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कुंवारी पास ट्रेक: हिमालय के दिल से एक अद्भुत यात्रा, Kuari Pass Trek in Winter 

Kuari Pass Trek in Winter 

Kuari Pass Trek: हिमालय की ठंडी वादियों में सर्दियों का मौसम अपने साथ चुनौतियों और खूबसूरत नजारों का अद्वितीय मिश्रण लेकर आता है। ऐसा ही एक अनोखा अनुभव है कुंवारी पास ट्रेक। उत्तराखंड के जोशीमठ से आरंभ होने वाली यह यात्रा न केवल अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है, बल्कि आपको प्रकृति के करीब लाकर कई भावनात्मक कहानियों का हिस्सा भी बनाती है।

Kuari Pass Trek in Winter 

कुंवारी पास: एक ऐतिहासिक ट्रेक

कुंवारी पास को भारत के सबसे पुराने ट्रेक्स में माना जाता है। इसे “कर्ज़न ट्रेल” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि 1905 में ब्रिटिश ऑफिसर लॉर्ड कर्ज़न ने इस घाटी की यात्रा की थी। यहाँ के बदलते परिदृश्य, घने जंगलों और अल्पाइन घास के मैदानों के साथ ऊंचे हिमालयी शिखरों के नजारे आपको चकित कर देंगे। यहाँ से त्रिशूल, द्रोणागिरी, नंदा देवी, कामेट, हाथी-पर्वत और गौरी-पर्वत जैसे प्रमुख शिखर देखे जा सकते हैं। यह यात्रा सर्दियों में बर्फ प्रेमियों के लिए एक स्वप्न समान है।

शुरुआत: जोशीमठ से टुगासी गाँव तक

हमारी यात्रा का पहला पड़ाव था जोशीमठ, जहाँ हम स्थानीय होमस्टे में रुके और अगले दिन की योजना बनाई। सुबह 7 बजे ट्रेक के लिए सामान तैयार कर 10 किलोमीटर दूर टुगासी गाँव पहुँचे। यह वही जगह है जहाँ से गाड़ियां आगे नहीं जातीं और कुंवारी पास ट्रेक की असली शुरुआत होती है।

टुगासी गाँव के पास “घराट” देखना हमारे लिए एक आकर्षक अनुभव था। यह एक पारंपरिक पनचक्की है जो गेहूं और अन्य अनाज पीसने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यहाँ की सादगी और परंपराएं आपके दिल को छू लेंगी।

गुल्लिंग कैंपसाइट: पहले दिन का ठिकाना

पहले दिन 3-4 किलोमीटर की हल्की चढ़ाई के बाद हमारा पड़ाव था गुल्लिंग कैंपसाइट। यह एक घने जंगल के बीच स्थित खूबसूरत स्थल है। यात्री यहाँ खुले आकाश के नीचे आराम करते हैं, सामने हिमालय के शिखरों का शानदार नजारा देखते हुए। कैंपसाइट पर चाय और बिस्कुट का आनंद लेना अपने आप में एक अलग सुख देता है।

दिन में सर्द हवाओं का सामना करने के बाद, रात के समय तापमान और भी गिर जाता है। जो लोग सर्दियों में प्रकृति की शांत ध्वनियों का अनुभव करना चाहते हैं, उनके लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं।

खुल्लारा: दूसरे दिन का लक्ष्य

दूसरे दिन हमारी मंजिल थी खुल्लारा कैंपसाइट, जो गुल्लिंग से 6 किलोमीटर दूर है। जंगल की घनी छाया में बिना किसी जल्दबाजी के चढ़ाई करना और रास्ते में बहते झरनों का पानी पीना, यह सब एक अलग अनुभव था।

खुल्लारा एक छोटी सी हरियाली से घिरी घाटी है, जहाँ तंबू लगाकर ठहरने का आनंद लिया जाता है। यहाँ से हाथी पर्वत और गौरी पर्वत जैसे हिमालयी शिखर बिल्कुल सामने दिखाई देते हैं। शाम को पकौड़े और कुछ स्थानीय कहानियों के साथ समय बिताना यात्रा को यादगार बना देता है।

कुंवारी पास: तीसरे दिन की सबसे बड़ी चढ़ाई

तीसरे दिन कुंवारी पास की ओर बढ़ना इस यात्रा का सबसे चुनौतीपूर्ण और रोमांचक हिस्सा था। जैसे-जैसे हम ऊपर चढ़ते गए, जंगल पीछे छूटता गया और विशाल घास के मैदान तथा खुले हिमालयी दृश्य सामने आने लगे।

रास्ते में “मिनी कुंवारी पास” नामक स्थल आता है, जिसे कई ट्रेकर्स मुख्य कुंवारी पास समझ लेते हैं। लेकिन असली कुंवारी पास यहाँ से 2 किलोमीटर दूर है। कुंवारी पास पहुँचने पर एक छोटा सा मंदिर और दूसरी घाटियों की ओर जाने वाला मार्ग दिखाई देता है। यह वही स्थान है जहाँ दो घाटियों के बीच का मार्ग मिलता है।

हिमालय के शिखरों की सुंदरता

कुंवारी पास से दिखने वाले हिमालयी शिखरों में चौखम्बा, नीलकंठ, कामेट और द्रोणागिरी प्रमुख हैं। चौखम्बा के चार शिखर, नीलकंठ का पिरामिड जैसा आकार और द्रोणागिरी पर्वत, जो पौराणिक संजीवनी बूटी की कहानी से जुड़ा है, आपको मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इन दृश्यों के बीच समय का ठहर जाना, जैसे प्रकृति आपको अपनी कहानियाँ सुनाना चाहती हो।

खुल्लारा और वापस जोशीमठ की ओर

कुंवारी पास से खुल्लारा लौटते समय रास्ते में वही घास के मैदान और हिमालय के नजारों ने हमारे कदमों को धीमा कर दिया। अगली सुबह खुल्लारा से वापसी का सफर शुरू हुआ। रास्ते में घने जंगलों और झरनों को पार करते हुए हम गुल्लिंग और फिर टुगासी गाँव पहुँचे।

यात्रा के अनुभव और टीम

इस यात्रा में “रफ्तार एडवेंचर” टीम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। उनके साथ बिताए गए अनुभव, चाहे वह गुल्लिंग में कैंपिंग हो या खुल्लारा में गर्म पकौड़ों के साथ कहानियाँ, ये सब इस यात्रा को और खास बनाते हैं।

कुंवारी पास का आकर्षण

कुंवारी पास ट्रेक न केवल एक यात्रा है, बल्कि एक अनुभव है जो आपको प्रकृति के करीब लाता है। यह ट्रेक हिमालय के अद्वितीय नजारों और शांत वातावरण के साथ आत्मा को सुकून देने वाला है। यह सिर्फ एक ट्रेक नहीं, बल्कि जीवन भर याद रहने वाला सफर है।

यदि आप सर्दियों में हिमालय की सुंदरता और रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं, तो कुंवारी पास ट्रेक आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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