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हार्ट अटैक और दिल की सेहत: डॉ. रामाकांत पांडा के महत्वपूर्ण सुझाव, Dr. Ramakant Panda Tips

Dr. Ramakant Panda Tips

Dr. Ramakant Panda Tips: दिल की बीमारियाँ आज किसी उम्र तक सीमित नहीं रह गई हैं। खासकर, कोविड-19 के बाद युवा पीढ़ी में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मशहूर हार्ट सर्जन और मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन, डॉ. रामाकांत पांडा ने इस गंभीर विषय पर अपने विचार साझा किए। चलिए, जानते हैं उनके अनुभव और सुझावों के बारे में।

Dr. Ramakant Panda Tips

युवा पीढ़ी में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं?

डॉ. पांडा ने बताया कि हार्ट अटैक अब सिर्फ बुजुर्गों की समस्या नहीं रही। युवा लोग, जो फिट और एक्टिव दिखते हैं, उन्हें भी अब यह खतरा है।
इसके पीछे मुख्य कारण हैं:

  • गलत लाइफस्टाइल: जंक फूड, स्मोकिंग, और अल्कोहल का बढ़ता सेवन।
  • तनाव: काम और व्यक्तिगत जीवन में बढ़ता तनाव।
  • कोविड-19 के प्रभाव: कोरोना संक्रमण या वैक्सीन से जुड़े कुछ दुर्लभ मामले।

क्या आपको लगता है कि आपका लाइफस्टाइल आपके स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है?

सर्जरी में डॉ. पांडा का अनुभव

डॉ. पांडा ने अब तक 30,000 से अधिक हार्ट सर्जरी की हैं, जिनमें उनकी सफलता दर 99% से भी अधिक है। वह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और लालू प्रसाद यादव जैसे हाई-प्रोफाइल मरीजों का इलाज भी कर चुके हैं। ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी के दौरान स्ट्रेस कम करने के लिए शांत संगीत बजाया जाता है।

दिल की सर्जरी के प्रकार

डॉ. पांडा ने हार्ट सर्जरी के दो मुख्य प्रकार समझाए:

  • बीटिंग हार्ट सर्जरी: सर्जरी के दौरान दिल धड़कता रहता है।
  • स्टॉप्ड हार्ट सर्जरी: दिल को अस्थायी रूप से रोका जाता है और हार्ट-लंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।

वे बताते हैं कि स्टॉप्ड हार्ट सर्जरी के दौरान शरीर के अंग ठंडे करके दिमाग को सुरक्षित रखा जाता है।

हार्ट हेल्थ को कैसे बनाए रखें?

दिल की सेहत बनाए रखने के लिए डॉ. पांडा ने कई आसान और उपयोगी टिप्स दिए:

  • रेगुलर चेकअप कराएं: कोलेस्ट्रॉल लेवल, शुगर और बीपी की जांच करें।
  • संतुलित आहार लें: ताजे फल, सब्ज़ियाँ और हेल्दी फैट्स को शामिल करें।
  • शराब और रिफाइंड तेल का सेवन कम करें: रेड वाइन कुछ हद तक फायदेमंद हो सकती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है।
  • व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें: दिन में कम-से-कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें।

क्या आपने हाल ही में अपनी दिल की सेहत की जांच करवाई है?

मिथक और सच्चाई

हार्ट हेल्थ को लेकर कई गलतफहमियाँ हैं। डॉ. पांडा ने इन्हें स्पष्ट किया:

  • हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों को नहीं होता।
  • कोई भी एक विशेष फूड हार्ट डिजीज को रोक नहीं सकता।
  • कड़वा स्वाद या ठंडा पानी हार्ट अटैक का कारण नहीं बनता।

क्या आपको भी लगता था कि उम्र बढ़ने पर ही दिल की बीमारियाँ होती हैं?

हार्ट अटैक के लक्षण पहचानना जरूरी

डॉ. पांडा ने समझाया कि हार्ट अटैक के लक्षण हमेशा सीने में दर्द के रूप में नहीं दिखते। ये अन्य भागों में भी हो सकते हैं, जैसे:

  • कंधे या पीठ दर्द।
  • जबड़े या बाएं हाथ में दर्द।
  • सांस लेने में तकलीफ या हार्ट रेट अचानक बढ़ना।

अगर आप इनमें से कुछ महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

दिल की सेहत को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों को ध्यान में रखते हुए, समय पर स्वास्थ्य जांच कराना और सही जीवनशैली अपनाना जरूरी है। डॉ. पांडा की सलाह सुनकर एक बात तो साफ है – थोड़ा बदलाव लंबी और स्वस्थ जिंदगी का रास्ता बना सकता है।

क्या आप अपने दिल की सेहत के लिए आज से कुछ नया शुरू करेंगे?

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