South India vs North India Comparison:नार्थ इंडिया से बेहतर साउथ इंडिया कैसे ? साउथ इंडिया और नार्थ इंडिया में कौन है बेहतर, Which is better South India or North India

South India vs North India Comparison

South India vs North India Comparison: North India versus South India ये एक ऐसा topic है जिस पर बार-बार हमें चर्चा देखने को मिलती है. Political Debates से लेकर comedy shows तक. हालाँकि वो अलग बात है ज्यादातर debate जो इस मुद्दे पर करी जाती है वो pride के नाम पर होती है.

North Indians और South Indians अक्सर एक दूसरे का मजाक बनाते है, stereotypes बनाने लगते है, North Indians South Indians का मजाक बनाते है उनके skin color को लेकर। नार्थ इंडियन कहते हैं कि साउथ Indian languages कितनी harsh है. देखो किस तरीके से बात करते हैं।

दूसरी तरफ south Indians north Indians का मजाक उड़ाते है ये कहकर कि ये देखो कितने misbehaved होते है, कितने reckless है, कैसे हर sentence में गाली देते है. 

इस स्टोरी में आइए एक factual और logical analysis करते है north India और south India का. ये जानना बड़ा दिलचस्प है कि क्या differences इनके इतिहास और culture में आए जिसकी वजह से आज ये दोनों regions एक दूसरे से कई मामलों में इतने अलग है और क्या कारण है actually में कि south India के region को north India के comparison में ज्यादा developed माना जाता है आइए जानते हैं. 

सबसे पहला सवाल तो यहाँ पर ये उठता है कि जब हम नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं exactly हम कौन से regions की बात कर रहे हैं? कहाँ पर boundary है नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया की. क्या कोई इसकी official definition है? Definition है तो जरूर लेकिन यूपी वालों mind मत करना आप लोग हमारे साथ नॉर्थ इंडिया में नहीं आते। सही सुना आपने ministry of home affairs की division के according देश को 6 zonal councils में divide किया गया है. जैसा कि आप नक्शे पर देखते हैं उत्तरप्रदेश, इसमें central council में आता है। मैं जानता हूँ आप लोग यूपी वाले ये सुनने के बाद कहोगे प्लीज हमें भी include कर लो अपने साथ north India में.

आप देखो अब आप लोग प्यार से इतनी request कर ही रहे हो तो चलो मान लेते हैं यूपी को भी north इंडिया में include कर लेते हैं तो इस स्टोरी के लिए हम North Indian states को लेंगे हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश साथ में union territories of Jammu and Kashmir, लद्दाख, चंडीगढ़ और दिल्ली और इस स्टोरी के लिए south India की definition रहेगी केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और union territories of Puducherry और Lakshadweep.

वैसे भी जब मीडिया में north इंडिया और south India की बात करी जाती है तो इन्हीं states को refer किया जाता है। तो आगे बढ़ते हैं क्या अंतर है इन दोनों regions में. एक इतिहास पर झलक डालते हैं। इंडिया में ब्रिटिश राज आने से पहले नॉर्थ इंडिया में अलग-अलग डायनेस्टी का rule चलता था। for example अशोका के अंदर Mauryan Dynasty, कनिष्ठ के अंदर कुशान empire, समुद्र गुप्ता और विक्रम आदित्य की गुप्ता डायनेस्टी, empire of हर्षवर्धन, Hun empire, गुर्जर प्रतिहार dynasty, तोमर dynasty, दिल्ली सल्तनत जिसके अंदर तुगलक और लोधी जैसी dynasty थी. फिर मुगलों का राज सुर empire और इसके अलावा सिख empire रणजीत सिंह के अंदर।

बहुत सारे राजपूत clans जो रहे थे जैसे कि महाराणा प्रताप के under और मराठा empire जैसे कि छत्रपति शिवाजी महाराज के अंदर हालांकि ये mainly central इंडिया के अंदर था. लेकिन कुछ समय के लिए नॉर्थ इंडिया का भी एक बहुत important हिस्सा मराठा empire के under था। दूसरी तरफ अगर हम साउथ इंडिया की बात करें तो साउथ इंडिया के region बहुत सी अलग-अलग dynasty’s के द्वारा rule किया गया. चेरा, चोल, पांड्यास ये सब को exist कर रहे थे संगम age के दौरान। इसके अलावा सातवाहन, चालुक्य, राष्ट्रकूट, काकातिया, हायसाल, विजयनगर empire और Kingdom of Mysore.

इस point पर आपको सुनकर लगेगा कि दोनों regions की कहानी एक दूसरे से काफी similar है. north इंडिया हो या साउथ इंडिया अलग-अलग राजा-महाराजाओं का शासन रहता था. अलग-अलग dynasties एक-दूसरे से fight कर रही थी. अपने kingdom को expand करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन यहाँ पर एक बहुत बड़ा difference है।

difference ये है कि साऊथ इंडियन राजा-महाराजा जो थे उनके बीच की लड़ाई एक तरीके से आईपीएल की लड़ाई थी इंडियन premier league जो होता है और नॉर्थ इंडिया में जो kingdoms की लड़ाई थी वो टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप की तरह लड़ाई थी। वर्ल्ड कप में इंडिया के बाहर से भी teams लड़ने आती है अलग-अलग countries एक दूसरे से लड़ती हैं और आईपीएल के अंदर सिर्फ इंडियन स्टेट्स एक दूसरे से फाइट करती है। सिंपल शब्दों में कहा जाए तो नॉर्थ इंडिया में कहीं ज्यादा और foreign invasions देखे गए और इसके पीछे ही logical सा reason है south India तीनों दिशाओं से समुद्र से घिरा हुआ है.

जबकि north India by land बाकी एशिया से connected है यूरोप से connected है. अफ्रीका से connected है अब ऐसा नहीं है कि south India का बाहर की kingdoms और dynasty के साथ कोई contact नहीं होता था. जरूर होता था लेकिन फर्क ये है कि समुद्र के जरिए invasion करना बहुत मुश्किल काम है. समुद्र के जरिए peacefully trade करना ज्यादा आसान काम है. Sumerian records हमें बताते है कि Kerala एक spice exporter रहा है 3000 BC से।

केरला के मिर्च मसालों ने Ancient Arabs, Babelonians, Asyrians और Egyptans को आकर्षित किया था। Puducherry और तमिलनाडु में हमें famous silk route की sites देखने को मिली। रोमन traders आज से 2000 साल पहले Malabar Coast में आते थे। इसके अलावा जो religious contact हुआ वो भी कहीं ज्यादा और peaceful था। बताया जाता है कि आज से करीब 2000 साल पहले Jewesh पहली बार साउथ इंडिया में आए, King Soloman के जहाजों पर।

केरला के Thomas Christians मानते हैं कि Saint Thomas actually में केरल में 52 AD में आए थे। ये christianity का जिस साल में जन्म हुआ था उसके बहुत करीब है। even इस्लाम के साथ भी यही कहानी है मालाबार कोस्ट और middle east के बीच में Prophet मोहम्मद के पहले के समय से trade देखने को मिली है। पहला मस्जिद साउथ इंडिया में साल 629 AD में बनाया गया था एक अरब trader के द्वारा ये मस्जिद अभी आपको Kodungallur में मिलेगा।

शायद यही एक reason है कि इतने सारे अलग-अलग धर्मों के लोग peacefully co-exist क्यों करते हैं, केरल जैसी states में? और invasion की बात करें actual foreign invasion की बात करें तो hardly कोई invasion देखे गए. साउथ इंडिया में इसका पहला रिकॉर्ड हमें सुनने को मिलता है साल 1500 में जब Portuguese ने कालीकट को invade किया। बाद में फ्रेंच आए और साल 1674 में जो गवर्नर ऑफ़ ईस्ट इंडिया कंपनी थे उन्होंने पोंडिचेरी पर एक ट्रेडिंग सेंटर सेटअप किया। लेकिन वापस नॉर्थ इंडिया पर आए तो नॉर्थ इंडिया में भी हमें बहुत से ट्रेड लिंक्स देखने को मिलते हैं Indus Valley Civilisation के टाइम से actually में हमें trading देखने को मिल रही है बाहर की dynasty और kingdoms के साथ।

2600 BC की बात है हमें proof दीखता है कि Mesopotamia, Persea और तुर्कमेनिस्तान से भी Indus Valley का trade हुआ। 12 सिल्क रुट्स जो इंडिया में पाए गए उनमें से 7 actually में नॉर्थ इंडिया में ही थे। लेकिन इसके साथ-साथ हमें देखने को मिले foreign invasion और बहुत सारे foreign invasion साल 535 BC में persian invasion by the Cyrus of Arcamanik बाद में उनके बेटे के Darius के द्वारा और expansion किया गया.

फिर आया Greek Invasion Alexandra के द्वारा। हालांकि Alexandra का देहांत हो गया था लेकिन उनके एक General Seleucus Nicator ने charge लिया जिन्हें बाद में चंद्रगुप्त मौर्य के द्वारा हराया गया. 400 सालो बाद 180 BC में Demetrius का invasion जिससे Indo Greek Kingdom की Foundation हुई। फिर Scythians, Parthians aur Khushian का invasion जो central एशिया के अलग-अलग हिस्सों से आए थे।

यहाँ पर वैसे एक चीज याद रखनी जरूरी है कि दोस्तों जब हम किसी चीज को फौरन invasion कहने लग रहे हैं तो वो आज की boundaries के हिसाब से कह रहे हैं। उस जमाने में जो राजा-महाराजा लोग करने लग रहे थे. ये अपना regular expansion अपने kingdoms का उनके लिए इस sense में देश और boundaries exist नहीं करती थी तो ये foreign invasion की definition बड़ी अजीब है.

अगर उस जमाने में किसी kingdom की आज के दिन के पाकिस्तान में स्थापना होती और उसका expansion आज के दिन के हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तक जाता तो हम उसे foreign invasion बुलाएंगे आज की boundaries के हिसाब से. लेकिन अगर इंडिया, पाकिस्तान एक देश होते तो हम उसे foreign invasion नहीं कहते। तो ये चीजें थोड़ी arbitrary है. लेकिन क्योंकि इस स्टोरी में मैं नॉर्थ इंडिया और साऊथ इंडिया के regions की analysis करने लग रहा हूँ. इसलिए मैं foreign शब्द का प्रयोग कर रहा हूँ जब आज के दिन के इन areas के अंदर किसी बाहर के kingdom का introduction हुआ।

Time में आगे चले तो साल seven hundred twelve eighty में हमें मोहम्मद बिन कासिम पहले इस्लामिक ruler देखने को मिलते हैं जो कि एक arab थे। जिसके बाद कई और आए मोहम्मद ऑफ़ गजनी, मोहम्मद गौरी, चंगेज खान, खिलजीज जो कि टर्किश origin के थे। तैमूर, बाबर, नादिर शाह जैसे बहुत से examples हैं। तो मोटे-मोटे तौर पर देखा जाए, यहाँ पर नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया, दोनों का हमें contact देखने को मिला बाहर की दुनिया के साथ।

लेकिन North India में हमें ज्यादा invasions देखने को मिले। बार-बार साल भर साल इसका क्या असर पड़ता है क्या? Implication हमें यहाँ देखने को मिलता है इसका असर हमें देखने को मिलता है. दोस्तों culture पर example से समझाता हूँ. अगर हम India के 9 classical dances को देखेंगे जो कि एक दूसरे से बहुत अलग है. इन 9 में से सिर्फ एक ही North India से originate किया है जो की है कत्थक। लेकिन South India के पास 9 में से 4 classical dances है. Andhra Pradesh में Kuchi Puri, Tamilnadu और Karnataka में Bharatanatyam और केरल में मोहिनीअट्टम और कत्थककली और ये सिर्फ recognize classical dances है. 

इसके अलावा साउथ इंडिया में बहुत से और folk dances और folk theater forms है जैसे कि कर्नाटक में यक्षगान और Dollu Kunitha, तेलंगाना में पेरणी, केरला में Oppana, पुडुचेरी में Garadi. तमिलनाडु में Therukoothu और Oyilattam, Mayilattam, आंध्रप्रदेश में थपेटागुल्लू। Same चीज हमें languages में भी देखने को मिलती है। साउथ इंडिया की जो 4 main states है हर एक की अपनी distinct अलग-अलग भाषा है, मलयालम, कनाडा, तेलुगु और तमिल इन सारी भाषाओं की अपनी अलग script है। अपनी distinct vocabulary है. अपनी खुद की फिल्म industry है और बहुत सारा आपको literature देखने को मिलेगा।  अखबार से लेकर magazines तक जब Indian Constitution को frame किया जा रहा था.

साल 1950 में eight schedule में 14 languages रखी गई थी. सिर्फ इन चौदह में से 4 languages तो यही थी जो मैंने अभी आपको बताई। इसके अलावा सिर्फ 6 भाषाओं को इंडिया में as a classical language recognize किया जाता है और guess कर सकते हो 6 में से 4 यही भाषाएं हैं जो मैंने south Indian languages और इसके अलावा जो 2 बची वो है ओडिया और संस्कृत। लेकिन सबसे कमाल की बात है कि इन चारों के अलावा भी बहुत सी अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है. साउथ इंडिया में जिन्हें आप minority languages कह सकते हो। केरल और कर्नाटक के border पर एक community है जो Beary भाषा बोलती है। 

तमिलनाडु hills में जो tribal लोग रहते हैं। उनके द्वारा बडागा, कोडावा और कोटा भाषाएं बोली जाती है। कर्नाटक के कोडागो district में कोडावा भाषा बोली जाती है। कर्नाटक के उद्धुपुरी district में तूलू भाषा बोली जाती है। लक्ष्यद्वीप में dhivehi बोली जाती है और देखनी उर्दू बोली जाती है, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ areas में।

अब इस सब को compare कीजिए नॉर्थ इंडिया से। नॉर्थ इंडिया का जो कल्चर है वो syncratic ज्यादा है। syncratic मतलब हो गया संकालिक, अलग-अलग cultures के fusion से एक culture निकला है। पहले languages की ही बात कर लेते हैं, जो official languages नॉर्थ इंडिया में है और 8 schedule में listed है। वो है कश्मीरी और डोगरी mainly कश्मीर में पंजाबी, पंजाब में, उर्दू, उत्तर प्रदेश के कुछ parts में सिंधी जैसे महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश के कुछ लोग बोलते हैं और हिंदी जिसे हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बोला जाता है। ये 6 languages official languages हैं इनके अलावा लद्दाख में लोग लद्दाखी बोलते हैं और हिंदी के actually में बहुत से अलग-अलग dialects हैं। जैसे कि हरियाणा में हरियाणवी, हिमाचल में पहाड़ी, उत्तर प्रदेश में अवधि और ब्रज भाषा, मारवाड़ी और मेवाड़ी, राजस्थान में और गढ़वाली और कुमावनी, उत्तराखंड में।

इन्हें actually में अलग language नहीं consider किया जा सकता है क्योंकि बहुत similarity है इनकी हिंदी के साथ। 2011 के census में 57 ऐसे dialects count किए गए थे जो हिंदी भाषा का ही हिस्सा है। इसके अलावा कश्मीर और पंजाब में रहने वाले लोग भी हिंदी समझते हैं तो अब अगर आप languages के मैप को देखेंगे ये जो difference है नॉर्थ इंडिया और south इंडिया के बीच में ये बहुत clear cut दिखाई देता है और इतिहास इसी difference को बड़े clearly reflect करता है।

जो अलग-अलग dynasty का हमें turbulence देखने को मिला नॉर्थ इंडिया में, foreign invasions अलग-अलग जगहों से आए. उन सबके culture का एक तरीके से fusion हुआ. नॉर्थ इंडिया में saurasena prakrit, खड़ी बोली, संस्कृत और पर्शियन और arabic. जब ये भाषाएं एक साथ दूसरे के साथ मिली तब बन के निकली हिंदुस्तानी भाषा और हिंदुस्तानी language से ही हिंदी और उर्दू निकली है। 

और dances की जो बात मैंने शुरू में करी थी. नॉर्थ इंडियन classical dance कत्थक जो है उसकी बड़ी similarities आपको देखने को मिलेंगी, स्पेनिश डांस फ्लमैंको से. compare करोगे तो ऐसा माना जाता है कि हिस्ट्री में एक टाइम पर कुछ जिप्सीस थे. जिन्होंने राजस्थान से चलना शुरू किया रोमेन या हंगरी के through central यूरोप में होते हुए वो लोग finally southern स्पेन में पहुंचे और इस डांस फॉर्म को स्पेन में introduce किया उन्होंने।

हरियाणा में folk थिएटर को कहा जाता है “सांग” यूपी में इसे कहा जाता है नौटंकी और हिमाचल प्रदेश में कहा जाता है कॅरियला। अगर आप इनके वीडियोज देखेंगे यूट्यूब पे तो आपको बहुत सी obvious similarities देखने को मिलेंगी। सत्यवादी हरीश चंद्र एक बड़ा ही फेमस किस्सा है नौटंकी का इंडियन religious stories से जिसका origin हुआ है। लेकिन एक और फेमस नौटंकी है लैला मजनू की जिसका origin actually में एक arabic story है जिसे पहली बार 12th century के persian poet के द्वारा लिखा गया था. religion की बात करें तो क्या आप जानते है actually में Greece लोगों ने पहला statue बनाया था Buddha का.

Gandhara Art जिसकी शुरुआत Indo-Greek Kingdom में हुई थी उसमें Greek influences हमें देखने को मिले थे. Greek लोग अपने statues में भगवानों को इंसान के form में दिखाते थे और बड़े realistic statues बनाते थे वो. अगर आप Greece में जाओगे और Greeks cultures को देखोगे तो बड़े realistic दिखने वाले statues दिखेंगे तो जो Buddha का जो oldest surviving statue है। देखो कैसे उनके जो curly hair है वो Apollo के statue से match करते हैं।

North India में यही fusion culture actually में हमें कपड़ों में भी देखने को मिलता है। सलवार कमीज जो कि आज के दिन एक major Indian traditional dress है औरतों के लिए. North इंडिया में specially हरियाणा, पंजाब में इसका origin actually में मुगलों की costume से हुआ था और खाने में भी आप इसका influence देख सकते हो। पंजाबी समोसा जो आज के दिन बड़ा popular समोसा है हर कोई खाता है। इसे

पहली बार middle eastern chefs के द्वारा introduce किया इंडिया में दिल्ली सल्तनत रूल के दौरान। इसका mention आपको मिल जाएगा अमीर खुसरो और इब्न बतूता की writings में जब इसे refer किया गया था ये सम्भूसक। सम्भूषक में actually में मीट डलती थी. अखरोट, बादाम और पिस्टैचियोस भी डलते थे। बाद में ही था कि इसकी filling करे जाने लगी potato से। जब potato को Porchugis के द्वारा इंडिया में introduce किया गया जिसे वो बटाटा करके पुकारते थे। तो सही सुना आपने actually में समोसे में जो आलू

है वो Portugues की मदद से ही आया है। उससे पहले समोसा actually में संभुसक होता था। तो north इंडिया का culture एक rainbow की तरह है. जिसके colours एक दूसरे के साथ overlap कर रहे हैं।

क्योंकि हमें through आउट the history इतना ज्यादा एक दूसरे cultures के साथ घुलना-मिलना देखने को मिला। दूसरी तरफ south इंडिया का culture उसे मौका मिल पाया एक-दूसरे से separate रहने का ज्यादा fusion नहीं हुआ. इसलिए अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग dance forms और अलग-अलग cultures. लेकिन अब बात करते हैं development की।

ऐसा क्यों है कि आज के दिन south India developed north इंडिया के comparison में. ये जानने के लिए हमें पहले define करना पड़ेगा development का मतलब क्या है? जीडीपी पर capita को अक्सर एक development का indicator माना जाता है कि per person जीडीपी क्या है. एक region का तो अलग-अलग states जो हैं उनका एक data analysis देखते हैं. national statistical office के द्वारा किया गया आरबीआई की वेबसाइट पर published साल 2020-2021 में. लेकिन इस साल का हम ले नहीं सकते क्योंकि उत्तराखंड, केरला और चंडीगढ़ का data इसमें available नहीं है तो पिछले साल का लेते हैं।

इस analysis में आप देख सकते हो clearly सबसे कम रैंक पर है उत्तरप्रदेश सिर्फ sixty five thousand four hundred thirty one rupees और साउथ Indian states में अगर सबसे नीचे वाली स्टेट देखेंगे तो वो आंध्रा प्रदेश है at one lakh seventy thousand जो कि उत्तरप्रदेश के comparison में कहीं ज्यादा ऊपर है। individual analysis में देखें तो सबसे ऊपर गोवा और सिक्किम की states हैं। ऐसा क्यों है कि सिक्किम इतनी अमीर स्टेट है.

इसकी बात कभी किसी और स्टोरी में करेंगे। उसके बाद दिल्ली और चंडीगढ़ काफी टॉप पर आते हैं। लेकिन इसके बाद अगर आप दो लाख से ढाई लाख वाले फिगर पर आ जाओ तो ज्यादातर साउथ इंडियन स्टेट्स केटेगरी में इस fall करते हैं।

इस नक्शे में देखिए clearly देख सकते हो कि कैसे light ब्लू states का कम जीडीपी per capita है और डार्क ब्लू का ज्यादा है। south India में कितना ज्यादा dark ब्लू देखने को मिल रहा है और नॉर्थ इंडिया में central इंडिया में और east इंडिया में काफी कम है। ये जीडीपी per capita wealth की एक measurement है।

इसके अलावा poverty की measurement देख सकते हैं. जिसे measure किया जाता है multidimensional poverty index के द्वारा। नीति आयोग की रिपोर्ट के according केरला में actually में सबसे कम multidimensionally गरीब लोग हैं। सिर्फ 0.71 percent population इसके बाद आते है Puducherry और Lakshadweep केरला के काफी करीब और almost हर साउथ Indian state आपको top ten में देखने को मिलेगी।

कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना eleventh place पर लेकिन north इंडिया के भी कुछ states टॉप ten में है पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा लेकिन यूपी और राजस्थान bottom पर आते हैं thirty eight percent multidimensionally poor लोग उत्तर प्रदेश में thirty percent.

राजस्थान में इसके अलावा literacy rate का भी आप data देखोगे तो similar से conclusion आप draw कर सकते हो। south Indian states literacy के मामले में कहीं ज्यादा आगे है। तो एक बार फिर से सवाल ये क्या कारण है कि south Indian states ज्यादा developed है इन indicators में क्या इसके पीछे भी credit उन पुराने राजा-महाराजाओं को जाता है? बिल्कुल भी नहीं क्योंकि actually में अगर आप आजादी के टाइम पर देखोगे तो साऊथ इंडियन स्टेट्स ज्यादा developed नहीं थी नॉर्थ इंडियन स्टेट्स से? Almost बराबरी का मुकाबला चल रहा था? ये बदलाव सिर्फ nineteen, seventy, eighty, nineteen में जाकर आया। 

अलग-अलग साउथ इंडियन स्टेट सरकारों ने अपनी खुद की policies implement करी जिससे ये बदलाव आया। data scientist आरएस नीलकंटन हमें बताते हैं कि साऊथ इंडियन स्टेट्स का जो population growth है वो कम है। infant mortality rate कम है। अगर वहाँ पर किसी घर में एक लड़की पैदा होती है तो ज्यादा chances है कि उसे vaccinate कराया जाएगा। उसे अच्छी शिक्षा मिलेगी, अच्छा nutrition मिलेगा, अच्छा healthcare मिलेगा। ज्यादा chances हैं कि वो कॉलेज में पढ़ने जाएगी, उसे काम मिलेगा और ज्यादा political representation भी मिलेगा। तो ऐसा क्या किया साऊथ इंडियन स्टेट्स की सरकारों ने? इसके सारे examples आपको मिल जाएंगे।

mid day meal scheme को सबसे पहली बार India में launch किया गया था तमिलनाडु state में. इसकी मदद से तमिलनाडु में school के admissions हमें ज्यादा देखने को मिले। देशभर में one of the highest school enrollments हमें आज के दिन देखने को मिलते हैं तमिलनाडु में। 

दूसरा आज के दिन हम बैंगलोर को IT capital of India बुलाते हैं। जानते हैं ऐसा क्यों है? क्योंकि Karnataka actually में देश में पहली state थी जिसने एक IT policy introduced करी साल 1997 में। इसकी मदद से ही एक IT eco system develop हो बैंगलोर में.

तीसरा similarly 1997 में आंध्रा के chief minister चंद्रबाबू नायडू बिल गेटस से मिले दिल्ली में और उन्हें pursuit किया कि एक microsoft development center खोला जाए हैदराबाद में और Bill Gates ने कहा था कि अगर एक ऐसा center के सीएटल के बाहर खोला जाएगा तो वो हैदराबाद में खोला जाएगा। आज के दिन ना सिर्फ हैदराबाद में एक ऐसा सेंटर है बल्कि Microsoft के CEO खुद सत्य नडेला आंध्रा प्रदेश से आते हैं.

चौथा RBI की एक 2018 की study ने बताया कि केरला, कर्नाटका, तमिलनाडु और आंध्रा प्रदेश in total account करते हैं for 46% of total remittances जो इंडिया में आ रहे हैं. Indian citizens जो बाहर काम कर रहे हैं. उनसे almost आधी remittances इंडिया में सिर्फ इन चार states के लोगों से ही आ रही है. यानी ये लोग इतने educated बन पाए, बाहर जा के काम करा इन्होंने।

पाँचवा केरला आज के दिन पहली स्टेट है जिसने एक national optic fiber network प्रोजेक्ट complete किया है। 35000 किलोमीटर से ज्यादा फाइबर network state भर में लगाया गया high स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए ग्राम पंचायत को और remote areas को बीस लाख से ज्यादा बीपीएल परिवारों को फ्री कनेक्टिविटी दी गई इसकी। ताकि गरीब लोगों के बच्चे भी high स्पीड इंटरनेट को access कर सकें। पढ़ाई कर सकें। 2021 की एक स्टडी जिसे सेंटर for new economic स्टडी op jindal ग्लोबल यूनिवर्सिटी के द्वारा किया गया

था. उन्होंने पांच basic चीजों का access measure किया। education, healthcare, basic immunity, socio, economic, सिक्योरिटी और justice और ये पाया कि जो पांच साउथ इंडियन स्टेट्स थी. ये देश में टॉप ten के अंदर fall करती है। जो 2 सबसे अमीर states हैं गोवा और सिक्किम ये भी top पर है. लेकिन bottom पर हमें उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार जैसी states देखने को मिलती है। तो एक बड़ा clear cut connection है यहाँ पर। 

south Indian state governments ज्यादा पैसा खर्च करने लग रही है लोगों की भलाई पर, education पर, healthcare पर. लोगों को free basic चीजें provide करने पर 2019  की world bank नीति आयोग रिपोर्ट बताती है कि केरला और तमिलनाडु highest rank पर है healthcare performance में overall बात जाए तो और यूपी, राजस्थान और बिहार bottom पर आते हैं।

अब एक सोचने वाली बात यहाँ पर ये है कि ऐसा क्यों हुआ कि south Indian political पार्टीज और इनकी सरकारें जनता के लिए काम करने में इतनी interested है। इसके पीछे दोस्तों एक बड़ा interesting reason है? और वो reason है political competition. अगर कोई political पार्टी बहुत लंबे समय के लिए सत्ता में रहती है, किसी state में या center में? तो वो अपनी power को for granted लेना शुरू कर देती है और इसका मतलब ये है कि जनता के लिए काम करने के लिए कोई इतना ज्यादा incentive नहीं बचता।

आजादी के बाद पहले पांच decades में हुआ क्या? नॉर्थ इंडियन स्टेट्स में कांग्रेस पार्टी की एक uninterrupted dominance थी। बार-बार एक ही political पार्टी election जीतती गई और वो उतनी ही

आलसी बनती गई। इसके कुछ और examples हैं, बंगाल में तीन दशक लंबा चला, लेफ्ट का रोल। गुजरात में 27 साल लंबा चल रहा बीजेपी का रोल। जब इस तरीके की political monopoly देखने को मिलती है। जो आम जनता है, वो disconnected हो जाती है, politics से और सरकार की policies भी फिर आम जनता के लिए काम करना बंद कर देती है।

इसे आप compare कीजिए south Indian states से. ज्यादातर south Indian states में किसी भी एक पार्टी की monopoly नहीं थी बल्कि हमें strong political competition देखने को मिला। केरला में लेफ्ट पार्टी की alliance एलडीएफ और कांग्रेस की alliance यूडीएफ alternately power में आते रहे, जाते रहे। communist पार्टी जो है सीपीआईएम उन्हें competition देखने को मिला, केरल में opposition पार्टी से जबकि दूसरी तरफ बंगाल में उनकी एक तरीके की monopoly बनी रही, इसलिए केरल में उनका काम कहीं ज्यादा अच्छा था बंगाल के comparison में।

तमिलनाडु को ही देख लीजिए एआईएडीएमके और डीएमके पार्टीज alternately power में आती रही, जाती रही। competition बना रहा। कर्नाटका में same चीज बार-बार देखी गई। कभी कांग्रेस की सरकार जेडीयू की तो कभी बीजेपी की। political competition था तो सरकारें मजबूर थी, जनता के लिए अच्छा काम करने में। इसके अलावा जनता भी ज्यादा educated थी, participate करती थी, governance में अपने लिए basic rights जैसे कि education और healthcare की demand करती थी। south Indian states में जो civil society ग्रुप्स है वो भी काफी strong है।

बेंगलुरु और हैदराबाद को अक्सर अपने diverse citizen activist groups के लिए भी जाना जाता है। हैदराबाद शहर actually में backbone भी रहा था जब तेलंगाना के statehood के लिए agitation चलने लग रही थी और इसके अलावा सोशल revolution जो देखी गई south Indian states में इतिहास में उसका भी contribution बताया जा सकता है. जैसे कि reformers केरल के नारायण गुरु और तमिलनाडु के पेरियार इन्होंने जनता को empower किया कि वो अपने लिए काम करें। असली मुद्दों पर बात करें। 

अब obviously इसका मतलब ये नहीं है कि साउथ इंडिया यहाँ पर चाँद पर पहुँच गया हो और north Indian states इतनी पीछे हो. south India हो, north इंडिया हो है तो इंडिया में ही और बहुत सी problems है जो पूरे देश में देखने को मिल रही है। वही south इंडिया में भी देखने को मिल रही है। developed देशों के level तक पहुँचने के लिए अभी भी बहुत सारा काम करना है south Indian states को भी और ये जो division मैंने

यहाँ पर किया नॉर्थ इंडिया और south इंडिया के बीच में ये सिर्फ logical analysis के लिए था discussion करने के लिए था obviously इंडिया एक है Indians एक है और हम सबको साथ में मिलकर ही इन सारी problems का समाधान निकालना होगा। लेकिन इस तरीके से देश के अलग-अलग हिस्सों की history, culture और development को समझकर कुछ सीख जरूर ले सकते हैं. 

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