उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा कैसे करें, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में दर्शन कैसे करें, How to Do Chardham Yatra

How to Do Chardham Yatra: कहते हैं चार धाम की यात्रा नसीब वालों की ही पूरी हो पाती है और जिसने ठान लिया उन्हीं के नसीब में ये यात्रा होती है. चार धाम यात्रा भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा में से एक है. जिसमें Uttarakhand के Garhwal region में Kedarnath, Badrinath, Gangotri और Yamunotri की यात्रा होती है.

लेकिन इस यात्रा को छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि चार धाम की एक और यात्रा होती है. जिसमें Badrinath, Dwarkadhish, Jagannath Puri और Rameswaram जैसे पावन स्थल शामिल होते हैं. हालांकि इस आर्टिकल में मैं आपको छोटा चार धाम यात्रा के बारे में बताने वाला हूँ.

How to Do Chardham Yatra

चार धाम यात्रा की शुरुआत होती है Yamunotri से फिर Gangotri जाना होता है और Gangotri के बाद Kedarnath और अंत में Badrinath की यात्रा. लेकिन सही मायने में तो इस यात्रा की शुरुआत होती है Haridwar से. क्योंकि हरिद्वार ही इस यात्रा का base point होता है और यही से सारे साधन आपको मिलते है. ऐसी मान्यता है कि हरिद्वार में ही गंगा स्नान करके सभी भक्तों को इस यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए।

चारधाम यात्रा के लिए हरिद्वार कैसे पहुंचे:

हरिद्वार देश के लगभग सभी बड़े शहरों से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है. सड़क मार्ग से भी आप आसानी से हरिद्वार पहुँच सकते हैं. नजदीकी एयरपोर्ट दिल्ली और देहरादून है.

हरिद्वार में रुकने की जगह:

हरिद्वार में आपको सभी कैटेगरी के होटल्स और धर्मशाला मिल जायेंगे। जहाँ पर आप स्टे कर सकते हैं. यहाँ पर आपको 300 रुपए के शुरुआती प्राइस में एक रात के लिए रूम मिल जायेंगे. कई सारे धर्मशाला में फ्री स्टे भी अवेलेबल है.

यात्रा का पहले दिन, सुबह के साढ़े छह बज रहे हैं और हरिद्वार से निकलने का टाइम आ चुका है। हरिद्वार में हम लोग स्टेशन से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री सुथरे शाह धर्मशाला में रुके थे. यहाँ पर आपको 500 रुपए तक में AC/Non AC रूम्स मिल जायेंगे। यह धर्मशाला काफी साफ सुथरा है और स्टेशन से काफी नजदीक भी है.

चार धाम के लिए सबसे पहले Yamunotri जाना होगा। जिसके लिए Haridwar Railway Station के बाहर से direct bus आपको मिल जाएगी। लेकिन पहले दिन आप Barkot तक पहुंचेंगे और वही stay करेंगे। Barkot में आपको कई सारे hotels मिलेंगे. यहाँ पर आपको 1500 से 2000 रुपए की range में hotel मिल जायेगा।

दूसरे दिन आप Barkot से Janki Chatti तक जाएँगे। जहाँ आप पाँच से छह kilometre की पैदल यात्रा के द्वारा Yamunotri धाम तक पहुँच कर दर्शन करेंगे। Yamunotri धाम पहुँचने में मुझे लगे तीन घंटे दस minute. रास्ते में traffic था भीड़ भाड़ थी कीचड़ था तो problem रास्ते में हुई. लेकिन जब आप यहाँ पे पहुंचेंगे तो आपको लगेगा भीड़ कहाँ चली गयी. मतलब आराम से दर्शन हो गया. मुश्किल से एक minute लगा. आराम से सीधे मंदिर में पहुँच गए कोई लंबी line नहीं थी. कुछ नहीं था बहुत ही आसानी से दर्शन हुआ. Yamunotri दर्शन के बाद शाम तक अब वापस Barkot आएँगे और वही रुकेंगे।

चार धाम यात्रा की शुरुआत April end या मई के start में होती है. जब हर साल Akshaya तृतीया के दिन Gangotri और Yamunotri के कपाट खुलते हैं. इसके हफ्ते भर में ही Kedarnath और Badrinath के कपाट भी खुल जाते हैं. जबकि October या November में दिवाली के बाद सभी मंदिर close हो जाते हैं.

तीसरे दिन की यात्रा थोड़ी छोटी होगी और आप Barkot से Uttarkashi का सफर करेंगे। जो केवल बयासी kilometre का सफर है. पर traffic और खराब रास्तों की वजह से चार पाँच घंटे लग सकते है. Uttarkashi में ही आज आप रुकेंगे।

चौथे दिन आप उत्तरकाशी से सुबह पाँच-छह बजे गंगोत्री के लिए निकलेंगे और 12-1 बजे तक पहुंचकर दर्शन करने के बाद आप शाम तक वापस उत्तरकाशी आ जाएंगे।

अभी मैं आ चुका हूँ यहाँ के घाट पर और ये आप देखो यहाँ पे कुछ लोग स्नान कर रहे हैं. प्रॉपर ये बना हुआ है. जिससे किसी को कोई खतरा ना हो. जंजीर वगैरह भी लगी हुई है और ये पूरा का पूरा यहाँ पर देख रहे होंगे। गंगा नदी बह रही है और complex अगर आप एक नज़र में देखना चाहते हैं तो यहाँ से पूरा आपको दिख जाएगा और ये पूरा आप देख रहे होंगे। पहाड़ वगैरह की range दिख रही है. काफी खूबसूरत दृश्य है. यहाँ पर खूब सारी photos वगैरह भी click करवाएँ और इन नज़ारों का भी आनंद ले.

इन चार दिनों में आप दो धाम के दर्शन कर लेंगे और अब शुरुआत होती है बाकी के दो धामों की यात्रा की. जिसकी दूरी काफी ज्यादा है. Uttarkashi से अब पाँचवे दिन आप केवल road journey करेंगे और पहुँचेंगे Rudraprayag तक. जहाँ Rudraprayag में ही आप stay करेंगे। Rudraprayag छोटी सी शांत जगह है. जहाँ शाम को आप यहाँ के Alaknanda और Mandakini नदी के संगम स्थल पर जा सकते है.

Rudraprayag की ये रही छोटी सी market है. लेकिन आपको काम की चीजें मिल जाएँगी। खाना पीना रहना ये जो basic need है वो आपको यहाँ पे मिल जाएगी। थोड़ी बहुत shop वगैरह भी है कपड़ों की. छोटी सी market है ज़्यादा expect यहाँ से ना करें।

Rudraprayag से छठवें दिन की आपकी यात्रा काफी खूबसूरत होगी। जहाँ आप निकलेंगे Sonprayag के लिए. जहाँ रास्ते में ठहर ठहर के चलने का जी करता है. Rudraprayag से Sonprayag की दूरी केवल बहत्तर kilometre है और रास्ते भी अच्छे है और सुबह छह सात बजे निकलेंगे तो दोपहर तक Sonprayag भी पहुँच जाएँगे और इस जगह से आपके सामने आते है दो option या तो आप Sonprayag में ही रुक जाए. जहां काफी सारे hotels है और सभी तरह की सुविधाएं भी है या फिर और आगे पचास रूपए की sharing jeep book करके Gauri Kund तक चले जाए जहाँ रहने के लिए limited hotel है और सिमित संसाधन।

लेकिन मेरी राय के अनुसार आपको Gaurikund तक ही पहुंच जाना चाहिए। जिससे अगले दिन की शुरुआत समय पर हो. क्योंकि अगला दिन बहुत ही थकावट भरा होगा।

सातवें दिन Gaurikund से यात्रा की शुरुआत सुबह पाँच बजे ही कर देनी होगी क्योंकि Gaurikund से Kedarnath धाम की सोलह kilometre की track होती है और ये पैदल रास्ता भी कई बार घोड़ों के traffic से भरा होता है और यहाँ से पिट्टू पालकी घोड़े के द्वारा भी आप धाम तक पहुँच सकते हैं.

बहुत ज्यादा लोग यहाँ पर आए हैं और ये अभी सुबह के मतलब छह बज रहे हैं तब ये हाल है और सुबह सुबह ही यात्रा चूँकि करते हैं लोग शुरुआत तो इसलिए इतनी भीड़ होती है बाकी यहाँ से ये सब घोड़े-वोड़े जाते हैं। पूरा arrangement यहाँ पर है।

इस पूरी track में आपको पूरा दिन लगेगा और शाम चार पाँच बजे तक आप Kedarnath धाम तक पहुँच जाएँगे। जहाँ stay के लिए भी सुविधा है और शाम को आप Kedarnath धाम में दर्शन भी कर सकते है और एक spiritual समय गुजार सकते है.

बाबा केदार ने इतने करीब अपने बुलाया इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और बहुत ही अह अद्भुत फील हो रहा है. यहाँ पर भगवान के धाम में आकर क्या खूबसूरती है क्या प्राकृतिक दृश्य है. देख के मन खुश हो जाएगा। यहाँ पर जरूर आएं दर्शन करें और ये ऐसा धाम है जो चार धाम में से एक है और आपका जीवन सफल कर देगा जय भोलेनाथ।

अगले दिन सुबह यानी की आठवें दिन आप एक बार फिर चाहे तो दर्शन कर सकते है. दर्शन के बाद आप वापस नीचे की तरफ Gaurikund तक आएँगे। लेकिन आज आप Gaurikund नहीं Sonprayag तक जाएंगे और नीचे उतरने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है तो चाहे तो Sonprayag से आगे कहीं और रुक लें. जिससे आप कुछ पैसे save कर सकते हैं क्योंकि Sonprayag में hotel महंगे मिलते हैं.

नौवें दिन आप चाहे Sonprayag रुके हो या उसके आगे कही भी. आपको एक पूरे दिन का सफर करना होगा। आपको थकावट भी feel होगी क्योंकि लगातार आप कई दिनों से सफर कर रहे होंगे। लेकिन Badrinath धाम के दर्शन के लिए आपको आज Joshimath पहुँचना होगा। जहाँ शाम को पहुंचकर आप stay करेंगे।

दसवां दिन आपके लिए सबसे खास होगा क्योंकि Badrinath जी के दर्शन करते ही आपके चार धाम की यात्रा पूरी हो जाएगी और Joshimath से Badrinath पैंतालीस kilometre है जिसमें दो से ढाई घंटे लगते हैं और Badrinath में ना आपको ज़्यादा चलना होगा और ना ज़्यादा इंतज़ार करना होगा। बस दर्शन की line में लगना होगा और थोड़ी ही देर में Badrivishal के दर्शन भी हो जाएँगे।

Badrinath जी के मंदिर के बाहर का ये view है. ये जो line लगी है इसके अंदर बाहर से यहाँ से direct आप नहीं जा सकते पीछे से line लगती है. लंबी सी वहाँ से जा सकते हैं और ये मंदिर खूबसूरत सा आप देख रहे होंगे और भीड़भाड़ अभी दिख रही है लेकिन easily दर्शन हो जाएगा।

दस दिन में आपकी चारों धाम की यात्रा हो जाएगी। कभी थकावट होगी तो कभी परेशानी भी आएगी। पर चार धाम की यात्रा करके आपको भगवान के बीच होने का एहसास होगा और ग्यारहवें दिन आप जोशीमठ से वापस Haridwar में आएंगे और कहते हैं कि एक बार फिर आपको यहाँ डुबकी लगानी होगी।

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