Sunita Ahuja & Govinda: सुनीता आहूजा, बॉलीवुड के पसंदीदा अभिनेता गोविंदा की पत्नी, अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। उनकी जिंदगी और उनके स्पष्ट विचारों पर नजर डालते हैं। चाहे गोविंदा की सुपरस्टारडम हो या इंडस्ट्री की राजनीति, सुनीता ने हर मुद्दे को खुले दिल से बताया।
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Power Couple Sunita Ahuja & Govinda
सुबह की शुरुआत और अनुशासन
सुनीता की दिनचर्या उनकी ऊर्जा और अनुशासन को दिखाती है। वो सुबह 4 बजे उठती हैं, मेडिटेशन करती हैं और फिर ब्रिस्क वॉक व योगा से दिन की शुरुआत करती हैं। उनकी यही आदतें परिवार में उन्हें “लेडी अक्षय कुमार” का टैग दिलाती हैं। उनके मुताबिक, सुबह का समय सबसे शुद्ध होता है और मेडिटेशन आपको प्रकृति और भगवान से जोड़ता है। वो मानती हैं कि सुबह की अच्छी शुरुआत आपका पूरा दिन बदल सकती है।
पार्टी नहीं, फैमिली पहले
सुनीता को लेट नाइट पार्टियों में जाना पसंद नहीं। वो किसी इवेंट पर जाने के बजाय अपने बच्चों और परिवार के साथ समय बिताती हैं। उनके अनुसार, घर की मस्ती और अपनों की संगत ही असली खुशी देती है। साल में कभी-कभार किसी बड़ी पार्टी का हिस्सा बनने पर वो खुद को अलर्ट रखने के लिए ब्लैक कॉफी पीकर जागती हैं।
फिल्म इंडस्ट्री की राजनीति
सुनीता का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री में ग्रुपिज्म और जलन हमेशा से है। जो अभिनेता किसी ग्रुप का हिस्सा नहीं होते, उन्हें आसानी से प्लेटफॉर्म नहीं मिलता। गोविंदा जैसे सोलो हीरो ने 90 के दशक में अपनी जगह बनाई, लेकिन आज के समय में फोकस मल्टी-स्टारर फिल्मों पर है।
उन्होंने बताया कि कैसे गोविंदा की कुछ फिल्में रिलीज नहीं होने दी गईं। नेगेटिविटी से दूर रहने का वो हमेशा सुझाव देती हैं। उनके अनुसार, इंडस्ट्री में पॉजिटिव लोगों का साथ होना बहुत जरूरी है।
गोविंदा और उनकी सुपरस्टार छवि
गोविंदा के स्टारडम पर सुनीता गर्व करती हैं। 80 और 90 का दौर उनके करियर का स्वर्णिम समय था। सुनीता मानती हैं कि गोविंदा ने अपने परिवार के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन कुछ गलत सर्कल और फैसलों की वजह से चीजें प्रभावित हुईं।
उनकी कॉमिक टाइमिंग और कादर खान के साथ केमिस्ट्री आज भी चर्चा में रहती है। वो कहती हैं कि गोविंदा जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता। उनकी स्टाइल और व्यक्तित्व बॉलीवुड में एक मिसाल है।
बच्चों की परवरिश और उनके करियर
सुनीता ने अपने बच्चों की परवरिश बेहद ध्यान से की। नौकरों पर निर्भर होने के बजाय उन्होंने खुद अपने बच्चों को पाला। उनकी बेटी टीना और बेटे यश दोनों ही अपने करियर को लेकर मेहनत कर रहे हैं।
टीना को लेकर सुनीता ने बताया कि इंडस्ट्री में स्टार किड्स को लेकर बने मिथक उसकी ग्रोथ में बाधा बने। वहीं, यश की मेहनत को वो सराहती हैं। यश ने अपने करियर की शुरुआत के लिए कड़ी प्रैक्टिस की है और वो चाहते हैं कि वो अपना खुद का स्टाइल बनाए, गोविंदा की कॉपी न करें।
गोविंदा और सुनीता की प्रेम कहानी
गोविंदा और सुनीता की प्रेम कहानी फिल्मी जैसी है। उनकी पहले की नोंक-झोंक कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। महज 16 साल की उम्र में शादी करके सुनीता ने घर की जिम्मेदारियां संभालनी सीखीं। उन्होंने बताया कि गोविंदा की मां ने इस रिश्ते को बहुत सपोर्ट किया, जिससे सुनीता और सास के बीच रिश्ता हमेशा सौहार्दपूर्ण रहा।
इंडस्ट्री में दोस्ती और गलतफहमियां
सुनीता ने डेविड धवन के साथ गोविंदा की गहरी दोस्ती और फिर सर्किल की वजह से बने गलतफहमियों पर भी बात की। उनके मुताबिक, कई बार बाहरी लोग रिश्ते को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। वो मानती हैं कि आज के समय में फिल्में बनाने के लिए सही टीम का होना बहुत जरूरी है।
साउथ सिनेमा का असर
सुनीता ने साउथ सिनेमा की तारीफ की और “पुष्पा” जैसी फिल्मों के प्रभाव को स्वीकारा। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड को अब साउथ की मेहनत और क्वालिटी से सीखना चाहिए। वो अल्लू अर्जुन की फैन बन चुकी हैं और मानती हैं कि मेहनत हमेशा दिखती है।
बिग बॉस और रियलिटी शो
बिग बॉस में ऑफर मिलने पर सुनीता ने हमेशा नकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उनके अनुसार, वो प्यार और सकारात्मकता में यकीन करती हैं, और बिग बॉस जैसे विवादित शो उनके लिए नहीं हैं। वो एक जजिंग शो करना पसंद करेंगी, जहां वो हंसी-मजाक के बीच अपना काम कर सकें।
नजर दोष और आध्यात्म
सुनीता ने बताया कि वो नजर दोष और एस्ट्रोलॉजी पर थोड़ा यकीन रखती हैं। वो पूजा-पाठ को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा मानती हैं। उनका मानना है कि नियति को बदला नहीं जा सकता, लेकिन पॉजिटिव सोच और आध्यात्म से आप बेहतर महसूस कर सकते हैं।
गोविंदा और अफेयर्स की खबरें
गोविंदा के अफेयर्स की अफवाहें सुनीता को ज्यादा परेशान नहीं करतीं। पहले वो इस तरह की बातों पर ध्यान नहीं देती थीं, लेकिन अब उन्हें थोड़ा डर लगता है। उनका कहना है, “आदमी का भरोसा मत करो, वो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।”
साउथ के मुकाबले बॉलीवुड
सुनीता साफ तौर पर कहती हैं कि साउथ ने बॉलीवुड को टेक ओवर कर लिया है। उनका मानना है कि अब क्वालिटी कंटेंट बनाने का समय है। वो चाहती हैं कि गोविंदा नई स्क्रिप्ट्स के साथ वापसी करें ताकि फैंस को उनकी पुरानी फिल्मों जैसा मजा फिर से मिले।
निष्कर्ष
सुनीता आहूजा का जीवन, उनके विचार और बेबाक अंदाज उन्हें खास बनाते हैं। उन्होंने व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी के बीच अद्भुत संतुलन बना रखा है। उनकी कहानी हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है, जो अपने परिवार और मूल्यों को प्राथमिकता देता है। वो चाहे गोविंदा की सुपरस्टारडम हो या उनकी फैमिली लाइफ, सुनीता का सादगी भरा अंदाज हर किसी को सीख देता है।