उत्तराखंड में ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच बन रही है 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, दोनों शहरों के बीच यात्रा समय को आधा कर देगा, Rishikesh Karnprayag Chardham Rail Line

Rishikesh Karnprayag Chardham Rail Line

Rishikesh Karnprayag Chardham Rail Line: उत्तराखंड में ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच महत्वाकांक्षी चारधाम रेलवे लाइन परियोजना का निर्माण तेज गति से किया जा रहा है। रणनीतिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण यह रेलवे लाइन दो पहाड़ी शहरों के बीच की यात्रा की दूरी को आधा कर देगी। इस रेल लाइन की पूरी लंबाई 125 किलोमीटर होगी और दोनों शहरों को जोड़ने के लिए पहाड़ों में 17 सुरंगें बनाई जा रही हैं।

इस ट्रेन मार्ग का अधिकांश भाग सुरंगों के अंतर्गत आएगा। जिसकी कुल सुरंग की लंबाई 100 किलोमीटर से अधिक होगी। टनल के बाहर 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।

इस परियोजना की कुल लागत 16,200 करोड़ रुपये होगी।

यह क्षेत्र चीन-भारत सीमा के करीब है. इसलिए यह परियोजना रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।

सुरंगों के अंदर दोहरी और तिहरी पटरियां बिछाई जाएंगी जिनमें आपात स्थितियों के लिए बाहर निकलने के रास्ते भी होंगे. कार्यदायी संस्था RVNL के अनुसार ने यह रेल परियोजना देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे शहरों को आपस में जोड़ेगी।

यह रेलवे प्रोजेक्ट 100% भूकंपरोधी होगा।

इस रेल लाइन में गंगा और अलकनंदा नदी पर टोटल 35 पुल भी होंगे।

दोनों शहर (ऋषिकेश और कर्णप्रयाग) तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण नोडल बिंदु हैं और इस परियोजना से पर्यटन को राज्य में अच्छा खासा बढ़ावा मिलेगा। इससे व्यापार और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

परियोजना की व्यवहार्यता – 2011 में स्वीकृत – IIT रुड़की की एक टीम द्वारा एक्सेस की गई थी।

ब्लास्टिंग और सुरंग बनाने की प्रक्रिया के लिए जर्मनी और इटली सहित यूरोप के दूसरे देशों से अत्याधुनिक मशीनें लाई गई हैं। हालांकि, इनका संचालन यहाँ पर भारतीय कर्मचारी कर रहे हैं।

यह लाइन दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को 6 घंटे से घटाकर 3 घंटे कर देगी।

यह स्थानीय व्यापार के लिए भी वरदान साबित होगा क्योंकि घुमावदार पहाड़ी सड़कों के विपरीत लोगों को माल परिवहन में आसानी होगी और बहुत ज्यादा समय का बचत होगा।

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