शार्क टैंक के नए शार्क कार देखो वाले अमित जैन कौन है, Car Dekho Founder Amit Jain Biography in Hindi

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Amit Jain Biography: Shark Tank के season 2 का ऐलान हो चूका है और Ashnir Grover की जगह एक नए shark ने ले ली है. season 2 के नए shark Amit Jain Car Dekho के co-founder है. अब भले ही बाकी sharks की तरह उनके बारे में हमें ज्यादा पता ना हो लेकिन entrepreneurship की किताब में Amit Jain का नाम सुनहरे अक्षरों में जड़ा हुआ है.

जी हाँ दोस्तों Jaipur जैसे non IT शहर से एक multi billion Dollar company बनाने का सपना लेकर Amit Jain ने अपना सफर शुरू किया और आज Cardekho 1.2 billion Dollar की company है. आज के स्टोरी में हम अमित और उनकी company Car Dekho की बात करेंगे। उनके educational और professional background के साथ-साथ उनके entrepreneur background और personal life के बारे में भी जानेंगे। साथ में ये भी जानेंगे कि उन्होंने 14 साल के entrepreneurship career में ऐसा तो क्या ही अलग कर दिया कि आज Car Dekho India के unicorn startups में से एक है. 

Who is Shark Tank’s Newest Shark AMIT JAIN, CarDekho Business Case Study

दोस्तों Amit Jaipur में पले है और उनकी पैदाइश 1977 की है. उनका family background काफी मजेदार है. उनके पिताजी मणि और रत्न वगैरह बेचने का business चलाते थे और ज्योतिष उनका पेशा था. उनकी माँ एक housewife थी और उनका एक भाई भी है. उनके पिताजी की वजह से घर परिवार में ज्योतिष शास्त्र को माना जाता था. लेकिन दोनों भाइयों को उस ज्योतिष शास्त्र के business में कोई दिलचस्पी नहीं थी. यहाँ तक कि उन्हें वो business ही पूरा का पूरा धोखेबाजी लगती थी. इसलिए जब उनके पिताजी का स्वर्गवास हुआ तो दोनों भाइयों ने वो business छोड़ दिया। खुद अपनी तकदीर लिखने चल पड़े। 

अमित ने जयपुर के Saint Xavier से पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद वो Delhi चले गए. 1999 में उन्होंने IIT Delhi से graduation की. graduate होने के बाद उन्होंने TCS में software engineer का काम किया।

साल 2000 में वो Texas चले गए जहाँ वो Austin में Triology नाम के एक कंपनी में senior associate का काम करते रहे. 6 साल तक वो वहाँ पर रहे और धीरे-धीरे तरक्की करते रहे वो 2004 में delivery manager बने और फिर 2005 में product manager. 

लेकिन 2006 में उन्होंने इंडिया लौटने का फैसला किया। जब खबर मिली कि उनके पिताजी को कैंसर हो गया था. उस वक्त उन्होंने जयपुर में ही एक आईटी outsourcing company बनाने का फैसला किया। वो अपने भाई अनुराग जैन को साथ लेकर आए और मिलकर उन्होंने 2007 में Girnar Soft नाम की IT service company शुरू की. अमित की तरह अनुराग ने भी अपनी पढ़ाई जयपुर के St Xavier’s School से ही पूरी की थी और वो भी IIT Delhi से graduate थे.

उन्होंने अपने garage से शुरुआत की और 20 लोगों की team बनाई। उन्हें प्रॉफिटेबल होने में बिल्कुल भी वक्त नहीं लगा और उन्हें अब गैराज से ऑफिस में शिफ्ट होना पड़ा। मगर 2009 में जिंदगी ने फिर एक नया मोड़ लिया। 2009 में अमित और उनके भाई अनुराग के एक करोड़ stocks में डूब गए और अब उनके हाथ बिल्कुल पैसा नहीं था। लेकिन दोनों भाइयों की हिम्मत नहीं टूटी। रास्ता मुश्किल था और पैसे डूब जाने के बाद उनके पास employees को salaries देने का भी कोई जरिया नहीं था। 

लेकिन यहीं पर जिंदगी ने उनकी कसौटी ली और शायद उनकी जगह पर दूसरा कोई होता तो कब की उम्मीद छोड़ देता। लेकिन अमित सच्चे entrepreneur थे. उन्होंने एक नया venture शुरू करने का फैसला किया और यहीं पर कार देखो (Car Dekho) की शुरुआत हुई अमित के दिमाग में कार देखो के कॉन्सेप्ट पहले से ही था. लेकिन जब वो दिल्ली के ऑटो एक्सपो में गए उन्होंने कार देखो को लॉन्च करने का फैसला किया। उनके टीम में कुछ पचास लोग थे तो उन्हें लॉसेस के बारे में भी सोचना था. क्योंकि कंपनी को तेजी से आगे ले जाना अब उनकी जरुरत बन चुकी थी. 

सिर्फ दो हफ्ते में उन्होंने कार देखो लॉन्च किया। ये जमाना इंटरनेट बिजनेस का था और इंडिया में start-up eco system धीरे-धीरे बनना शुरू हो गया था। इसलिए उन्हें बड़ी सावधानी से आगे बढ़ना था। कंपनी शुरू तो कर दी थी. लेकिन अब बिजनेस आगे कैसे बढ़ाएं। अमित चाहते थे कि automobile जैसे competitive market में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें कुछ अलग करके दिखाना होगा तो उन्होंने अपने entrepreneur के दिमाग को काम पे लगा दिया।

Strategy No. 1: Category Business 

अमित जब छोटे थे तब उनके पिताजी पहली बार घर में गाड़ी लेकर आए। सफेद रंग वो used ambassador car उनके घर की पहली गाड़ी थी. इसलिए वो जानते थे कि middle class आदमी के लिए वो गाड़ी कितनी मायने रखती है. Car Dekho automobile में भी used car segment में operate करते है जो एक category business है. इस category को उन्होंने नजदीक से समझा और used car को खरीदने बेचने में सबसे जरुरी है भरोसा क्योंकि car खरीदने से पहले हर कोई दस बार सोचता है. जब उसका experience अच्छा होगा तो वो अपने जान पहचान वालों को भी उसके बारे में बताएगा और इनके branding से भी जाहिर है कि customers का भरोसा कितना जरूरी है। 

इसी भरोसे को कंपनी की बुनियाद बनाकर अमित ने अपने बिजनेस verticals को भी expand किया। अब कार देखो owner से गाड़ी खरीदते हैं और आगे कार dealers को बेचते हैं। अगर कोई dealer कार देखो platform से अपनी कार customers को बेचता है तो उस पर भी कंपनी कमीशन कमाती है। अब क्योंकि कस्टमर कार देखो पर भरोसा करके कार खरीदता है तो वो insurance भी बेचते हैं। जो उनका एक और revenue stream है. इसके अलावा वो advertising, digital marketing और software development से भी पैसे कमाते हैं. 

Strategy No. 2: Right Marketing 

Bollywood Star अक्षय कुमार कार देखो के ब्रांड ambassador हैं. लेकिन लोगों का भरोसा जीतने के लिए कार देखों ने advertising और marketing से पहले अपने content पर ध्यान दिया। इनके यूट्यूब channel पर आठ लाख बीस हजार subscribers हैं. यहाँ ये automobile industry से related content जैसे कि कार के features और specifications, reviews, recent launches, price comparision और lates updates डालते हैं. 

एक study के मुताबिक 75 प्रतिशत buyers कार खरीदने से पहले research करते हैं और उसमें से 66 प्रतिशत अपने मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. कोई भी आदमी कार खरीदने से पहले उस पे research करेगा और फिर उसमें से अपनी पसंद चुनेगा। इस content को consumers तक पहुंचाने के लिए अमित इंटरनेट से ट्रैफिक लेकर आ सकते थे. लेकिन उससे उनका CAC यानी कि customer acquisition cost बढ़ता। अमित जानते थे कि सिर्फ advertising और marketing करके उन्हें long term customer engagement नहीं मिलेगी। इसीलिए उन्होंने अपने content को organically market किया।

Strategy No. 3: Sustainability Through Innovation 

कार देखो (Car Dekho) की शुरुआत 2008 में हुई थी। दोस्तों इसमें एक सबसे बड़ी सीख मिलती है। उस जमाने में funding मिलना इतना आसान नहीं था। 2008  से 2013 तक कार देखो ने sustainable बिजनेस मॉडल अपनाया। तब जाकर कंपनी ने 2013 में इंडिया के top vc firm sequoia capital से पहली बार funding उठाई। ये startups के लिए बहुत मुश्किल होता है क्योंकि बिना funding के profit margins को protect करना और उस मार्जिन से कंपनी के खर्चे और employees के salaries निकालना मतलब चने चबाना। 

funding ना मिलने के कारण कितने startups कुछ ही महीनों में खत्म हो जाते हैं। लेकिन sustainable growth से अमित ने profit में जो पैसा आ रहा था. उसे वापस बिजनेस में डाला जिसके कारण वो बिना funding के भी सालो तक टिके रहे, डटे रहे. इसलिए उनके पास customer को acquire करने के लिए सिर्फ एक हथियार था और वो था innovation. Online Booking, cloud solution और live chat जैसे कई digital solution से वो continuously innovations करते रहे. उन्हें प्रॉफिटेबल होने में भी 7 साल लगे। 

Strategy No. 4: Umbrella of Brands

Lenskart वाले पियूष बंसल के बारे में आपको पता होगा कि उन्होंने Lenskart के साथ watchkart.com, bagskart.com और jewelskart.com जैसे similar domains name की companies बनाई थी. अमित ने भी उसी तरह से similar domains name की कई companies शुरू की. उन्होंने 2009 में bikedekho, 2012 में pricedekho, 2015 में collegedekho और 2016 insurancedekho शुरू किया। ये umbrella of brands की strategy कार देखो ने भी अपनाई दूसरे sectors में expand होने के लिए.

साल 2021 में कार देखो (Car Dekho) जयपुर का पहला यूनिकॉर्न startup बना और आज कार देखो एक 1.2 बिलियन डॉलर की कंपनी है. उसकी गिनती इंडिया के top digital automotive solution provider companies में की जाती है। इंडिया के अलावा वो इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस में भी मौजूद है। 

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