Kedarnath Tour Details Itineraries Budget: सबसे पवित्र हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक और हिमालय के केंद्र में स्थित एक प्राकृतिक आश्चर्य, केदारनाथ की परिवर्तनकारी यात्रा पर निकलें। हमारा सावधानीपूर्वक तैयार किया गया केदारनाथ दौरा विवरण, यात्रा कार्यक्रम और बजट-अनुकूल विकल्पों का एक पूरा पैकेज प्रदान करता है, जो सभी के लिए एक यादगार अनुभव सुनिश्चित करता है।
3,583 मीटर (11,755 फीट) की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ, प्रतिष्ठित केदारनाथ मंदिर का घर है। भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर दुनिया भर से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। लेकिन केदारनाथ सिर्फ आध्यात्मिकता के बारे में नहीं है; यह साहसिक चाहने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है।
हमारा दौरा आपको अपना रास्ता चुनने की सुविधा प्रदान करता है, चाहे वह दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना हो या प्राचीन जंगल की खोज करना हो।
हमारे दौरे के विवरण में आपकी यात्रा के हर पहलू को शामिल किया गया है। हम केदारनाथ के इतिहास, महत्व और यात्रा के सर्वोत्तम समय के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि आप अपनी यात्रा के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
हम परिवहन विकल्पों, आवास और स्थानीय व्यंजनों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे आपको अपनी यात्रा की योजना सहजता से बनाने में मदद मिलती है।
Kedarnath Tour Details Itineraries Budget
केदारनाथ जाने का बेस्ट समय कब होता है?
इस सवाल का जवाब ये है की बाबा के दरबार में आपको दर्शन तभी होगा जब बाबा के मंदिर के कपाट खुले होंगे। इसलिए जाने से पहले कपाट खुलने और बंद होने का डेट पता करले। इसके बाद जब आपके पास समय हो तभी जा सकते हैं. बाबा में विश्वास रखने वाले ये कहते हैं की जब बाबा का बुलावा आएगा तभी जा पाएंगे.
लेकिन अच्छा मौसम और सही महीने की बात करे तो मई, जून, सितंबर और अक्टूबर ऐसे महीने हैं जब आपको ये इस धाम की यात्रा करनी चाहिए। केदारनाथ धाम मंदिर, पहाड़ों के बीच स्थित है और बारिश के समय मे उत्तराखंड राज्य में मौसम बहुत तेजी से बदलता रहता है. 6 में से उपरोक्त 4 महीने ही सबसे सही है और यात्रा के लिए अनुकूल है.
केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे?
केदारनाथ धाम की यात्रा आप हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों जगह से शुरू कर सकते हैं. हरिद्वार बस स्टैंड से सुबह 4 बजे ही केदारनाथ के लिए बस सेवा शुरू हो जाती है और ये बस आपको शाम 3-5 बजे तक गौरीकुण्ड तक छोड़ देगी और गौरीकुंड से ही आपको ट्रैक करना होता है.
केदारनाथ से वापसी में भी आप इसी तरह बस सेवा से सुबह 5 बजे, गौरीकुंड से वापस आप हरिद्वार या ऋषिकेश वापस पहुंच पाएंगे।
ऋषिकेश और हरिद्वार से आपको शेयर्ड टैक्सी मिल जाती है, सोनप्रयाग तक लिए और फिर सोनप्रयाग से आगे गौरीकुंड के लिए भी आपको शेयर्ड टैक्सी मिल जाएगी।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए ट्रैकिंग की शुरुआत:
बस और टैक्सी आपको गौरीकुंड तक पहुंचाएगी और फिर गौरीकुंड से ही बाबा केदारनाथ मंदिर के लिए सभी भक्तों को लगभग 16 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ता है।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए खच्चर और डोली की सेवा:
गौरीकुंड से आप खच्चर की सवारी करके भी केदारनाथ धाम पहुँच सकते हैं. खच्चर की सेवा 2500 से 4000 में उपलब्ध रहती हैं। इसके अलावा डोली वाले 10 हजार रुपये चार्ज करते हैं. डोली की सेवा अधिकतर बुजुर्गों के लिए या जिनको चलने या घोड़े में बैठने में दिक्कत हो उसके लिए उपलब्ध रहती है.
केदारनाथ धाम की ट्रैकिंग के दौरान खाना-पीना:
ट्रैकिंग के दौरान रास्ते भर आपको खाने पीने की अच्छी व्यवस्था रहती है। ट्रैकिंग के दौरान अपने साथ 2 लीटर पानी रखें और जहाँ भी रास्ते में पानी का स्रोत मिले वहां से अपने बोतल को रिफिल करते रहे। पहाड़ों के झरनो से निकले पानी मे ऑक्सीजन की मात्रा अधिक रहती है. इस कारन से भी आपको पहाड़ों का पानी ज्यादा स्वादिष्ट लगेगा।
केदारनाथ धाम की ट्रैकिंग के दौरान बरती जानी वाली सावधानियां:
ट्रैकिंग सुबह जल्द शुरू करें। यात्रा सुबह 3-4 बजे के बीच शुरू करना अच्छा रहता है. यात्रा के दौरान साथ में पानी, बिस्कुट, ग्लूकोस, चॉक्लेट और मीठा जो भी आपको पसन्द हो उसे जरूर रखें। पहाड़ में चिप्स और तली हुई चीजें नहीं खाना चाहिए। ट्रैकिंग के दौरान हमेशा खाने में कार्ब्स और प्रोटीन का बैलेंस बनाकर रखें और ट्रैक शुरू करने से पहले अच्छा खाना जरूर खा लें. खाये बिना ट्रैक बिल्कुल शुरू ना करें। ट्रैकिंग के दौरान खाली पेट रहने से, आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।
पहाड़ों में ट्रैक पहली बार कर रहे हैं तो ट्रेक करने से 2-3 महीने पहले 5-10 किलोमीटर की हल्की दौड़ या वॉक करना जरूर शुरू कर दें, इससे आपको ट्रैकिंग के दौरान दिक्कत नही होगी। लम्बी दुरी की ट्रैक भी आसानी से पूरा कर पाएंगे।
ट्रैक करते समय रास्ते में लंबे देर तक कभी भी नही बैठे, थोड़ी देर के लिए रुके और फिर आराम करके चलते रहें। ऐसा एक्सपर्ट कहते हैं की पहाड़ों में हरेक 30 मिनट में 5 से 10 मिनट का आराम लेना चाहिए। रास्ते में खूबसूरत पहाड़ों के नजारों का आनंद लें, फ़ोटो क्लिक और विडियो भी रिकॉर्ड करें।
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केदारनाथ की ट्रैकिंग किस लेवल की है:
इस 16 किलोमीटर के ट्रैक को 4 भागों में बाँट सकते हैं. पहले 4 किलोमीटर का ट्रैक काफी आसान है, अगले 4 किलोमीटर यानि की भीमबली तक ट्रैकिंग थोड़े आसान और कठिन के बीच मे रहता है और जिस तरह से आप आगे बढ़ते जायेंगे और ऊँचाई बढ़ने लगेगा तो यह यात्रा आपको काफी कठिन लगने लगेगा।
गौरीकुंड से केदारनाथ के ट्रैकिंग के रास्ते में नींबू पानी आराम से मिल जाता है. अपने यात्रा के दौरान जब भी आपको थकान लगे तो ज्यादा से ज्यादा निम्बू पानी लें। ट्रैक के रास्ते में भीमबली के बाद कुछ देर के लिए आराम जरूर करें, फिर आगे की यात्रा शुरू करें.
अगर आप गौरीकुंड से सुबह 5 बजे यात्रा शुरू कर लेते हैं तो दोपहर 2-3 बजे तक बाबा के दरबार मे निश्चित रूप से पहुँच जायेंगे। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो आप 8 घंटे में आराम से आप पहुँच जायेंगे।
आप अगर 3 बजे केदारनाथ पहुंचेंगे तो उस समय मंदिर के कपाट बंद मिलेंगे, मंदिर के कपाट शाम के 5 बजे से पहले खुल जाते हैं। आप इस बचे हुए समय में अपने रुकने की व्यवस्था देख सकते हैं.
केदारनाथ धाम में रुकने की जगह:
Kedarnaath Dham में रुकने की सबसे अच्छी व्यवस्था GMVN वालों ने की है. GMVN गेस्ट हाउस में रूम, टेंट और डोरमेट्री की भी व्यवस्था है. यहाँ पर रेट 1000 रुपये से शुरु होती है, आप ऑनलाइन भी रेट चेक कर सकते हैं, GMVN की वेबसाइट पर. अक्टूबर 2021 में गया था तो GMVN में 5000 रुपये में एक रात के लिए रूम मिल रहा था. GMVN के गेस्ट हाउस में हमेशा पहले से बुकिंग करके आए नहीं तो पहुँचने के बाद इसमें जगह मिलना मुश्किल होता है.
GMVN के अलावा यहाँ पर आपको बहुत सारे प्राइवेट होटल्स भी मिल जायेंगे रुकने के लिए लेकिन समस्या ये है की यहाँ की होटल्स में ऑनलाइन बुकिंग नहीं करवा सकते हैं. आपको यहाँ पहुँचने के बाद ही रूम बुक करना होगा और प्राइस की बात करे तो यहाँ पर होटल्स आपको 1000 रुपए से शुरू होकर कितना भी ऊपर जा सकता है. यहाँ के प्राइवेट होटल्स का प्राइस यहाँ पहुँचने वाले भीड़ पर डिपेंड करता है. जितनी ज्यादा भीड़ उतना ज्यादा रूम का किराया।
केदारनाथ धाम पहुँचने पर कहाँ – कहाँ घूमे और दर्शन करें
यहाँ पर पहुँचने के बाद जब बाबा दर्शन हो जाये और फिर संध्या आरती में शामिल होने में जो आनंद मिलता है उससे सारी थकान खत्म हो जाती है और खुद को तरोताजा महसूस करते हैं। मंदिर में ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के बाद, भैरव बाबा के भी दर्शन करें जो मंदिर के पीछे से 1 किलोमीटर से कुछ अधिक के पैदल मार्ग स्थित है।
बाबा मंदिर के ठीक पीछे ही आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि भी है जिसे हाल ही में बनाया गया है, यहाँ भी दर्शन करने जरुर पहुंचे। मंदिर से नीचे पुराने रास्ते मे भी एक प्राचीन मंदिर है, जहाँ पर जाकर भी आप दर्शन कर सकते हैं। आपके पास और भी समय हो तो मन्दाकिनी नदी के किनारे बैठकर आनंद जरूर लें।
इस जगह पर 12 महीने केदारनाथ धाम में रहने वाले और साधना करने वाले बाबा भी मिलेंगे तो उनके सानिध्य का आनंद लें और उनके अनुभव को जाने। केदार बाबा के सुबह के अभिषेक, श्रृंगार और भोग जो कि 4 बजे से शुरू होता है, उसमे जरूर शामिल हों. यह धाम एक दिव्य और पवित्र स्थान है और आप जब भी पहुंचे महादेव के पंचाक्षर मंत्र का जाप अवश्य करें और कुछ समय मंदिर के प्रांगण में बैठकर जाप अवश्य करें.
केदारनाथ धाम में खाना पीना:
केदारनाथ में ज्यादातर ढाबा स्टाइल के रेस्टॉरेंट है इसलिए आपको खाने में बहुत ज्यादा ऑप्शन नहीं मिलने वाला है. ज्यादातर जगहों पर आपको वेज थाली का ऑप्शन मिलेगा। 150 से 250 के बीच में थाली मिलेगा जो एक इंसान के लिए पर्याप्त रहता है बाकी जो आप मिल जाये आपकी किस्मत। ज्यादातर होटल्स में आपको रूम के साथ कम्प्लीमेंट्री ब्रेकफास्ट मिल जाता है इसलिए रूम बुक करते समय इसका ध्यान जरूर रखें.
केदारनाथ धाम से दर्शन के बाद वापसी की यात्रा:
दर्शन करने के बाद वापसी में आपको 7-8 घण्टे गौरीकुण्ड तक आने में लगेंगे। ट्रैकिंग के दौरान आराम से नीचे आये. जानकारी के लिए आपको बता दूँ की पहाड़ में उतरते समय लोगों के पैरों में ज्यादा दिक्कत आती है इसलिए अपने पैरों का विशेष ध्यान रखें। मैंने बाबा के दरबार से वापसी, मंदिर में संध्या आरती के बाद किया था इसलिए अंधेरा हो गया था.
रात भर में ट्रैकिंग के दौरान मुझे कहीं कोई समस्या नहीं हुई थी। हमलोग आराम से वापस आ गये रात में गौरीकुंड तक. अकेले हों तो बिलकुल रात में ट्रैक न करें और हाँ अपने साथ टॉर्च जरूर रखें.
केदारनाथ धाम आने और जाने का खर्चा:
हरिद्वार से हरिद्वार, केदारनाथ यात्रा में एक आदमी का खर्चा 3 से 5 हजार तक आ जाता है. यह खर्चा हरिद्वार से हरिद्वार के वाहन तथा केदारनाथ में रुकने और खाने के साथ है। आपके पास अगर ज्यादा पैसा है तो आप जितना मर्जी चाहें खर्च कर सकते हैं, कोई आपको रोकेगा नहीं।
केदारनाथ धाम की यात्रा के हेलीकॉप्टर सर्विस:
जो यात्री ट्रैकिंग नहीं करना चाहते हैं तो वो हेलीकाप्टर की सेवा ले सकते हैं. फाटा नाम की जगह से आप हेलीकाप्टर की सेवा ले सकते हैं. हेलीकाप्टर सेवा की बुकिंग एडवांस में करा लें जिसका किराया 3500 से 5000 तक प्रति व्यक्ति आपको लगेगा। किराया कभी भी बढ़ जाता है और आपको बढ़ा हुआ किराया देना होता है। कोशिश करे सरकारी वेबसाइट से टिकट बुक करने की, एजेंट के चक्कर में ना पड़े.
अब आप जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून से भी हेलीकाप्टर ले सकते हैं जो आपको फाटा हैलीपेड तक लेकर आयेगा और वहाँ से केदारनाथ हैली सेवा आपको बाबा के दरबार में आपको पहुंचाती है।
केदारनाथ यात्रा में मौसम:
एक और महत्वपूर्ण बात केदार घाटी में मौसम बहुत तेजी से बदलता रहता है. कभी भी बारिश हो जाती है और ठण्ड तो लगती ही रहती है. ऊँचाई के कारण बारिश की बूंदे बर्फ में बदलने लगती है। इसलिये केदारनाथ जब भी पहुंचे अपने साथ गर्म कपड़े, रेनकोट और छतरी लेकर आएं।
केदारघाटी में मोबाइल नेटवर्क:
नेटवर्क यहाँ पर लगभग सभी कंपनी का मौजूद रहता है. यहाँ पर सबसे अच्छा नेटवर्क बीएसएनएल, जिओ और एयरटेल का मिलेगा। वीडियो कॉलिंग से घरवालों को भी दर्शन करवाने में आप सफल होंगे। ट्रैकिंग के रास्ते में बीएसएनएल का नेटवर्क पुरे रास्ते भर मिलेगा। बाकी दूसरे नेटवर्क मंदिर के आसपास में आसानी से उपलब्ध हैं। बाबा के दरबार में सभी टेलीकॉम कंपनियों नेटवर्क के लिए विशेष व्यवस्था की हैं।
केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन:
यहाँ की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरुरी होता है. इसलिए आप जब भी आये अपनी यात्रा के लिए ऑनलाइन या ऑफ़लाइन रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं। इससे आपको भीड़ के समय मे काफी मदद मिलेगी क्योंकि रेजिस्ट्रेशन वालों को यात्रा में प्रेफरेंस दी जाती है।
एक और खास एवं जरूरी बात:
यहाँ के होटल्स के प्राइस को देखकर कुछ लोगों का कहना है कि रुकना बहुत महँगा है. आपका बजट 500 रुपये है तो भी और बिल्कुल भी पैसा नही फिर भी आप बाबा के दरबार में रुक सकते हैं। मंदिर के पास ही केदारनाथ मंदिर समिति की धर्मशाला है. इस धर्मशाला में भंडारा और रुकने दोनो की व्यवस्था एकदम फ्री की गयी है। बाबा के दरबार मे सबको भोजन और आसरा मिलेगा ऐसा विश्वास रखें और यात्रा पर निकल जाएँ।
योग और ध्यान में विश्वास रखने वालों के लिए केदारनाथ धाम (मोदी गुफा):
आप योग और ध्यान में विश्वास रखते है तो केदारनाथ में बहुत कुछ खास है. मोदी जी ने जहाँ पर ध्यान लगाया था, उस जगह पर भी आप जा सकते है. मोदी गुफा का किराया 2 हजार रुपये है. लेकिन मुझे बाबा भैरव के पास और शंकराचार्य जी की समाधि में ज्यादा आनंद मिला। केदारनाथ मंदिर के पिछले भाग में जहाँ जलेरी का जल बाहर आता है वहाँ भी बैठ जायें मानो लगता है महादेव ने आपको आशीर्वाद दिया है. ये सब अहसास आपको वहाँ जा के ही महसूस करना होगा।
केदारघाटी बहुत बड़ी है. बाबा भोलेनाथ, पूरी केदारघाटी में हर जगह विराजमान हैं। आपको एक ऐसी जगह बताता हूँ जहाँ पर कोई भी ध्यान लगाये तो निश्चित रूप से आपको सकरात्मक और पवित्र ऊर्जा का अनुभव होगा।
मंदिर के पीछे जलेरी है, उसके दायीं तरफ आप बैठ जायें तो सामने आपको भीमशीला का दर्शन होगा और आपको एक अद्भुत और अनोखी ऊर्जा का अहसास मिलेगा। ऐसा ही ही अगर आप भुकुण्ड भैरवनाथ जी के दाई ओर ध्यान करेंगे तो अलग जी ऊर्जा का अहसास होने वाला है।
सनातन संस्कृति और हिन्दू धर्म में बहुत कुछ अद्भुत और दुनिया के समझ से परे है. उसी की एक झलक आपको इस केदार घाटी में दिखेगी और इस पवित्र घाटी में विज्ञान भी काम नही करता है सिर्फ भक्त और भगवान की ऊर्जा ही काम करती है। वैसे तो ज्ञानी नही हूँ लेकिन जो कुछ देखा सुना, जाना और उसको महसूस किया वही मैंने आप सब को बताया है बाकि आप सब जब यहाँ पहुंचे तो हमें अपना अनुभव जरूर बातये.
केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कहाँ पर करवाएं
यात्रा रेजिस्ट्रेशन आप चारधाम यात्रा की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ से करवायें। इसी वेबसाइट पर आपको सभी अधिकृत वेबसाइट, जैसे, हैलीकॉप्टर सेवा, गढ़वाल मंडल (GMVN) की रुकने की सेवा सम्बंधित सभी जानकारी आपको एक ही जगह पर मिल जायेगी।
आपकी पवित्र यात्रा महाकाल जरूर सफल करें, यही मंगलकामना है, यदि आपके कोई और प्रश्न और उत्सुकता हो तो अवश्य पूछें। हर हर महादेव।