Arvind Kejriwal Life Story: अरविंद केजरीवाल की कहानी: दिल्ली की राजनीति, चुनौतियां और बदलाव, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संस्थापक अरविंद केजरीवाल का साक्षात्कार समाज, राजनीति और प्रशासन के नजरिए से कई अहम मुद्दों पर प्रकाश डालता है। उनके विचार, उनकी योजनाएं, और उनका दृष्टिकोण यह समझने में मदद करता है कि कैसे एक व्यक्ति भ्रष्टाचार और सड़ी-गली राजनीतिक संरचना को चुनौती देते हुए आम आदमी के लिए शासन का मॉडल तैयार करने की कोशिश कर रहा है। आइए जानते हैं इस रोचक बातचीत के महत्वपूर्ण पहलुओं को।
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Arvind Kejriwal Life Story
जेल में रहकर भी ईमानदारी की लड़ाई
अरविंद केजरीवाल ने अपनी जेल यात्रा का अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि उन्हें “सॉलिटरी कन्फाइनमेंट” में रखा गया, जो एक आतंकवादी को दिए जाने वाला ट्रीटमेंट होता है। उनके इंसुलिन को 15 दिनों के लिए बंद कर दिया गया, जबकि वे डायबिटिक हैं।
उन्होंने साफ कहा, “अगर मैं सत्ता और पैसे के रसूख से समझौता कर लेता, तो शायद मुझे कभी गिरफ्तार ही न किया जाता।” उनका कहना है कि पूरी राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली को उन्होंने चुनौती दी है, यही वजह है कि उन्हें और उनकी पार्टी पर राजनीतिक हमले किए गए।
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति
अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार है। उन्होंने बताया कि कैसे सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बना दिया गया। करीब 4 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया।
उन्होंने सरकारी शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय और आईआईएम जैसे संस्थानों में प्रशिक्षण देकर प्रेरित किया। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 99% तक पहुंच गया है, जो प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है।
स्वास्थ्य सेवाओं में उन्होंने “मोहल्ला क्लीनिक” की शुरुआत की, जो गरीबों को मुफ्त और बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और सभी मेडिकल टेस्ट मुफ्त कर दिए गए। उन्होंने स्वास्थ्य माफिया को खत्म करने का भी दावा किया।
बिजली, पानी और बुनियादी सुविधाएं
केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी। वहीं, लोगों को 24 घंटे साफ पानी पहुंचाने के लिए नई पाइपलाइनों और तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने दिल्लीवासियों को यूरोपीय स्तर की सड़कों का वादा किया और इसे अगले कुछ वर्षों में पूरा करने की बात कही।
उन्होंने बताया कि 97% दिल्लीवासियों को अब पाइपलाइनों से पानी मिलता है, जो पहले 60% तक ही था। साथ ही, यमुना नदी की सफाई के लिए 2024 तक बड़ा बदलाव लाने की योजना बनाई गई है।
महिला सुरक्षा और सीसीटीवी की ताकत
दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों पर केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने हर बस में मार्शल्स की तैनाती की है। उन्होंने दावा किया कि इससे महिलाओं के साथ बसों में छेड़छाड़ और चोरी की घटनाओं में भारी कमी आई है।
दिल्ली में 3 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे दिल्ली सीसीटीवी घनत्व के मामले में दुनिया के शीर्ष शहरों में शुमार हो गई है।
राजनीति में भ्रष्टाचार और चुनौती
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने सत्ता और पैसे के खेल को चुनौती दी है। उन्होंने “टैंकर माफिया”, “हेल्थ माफिया”, और शिक्षा माफिया को खत्म करने में सफलता पाई है। लेकिन उन्होंने माना कि भ्रष्टाचार का यह पूरा सिस्टम उनके खिलाफ विरोध करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र और दिल्ली सरकार की शक्ति-विभाजन व्यवस्था के कारण कई बार अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था पर वे सीधे कदम नहीं उठा सकते। पुलिस उनके नियंत्रण में नहीं है, जो चुनौती बनती है।
दिल्ली का आर्थिक मॉडल: ट्रिकल डाउन से हटकर
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उनकी नीतियां “बॉटम-अप” मॉडल पर आधारित हैं। वे गरीबों की जेब में पैसा डालकर बाजार में मांग पैदा करते हैं। दिल्ली में न्यूनतम वेतन को उन्होंने 7000 रुपये से 13000 रुपये तक बढ़ाया। इसके अलावा, सब्सिडी और मुफ्त सुविधाओं के जरिए वे आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
बड़ी सोच: विश्व स्तरीय दिल्ली का सपना
अगले 10 वर्षों का उनका विजन दिल्ली को एक विश्व स्तरीय शहर बनाना है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता यमुना की सफाई, 24 घंटे पानी की आपूर्ति और यूरोपीय मानकों की सड़कों का निर्माण है। उन्होंने इसके लिए एक संगठित और पारदर्शी कार्यशैली अपनाने का दावा किया।
क्या करेंगे 00 का वादा?
दिल्ली के नागरिकों से 2,100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा करने पर उन्होंने कहा, “मैं इनकम टैक्स का आदमी हूं। मैं जानता हूं कि पैसे की बचत और सही उपयोग से यह संभव है।”
राजनीति से परे: व्यक्तिगत अनुभव और सीख
अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में अपने संघर्षों और व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उनका मकसद हमेशा समाज की सेवा करना रहा है। उन्होंने महसूस किया कि एक आम नागरिक के तौर पर बदलाव लाना मुश्किल था, इसलिए राजनीति का रास्ता चुना।
उनके शब्दों में, “अगर मैंने लोगों का भरोसा और ईमानदारी खो दी, तो मुझे कुर्सी पर रहने का कोई हक नहीं।”
नतीजा: क्या आप तैयार हैं बदलाव का हिस्सा बनने के लिए?
अरविंद केजरीवाल का दृष्टिकोण है कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी सुविधाओं के बिना किसी देश का विकास संभव नहीं। उनका उदाहरण दिखाता है कि कैसे सरल लेकिन प्रभावी नीतियों से आम आदमी की जिंदगी बदली जा सकती है।
अब यह दिल्ली के नागरिकों पर निर्भर है कि वे क्या चाहते हैं—पुरानी राजनीति के लिए समर्थन, या एक नई सोच और बदलाव के लिए कदम?
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