Omkareshwar Jyotirling का चमत्कारिक रहस्य जानिये, भगवान शिव रात को सोने यहीं आते हैं

Omkareshwar-Jyotirling

Omkareshwar Jyotirling: ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान महादेव से जुड़े 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग में से एक है. भगवान शिव के भक्तों के प्रसिद्ध यह भव्य, पौराणिक मंदिर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में मौजूद है. यहाँ के पहाड़ के चारो तरफ नर्मदा नदी के बहने की वजह से जब इसे हम ऊपर से देखते हैं तो यहाँ ॐ जैसा आकृति नजर आता है. इसी वजह से इनका नामकरण ओम्कारेश्वर हुआ है.

यह पवित्र स्थल इंदौर से करीब 80 किलोमीटर दूर है और महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन से यहाँ कि दूरी 113 किमी है. यह एक धार्मिक स्थल तो है ही साथ ही यह एक हिल स्टेशन भी है. इसलिए यहां पर पर्यटक और तीर्थ यात्री दोनों आते हैं.     

Omkareshwar Jyotirling

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धार्मिक मान्यता के अनुसार ओंकारेश्वर मंदिर के आसपास कुल 68 छोटे-बड़े तीर्थ स्थित है, साथ ही यहाँ पर भगवान शिव 33 करोड़ देवताओं के साथ मौजूद है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जब तीनों लोकों का भ्रमण कर लेते हैं तो रात को वो इसी मंदिर में सोने आते हैं. 

नर्मदा नदी जब ओम्कारेश्वर पहुंचती है, यहाँ पर वो दो धाराओं में विभक्त हो जाती है. इसी से यहाँ पर दो द्वीपों का निर्माण होता है. यहीं पर कावेरी नदी और नर्मदा नदी का संगम भी होता है. 

भगवान शिव ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के दोनो किनारों पर ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान है. दोनों ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद ही यहाँ के दर्शन पूर्ण होते है. मुख्य मंदिर से नदी को क्रॉस करने के लिए एक फुटओवर ब्रिज भी बनाया गया है. साथ ही नदी को नाव से भी क्रॉस कर सकते हैं. 

मुख्य मंदिर 5 मंजिला है, जिसका निर्माण बहुत ही भव्य तरीके से किया गया है।

ओंकारेश्वर मंदिर की शयन आरती विश्व प्रसिद्ध है, ठीक वैसा ही जैसा महाकालेश्वर की भस्म आरती। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मे तीन प्रहरों की आरती होती है.

कब जाएं 

वैसे तो यहाँ आप सालों भर दर्शन के लिए आ सकते हैं. लेकिन, मुख्य रूप से सावन के महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते है. इसके अलावा महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भव्य मेला भी लगता है. यहाँ का तापमान 10 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है.

ओम्कारेश्वर एक हिल स्टेशन भी है इसलिए यहाँ और आसपास के क्षेत्रों में और भी कई सारे धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जहाँ पर आप घूम सकते हैं. 

अहिल्या घाट

ओंकारेश्वर में ऐसे कई सारे घाट हैं, जहां पर घूमने और कुछ सुकून के पल बिताने के लिए जा सकते हैं. लेकिन, इन सब में से अहिल्या घाट सबसे ज्यादा फेमस है। यहां दर्शन को पहुंचे लगभग हर सैलानी नर्मदा नदी में डुबकी ज़रूर लगाते हैं। 

ओंकारेश्वर बांध

नर्मदा नदी पर स्थित इस बांध को ओंकारेश्वर मंदिर के नाम पर ही रखा गया है। स्थानीय लोगों के बीच यह जगह एक पिकनिक स्पॉट रूप में लोकप्रिय है। ओंकारेश्वर पहुँचने वाले हर सैलानी को यहाँ पर घूमने के लिए ज़रूर जाना चाहिए।

काजल रानी गुफा

यह गुफा ओंकारेश्वर मंदिर से सिर्फ 9 किमी की दूरी पर मौजूद है और प्राकृतिक छटाओं से भरपूर है। इतिहास अगर आपको पसंद है तो यक़ीनन यहां घूमने जाना चाहिए। इसके पास ही मौजूद गोविंद भगवतपाद गुफा भी आपको घूमना चाहिए। 

सिद्धवरकूट

ओंकारेश्वर से पूर्व दिशा में करीब एक किमी दूर नर्मदा तट पर बसा ये एक जैन तीर्थ है। जैन धर्म के यहाँ पर 8 मंदिर मौजूद होने के कारण यहाँ पर कई धर्मशालाएं भी हैं, इसलिए यहाँ पर रात को रुकने के बहुत ही कम खर्च पर अच्छी व्यवस्थाएं हैं।

शनि नवग्रह मंदिर, बाई ग्राम 

इंदौर से जब आप ओम्कारेश्वर जाएंगे तो रास्ते में करीब 40 किलोमीटर के पास बाई ग्राम नामक जगह पर शनि का नवग्रह मंदिर है. इस मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा शनि नवग्रह मंदिर होने दर्जा प्राप्त है. पिछले कुछ सालों में यह मंदिर काफी ज्यादा मशहूर हुआ है और काफी संख्या में श्रद्धालु यहाँ पर पूजा – अर्चना के लिए आते हैं.     

कहां रुके और क्या खाये 

यहाँ पर आपको ज्यादातर बजट होटल रहने के लिए मिलेंगे। कई सारे धर्मशाला भी है जिसमें आप रुक सकते हैं. लक्ज़री होटल्स के लिए आपको इंदौर में रुकना होगा।

मुख्य मंदिर के निकट गजानन स्वामी के गेस्ट हाउस में आपको रहने के साथ खाने की भी अच्छी सुविधा मिल जाती है. इसके अलावा ओंकारेश्वर मंदिर का अपना एक भोजनालय भी है जहाँ पर आप सस्ते कीमत पर अच्छा खाना खा सकते हैं.  

कैसे पहुंचे

हवाई मार्गः सबसे करीबी हवाई अड्डा इंदौर है, जो ओंकारेश्वर से 76 किमी किलोमीटर दूर है.  इंदौर एयरपोर्ट तक मुंबई, दिल्ली, ग्वालियर और भोपाल से रेगुलर फ्लाइट आती हैं. इंदौर से आपको बस और टैक्सी की सुविधा मिल जायेगी. अगर आप बाइक से जाना चाहते हैं तो आपको रेंट पर सभी प्रकार के ट्व व्हीलर मिल जाएगी. 

रेल मार्गः सबसे करीबी और प्रमुख रेलवे स्टेशन इंदौर है, इंदौर तक देश के सभी बड़े शहरों से ट्रेन आती है और ओम्कारेश्वर नाम से भी एक रेलवे स्टेशन भी है जो मंदिर परिसर से करीब 12 किलोमीटर दूर है. 

सड़क मार्गः ओम्कारेश्वर मंदिर सड़क मार्ग द्वारा मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर और खंडवा शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा है.

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