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Comedian रवि गुप्ता की कहानी, मोज़ और मिनी ब्लॉग्स, Ravi Gupta Life Story

Ravi Gupta Life Story: कॉमेडी, यात्रा, और जीवन के अनुभवों से भरी इस बातचीत में रवि गुप्ता अपनी यात्रा के दिलचस्प किस्से साझा करते हैं। कैसे एक कला प्रेमी इलस्ट्रेटर से वे स्टैंडअप कॉमेडियन बने,यह सफर जितना प्रेरणादायक है, उतना ही मज़ेदार भी। आइए जानते हैं उनके जीवन के खास पहलुओं के बारे में।

Ravi Gupta Life Story

यात्रा और आत्मा का जुड़ाव

रवि गुप्ता के लिए यात्रा केवल एक शौक नहीं, बल्कि आत्मा का आह्वान है। वे कहते हैं कि चार दिन घर बैठने के बाद उन्हें पहाड़ बुलाते हैं, जैसे गुड़गांव में फंसी उनकी बॉडी, और आत्मा हिमालय की घाटियों में भटक रही हो। चाहे नैनीताल का सौंदर्य हो या बनारस की सादगी, हर यात्रा उन्हें कुछ नया सिखाती है। उनका मानना है कि यात्रा हमें विनम्र बनाती है, यह अहसास कराती है कि हम केवल इस बड़े विश्व का एक छोटा हिस्सा हैं।

उनके यात्रा के किस्से भी किसी फिल्म जैसी हैं। एक बार स्पीति यात्रा के दौरान उनकी गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया। ऑफ-रोडिंग, रात का समय, और बर्फ पिघलने से बना झरना—यह अनुभव डरावना था लेकिन अविस्मरणीय भी।

इलस्ट्रेटर से स्टैंडअप कॉमेडियन तक का सफर

रवि का बचपन कॉमिक्स के लिए दीवानगी से भरा रहा। “डोगा” उनके पसंदीदा सुपरहीरो थे, और संजय गुप्ता जैसे कलाकार उनके प्रेरणा स्रोत। उन्होंने बीएचयू से फाइन आर्ट्स की पढ़ाई की और ग्राफिक इलस्ट्रेशन में काम करना शुरू किया।

हालांकि, कला के प्रति उनका झुकाव उन्हें संतुष्टि नहीं दे पाया। तभी उन्होंने देखा कि जाकिर खान जैसे स्टैंडअप कॉमेडियन किस तरह साधारण विषयों पर बातें कर रहे थे। यह देखकर रवि को एहसास हुआ कि वे भी ऐसा कर सकते हैं।

स्टैंडअप कॉमेडी के उनके शुरुआती दिन संघर्ष से भरे थे। उनका पहला परफॉर्मेंस बिल्कुल फ्लॉप रहा। लेकिन छह महीने बाद, उन्होंने पहली बार स्टेज पर लोगों को हंसाया। वह अनुभव उनके लिए किसी नशे की तरह था।

वायरल वीडियो और सफलता के पड़ाव

रवि गुप्ता का सफर बिना उतार-चढ़ाव के नहीं रहा। उनकी पहली वायरल वीडियो, “जापान वर्सेस इंडिया,” ने खूब व्यूज बटोरे लेकिन कोई गहरा असर नहीं छोड़ा। बाद में, “कल की चिंता नहीं करता” वीडियो ने उनकी जिंदगी बदली। इस वीडियो ने न केवल व्यूज बल्कि उन्हें दर्शकों का सच्चा प्यार भी दिया।

उनका यूट्यूब चैनल एक वक्त सस्पेंड हो गया, जिससे वे बिल्कुल निराश हो चुके थे। लेकिन किस्मत ने फिर उनका साथ दिया। एक दोस्त के पास उनकी पुरानी वीडियो “कल की चिंता नहीं करता” थी, जिसे अपलोड करने के बाद उनकी करियर की दिशा बदल गई।

मिनी ब्लॉग्स से नई शुरुआत

रवि के इंस्टाग्राम मिनी ब्लॉग्स ने भी लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। उनकी सिंपल शैली, रोजमर्रा की बातें और ह्यूमर ने उन्हें और चर्चित बना दिया। एक साधारण ट्रेन लॉग से लेकर एयरपोर्ट पर बनाए गए वीडियो तक, ये ब्लॉग्स वायरल हो गए।

बॉलीवुड सेलेब्स से मिले अप्रिशिएशन ने उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाया। “रविवार का ब्लॉग” जैसी स्टाइल को अपनाकर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।

मोज़, खाना और ढाबों का प्यार

दिल्ली के रहने वाले रवि गुप्ता खाने-पीने के बहुत बड़े शौकीन हैं। मोमोज़ के लिए उनका प्यार जगजाहिर है। वह खुलकर मानते हैं कि चिकन मोमोज़ उनकी कमजोरी हैं।

उन्होंने बखूबी बताया कि सड़क किनारे के ढाबों का खाना अक्सर फाइव स्टार होटल्स से भी बेहतरीन होता है। उनका मानना है कि सादगी में जो स्वाद है, वह कहीं और नहीं।

ब्रेकिंग बैड और ओशो से प्रेरणा

रवि का पसंदीदा शो “ब्रेकिंग बैड” है, और जेसी पिंकमैन उनके पसंदीदा कैरेक्टर हैं। वह कहते हैं कि जेसी की अच्छाई और संघर्ष की कहानी बेहद प्रभावी है।

ओशो को लेकर उनकी राय है कि उनका ह्यूमर गज़ब का है। ओशो के चुटकुले और साफगोई रवि को बहुत प्रभावित करते हैं।

अंत में

रवि गुप्ता का जीवन संघर्ष, हंसी, और प्रेरणा से भरा है। उनकी कहानियां हमें सिखाती हैं कि मुश्किलों के बाद भी अगर हम अपने जुनून का पीछा करें, तो सफलता जरूर मिलेगी।

तो आप किस चीज़ का इंतजार कर रहे हैं? रवि गुप्ता के मिनी ब्लॉग्स देखें, उनकी स्टैंडअप कॉमेडी का मजा लें, और खुद भी जिंदगी को हल्के-फुल्के अंदाज में जीना सीखें।

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