॉग में हम अल-जवाहर रेस्टॉरेंट के मुग़लई डिशेस को आप के लिए ट्राई करने वाले हैं और इसके स्वाद का रिव्यु भी करने वाले हैं साथ ही आपको ये भी बताएँगे की आपको यहाँ आना चाहिए या नहीं।

1947 से मिल रहा है, शानदार और स्वादिस्ट नॉन-वेज मुग़लई डिशेस, अल जवाहर रेस्टॉरेंट, जामा मस्जिद, दिल्ली में

Al Jawahar रेस्टॉरेंट में

कब स्थापना हुई थी Al Jawahar Restaurant का

Al Jawahar रेस्टॉरेंट, दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में एक बहुत ही पॉपुलर नॉन वेज रेस्टॉरेंट है. इस रेस्टोरेंट की शुरुआत 1947 में हुई थी. जब रेस्टॉरेंट के नाम के पीछे का कारण हम लोगों ने पूछे तो पता चला कि 1947 में इंडिया को इंडिपेंडेंस मिला था. उस समय नए-नए प्रधानमंत्री बने थे, जवाहर लाल नेहरू, उन्हीं के नाम पे इस रेस्टोरेंट का नाम रखा गया था. हम पहुंचे थे इसी रेस्टॉरेंट के लजीज खानों का आनंद लेने के लिए, जिसका नाम देश के प्रथम प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है.

Al Jawahar Restaurant कैसे पहुंचे

जामा मस्जिद के गेट नंबर 1 के ठीक सामने एक पतली सी गली है. इस गली और आसपास के एरिया में हमेशा आपको मेले जैसा माहौल देखने को मिलेगा, भीड़-भाड़ मिलेगी। इस गली में आप जैसे ही एंटर करेंगे, आपको मिल जाएगा अल-जवाहर रेस्टॉरेंट। जामा मस्जिद, पहुँचने के बाद किसी भी ऑटो वाले या फिर दुकानदार से पूछेंगे तो आपको जरूर इस रेस्टॉरेंट का पता बता देंगे क्योंकि यह रेस्टॉरेंट काफी मशहूर है अपने नॉन-वेज मुग़लई डिशेस के लिए.

क्या खासियत है Al Jawahar Restaurant की और कौन-कौन सी डिशेस मिलती है यहाँ पर

इस रेस्टोरेंट के अंदर जैसे ही आते है तो यहाँ पर रोटी वाला counter, कबाब वाला counter साथ ही आपको बड़े बड़े पतीले में अलग अलग dish रखा हुआ दिखेगा। रेस्टोरेंट के अंदर बैठ के हर एक डिश का ज़ायका लिया और आगे आपको बताएँगे कि कौन सा डिश कितना स्वादिष्ट है.

AL Jawahar Restaurant के मैनेजर ने हमें यहाँ के हरेक डिश के बारे में बताया कि यहां पर क्या क्या मिलता है और कौन सा डिश यहाँ पर ज्यादा फेमस है. इस रेस्टोरेंट में आपको मटन कोरमा, मटन नाहरी, मटन इष्टु, इन तीनों मटन के वैरायटी में यहाँ पर सबसे ज्यादा मटन कोरमा पसंद किया जाता है. चिकन के डिशेस में आपको यहाँ पर चिकन कोरमा और चिकन नाहरी मिलेगा। Mutton नाहरी नॉन वेज में एक ऐसा डिश होता है जिसे ओवरनाइट prepare किया जाता है.

Al Jawahar Restaurant पॉकेट फ्रेंडली है या महंगा है

प्राइस की बात करें तो यहाँ पर आपको  मटन कोरमा, मटन नाहरी और मटन इष्टु के हाफ प्लेट के लिए 283 रुपए देने होंगे। प्राइस यहाँ पर आपको थोड़ा महँगा जरूर लगेगा लेकिन जब आपको खाने में स्वाद मिलेगा तो आप प्राइस टैग बिलकुल भूल जायेंगे.

इसके अलावा यहां का चिकन चंगेजी भी काफी पॉपुलर है. Chicken Changezi थोड़ी spicy item है. पंजाबी लोग और यहाँ के आसपास के लोगों का ये फेवरेट है. इसे टोमेटो बेस पर बनाया जाता है और टोमाटो वाली चीजें दिल्ली वालों को ज्यादा पसंद आती है.

यहाँ के मैनेजर ने हमें बताया कि यहाँ की मटन सीख कबाब भी काफी बेहतरीन होती है और इसे भी इन्होने ट्राई करने के लिए बोला। खमीरी रोटी यहाँ की स्पेशलिटी होती है. खासतौर पर मटन कोरमा और नाहरी डिश के साथ इसका स्वाद गजब का आता है.

Al Jawahar Restaurant के मैनेजर द्वारा रेकमेंड की गयी डिशेस

रेस्टोरेंट मैनेजर द्वारा हमें जो recommend किया गया. बस हम लोग भी उसी डिशेस को ट्राई किया। यहाँ पर आपको दो फ्लोर में यह रेस्टॉरेंट बना हुआ है. यहाँ पर भीड़ इतनी आती है कि यहाँ पर काम करने वाले सभी एम्प्लोयी के पास एक Walky Talky मौजूद होता है जिससे वो किसी भी समय किसी से भी बात करते है और कस्टमर को सटिस्फाईड रखते हैं. यहाँ पर आपको बहुत सारा क्राउड देखने को मिलता है.

हमें यहाँ के हेरिटेज डिज़ाइन में बने टेबल पर बैठकर बहुत रॉयल वाला फीलिंग आ रहा था. हमने अपने लिए चिकन चंगेजी, मटन निहारी, मटन कोरमा, मटन सीख कबाब, चिकन चंगेज़ी और साथ में खमीरी रोटी मंगवाया था। रेस्टोरेंट के मैनेजर के हिसाब से मटन कोरमा और चिकन चंगेजी यहाँ का बेहतरीन डिश है.

चिकन चंगेजी का ग्रेवी थोड़ा सा गाढ़ा होता है, वहीँ मटन कोरमा का जो ग्रेवी होता है, वो थोड़ा पतला होता है. मटन सीख कबाब भी हमने लिया था और ये भी बहुत ज्यादा यहां पर सेल होता है. किसी भी मुगलई डिश का जो शान होता है वो होता है उसका तेल और यहाँ आपको तेल में कोई कमी नहीं मिलेगा। फ्लफी-फ्लफी खमीरी रोटी को छूते ही मजा आ रहा था.

Al Jawahar Restaurant में खाने बाद, डिशेस का रिव्यू

Al Jawahar रेस्टॉरेंट में हमने सबसे पहले ट्राई किया, सीख कबाब और ये मुँह में जाते ही अपने आप ही गल गया, ये बताता है कि कबाब काफी अच्छा है. यहाँ के मटन कोरमा को खाते ही हमें हमें एक ऑथेंटिक मटन कोरमा का फील आ रहा था. इस जगह का ऑथेंटिक मटन नाहरी का स्वाद सबसे बढ़िया रहा. वैसे भी मटन नाहरी डिश आपको हर जगह मिलेगा भी नहीं. नार्मल रेस्टॉरेंट में आमतौर पर मटन करी को मटन नाहरी बोल के परोसा जाता है.

यहाँ का मटन नाहरी ऐसे ही बिना कुछ किये हड्डी को छोड़ रहा था. इसको काफी समय लगता है बनाने में इसलिए इसका स्वाद भी काफी बेहतरीन होता है. चिकन चंगेजी बहुत ही बेहतरीन स्वाद वाला था. यहाँ के चिकन चंगेजी में आपको पूरा tangy flavour मिलने वाला है.

Al Jawahar Restaurant के लिए मेरा recommendations

यहाँ पर सभी डिश को टेस्ट करने के बाद यही लगता है की आप जब भी यहाँ पर आएं अगर मटन खाते हैं तो सबसे पहले नंबर पे मटन नहरी को रख सकते हैं और साथ ही मटन सिख कबाब का लुत्फ़ लेना मत भूलें. अगर आप चिकन के शौक़ीन है तो पहले नंबर पर यहाँ का चिकन चंगेजी ट्राई कर सकते हैं. जितने भी डिशेस हमने ट्राई किया, उसके अलावे भी आपको कई सारे मुग़लई डिश यहाँ पर अवेलेबल रहते हैं. अगर आप वेज पसंद करते हैं तो यहाँ उसमे भी आपको लिमिटेड ऑप्शन मिल जायेगा.

ओवरऑल अगर इस रेस्टोरेंट की बात करें तो यहाँ के खाने में आपको ऑथेंटिक मुग़लई जायका का टेस्ट मिलने वाला है. जैसा कि मैं आपको पहले ही बता दिया है की ये रेस्टॉरेंट 1947 से ही ऑपरेशन में है तो इस बात को आप समझ ही सकते हैं कि इतने समय तक कोई भी रेस्टॉरेंट तभी अपना बिज़नेस रन कर सकता है जब उसका स्वाद लोगों को पसंद आता हो. इसलिए इस रेस्टोरेंट के स्वाद और ऑथेंटिसिटी पर कोई सवाल उठा ही नहीं सकता है.

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