Increasing Rate of Crime in Siwan Bihar: सिवान में बाप-बेटे के डबल मर्डर की पूरी कहानी जान आपको याद आएंगी बालीवुड की पुरानी फिल्‍में

Increasing Rate of Crime in Siwan Bihar

Increasing Rate of Crime in Siwan Bihar: बिहार के सिवान जिले से दबंगई और खौफ का गहरा नाता रहा है। इस जिले में एक नहीं, बल्‍क‍ि कई सारे, यूं कहा जाय कि लगभग हर गांव और क्षेत्र में पुरानी बालीवुड फिल्‍मों के खलनायक, ठाकुर जैसा एक चेहरा जरूर से होता ही है। सिवान के ही मैरवा थाना के इंग्लिश पंचायत में पिता-पुत्र के डबल मर्डर के पीछे की कहानी भी कुछ ऐसी ही लगेगी। यहां पर दिन के उजाले में ही बाप-बेटे को गोली मार दी गई थी. लेकिन यहाँ के दबंग के डर से उनकी मदद के लिए भी गांव वाले, वक्‍त रहते हुए आगे आने की हिम्‍मत नहीं जुटा पाए। इस गांव से कोई उन्‍हें अस्‍पताल तक ले जाने के लिए भी तैयार नहीं हुआ।

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20-25 घर ही है सैनी छापर टोला में 

Crime in Siwan, Bihar: मैरवा थाना क्षेत्र के इंग्लिश पंचायत में एक छोटा सा टोला है सैनी छापर, इस टोले में करीब 20-25 घर ही फिलहाल आबाद हैं। इनमें से अधिकांश दुबे परिवार ही हैं। इसी गांव के कृष्णा दुबे लंबे समय से पैक्स अध्यक्ष हैं। गांव और समाज में इनका दबदबा लंबे समय से रहा है। इस परिवार का वर्चस्व यहाँ के गांव के लोगों पर हमेशा से कायम रहा है. परन्तु नई पीढ़ी के कई युवकों ने धीरे-धीरे इस परिवार के सामाजिक अस्तित्व और निर्णय पर रोड़ा डालना शुरू कर दिया है।

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पिकअप और बाइक की टक्‍कर के बाद बढ़ गई बात 

आदित्य और उसके भाई मधुसूदन के इस दबंग परिवार के खिलाफ बोलने के वजह से ही वह कृष्णा दुबे के परिवार की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। 13 अप्रैल की शाम को मधुसूदन की मोटरसाइकिल और कृष्णा दुबे के पिकअप वैन में धक्का लगने के बाद ही मधुसूदन ने मुखर होकर इसका विरोध किया था। चालक की पिटाई भी की थी। इस घटना के बाद ही दोनों परिवारों के बीच नोकझोंक शुरू हुई। कृष्णा दुबे के अपने भाई वीरेंद्र दुबे और ब्रजेंद्र दुबे को यह नोंक झोंक नागवार गुजरी। उन दोनों ने इसे अपने आत्म सम्मान पर आघात का विषय मान लिया था। इस घटना के बाद हुए विवाद ने पूर्व के जख्मों को कुरेद दिया जिससे मामला और भी ज्यादा बिगड़ गया था.

आदित्‍य की मां और बहन बाल-बाल बच गई

स्थानीय थाने में पिकअप चालक की पिटाई को लेकर कृष्णा दुबे ने मधुसूदन के खिलाफ शिकायत की थी। इस वजह से दोनों परिवारों में तनाव काफी बढ़ चुका था।  7 मार्च की सुबह दोबारा से वाहन में धक्के के मामले को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई. देखते ही देखते एक बार फिर से यह मामला विवाद का रूप ले लिया। गुरुवार की सुबह पहले थप्पड़ और फिर लाठी-डंडे भी चले। एक बार फिर इसको आत्म सम्मान से जोड़कर आदित्य और उनके पिता पर गोलियां फायर कर दी गईं। इस घटना में पिता और पुत्र की मौत हो गई। आदित्य की मां और उसकी बहन गोली से बाल-बाल बच गए, परन्तु लाठी और डंडे की चोट तो उन्हें भी लगी लगी थी।

इस गांव के लोगों का कहना- दबंगई किसी परिवार को नहीं थी पसंद

स्थानीय युवक बताते हैं कि काफी समय पहले से ही इस परिवार की दबंगई, गांव के किसी को ठीक नहीं लग रही थी। एक दूसरे युवक ने बताया कि कुछ दिन पहले उसे इसलिए फटकार लगा दी गई कि वह सामाजिक कार्य में अपना समय अधिक से अधिक क्यों दे रहा था। एक अन्य युवक ने ये कहा कि उसकी राजनीति में रुचि को देखकर वे लोग भड़क गए थे।

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पिता-पुत्र की मौत से छाया मातम, दहशत में ग्रामीण 

घटना के बाद से ही स्वजनों में मातम छाया हुआ है। मृतक योगेंद्र की पत्नी शैल देवी और पुत्री मेधा कुमारी समेत अन्य स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था। मृतक को दो पुत्र और तीन पुत्री हैं। वे तो अपने दो पुत्री की शादी भी कर चुके हैं. वहीँ एक पुत्र आदित्य कुमार दुबे की भी इस घटना में मृत्यु हो गई है। आदित्य, देवरिया से आईटीआई पास करके नौकरी की तलाश कर रहा था। इस गोली कांड के बाद से ही गांव में पुलिस की तैनात कर दी गई है। इसके अलावा पुलिस ने दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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गोली लगने के बाद से छपपटाते रहे थे बाप-बेटे  

अभी भी दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ है। गांव के अधिकांश लोग दहशत में जी रहे हैं। दूसरी तरफ मृत योगेंद्र के परिवार वालों  का रो-रो कर बुरा हाल है. वो लोग बार-बार यही कह रहे थे कि गांव का कोई भी व्यक्ति उनकी मदद के लिए नहीं आया था । इस गांव में किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की। गोली लगने के बाद पिता-पुत्र छटपटा रहे थे. गांव का कोई भी देर तक उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए आगे नहीं बढ़ा सका, गांव में उस परिवार की दबंगई देखकर। हालांकि, घटना के काफी देर बाद ग्रामीणों के सहयोग से ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया था।

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