दुबई एक बिज़नेस हब कैसे बना, दुनिया की नंबर एक इकॉनमी बनने की और अग्रसर दुबई, पुरे विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में दुबई पहले नंबर पर, Success and Development Story of Dubai

Success and Development Story of Dubai

Success and Development Story of Dubai: Dubai आज दुनिया के सामने एक बड़ा और successful project है. Mumbai से नौ गुना और दिल्ली से 42 गुना छोटा ये शहर आज कामयाबी की नयी ऊँचाइयाँ छू रहा है और ज़्यादातर लोगों को ये भ्रम है कि Dubai ऐसा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि उसके पास तेल के भंडार है.

जबकि सच्चाई तो ये है कि Dubai की total GDP का सिर्फ 1% हिस्सा कच्चे तेल के व्यापार से आता है. बस ये समझिए कि कच्चे तेल का वहाँ की economy में इतना contribution है, जितना मक्खन बनाने के लिए दूध का. अब आप लोग शुरू मत हो जाइए कि बिना दूध के मक्खन तो बनता ही नहीं तो ये तेल Dubai की economy में important है भी या नहीं इस सवाल का जवाब जानने के लिए थोड़ा सब्र कीजिए और पढ़ते रहिए  इस को अंत तक.

Success and Development Story of Dubai

Success and Development Story of Dubai

ये बात तो हम सभी जानते है कि Dubai क्या, पूरा middle east ही तेल की खोज से पहले रेगिस्तान से भरी एक बंजर जमीन के अलावा कुछ और नहीं था. लेकिन फिर साठ के दशक में वहाँ से तेल निकाला जाने लगा और इनकी किस्मत पलट गयी. पर सिर्फ तेल का होना ही एक देश को successful बनाता तो इस वक्त Venezuela जिनके पास तीन लाख करोड़ barrel कच्चा तेल है वो एक successful देश होता। जबकि सच्चाई तो ये है कि वहाँ पर आज लोग खाने-पीने की चीजों के लिए भी सड़क पर दंगे करने पर उतर आए हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि Venezuela के साथ ऐसा कैसे हुआ तो हमें comments में जरूर बताएं। हम इस पर भी एक video जरूर बनाएंगे। लेकिन अभी जरूरी ये है कि Venezuela के मुकाबले दुबई के पास सिर्फ चार सौ करोड़ बैरल कच्चा तेल है. लेकिन आज दुबई दुनिया का बारहवां सबसे अमीर शहर है तो ऐसा क्या कर रहा है दुबई।

दुबई में Jabel Ali port का डेवलपमेंट और स्ट्रेटेजिक लोकेशन

जब दुबई या मिडिल east में तेल की खोज हुई तब Dubai के सुल्तान Sheikh Rashid Bin Syed AL-Makhdoom को समझ आ गया था कि उनके पास तेल तो है लेकिन उतना तेल नहीं है कि वो इससे हमेशा के लिए पैसा बना सके और तब उन्होंने तेल से आए पैसे से कई project शुरू किए. जिनमें से एक था Jabel अली पोर्ट का विकास। उन्होंने ये notice किया कि Dubai की location दुनिया के लिए काफी important हो सकती है. क्योंकि वो Arabian, Gulf, Indian Sub Continent, Central Asia, Europe और Africa से बस कुछ ही समय की दूरी पर थे और साथ ही वो इन सभी से होने वाले व्यापार के रास्ते के बीच में थे. इसलिए Jebel Ali Port को सत्तर के दशक में loan लेकर Dubai ने develop करना शुरू किया और इस port को Dubai के तेल को दुनिया तक पहुँचाने के अलावा भी कई चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा.

दुनिया की बड़ी बड़ी ships यहाँ आकर रुकने लगी और Dubai ने इन्हें services देनी शुरू की. Dubai ने बड़े पैमाने पर cooling services और advance storage facilities को develop किया और जहाँ बड़े जहाज़ों का सामान यहाँ store करके रखा जाने लगा. जिससे उन्हें कमाई होने लगी. इन products में pharma product से लेकर chocolates और cosmetics तक थे और आज पूरी दुनिया का दस percent container traffic अकेला ये पोर्ट ही handle करता है और Dubai की पूरी Mary time industry उनके GDP में ग्यारह से बारह percent का योगदान देती है.

Dubai में फ्री बिज़नेस जोन 

पोर्ट के विकास के बाद Dubai यहीं पर नहीं रुका और उसने अपने यहाँ पर free zones बनाने शुरू किए ये. free zones बड़ी बड़ी companies के लिए थे जिन्हें वो अपने यहाँ आकर business setup करने के लिए कह रहे थे. इन्हें बुलाने के लिए Dubai ने इन companies को hundred percent foreign ownership की इजाज़त दे दी. जबकि भारत समेत कई देशों में उस वक्त और आज भी ये नियम है कि किसी भी foreign company को अगर अपना business वहाँ set up करना है तो उसे किसी भारतीय company को अपना partner बनाना पड़ेगा। इसके बाद Dubai ने इन businesses को अपना सारा profit और सारी कमाई वापस अपने देश ले जाने के लिए भी खुली छूट दे दी. जो कि कोई देश नहीं करता है.सिर्फ इतना ही नहीं Dubai ने सारे import और export taxes भी हटा दिए. इसका फायदा ये हुआ कि दुनिया की पाँच सौ बड़ी companies में से एक सौ चालीस ने यहीं पर अपना base setup कर लिया।

दुबई में बिज़नेस को फ्री करने के फायदे

आज Dubai में total एक लाख से ज्यादा companies operate कर रही है. अब आप पूछेंगे कि इसका फायदा क्या हुआ. Dubai बिना tax के पैसा कैसे कमाएगा। Dubai की planning long term की है. ये companies अब सालों से यहाँ है और उन्हें पता है कि जितनी सहूलियत उन्हें यहाँ मिल गयी है. ये लोग अब Dubai छोड़कर नहीं जाएँगे तो अगर कभी Dubai का तेल खत्म होता है तो उन्हें फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है. वो इन companies पर छोटा मोटा tax लगा सकते है. जैसे कि दो या चार percent जो दुनिया के मुकाबले अभी भी कम है. लेकिन इससे Dubai की जो कमाई नहीं होने वाली थी वो भी होने लगेगी।

दुबई को दुनिया में बेस्ट टूरिज्म स्पॉट बनाने की क़बायत

इसके बाद Dubai ने खुद को एक tourism spot बनाने की तरफ ध्यान दिया। जिस वजह से उन्होंने बढ़िया airports बनवाए। Burj Khalifa और Burj Al-Arab जैसी buildings बनवाई, जिनका दुनिया भर में नाम हो. इसके अलावा इन लोगों को Dubai में enjoy करवाने के लिए भी कई इंतजाम किए गए. क्या आप जानते है कि रेगिस्तान होने के बावजूद भी आप चाहे तो Dubai में बर्फ पर skiing का मजा ले सकते है.

दुबई का भारत और चीन से बिल्कुल पास होना

Dubai की location के बारे में तो हम आपको पहले ही बता चुके है. जिस वजह से वो ज्यादातर दुनिया के बाकी देशों के करीब है तो लोगों को वहाँ जाने में कुछ खास परेशानी भी नहीं थी और ये भी उनके success के पीछे एक बड़ी वजह बना. Dubai की भारत और चीन के करीबी ने उसे already दो से तीन million लोगों के करीब ला दिया था. इसके अलावा वो अफ्रीका और Europe से भी ज्यादा दूर नहीं है. जिस वजह से वो आज दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या के बीच में है.

दुबई अभी दुनिया नंबर 1 टूरिस्ट स्पॉट है 

भारत जैसे बड़े देश में lockdown से पहले one point eight crore tourist दो हज़ार उन्नीस में आए थे. जबकि Dubai में संख्या one point seven करोड़ की थी यानी एक छोटा सा शहर भारत जैसी बड़ी और culturally rich countries के बराबर टूरिस्ट लाने लगा था. सिर्फ इतना ही नहीं यहाँ पर बढ़िया amusement parks, hotels है. Zoo और Aquaventures है, जिस कारण यहाँ पर tourist बहुत सा पैसा भी खर्च करते है. दो हज़ार अठारह में Dubai में tourist ने करीब two point two लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे जो की Mecca, Singapore और Bangkok जैसी जगहों से भी ज़्यादा था. tourist penetrating  के मामले में Dubai number one position पर था और दो हज़ार उन्नीस में tourism industry ने Dubai की GDP में eleven point फाइव percent का योगदान दिया था.

दुबई ने कैसे दूसरे मिडिल ईस्ट देशों को डेवलपमेंट में पछाड़ा

तो अगर दुबई के कहानी को recap करेंगे तो हम पाएँगे कि Dubai को मालूम था कि उनके पास तेल तो है लेकिन बहुत सारा तेल नहीं है. इसीलिए उन्होंने अपने तेल से कमाए पैसों से बाकी चीजों में इस्तेमाल करना शुरू किया। उन्होंने एक world class port बनाया ताकि वो marry time trading business में घुस सके. फिर उन्होंने उस port पर भी बहुत अच्छी services देनी शुरू की. अपनी strategic location का पूरा फायदा उठाया। Dubai ने infrastructure खड़ा किया और companies को अपने यहाँ invite किया ताकि future में इन्हीं companies से उनका काम चल सके और आखिर में Dubai ने खुद को एक tourism hub के रूप में बदल दिया। जो आज खुद में एक brand है और इसे luxury के साथ जोड़कर देखा जाता है और इस तरह Dubai आज इतना independent हो गया है कि वो तेल ना भी बेचे तो उनकी GDP को सिर्फ one percent का नुकसान होगा।

दुबई की राह पर अब क़तर और संयुक्त अरब अमीरात भी

Dubai की success को देखकर अब सऊदी अरब भी Dubai की copy करने लगा है और उन्होंने भी अपने यहाँ loss को ढीला कर दिया है, औरतों को drive करने की आजादी दे दी है और cinema घर जो वहाँ ban थे, उन्हें भी खुलने की आज़ादी दे दी है.

Qatar भी Dubai के रास्ते पर ही चलता दिख रहा है. लेकिन Dubai को अपनी इस image को बनाने में सालों का वक्त लगा जिस वजह से Dubai Saudi Arabia से कहीं आगे है. एक उदाहरण के तौर पर इस प्रकरण को ले लीजिए जब सऊदी अरब ने ये घोषणा की कि वो Burj Khalifa से बड़ी इमारत Jeddah tower बनाने जा रहे है तो Dubai ने उससे भी बड़ी Capital Tower को बनाने की घोषणा कर दी और जिस हिसाब से Jeddah tower को बनाने में delay हो रहा है. ऐसा लगता है Dubai इस काम को पहले कर लेगा।तो दोस्तों ये है दुबई की success story. आपको क्या लगता है, भारत इससे क्या सीख ले सकता है? हमें comments में ज़रूर बताएं।

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