Khajuraho Tourist Attraction: खजुराहो शहर और वहां पर मौजूद काम कला को दर्शाती मंदिर बहुत प्रसिद्ध है, टूरिस्ट के बीच में. यहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं, खजुराहो के इन मंदिरों को देखने के लिए. यहां पर बहुत सारे मंदिर है जो की अपनी कलाकृतियां, स्ट्रक्चर और नक्काशी के लिए मशहूर है.
यहां पर आप कैसे आ सकते हैं, मैं वो आपको बताऊंगा। साथ ही साथ आपको बताऊंगा कि यहां पर आपको कहां रहना चाहिए और कितना समय लगेगा यहां पर घूमने के लिए. यहाँ पर आपको खाने को क्या मिलेगा और घूमने में कितना खर्चा होगा सारी चीजें बताऊंगा।
Khajuraho Tourist Attraction:खजुराहो में कहाँ पर घूमें और क्या देखें
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खजुराहो कैसे पहुंचे?
खजुराहो आप रेलवे द्वारा सबसे अच्छे तरीके से पहुंच सकते हैं. खजुराहो रेलवे स्टेशन पर देश के कई शहरों से ट्रेन आती है तो आप यहां पर ट्रेन से सीधे आ सकते हैं. लेकिन यहां आने के बाद जो खजुराहो का रेलवे स्टेशन है वह मेन सिटी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है. आपको स्टेशन से साधन मिल जाएंगे शेयरिंग ऑटो और कैब खजुराहो मेन सिटी के लिए.
अगर आप सोलो है तो सिर्फ ₹20 आप मेंन सिटी तक शेयर ऑटो से पहुंच जाएंगे और रात के समय भी ऑटो वगैरह चलती रहती है. रिज़र्व ऑटो के लिए आपको 300 रूपए देने पड़ सकते हैं. खाने-पीने या रहने के लिए होटल की स्टेशन के आसपास में कोई सुविधा नहीं है तो आपको यहां से तो निकलना ही पड़ेगा सीधे खजुराहो में मेन सिटी के लिए इस बात का आप ध्यान रखें।
खजुराहो की मेन सिटी रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर दूरी पर है और इसी रास्ते पर खजुराहो का एक छोटा सा एयरपोर्ट भी है. लेकिन फिलहाल यहां केवल दिल्ली से एक ही फ्लाइट आती है.
खजुराहो में कहाँ रुके
खजुराहो शहर में पहुंचते ही यहां पर आपको कई सारे होटल दिख जाएंगे। लगभग 7-8 होटल देखने के बाद मुझे जो रूम मिला है वो अच्छा है और इस होटल का नाम होटल हार्मनी है. इसका प्राइस इन्होने हमें 1500 बताएं और दिए 1200 में. यहाँ पर जब हम पहुंचे तो यहाँ पर जी-20 मीटिंग चल रही थी तो इस वजह से यहां पर होटल थोड़े महंगे मिल रहे थे बाकी टाइम के कंपैरिजन में.
उसके अलावा महाशिवरात्रि का भी टाइम है तो इस वजह से ये होटल का प्राइस थोड़ा हाई चल रहा है otherwise ये और कम में भी आपको रूम मिल जाएंगे। 600-700 per नाईट के हिसाब से आपको यहाँ पर बढ़िया होटल मिल जाएंगे।
इन एवरेज होटल्स के अलावा यहाँ पर कई सारे फाइव स्टार होटल ग्रुप के रिसोर्ट भी है. जो आपको मेन सिटी से बाहर मिलेंगे। वहां पर हाई प्रोफाइल मीटिंग, कॉन्फरेन्सेस और शादियां होती रहती है. तो अगर आप लक्ज़री होटल की तलाश में है तो आपको 5 स्टार वाली सुविधा भी यहाँ पर मिल जायेगी.
खजुराहो में ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा
मैंने खजुराहो के मतंगेश्वर टेंपल के पास ही होटल लिया था और इस एरिया में आपको होटल, फूड और ट्रांसपोर्टेशन की सारी सुविधा आसानी से मिल जाती है. यहां पर दो ऑप्शन हैं घूमने के लिए है पहला ऑटो है और दूसरा है स्कूटी या बाइक। यहां पर बाइक या स्कूटी भी आसानी से रेंट पर आपको मिल जाते हैं.
आप अगर फैमिली के साथ है तो ऑटो ही ले लेकिन अगर आप दो लोग हैं, कपल है तो आप यहां पर बाइक या स्कूटी रेंट पर ले सकते हैं. क्योंकि गर्मी बहुत होती है यहाँ पर गर्मी के मौसम में ऑटो ही अच्छा रहता है. लोकल ट्रांसपोर्टेशन से ही यहाँ पर आराम से घूम सकते हैं.
खजुराहो में कहाँ पर घूमें और क्या देखें
जैसे आप अपने होटल से बहार निकलकर खजुराहो के मैं मार्किट में पहुंचेंगे तो आपको सामने ही एक बड़े से पार्क के अंदर बहुत सारे मंदिर दिखाई देंगे। इसी को वेस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स कहा जाता है. इसी के बगल में एक लेक भी है. इन सब पुरे एरिया को फ़िलहाल आर्कियोलॉजिकल साइट बोला जाता है क्योंकि यहाँ पर अभी भी खुदाई चल रही है.
मैं महाशिवरात्रि के दिन यहाँ पर पहुंचा था इसलिए लेक के गहत पर बहुत सारे लोग स्नान भी कर रहे थे और फिर मतंगेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर रहे थे. यह मंदिर इस आर्कियोलॉजिकल साइट से बाहर है इसलिए यहाँ पर आप पूजा कर सकते हैं.
शिवरात्रि के दिन यहां पर आर्कियोलॉजिकल साइट के एंट्री फ्री थी. वैसे जनरल टाइम में अगर आप आते हैं तो आपको यहां पर ₹40 पर पर्सन देने पड़ते हैं और कैमरा के लिए मुझे यहाँ 25 रूपए देने पड़े थे.
पश्चिमी मंदिर समूह (वेस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स) में जैसे आप एंटर करते हैं वहां पर एक फाउंटेन भी बना हुआ है. इस साइट के अंदर कंदरिया मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, महादेव का भी एक टेंपल है. इन मंदिरों के अलावा भी इस कैंपस के अंदर बहुत सारे मंदिर है. यहाँ पर मौजूद सभी मंदिरों के आप दर्शन करेंगे तो आपको करीब 2 से 3 घंटे का समय लग सकता है.
कंदरिया मंदिर वही मंदिर है जिसकी दीवारों पर काम कला यानी सेक्स करते हुए की कुछ मूर्तियां प्रदर्शित की गई है. मंदिर पर ऐसी मूर्तियां क्यों बनाई गई है इसका उचित प्रमाण नहीं है. पर कुछ इतिहासकारों का मानना है की पुराने समय में यहां कामुकता के सभी कलाओं का अध्ययन और अभ्यास किया जाता था जो की परंपरा का ही एक हिस्सा था. लेकिन ऐसी मूर्तियां यहां की सभी मंदिरों पर नहीं है, कुछ गिने चुने मंदिरों पर ही इसे उकेरा गया है.
चित्रगुप्त मंदिर जिसे कंदरिया मंदिर के पहले का निर्माण माना जाता है. कंदरिया महादेव मंदिर के ठीक बगल में पड़ता है. चित्रगुप्त मंदिर में कंदरिया महादेव से अलग नक्काशियां है. यहां पर आपको विष्णु जी की प्रतिमाएं दिखेंगे।
इसी जगह पर लक्ष्मण मंदिर है और 64 योगिनी टेंपल भी बना हुआ है हालांकि इसका ज्यादातर हिस्सा अब गिर चुका है.
दूल्हादेव मंदिर, खजुराहो
दूल्हादेव मंदिर खजुराहो के पश्चिमी समूह मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. दूल्हा देव मंदिर भी बाकी मंदिरों की तरह ही है. लेकिन कुछ चीजें यहां पर अलग है. यहां पे भी अप्सरा बनी हुई है. देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हुई हैं. अंदर गर्भ ग्रह है और शिव जी को ये मंदिर समर्पित है और इस मंदिर को कुंवर मठ के नाम से भी जाना जाता है.
ईस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स
दूल्हादेव मंदिर से मात्रा 25 रूपए देकर मैं निकला ईस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स की तरफ और यहां भी कई सारे मंदिर है. अगर आप हिस्टोरिकल प्लेस के शौकीन नहीं है तो हो सकता है की यहां पर आप पहला-दूसरा मंदिर देखने के बाद आपको थोड़ा सा बोरिंग फील होने लगे. अगर आप शौकीन तब तो आपको हर मंदिर में कुछ अलग दिखेगा।
वामन मंदिर के अलावा यहाँ पर भी आपको बहुत सारे मंदिर देखने को मिल जायेंगे। यहाँ से थोड़ी ही दुरी पर आपको ज्वारी मंदिर दिखेगा जिसे ब्रह्मा जी का मंदिर भी कहा जाता है हालाँकि इस मंदिर के गर्भ में एक शिवलिंग है जिसके चारों तरफ भगवान का चेहरा है.
खजुराहो में एक जैन टेम्पल भी है वहां पर भी आप विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा भी छोटे बड़े बहुत सारे पुराने और ऐतिहासिक मंदिर हैं यहाँ पर लेकिन मुख्य रूप से लोग वेस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स और ईस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स ही विजिट करते हैं.
खजुराहो में महाशिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. जहां लोग लेक में स्नान करके मतंगेश्वर टेंपल में शिव जी को जल चढ़ाते हैं. तो वहीं रात में यहां धूम-धाम से शिवजी की बारात निकलती है. जिसमें ना केवल लोकल्स बल्कि फॉरेनर्स भी शामिल होते हैं. खजुराहो में ज्यादातर टूरिस्ट विदेशी ही आते हैं. यहाँ पर रात में लाइट एंड साउंड शो भी होता है जिसमें यहाँ के इतिहास के बारे में बताया जाता है.
खजुराहो की मार्केट में आपको खादी कपड़े के कई सारे दुकान देखने को मिलेंगे जो आपको काफी अच्छे प्राइस पर भी मिल जाएगी। यहाँ के मार्किट बार्गेनिंग करना बहुत जरुरी है क्योंकि यहाँ के व्यापारी ज्यादातर विदेशी टूरिस्ट को टारगेट करके ही प्राइस बताते हैं.
खजुराहो घूमने का सही समय
खजुराहो का प्लान आप अक्टूबर से फरवरी के बीच में ही रखें क्योंकि इसके बाद यहां पर काफी गर्मी रहती है.
खजुराहो में खाना-पीना
दोस्तों खजुराहों बहुत बड़ा शहर नहीं है. इसलिए यहाँ पर खाने-पीने के बड़े-बड़े रेटॉरेंट नजर नहीं आएंगे। गिने-चुने रेस्टोरेंट है जहाँ की मेनू सीमित है और ज्यादातर यहाँ पर आपको थाली सिस्टम में खाना मिलता है.
इसलिए जहां पर भी खाना खाने जाएँ पहले उनसे बात करले। कुछ होटल्स वाले अपने यहां रहने के साथ-सतह खाना भी प्रोवाइड कराते हैं इसलिए ये ऑप्शन्स भी ट्राई कर सकते हैं. वेज थाली यहाँ पर आपको 100 रूपए से लेकर 150 के रेंज में मिल जाती है.