Naseem Bano Biography: नसीम बानो 1930 वाले दशक के मध्य में बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार थीं. नसीम ने अपनी अदाकारी और मनमोहक सुंदरता से हिंदी सिनेमा के दर्शकों का दिल जीता था. उस दौरान हिंदी सिनेमा में बहुत से मेल एक्टर्स थे लेकिन फीमेल एक्टर की कमी हुआ करती थी.
पृथ्वीराज कपूर, अशोक कुमार और पहाड़ी सान्याल जैसे अन्य कई मेल एक्टर्स उस दौरान हिंदी सिनेमा के परदे पर राज करते थे. ऐसे समय में नसीम बानो ने अपना डेब्यू किया था. अपने डेब्यू के बाद ही नसीम बाणो ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फ़िल्मों की लाइन लगा दी थी. साथ ही नसीम बानो 1960 वाले दशक के फ़ेमस एक्ट्रेस सायरा बानो की मां भी हैं.
इस आर्टिकल के माध्यम से बॉलीवुड की पहली फ़ीमेल सुपरस्टार “नसीम बानो” की ज़िन्दगी से जुड़ी कुछ सुनी-अनसुनी बातें और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स भी बताने वाले हैं. चलिए अब नज़र डालते हैं 1930 की ब्यूटी क्वीन की दिलचस्प और प्रेरक कहानी पर.

नसीम बानो का जन्म दिल्ली में
नसीम बानो का जन्म 4 जुलाई 1916 में पुरानी दिल्ली में हुआ था. बचपन में नसीम का नाम ‘रोशन आरा बेग़म’ था. इनके माता का नाम शमशाद बेगम (Shamshad Begum)था. जो उस समय की एक बहुत ही फ़ेमस गायिका थी. Naseem Bano के पिता हसनपुर के नवाब अब्दुल वहीद खान थे. नवाब अब्दुल वहीद खान के पास दौलत और शौहरत की कोई कमी नहीं थी. इसी वजह से नसीम बानो की ज़िंदगी भी काफी शानो-शौक़त में गुज़री थी. नसीम ने अपनी स्कूल की पढ़ाई Queen Mary’s High School, दिल्ली से पूरी की थी.
शुरू से ही नसीम फ़िल्मों में एक्टिंग करना चाहती थी
नसीम बानो की मां हमेशा से चाहती थी कि उनकी बेटी एक डॉक्टर बने. लेकिन नसीम हमेशा से ही एक एक्टर ही बनना चाहती थीं. नसीम की पसंदीदा एक्ट्रेस रूबी मेयर्स (सुलोचना) थी. नसीम ने बचपन में सिर्फ़ सुलोचना की फ़िल्में ही देखा करती थी. मगर नसीम की मां को उनका एक्टिंग करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था. एक बार जब नसीम बॉम्बे घूमने गयी थी तो उन्होंने अपनी मां से एक फ़िल्म स्टूडियो ले जाने की ज़िद्द की थी. वहां पर उन्होंने ‘सिल्वर किंग’ की शूटिंग देखी थी. जिसके बाद उन्होंने निश्चय कर लिया कि उन्हें सिर्फ़ और सिर्फ एक्ट्रेस ही बनना है.
यहां तक कि उन्होंने अपनी इस ज़िद्द को मनवाने के लिए एक बार तो भूख हड़ताल भी की थी. इसे देखकर ही उनकी मां ने नसीम को फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए हरी झंडी दिखा दी. इसके बाद सिर्फ़ 16 वर्ष की आयु में नसीम को सोहराब मोदी की फ़िल्म ‘ख़ून का ख़ून’ में एक्टिंग करने का मौक़ा मिल गया था.
नसीम भारतीय सिनेमा पर राज करती थीं
नसीम बानो ने अपना सारा बचपन दिल्ली में ही गुज़ारा था. मुंबई में फ़िल्मों की शूटिंग के लिए वो सोहराब मोदी के ही घर पर रहने लगीं थी. नसीम अपनी सुंदरता और बेहतरीन एक्टिंग के लिए काफी फेमस थी. उनका करियर फ़िल्मों में तो अच्छा चल ही रहा था. लेकिन वो अपनी पढ़ाई भी पूरा करना चाहती थी. इस बात के लिए जब वो स्कूल गई तो उन्हें स्कूल में बोला गया कि आपको पढ़ाई पूरी करने के लिए एक्टिंग को छोड़नी होगी और जो नसीम के लिए मुमक़िन बिलकुल भी नहीं था. जिसके बाद उन्होंने पढाई छोड़ दी थी. परन्तु उनके लिए सिनेमा के दरवाज़े हमेशा खुले हुए थे और जिसके लिए उन्होंने सोहराब मोदी के साथ लंबे समय के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट Sign कर लिया था.
नसीम बानो की 1940 में शादी
नसीम हमेशा से अच्छी फ़िल्मों का ही चयन किया करती थी. 1937 में ‘खान बहादुर’ नाम की फ़िल्म की थी जिसे हिंदी सिनेमा के लिए बहुत अहम फ़िल्म माना जाता है. नसीम बानो ने 1938 में ‘तलाक’, ‘उजाला’, ‘बेग़म’ और ‘मुलाक़ात’ जैसी कई फ़िल्मों में काम किया. फिर 1940 में उन्होंने अपने बचपन के प्यार मोहम्मद एहसान से शादी कर ली. मोहम्मद पेशे से एक आर्किटेक्ट थे. नसीम और उनके पति मोहम्मद ने शादी के तुरंत बाद ही अपना एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था.
नसीम ने कुछ C ग्रेड की फ़िल्मों में भी काम किया था
अपने समय में नसीम बानो हिंदी सिनेमा की बेस्ट एक्ट्रेस में से एक थी. लेकिन कुछ लोग बताते है कि उन्होंने C ग्रेड फ़िल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. जो उनके रुतबे और काबिलियत से बिल्कुल मैच नहीं कर रहा था. नसीम ‘बाघी’ और ‘सिनबाद जहाज़ी’ जैसी फ़िल्मों में काम किया. गुरु दत्त ने उन्हें फ़िल्म ‘प्यासा’ में एक अलग किरदार निभाने का मौका दिया था, लेकिन उन्होंने काम करने से मना कर दिया था.
1950 में उन्होंने फिल्मों से रिटायरमेंट ले लिया
नसीम ने 1950 के दशक में रिटायरमेंट ले लिया था. उस समय बॉलीवुड में एक और नई एक्ट्रेस का डेब्यू हो चुका था और जिसका नाम था ‘सायरा बानो’. नसीम ने फिल्मों से रिटायरमेंट अपनी बेटी सायरा को फिल्मों में आगे बढ़ाने के लिए ही लिया था. फिल्म निर्देशक के. आसिफ़ ने साल 1960 में उन्हें “नूर जहान” का लीड क़िरदार निभाने का मौका दिया था. लेकिन नसीम बानो ने इस क़िरदार को भी करने से साफ़ इनकार कर दिया था और इसका कारण भी उनकी बेटी ही थी
रिटायरमेंट के बाद कपड़ों की डिजाइनिंग शुरू की
नसीम ने रिटायरमेंट के बाद कपड़ों की डिजाइनिंग शुरू कर दी थी. उन्होंने अपनी बेटी सायरा बानो की फ़िल्म ‘आई मिलन की बेला’ के लिए साड़ी और सलवार-कमीज़ भी डिज़ाइन की थी. नसीम बानों ने अपनी बेटी सायरा की शादी सुपर स्टार दिलीप कुमार से करवाई थी. 18 जून 2002 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
Leave a Reply